मैं खुले विचारों वाली लड़की थी. लेकिन हमारा परिवार पुराने खयालों वाला था. सबसे ज्यादा मेरे भैया. वे मुझे हर काम में टोका करते थे. एक दिन मेरे मन में विचार आया कि क्यों न मैं उन्हें पटाकर चुदवा लूं. इससे मेरा काम भी हो जाएगा और इस रोक – टोक से भी आजादी मिल जाएगी…
हेलो दोस्तों, आप सभी को कंचन की खुली चूत का सलाम! आज मैं आप लोगों को अपनी अब तक की सबसे कामुक और सत्य घटना के बारे में बताने जा रही हूँ. हालांकि, प्राइवेसी की वजह से पात्र और जगह के नाम में परिवर्तन किया गया है.
सबसे पहले मैं आप सब लोगों से पात्रों का परिचय करा देती हूँ. मेरे पापा, जोकि गवर्नमेंट जॉब में हैं. मेरी मम्मी जोकि हाउस वाइफ हैं और मेरे भैया जो अभी पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं. इनके अलावा मैं यानी आपकी नॉटी कंचन.
हम बनारस के पास एक छोटे से कस्बे के रहने वाले हैं. मैं मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूँ. हमारे खर्चे ऐसे थे कि न तो हम ज्यादा ऐश-ओ-आराम से रहते थे और न ही बहुत ज्यादा तंगी थी. यही वजह थी कि मैं मॉडर्न लड़की होकर भी आज तक कुंवारी थी.
मेरे भैया थोड़े पुराने खयाल वाले हैं. उन्हें घर की औरतों का बहुत मॉडर्न होकर रहना अच्छा नहीं लगता था. मैं अभी बीएससी कर रही हूँ. बीएससी की पढ़ाई करने के नाते मेरी कई मॉडर्न लड़कियों और लड़कों से मिलना – जुलना था. यह सब भैया को पसन्द नहीं था.
दोस्तों, कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आप लोगों को अपनी फिगर के बारे में बता देना चाहती हूँ. मेरा साइज 34 30 36 का है. नाप देख कर आप समझ ही गए होंगे कि मैं कितनी हॉट माल हूँ. मैंने अभी तक किसी भी लड़के को खुद को टच करने नहीं दिया था.
मेरे मोहल्ले के सभी लड़के और अंकल मुझे देख के आहें भरते थे. मैं जब भी उनके पास से गुजरती तो वे कमेंट करते. उनके कमेंट सुन कर मुझे समझ आता कि मैं कितनी मस्त माल हूँ. मेरी खूबसूरती की वजह से ही भैया मुझे कुछ ज्यादा ही टोका करते थे. वे मेरे हर काम पर, कहीं भी जाने पर सवाल करते रहते थे.
जब मैंने बीएससी में एडमिशन लिया था तो मेरे पास कोई स्मार्टफोन नहीं था. लेकिन एडमिशन लेने के साथ ही मैंने कंप्यूटर कोर्स भी शुरू कर दिया था. इस वजह से मुझे इंटरनेट की जानकारी हो गई थी.
अब भैया जब कभी भी घर आते तो उनका फोन वीडियो देखने के बहाने ले लेती थी और इंटरनेट चलाती थी. एक बार मैं उनके ब्राउज़र की हिस्ट्री चेक करने लगी तो पता चला कि भैया अन्तर्वासना पर चुदाई की कहानियां पढ़ते थे.
ये सब देख के मेरे मन में कुलबुलाहट होने लगी और मेरी चूत भी फुदकने लगी थी. जब मैं आगे बढ़ी तो पता चला कि भैया सबसे ज्यादा भाई – बहन की चुदाई वाली कहानियां पढ़ते थे. यह देख मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि भैया इतनी गिरी हुई हरकत कर सकते हैं. आज तक उन्हें देख के कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वे ये सब करते होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने कभी मुझे गंदी नज़र से नहीं देखा था.
