मैं अपने पड़ोस में रहने वाली एक लड़की को चोदना चाहता था लेकिन काम नहीं हो रहा था. एक बार मेरे घर वाले बाहर घूमने गए तब मैंने अपने प्लान के मुताबिक चुपके से उसे अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ाई और जब कहानियों का असर हुआ तो मैंने उसकी सील तोड़ चुदाई करी…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है. दोस्तों, मेरी उम्र 23 साल है और मैं भिवंडी का रहने वाला हूं. मैं नियमित तौर पर अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ता रहता हूं. इन्हीं कहानियों को पढ़ कर लगा कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के साथ साझा करूं. ये मेरी पूरी तरह सच्ची कहानी है. इस कहानी में मैं आप अब को बताऊंगा कि किस तरह मैंने अन्तर्वासना की मदद से सेक्स किया.
दोस्तों, अन्तर्वासना पर लगातार अपनी कहानी डालते रहने वालों को मैं बहुत – बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं. क्योंकि इन्हीं कहानियों की वजह से ही मैं प्रियंका नाम की लड़की की चुदाई करने में सफल हो पाया.
अब ज्यादा समय व्यर्थ न करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूं. प्रियंका मेरे पड़ोस में रहती है और गजब की खूबसूरत है. उसका फिगर ऐसा कि उस पर से नज़र हटाने की इच्छा ही नहीं होती. उसका साइज 32 24 28 है और जब भी वो मेरे घर आती तो मैं उससे हमेशा हंसी मज़ाक करता रहता.
मैं हर रात उसको चोदने का प्लान बनाता लेकिन कुछ हो नहीं पाता था तो मुठ मार के सो जाता. जब भी वो मेरे घर आती तो मैं उसे किसी न किसी काम के बहाने अपने कमरे में ले जाता और ऊपर टांड पर रखी हुई किसी न किसी चीज को निकलवाता. इस दौरान मैं उसे अपने हाथों में उठाता और उसके बदन पर हाथ फेरता रहता.
फिर जब वो नीचे उतारने लगता तो मैं अपने चेहरे से उसके पेट से लेकर चूचे का आनंद लेता और जब वह नीचे उतर जाती तो मैं धन्यवाद बोल देता. इस पर वह कुछ नहीं कहती और चुपचाप चली जाती.
उसके जाने के बाद हमेशा मुझे उसकी याद आती और मैं उसे चोदने के नए – नए प्लान बनाता लेकिन किसी को लागू न कर पाता. उन्हें सोच – सोच कर बस मुठ मार लेता और शांत हो जाता.
एक दिन मेरे घर वालों ने दक्षिण भारत जाने और कुछ दिन वहां मस्ती करने का प्लान बनाया. दोस्तों, जैसा कि आप लोगों को पता ही है कि दक्षिण भारत में तमाम तीर्थ स्थल भी हैं तो घर वालों का विचार था कि घूमने के साथ – साथ दर्शन भी कर लेंगे. मेरा मूड जाने का नहीं था तो मैंने साफ मना कर दिया.
इस पर पापा बोले कि मैं पास वाली आंटी को बोल जाता हूं. वो तेरे लिए खाना बना देंगी. यह सुन कर मेरा दिमाग चलने लगा और कुछ सोच कर मैंने कहा कि आप लोग जाओ, मैं अपने आप से कर लूंगा और अगर नहीं हुआ तो मैं प्रियंका को बुला लूंगा. आप उससे बोल दीजिये कि आप लोगों के आने तक 4-5 दिन के लिए वह मेरी मदद कर दिया करेगी.
पापा ने कहा ठीक है बुला लाओ उसे काहे देते हैं. फिर मैं गया और प्रियंका को बुला लाया. वह आई तो मम्मी ने उससे कह दिया कि जब तक हम लोग वापस न आएं तब तक तुम खाना बनाने में इसकी मदद कर देना. प्रियंका ने हामी भर ली.
