दोस्तों! मै खगरिया से अमन एक बार फिर आप के सामने अपनी अगली पेशकश ले कर हाजिर हुआ हूँ. मेरी पिछली कहानी अपने गर्लफ्रेंड की सहेलियों की प्यास बुझाई में आपने पढ़ा था कि किस तरह मैंने अपनी गर्लफ्रेंड अंजली और उसकी सहेली पायल की चूत की प्यास बुझाई थी……
उस एक चुदाई के बाद पायल तो जैसे मेरे लंड की दीवानी हो गयी. सच बताऊँ तो उसकी प्यारी सी छोटी सी चूत चोद के तो मुझे भी काफी मजा आया था. लेकिन मुझे डर था कि कहीं अंजली को बुरा न लग जाय वैसे भी बुर वाले लोग बुरा जल्दी मान जाते हैं.
लेकिन ये सब सीर्फ मेरे मन का वहम था. एक दिन जब मैं अंजली के घर गया तो एक अंजली ने दरवाजा काफी देर में खोला और मुझे देखकर वो ऐसे घबराई जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ ली गयी हो. खैर मैंने बस 5 मिनट तक उससे इधर उधर की बात की और नीचे चला आया. नीचे आकर मैं एक पेड़ की ओट लेकर छिप गया और वहीँ से अंजली के घर पे नजर रखने लगा. कुछ ही देर में अंजली के घर से निहायत ही खूबसूरत एक लड़की और उसके साथ एक लड़का भी नीचे उतरा.
मै समझ गया कि जरूर कोई चक्कर है. उस दिन शाम को मैंने पायल को मिलने के लिए पार्क में बुलाया. बातों बातों में मैंने पायल से कहा कि मुझे एक से ज्यादा जोड़े के साथ सेक्स करने का मन करता है. पायल ने कहा – मन तो मेरा भी ऐसा ही करता है. सामूहिक चुदाई करने में खूब मजा आता होगा न?
मैं- मुझे कैसे पता होगा? मैंने तो सिर्फ तुम्हारे और अंजली के साथ ही वो भी सिर्फ एक बार सेक्स किया है.
पायल- देखो अमन! मैं तुमसे एक बात कहना चाहती हूँ, पर वादा करो कि तुम नाराज नहीं होगे.
मैं- नाराज और तुमसे? बेफिक्र होकर बोलो!
पायल- अमन! मैं और अंजली के अलावा भी एक जोड़ा है जो ऐसा ही चाहता है. कहो तो एक सामूहिक सेक्स पार्टी की जाय.
हालाँकि मै समझ गया था कि पायल उस दोपहर वाले जोड़े की ही बात कर रही है लेकिन अनजान बनते हुए बोला- लेकिन अंजली मानेगी?
पायल- उसकी तरफ से निश्चिन्त रहो! मै उसे मना लूंगी.
अंजली के घर इन दिनों कोई नहीं था. सारे लोग एक ह्फ्ते के लिये बाहर गये थे इसलिये 2 दिन बाद पड़ने वाले रविवार का दिन तय हुआ.
रविवार को इत्तेफाक से मेरे घर पे भी कोई नहीं था. तय ये हुआ था कि पहले पायल मेरे घर आएगी और मैं उसे लेकर अंजली के घर जाऊँगा. ठीक सवा 11 बजे पायल आई. उसके अंदर आते ही मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और बेतहाशा किस करने लगा. पायल भी उस दिन के बाद से प्यासी ही थी. इसलिए वो भी मेरे होठों को चूस रही थी. पायल को मैंने सोफे पे लिटा दिया और एक ही झटके में उसकी टी शर्ट और ब्रा खींच कर उपर कर दी.
अब पायल के गोले मेरे हाथों में थे और पायल के हाथ मेरे लंड को टटोल रहे थे. मैंने भी अपनी पैन्ट और अंडरवियर उतार कर अपना लौड़ा पायल के हाथ में दे दिया. पायल बिलकुल पागलों की तरह मेरे लंड को चूसने लगी.
पायल की चूत की तरह उसके होंठ भी काफी छोटे थे. मेरे लंड को उसके होठों के बीच काफी कसाव महसूस हो रहा था. मेरा लंड जब-जब उसके होठों के बीच से सरकते हुए उसके हलक में घुसता तो घप्प-घप्प की आवाज आती. अब पायल रह-रह कर मेरे लंड के अग्र भाग को अपने दांतों से हल्का काट भी लेती. उसकी ये हरकत मेरी उत्तेजना को चरम पे पहुंचा रही थी.
अब मैंने सोफे पे पायल को लिटा दिया और खुस 69 की अवस्था में आ गया. पायल अभी भी पैंटी में थी. मैंने अपने दांतों से खींच कर उसकी पैंटी उतार दी. उसकी सफाचट चूत तो जैसे मुझे निमंत्रण दे रही थी कि आओ मुझे चूस लो.
मैंने पायल की चूत की फांकों को अलग किया और उसकी चूत से अपने होठों को सटा दिया. हाय! क्या नमकीन स्वाद था? अब मैं पायल की चूत को बेतहाशा चूस रहा था. बीच-बीच में मैं पायल की चूत को अपनी जीभ से चोदने भी लगता.
पायल के मुँह से सिस्कारियां निकल रही थीं- सीईई उफफ्फ्फ्फ़!!! इस्सस!! और चूसो न मेरे राजा!
साथ ही साथ पायल भी मेरे लंड राज को अपने होठों का मसाज दिए जा रही थी. अब तो मैंने तय कर लिया था. आज जम के इसकी चूत की ठुकाई करूंगा. 69 की अवस्था में मुखमैथुन करते हुए हमें लगभग १५ मिनट हो चुके थे.
अब बारी अन्तिम क्रिया की थी. हम दोनों पहले से ही खुद को पूरी तरह नंगा कर चुके थे. मैंने पायल को सोफे से उतार कर नीचे बिछे कारपेट पे लिटा दिया और उसकी टांगों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत पे फिराने लगा. पायल अपने दांतों से अपने होठों को काट रही थी.
पायल ने कहा- अब चोद भी दो जानू! कितना तडपाओगे? पेल दो मेरे राजा! उस अंजली को तो इतना चोद चुके हो अब मेरी भी प्यास बुझा दो!
इस वक़्त इस तरह रिरियाते हुए पायल पक्की छिनाल लग रही थी. मैंने एक ही झटके में बिना किसी चेतावनी के अपने लंड को उसकी चूत में उतार दिया. पायल के मुँह से चीख निकली और वो कसमसा कर रह गयी. उसने अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा दिए और मेरे सीने में अपना सर छुपाने लगी.
मैंने एक दम से तेज तेज धक्के लगाने शुरू किये.
पायल ने कहा- अभी तो दर्द कर रहा है पर इस चूत का रास्ता इतना चौड़ा कर दो कि अगली बार हाथी का भी लंड लेने में दिक्कत न हो.
मैंने कहा- घबराओ नहीं रानी! आज तेरे चूत के अन्तिम किनारे तक को मेरा लंड रगड़ देगा.
10 मिनट की धक्कापेल चुदाई के बाद हम दोनों शांत हो गये. पायल और मैं दोनों आवाज करते हुए साथ-साथ झड़ गये. कुछ देर तक यूँ ही पड़े रहने हम दोनों ने बाथरूम में जाकर खुद को साफ़ किया. बाथरूम में मेरा मन उसे और चोदने का कर रहा था. लेकिन हमें देर भी हो रही थी. इसलिए हम दोनों ने फिर कपड़े पहनकर अंजली के घर के लिए निकल पड़े.