मेरी दीदी बहुत खूबसूरत और सेक्सी थीं. मैं उन्हें चोदना चाहता था लेकिन मौका नहीं मिल रहा था. फिर एक दिन वो बीमार पड़ गईं और मैंने इसका फायदा उठाकर उन्हें चोद दिया. उसके बाद से वो मेरी रखैल बन गईं और शादी के बाद जो भी मिलता है उससे चुदवा लेती हैं…
हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुनील कुमार है और मैं बनारस का रहने वाला हूं. मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं और हमारे परिवार में कुल मिला कर 4 लोग रहते हैं. इनमें मेरे पापा, मम्मी, मैं और मेरी दीदी हैं.
मेरी दीदी का नाम पूनम है और वो बहुत ही सेक्सी लगती हैं. उनका साइज 34 30 36 का है और स्वभाव से वह बहुत ही शरीफ सी लड़की थीं लेकिन मेरी वजह से वह एक रण्डी बन गई हैं.
दीदी की उम्र 26 साल है और मैं अभी 22 साल का हूं. मेरा लंड 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है. दोस्तों, मुझे सेक्स स्टोरीज पढ़ना बहुत पसंद है और मैं पिछले 4 साल से नियमित रूप से अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ता अा रहा हूं. इन्हीं कहानियों को पढ़ कर मेरे मन में भी अपनी दीदी को चोदने का ख्याल आया था.
मैं दिन रात बस अपनी दीदी की चुदाई के बारे में ही सोचता रहता था. लेकिन मैं कुछ भी करने से डर रहा था. मुझे लग रहा था कि मेरे कुछ करने पर कहीं दीदी बुरा न मान जाएं और मम्मी – पापा को मेरी हरकत के बारे में बता न दें.
धीरे – धीरे मेरे ऊपर दीदी को चोदने का खुमार इतना चढ़ गया था कि मैं बस मौका देखता रहता था और जरा भी मौका मिलने पर बहाने से उनकी गांड या चूत या बूब्स को टच कर लेता था. मैं हमेशा दीदी की गांड के उभार को देखता रहता था और शायद दीदी भी मेरी इस हरकत को हमेशा नोटिस करती थीं.
दोस्तों, एक बात तो मैं आप लोगों को बताना ही भूल गया था. मैं और दीदी हमेशा एक ही कमरे में सोते थे, लेकिन हमारे बिस्तर अलग – अलग होते थे.
एक दिन की बात है. दीदी को हल्का बुखार आ गया था. मैं तो ऐसे ही किसी मौके की तलाश में था और अब वो मौका मुझे मिल गया था. मैं गया और उनके लिए दवा ले आया. साथ में मैं वियाग्रा की गोली भी लेते आया. दिन में तो मैंने उन्हें सही दवा दी लेकिन फिर रात को सोते टाइम लेने वाली एक दवा मैंने बदल दी और उसकी जगह वियाग्रा खिला दी. दवा देने के बाद मैं निश्चिंत होकर अपने बिस्तर पर लेट गया. मुझे तो पता ही था कि अब रात में क्या होने वाला है!
दवा खाने के बाद वो सो गई. करीब आधा घंटे बाद मैंने दीदी की बिस्तर में थोड़ी हलचल देखी. मैं समझ गया कि वियाग्रा का असर है. मैंने ध्यान से देखा तो पता चला कि दीदी अपनी चूत में उंगली डाल रही थीं.
यह देख कर मैं उठा और सीधे दीदी के बिस्तर पर जाकर उनसे बातें करने लगा. जब मैं उनके बिस्तर पर पहुंचा तब तक दीदी ने चूत से उंगली निकाल ली थी लेकिन चूत रस से भीगी होने के कारण उंगली से स्मेल आ रही थी. मेरे उनके बिस्तर पर जाने से दीदी थोड़ी सी डर रही थीं. सिर्फ दीदी ही नहीं मैं भी डर रहा था कि कहीं वह मम्मी पापा से कुछ बोल न दें!
आखिरकार फिर हिम्मत करके मैंने चादर के ऊपर से ही दीदी के पेट को सहलाने लगा. मुझे ये करते देख दीदी ने नज़रें मेरी तरफ कीं और एक स्माइल पास कर दीं. यह देख अब मेरा डर भी धीरे – धीरे खत्म हो गया था.
तभी मैंने अपना हाथ बढ़ा कर दीदी कि चूची पर रख दिया. दीदी कुछ नहीं बोलीं. इससे मेरा हौसला बढ़ा और फिर मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा. मेरे ऐसा करने से दीदी मस्त हो गई थीं. दोस्तों, आज मेरा सालों का सपना पूरा होने वाला था इसलिए मैं मन ही मन खुश हो गया था.
