उसकी तड़प को देख कर अब मैंने भी देर करना उचित न समझा और एक धक्का लगा दिया लेकिन मेरा लण्ड फिसल गया. फिर मैंने थोडा सा थूक उसकी चूत पर और मेरे लण्ड पर लगाया और इसके बाद एक बार फिर धीरे से धक्का लगाया तो लण्ड का सुपारा उसकी चूत में चला गया, लेकिन दर्द की वजह से उसके मुंह से धीरे से एक चीख निकल पड़ी…
नमस्ते दोस्तों, सभी खड़े लण्डों और गीली चूतों को यशराज का के खड़े लन्ड का प्यार भरा नमस्कार. दोस्तों, मेरा नाम यशराज राठोर है और मैं इंदौर के पास एक गाँव का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र 23 साल है और मेरी हाइट 5 फिट 8 इंच की है. दोस्तों, मेरे लण्ड की लम्बाई 6 इंच और मोटाई ढाई इंच है. अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. ये पूरी तरह सच्ची कहानी है. इसे लिखने में अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफी चाहता हूँ.
आप लोगों का ज्यादा समय न बरबाद करते हुए अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ. बात करीब 1 साल पहले की है. मेरी ये कहानी मेरे और मेरे पडोस में रहने वाली एक लड़की के साथ हुई एक सच्ची घटना है. उसका परिवर्तित नाम नेहा है. उसकी उम्र 19 साल है. वह थोड़ी सी साँवली है और उसकी हाईट 5 फिट 1 इंच है. दोस्तों, उसका फिगर भी एक दम मस्त 32-28-36 का है.
नेहा की गांड ऐसी है कि उसकी उठी हुई गांड को देख कर किसी का भी लण्ड खडा हो जाए. मैंने काफी मेहनत करके उसे बहुत दिन पहले ही पटा लिया था. लेकिन उसे चोदने का मौका नहीं मिल पा रहा था.
दोस्तों, मेरे यहाँ एक आम का बगीचा है. उस समय आम के पेड़ में फल लगने का मौसम था तो मैंने उसे आम खाने के लिये मेरे बगीचे में बुला लिया. उस दिन वो खूब सज – संवर कर मेरे बगीचे आम खाने को आ गई. दोस्तों, मैं तो ये मौका किसी भी तरह छोडना नहीं चाहता था.
वो आयी और मैं आम के पेड़ पर चढ़ कर ताजे आम तोड़ – तोड़ कर नीचे उसे दे रहा था. थोड़ी देर बाद मैंने उसे भी आम के पेड़ के ऊपर बुला लिया. पहले तो वो ना – नुकर करने लगी, लेकिन फिर बाद में ऊपर आ गई. दोस्तों, वह आम का पेड़ ज्यादा ऊंचाई पर नहीं था, इसलिए उसे चढ़ने में दिक्कत नहीं हुई.
फिर हम दोनों एक मोटी डाल के ऊपर बैठ गये. अब मैं उसे किस करने लगा. पहले तो उसने मना किया लेकिन फिर थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. अब मैं उसे किस कर रहा था और साथ ही साथ उसके बूब्स भी दबा रहा था. इससे वो धीरे – धीरे गर्म होने लगी.
अब उसने भी पैंट के ऊपर से मेरे लण्ड को पकड़ लिया और धीरे – धीरे सहलाने लगी. यह देख मैंने अपना चेन खोल कर लण्ड को पैंट से बाहर निकाल कर उसके हाथ में दे दिया. अब वो मेरे लन्ड को हाथ में लेकर मुठ मारने लगी. उसके मुठ मारने की वजह से थोड़ी ही देर में मेरा पानी निकल गया. मेरा पानी उसके हाथ में लग गया. जिसे देख कर उसने पूछा कि ये क्या निकला है? तो मैंने कहा कि आम का रस.
फिर हम दोनों नीचे उतर आये. अब मैंने फिर से उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया. इतने में वो दो बार झड़ चुकी थी और उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी.
अब मैंने उसके सारे कपडे उतार दिये और उसे पूरी तरह से जन्मजात नंगी कर दिया. उसकी गीली हो चुकी गुलाबी चूत देख कर मेरा लन्ड फिर से फनफना उठा. अब मैंने अपने लण्ड को उसकी गुलाबी चूत पर टिका दिया और रगड़ने लगा. इससे वो तड़प उठी और आहें भरते हुए जल्दी से लन्ड अंदर डालने को कहने लगी.
उसकी तड़प को देख कर अब मैंने भी देर करना उचित न समझा और एक धक्का लगा दिया लेकिन मेरा लण्ड फिसल गया. फिर मैंने थोडा सा थूक उसकी चूत पर और मेरे लण्ड पर लगाया और इसके बाद एक बार फिर धीरे से धक्का लगाया तो लण्ड का सुपारा उसकी चूत में चला गया, लेकिन दर्द की वजह से उसके मुंह से धीरे से एक चीख निकल पड़ी.
अब मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया. थोड़ी देर बाद मैंने एक धक्का और लगाया तो मेरा आधा लण्ड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया. उसे काफी दर्द हुआ और वो छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी. तभी मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में ठोक दिया.
इस जोरदार धक्के से उसकी आँखें बाहर निकल आयी और उसकी चूत में से खून भी निकलने लगा. इसकी आंखों से आ गए थे. अब मैं थोड़ी देर के लिए रुका और फिर मैंने धक्कों की स्पीड बढा दी और धकापेल दस मिनट तक चुदाई करता रहा.
अब वो भी मीठी – मीठी सिसकारी के साथ गाण्ड उठा – उठा कर मेरा साथ देने लगी. इस 10 मिनट की चुदाई के दौरान वो दो बार झड चुकी. तीसरे बार उसकी चूत रस की गर्मी को मेरा लन्ड बर्दाश्त न कर सका और फिर मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया.
फिर मैंने मेरा लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला तो वो अपनी फूली हुई चुत को देखने लगी. उसकी चूत पर खून लगा हुआ था, जिसे देख कर वो पूछने लगी कि ये क्या है? तो मैंने कहा कि आम का रस और एक बार फिर से मेरा लण्ड खडा हो गया तो इस बार मैंने घोडी बना कर उसकी बीस मिनट तक मस्त चुदाई की. इस बार भी मैंने उसकी चूत में ही अपना सारा माल छोड दिया.
इसके बाद फिर वह अपने कपड़े ठीक करके थोडे से आम लेकर अपने घर चली गयी. उस दिन के बाद से हमारा चुदाई का कार्यक्रम शुरू हो गया, जो आज भी जारी है. अब जब भी उसकी चुदने की इच्छा होती है वो आम के बगीचे मे आ जाती है और जब भी मेरा चोदने का मन होता है, मैं उसे बुला लेता हूँ.
दोस्तों, आपको मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी ईमेल आईडी – [email protected]