बदलती किस्मत भाग – 1

मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता है. जिसमें दो लड़कियां हैं. छोटी लड़की से मैं प्यार करता हूँ लेकिन एक दिन अचानक बड़ी लड़की से मेरी नजदीकी बढ़ जाती है…

हाय, मेरा नाम ऋषभ है. हमारा ट्रान्सपोर्ट का बिजनेस है. दोस्तों, मैं 6 साल तक मेरे चाचा जी के पास गांव में ही रहा था क्योंकि उस वक्त हमारा बिजनेस थोड़ा कम फैला था और घाटे में भी चल रहा था.

मेरा चचेरा भाई मिलिट्री की तैयारी कर रहा था, इसलिए उसके साथ रहते हुए मेरी भी हाइट और बॉडी काफी अच्छी हो गयी थी. 6 साल गांव में रहने के बाद फिर मैं अपने घर आ गया और यहां आकर एमबीए में एडमिशन ले लिया.

मेरे घर में मेरे मम्मी, पापा और मेरी बहन दीप्ति रहते हैं. दीप्ति हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रही है. हमारे बगल में एक परिवार रहता था. हमारा उनसे घर जैसा रिश्ता था. उनके घर में अंकल, आंटी और उनकी दो बेटियां रहती थीं. उनमें से बड़ी लड़की मेरी ही उम्र की थी. उसका नाम नेहा था और छोटी का नाम मालिनी.

दोस्तों, नेहा थोड़ी शर्मीली थी और मालिनी थोडी बिंदास. पर दोनों बहुत खूबसुरत थीं. अगर कोई एक बार उन्हें देख ले तो भूल नहीं सकता. मेरा भी उनके घर आना-जाना था. मेरी और नेहा की अच्छी दोस्ती थी. लेकिन मैंने उसे कभी भी गलत नजर से नहीं देखा.

वह अपने कोई भी काम के लिए मुझे ही बोलती थी और कभी – कभी मेरे साथ मूवी देखने भी आती थी. उसके घर वालों को मुझ पर पूरा भरोसा था क्योंकि मैं सबकी नज़र में अच्छा लड़का था.

उसे कुकिंग का बहुत शौक था. इसलिए वो पहले दोपहर को टीवी पर आने वाले कुकिंग देखती और फिर वही डिश बना कर मेरे लिए लाती और मुझसे उसका टेस्ट पूछ्ती. मैं उसके खाने की तारीफ करता था.

एक दिन मैं खाना खा रहा था और साथ में ही टीवी भी देख रहा था. तभी मालिनी रूम में आई और मेरे पास आकर बैठ गयी. वो मेरे काफी पास बैठी थी उसके पैर भी मुझसे काफी सटे हुए थे. उसके जांघ भी मेरी जांघों से काफी सटी थीं और बहुत गरम महसूस हो रही थी.

यह मुझे अजीब लग रहा था. कुछ देर बाद उसने बात शुरू की और मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी. मैंने उसे टालना चाहा लेकिन वो जिद करने लगी तो मैंने उससे कहा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. यह सुन कर उसके चेहरे पे खुशी आ गई. फिर वह मुझसे अपने बारे में पूछने लगी. मैंने कहा कि वह अच्छी है.

इसके बाद वो थोड़ी देर तक चुप बैठी रही और फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर आई लव यू बोला और मेरे गाल पर किस कर दिया. जिससे मैं चौंक गया. फिर उसने मुझसे इज़हार – ए – मुहब्बत का जवाब मांगा तो मैंने उससे कहा कि उसके बारे में मेरी वैसी फीलिंग्स नहीं है. यह सुन कर उसका मुंह लटक गया तो मैंने कहा कि मैं उसे कल सोच के जवाब दूंगा. वह मान गई.

मैंने उसे हां कहने के बारे में सोच रहा था. उस रात मैं छ्त पर अपना लैपटॉप लेकर बैठा था. फिर थोड़ी देर बाद मालिनी छ्त पर आ गई और मुझे देख कर बोली – क्या कर रहे हो?

मैंने कहा – कुछ नहीं! बस यूं ही मूवी देख रहा था.

मालिनी बोली – हां ये तो मुझे भी पता है लेकिन देख कौन सी देख रहे हो? मैंने मूवी का नाम बताया तो तो बोली कि कुछ और नहीं है क्या इसमें? मुझे समझ नहीं आया तो मैंने पूछा. इस पर वह बोली कि अब इतने भी भोले मत बनो, मैं ब्लू फिल्म की बात कर रही हूँ.

यह सुन कर मैंने कहा – ओह! हां है ना, तुम्हें देखनी है क्या? मालिनी बोली – हां देखनी है. मैंने कहा कि मेरे साथ तो वह बोली – हां, तो क्या हुआ! अब मैंने कहा – पक्का न! तो फीर आओ.

फिर वो मेरे बगल में बैठ गयी और मैं हैडफोन लेने नीचे चला गया. जब वापस आया तो वो खुद से चला कर ब्लू फिल्म देख रही थी. फिर मैं उसके पास बैठ गया. मूवी में सेक्सी सीन चालू था और वो काफी गरम होकर गहरी – गहरी सांस ले रही थी. साथ ही बार – बार अपने पैरों को सिकोड़ रही थी.

जब मैं पहुंचा तो वो आकर मेरे पास बैठ गयी. तभी मैंने उसके जांघ पर हाथ रख दिया. फिर मुझे लगा कि अगर कुछ हो गया तो नेहा के साथ धोखा होगा और अगर इसने उसको बता दिया तो मेरी तो वाट लग जायेगी.

फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया तो वो मेरी तरफ देखने लगी. इस पर मैंने उसे सॉरी बोला. फिर उसने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया. मैंने उसका हाथ हटाना चाहा तो उसने झटका देकर फिर से हाथ रख दिया.

अब मैंने सोचा कि जो होगा देखा जायेगा. अब मेरा भी लन्ड यह सब देख के खडा हो गया था. इस बार उसने सीधा मेरे लंड पर हाथ रख दिया. फिर मैंने भी धीरे से उसके चूचों को हाथ लगाया और सहलाने लगा.

उसके मम्मों का साइज 34 का था. तभी वो बोली – थोडा जोर से दबाओ न! इतना कह कर वो मुझे किस करने लगी. फिर मैं भी उसे जोर से किस करने लगा और हर जगह चूमने लगा. मैं उसके चूचे बहुत जोर से दबाने लगा था.

थोड़ी देर बाद फिर वो बोली कि अब सब्र नहीं होता है. तो मैं उसको लेकर स्टोर रूम में आया और थोड़ी जगह बनायी. इसके बाद हम फिर से चालू हो गये. उसने मेरा शर्ट उतारा और मैंने उसका टॉप उतार कर जोर – जोर से उसके चूचों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने और दबाने लगा.

वो तो पागल सी हो गयी थी. फिर उसने मेरा शर्ट उतार दिया. इसके बाद फिर मैंने भी उसकी ब्रा निकाली और धीरे से उसके निप्पल को चूसना चालू कर दिया. थोडी देर बाद मैंने उसकी जीन्स उतार दी. उसने काली पैन्टी पहन रखी थी. जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी.

फिर मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस करने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से उसकी पैन्टी साइड में करके उसकी चूत को खोला और धीरे से अपनी जीभ घुसा कर घुमाने लगा. तब उसने एक लंबी सांस ली और फिर सिसकारियां लेने लगी. वह कह रही थी, “ओह.. आह.. और जोर से चूसो आह.., ह्म्म क्या कमाल का चूत चूसते हो आह!

फिर मैंने उसके दाने को जीभ से टटोला और काट लिया. इससे वो उछल पड़ी और जोर से मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी. फिर कुछ देर बाद वह झड़ गयी और थक कर नीचे बैठ गयी. इसके बाद उसनी मेरी तरफ देखा और बोली कि अब मैं बदला लूंगी.

इतना कह कर उसने मेरी शर्ट और पैंट उतार दी और मेरे लंड को सहलाने लगी. फिर धीरे से वह मेरे सुपाड़े को चाटने लगी. दोस्तों, मेरे साथ पहली बार ऐसा हो रहा था इसलिए मेरी तो आह ही निकल गई. फिर वो मेरा पूरा लौंडा मुंह में भर कर चूसने लगी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैं तो सीधा जन्नत में पहुंच गया था.

वो मेरी आंखों में देख के चूस रही थी. उस समय वह बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर थोड़ी देर बाद मेरा निकलने को आया तो मैंने उसे रोकना चाहा लेकिन वो और जोर से चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मेरा माल उसके मुंह में ही गिर गया. जिसे वह बाहर जाकर थूक आयी.

इसके बाद हम फिर चालू हो गये. हम 69 की पोजीशन में आए और चुसाई करने लगे. वो बहुत तेजी से सिसक रही थी और तेज चुसाई भी कर रही थी. अचानक वो मेरे चेहरे बैठ गयी और तेजी से झड़ गयी.

कुछ देर बाद वह दोबारा मेरा लवड़ा चूसने लगी. उसकी मस्त चुसाई से मैं एक बार फिर झड़ गया. जिसे उसने पूरा साफ किया और दोबारा चूसना शुरू किया. अब मैं भी एक बार फिर से चालू हो गया. हम फिर से गरम हो गये थे. लेकिन तभी अचानक सीढ़ी से किसी के ऊपर आने की आवाज तो हमने जल्दी से कपड़े पहन लिए.

वो आंटी थीं. ऊपर आकर वह मालिनी को आवाज देने लगीं तब हम जल्दी से बाहर आ गये. हम जोर से हाफ रहे थे. यह देख आंटी बोलीं – तुम दोनो अंदर क्या कर रहे थे? तो उसने कहा कि मैं ऋषभ के लैपटॉप पर मेल चेक कर रही थी. फिर आंटी ने उसे जल्दी से नीचे आने को कहा और वापस चली गईं.

उनके जाते ही वो मुझसे फिर चिपक गयी और दोबारा किस करने लगी. तब मैंने उसे कहा कि अभी के लिए बस करो कोई भी उपर आ सकता है. फिर उसने मेरे होंठ पर काट लिया. मैंने पूछा तो उसने कहा ताकि तुम मुझे भुल न जाओ. फिर इतना कह कर वो नीचे चली गयी.

इसके बाद मैंने नीचे आकर खाना खाया और सोने चला गया पर नींद कहा आनी थी. मुझे बार – बार वही सब याद आ रहा था. याद करके मेरा लन्ड खड़ा हो जाता. उस रात मैंने 2 बार मुठ मारी, तब जाकर मुझे नींद आयी.

सुबह मुझे पापा ने उठाया. वे मेरा बैग भर रहे थे. उन्होंने मुझसे कहा कि जल्दी तैयार हो जाओ, तुम्हें अभी दिल्ली जाना है क्योंकि एक पेमेंट फंस गई है, तुम्हें उसे क्लियर कराना है. फिर मैं उठा और तैयार होकर दिल्ली के लिए निकल गया.

इस कहानी का अगला भाग – बदलती किस्मत भाग – 2

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