मैंने भी उनमें से कुछ कहानियों को पढ़ा. उन्हें पढ़ कर भी मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि भाई बहन के बीच भी सेक्स होता होगा. लेकिन हां ये बात जरूर थी कि उस रात मैं सो न पाई थी. सारी रात इसी बारे में सोचती रही.
इसी बीच पता नहीं कैसे मेरी पैंटी गीली हो गई और मेरा हाथ पता नहीं कब पैंटी के अंदर चला गया और मैंने चूत में उंगली घुसेड़ ली. चूत में उंगली जाने से मुझे गुदगुदी होने लगी. इससे मेरी उत्तेजना और बढ़ गई. फिर मैंने दूसरी उंगली भी चूत में डाल ली. इसके बाद मैं फिंगरिंग करने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं सातवें आसमान पर पहुंच चुकी थी. फिर थोड़ी देर बाद मेरी चूत से कुछ चिपचिपा सा पदार्थ निकला और उसके निकलते ही मैं निढाल हो गई. मुझे लगा कि शायद इसी को लड़कियों का स्खलन कहते हैं. इसके बाद मुझे कुछ राहत मिली.
सुबह होने वाली थी. फिर मैंने जैसे – तैसे अपने कपड़े ठीक किये और सो गई. सुबह देर तक सोती रही. उस दिन जब मम्मी चाय लेकर मुझे जगाने आईं तब मेरी नींद खुली. उठने के बाद मैं काफी रिलैक्स फील कर रही थी. तब मुझे महसूस हुआ कि जिन किस्मतवालियों को रात में लन्ड मिलता होगा वो सुबह कितना तरोताजा रहती होंगी. खैर, भैया को लेकर मेरे मन में गलत विचार अभी भी नहीं थे.
दोस्तों, फिर मैं भैया को नोटिस करने लगी. वे जब भी छुट्टियों में घर आते तो कोई न कोई समान खोजने के बहाने मेरे रूम में जरूर जाते थे. उनके निकलने के बाद कई बार मैंने देखा था कि मेरी ब्रा और पैंटी अपनी जगह पर नहीं रखते थे. वे इधर – उधर हो जाते थे. मुझे मालूम था कि मेरे कातिल फिगर को देखने के बाद जब उनका खड़ा हो जाता होगा तो वो ऐसा करके वे खुद को कंट्रोल करते होंगे. यह सोच कर मैं जान बूझकर कर इग्नोर कर देती.
जैसा मैंने आप सब को बताया कि मैं एक छोटे कस्बे की रहने वाली खुले विचारों की लड़की हूँ. कॉलेज में जाने के बाद अब मेरा भी मन बाहर निकलने को करने लगा. आखिर कब तक मैं एक ही कुंए में रहती. मेरी ग्रेजुएशन पूरी हो गई थी और मैं पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली जाना चाहती थी. भैया कह रहे थे कि घर से अप-डाउन करके बनारस से ही पढ़ाई कर लो.
लेकिन मुझे आईआईटी में एमएससी के एंट्रेंस (जैम) की कोचिंग करनी थी. जैम की कोचिंग बनारस में नहीं थी. इस वजह से मुझे बहाना मिल गया और मैं दिल्ली जाने को ज़िद करने लगी. इस पर मम्मी – पापा ने कहा कि अगर भैया जिम्मेदारी ले तब हम तुम्हें दिल्ली जाने देंगे.
दोस्तों, मुझे तो पता ही था कि भैया कितने पुराने खयालों वाले हैं. वो मुझे जाने नहीं देंगे. तभी मेरे मन में एक विचार आया कि जब मैं इतनी हॉट हूँ कि भैया खुद को कंट्रोल करने के लिए मेरी ब्रा और पैंटी का इस्तेमाल करते हैं तो क्यों न मैं उन्हें फंसा के चुदवा लूं. इससे मेरा सारा काम हो जाएगा. मेरी वासना भी शांत हो जाएगी और मुझे रोकने – टोकने वाला भी कोई नहीं होगा.
कहानी का अगला भाग – अपनी अय्यासी के लिए भैया को पटाया भाग – 2
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