इसके बाद मैं मम्मी और पापा को बस स्टैंड तक छोड़ आया. शाम हो रही थी. अब मैं घर पर अकेला था तो मैं प्रियंका को चोदने के बारे में सोच और प्लान बना रहा था. तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया. मैंने तुरन्त ही अपना कंप्यूटर चालू किया और साथ में लैपटॉप भी ऑन कर लिया.
इसके बाद मैंने डेटा कार्ड की मदद से लैपटॉप को इंटरनेट से कनेक्ट किया और उसमें अन्तर्वासना की साइट ओपन की और अलग – अलग टैब में 3-4 कहानियां खोल के लैपटॉप की एलसीडी नीचे कर दी. इतना करने के बाद मैंने कंप्यूटर पर गेम चालू किया और खेलने लगा.
कुछ देर गेम खेलने के बाद मैं कंप्यूटर के सामने से उठा और प्रियंका के घर पहुंच गया. इस दौरान कंप्यूटर पर गेम खुला था. उसके घर पहुंच कर मैंने प्रियंका से कहा कि मैं खाना बनाने जा रहा हूं, चलो चल कर कुछ मदद कर दो.
फिर प्रियंका ने अपनी मम्मी से कहा कि मम्मी मैं बगल वाली आंटी के यहां जा रही हूं थोड़ी देर में आ जाऊंगी. इतना कह के वह मेरे साथ चल दी और घर आ गई.
घर आने के बाद वह मुझसे बोली – बोलो, आज क्या खाओगे?
इस पर मैंने कहा – जो तुम प्यार से बना दोगी वही खा लूंगा लेकिन अभी कंप्यूटर पर मेरा गेम चल रहा है. मैं उसे पॉज करके तुम्हारे पास गया था. पहले मैं उसे खेलूंगा क्योंकि यह गेम मुझे बहुत पसंद है.
इस पर वो बोली – तुम खाना खा लो फिर गेम खेल लेना नहीं तो मैं अकेले बैठे – बैठे बोर हो जाऊंगी और ज्यादा टाइम हो जाएगा तो जल्दबाजी के चक्कर में काम भी ढंग से नहीं हो पायेगा.
तब मैंने कहा कि ऐसा करो जब तक मैं गेम खेल रहा हूं तब तक तुम मेरा लैपटॉप चला लो, उसमें नेट भी चल रहा है उसे यूज़ कर लो. फिर हम साथ में मिल कर खाना बना खा लेंगे. वो बोली ठीक है फिर.
इतना कह के उसने लैपटॉप का डिस्प्ले ऊपर किया. मैंने अपना पूरा ध्यान उस पर लगा दिया था. वो मेरी अपोजिट साइड बैठी थी इसलिए मैं यह नहीं देख पा रहा था कि वह अन्तर्वासना की कहानियों को पढ़ रही है या नहीं. खैर, कुछ देर बाद वो बैठे – बैठे ही अजीब – गरीब हरकतें करने लगी. यह देख मैं उसके पास जाने के लिए उठा तो उसने लैपटॉप की स्कीन फिर से नीचे कर दी और नॉर्मल होने की कोशिश करने लगी.
मैं उसके पास गया और उससे पूछा कि क्या हुआ? तबीयत तो ठीक है न? मेरे इन सवालों के जवाब में वह कुछ न बोली बस वहां से उठी और मेरे कमरे में चली गई. फिर 1 मिनट तक वहीँ रुक कर मैं भी अपने कमरे में पहुंच गया.
वहां पहुंच कर मैंने देखा कि वो मेरे बेड पर उल्टा लेटी है. फिर मैं उसके पास गया और पीठ पर हाथ रखते हुए बोला – तुम सेक्सी कहानियां पढ़ रही थीं? यह सुन कर वो चौंक गई और हकलाते हुए बोली – न… नहीं तो…
वह अपनी बात भी पूरी नहीं कर पाई थी कि मैं बीच में बोल पड़ा कि मैंने लैपटॉप देखा उसमें तुम अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ रही थी. इस पर वो बोली कि अन्तर्वासना की साइट तो उसमें पहले से ही खुली थी. तब मैंने कहा कि अच्छा ये बताओ, तुम्हें पढ़ कर कैसा लगा? वो बोली – पता नहीं, लेकिन अंदर कुछ अजीब सा हो रहा है.