चूचियां दबाए जाने से धीरे – धीरे दीदी मदहोश सी होने लगीं और उनके मुंह से सिसकियां भी निकलने लगी थीं. फिर मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए. अब दीदी मेरे सामने पूरी तरह नंगी लेटी हुई थीं. क्या मस्त माल थीं यार मेरी दीदी! उनकी चूची और चूत इतनी मस्त लग रही थी, मैं बता नहीं सकता. उनके नंगे बदन को देख कर मेरे लन्ड से तो थोड़ा – थोड़ा पानी रिसने लगा था.
फिर मैंने अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए. मुझे नंगा देख कर दीदी बोलीं – आ भाई, अब और देर न कर, जल्दी से चोद दे अपनी दीदी को, आज तक किसी ने मेरी चूत को छुआ तक नहीं है. तू पहला मर्द है जिसने मुझे नंगे देखा है और अब आज तू ही मुझे रगड़ – रगड़ चोदेगा.
दीदी के मुंह से यह बात सुन कर मैं बहुत खुश हुआ. मुझे पता चल गया था कि दीदी मेरी अभी तक कुंवारी हैं, इसलिए मेरी खुशी थोड़ी और बढ़ गई थी.
फिर मैं नीचे गया और दीदी की चूत पर मुंह लगा कर उसे चाटना शुरू कर दिया. मेरे ऐसा करने से दीदी एक दम मदमस्त हो गईं और जोर – जोर से सिसकियां भरने लगीं. उनके मुंह से लगातार ‘आह… आह… ओह्ह… ओह्ह… हम्म… हम्म… ऐसे ही करते रहो ऐसे ही, मज़ा आ रहा है’ की आवाज निकल रही थी.
करीब पांच मिनट बाद वह मेरे मुंह में ही झड़ गईं. तब मैंने भी उसे अपना लन्ड चाटने को कहा. लेकिन वह मना करने लगी. फिर मैंने कहा कि दीदी चाट कर तो देखो बहुत मज़ा आएगा! मेरे बार – बार कहने पर उन्होंने मेरा लन्ड मुंह में लेकर चाटना शुरू कर दिया.
पहले तो वह थोड़ा सा लंड मुंह में ले रही थीं, फिर थोड़ी देर बाद पूरा लन्ड मुंह में अंदर लेकर चूसने लगी. अब मुझे भी मजा आने लगा था और मैं उसका सर पकड़ कर उसके मुंह में जोर – जोर से धक्के लगाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपना लन्ड बाहर निकाला और दीदी को बेड पर लेटा कर उनकी दोनों टांगें ऊपर उठा के अपने कंधे पर रख लिया और फिर लन्ड को उनकी चूत पर सेट कर के जोर से दबाव बनाया तो मेरा पूरा लन्ड उनकी चूत में समा गया. उनकी चूत सील पैक थी और लन्ड अंदर जाने से खून निकलने लगा. दर्द की वजह से वह जोर से चिल्लाने वाली थी लेकिन तभी मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से दबा दिया और चूसने लगा.
दीदी कुछ देर तक ऐसे ही पड़ी रहीं. फिर वह धीरे – धीरे हिलने लगीं. यह देख मैं समझ गया था कि अब दीदी चुदने के लिए तैयार हैं. फिर क्या था, मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए और मेरे हर धक्के के साथ दीदी सिसकारी भरने लगीं.
अब मैं लगातार धक्के मार रहा था और दीदी नीचे से अपनी गांड उठा – उठा कर लन्ड अंदर लेने की कोशिश कर रही थीं. करीब पंद्रह मिनट के बाद मैंने अपना सारा वीर्य उनकी चूत में ही छोड़ दिया. इस दौरान दीदी भी 2-3 बार झड़ चुकी थीं.
अब दीदी बहुत खुश लग रही थीं. थोड़ी देर बाद हम दोनों ने एक बार फिर सेक्स किया और एक – दूसरे को किस करने के बाद अपने बिस्तर पर जाकर आराम करने लगे. उस रात के बाद से दीदी मेरी रखैल बन गईं. फिर वह जब तक घर पर रहीं रोज रात को मुझसे चुदती थीं.
बाद में उसकी शादी हो गई और इस समय वह कम से कम 5 लड़कों से चुदवाती है. मेरी बहन एक दम रण्डी बन चुकी हैं और जब तब जो भी मिलता है उससे चुदवा लेती हैं. एक दिन मैं अपने 3 दोस्तों के साथ उसके ससुराल गया और फिर हम चारों लोगों ने मेरी बहन की जम कर चुदाई की. मेरी कहानी कैसी लगी? मेल या कमेंट करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]
Hello bhai
Kya ham sach me apni bahen ko chod sakte hai
Kash esa ho skta
ESI bahen sabko mile
Acha jee bahut sex bahan
𝑺𝒖𝒑𝒆𝒓
Waw didi ko khub chudwao yr
Main bhi apni behen ko bhi chudwaya hu paison ke liye.
Muzhse b chudwa do apni bahan ko mai tmhari didi ki chut ka pani piyunga uske paise lelo
M n choda h sis ko