मेरे पूर्णतया आश्वस्त हूँ की मेरे जितने भी पुरुष पाठक हैं उन्होंने कभी न कभी मुठ (हस्तमैथुन) तो जरूर मारी होगी. जरा सोचो! की यदि आपको ऐसा करते कोई सामने से पकड़ ले तो? मेरे साथ ऐसा ही हुआ. लेकिन ये घटना मेरे जीवन की दुखद नहीं, बल्कि सुखद यादों में शुमार हो गयी……….