तब मैंने उससे कहा – क्यों तुमने कभी सेक्स नहीं किया क्या? इस पर वो बोली – नहीं, मैंने कभी सेक्स नहीं किया. यह सुन कर मैंने कह दिया कि तो आज कर लो, मेरा भी मम है और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. तब वो बोली कि अच्छे तो तुम भी मुझे बहुत लगते हो, तभी तो मैं तुम्हें अपने बदन पर हाथ और मुंह लगाने देती थी.
बस फिर क्या था मुझे ऐसा लगा जैसे कोई गड़ा हुआ खजाना मेरे हाथ लग गया है. मैं उस पर टूट पड़ा और उसे सीधा करके उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया. वो भी मेरा साथ दे रही थी और किस कर रही थी.
करीब 5 मिनट तक किस करने के बाद मैं उसके कपड़ों को उतारने लगा. वह भी उठ कर मेरे कपड़े उतारने लगी. अब हम दोनों एक – दूसरे के सामने एक दम नंगे खड़े थे.
फिर मैंने उसे गोद में उठाया और लेकर बिस्तर पर लेट गया. अब वह मेरे नीचे थी. उसके नंगे बदन को देख कर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैं उस पर टूट पड़ा और चुम्बनों की बौछार कर दी.
करीब 5 मिनट में मैं उसके पूरे बदन को चाट गया. इस दौरान मैं अपना लन्ड लगातार उसकी गीली हो चुकी चूत पर रगड़ता रहा. फिर मैंने उसके दोनों मम्मों पर अपने मुलायाम होंठ लगा दिए और बारी – बारी से उन्हें चूसने लगा. मेरे ऐसा करने से वह लगातार आहें भरती रही.
फिर मैंने अपने लन्ड पर दबाव बनाया और उसकी चूत में घुसेड़ने लगा. लेकिन वह अंदर नहीं जा रहा था. तब मैंने एक हाथ से उसको पकड़ा और उसकी चूत के छेद पर सेट करके जोर से धक्का दे दिया. मेरे ऐसा करने से लन्ड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस गया. उसे दर्द हुआ लेकिन वह कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने एक और धक्का दिया. इस बार मेरा लन्ड उसकी सील तोड़ता हुआ पूरा अंदर चला गया. उसे तेज दर्द हुआ और उसने अपने होंठों को दांतों से काट लिया. अब मैं धीरे – धीरे हिलते हुए धक्के लगाने लगा. कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वह सिसकारियां भरती हुई मेरे साथ उछलने लगी.
वह पूरी तरह मस्त होकर चुदाई का मज़ा ले रही थी. करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसकी चूत में ही अपना सारा माल छोड़ दिया और फिर सुस्त होकर उसके ऊपर पड़ गया. इस दौरान वह 3 बार झड़ चुकी थी. फिर 10 मिनट बाद हम उठे और अपने कपड़े पहन लिए. इसके बाद उसने मेरे लिए खाना बनाया और अपने घर चली गई.
दोस्तों, उस दिन तो उसे जल्दी जाना था इसलिए सिर्फ एक बार ही हम चुदाई कर पाए थे. लेकिन अब आगे के दिनों के लिए मेरी किस्मत खुल गई थी. वह ज्यादा टाइम लेकर आती थी और हम जम कर चुदाई का आनंद लेते थे. इस तरह अगले 5 दिन हमने खूब मज़े किये. बाद में घर वालों के आ जाने पर हमारे प्रोग्राम में थोड़ी रुकावट आई लेकिन मौका मिलने पर चूकते नहीं थे. मेरी कहानी आप लोगों को कैसी लगी, मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]