नमस्ते दोस्तों, मैं आज पहली बार अन्तर्वासना पर कुछ लिख रहा हूँ. इसमें मुझसे कुछ ग़लती हो जाए तो माफ़ करना…
मेरा नाम रविश है और मेरी उम्र 27 साल है. मैंने पहले भी कई बार सोचा कि आप लोगों के साथ अपनी सेक्स लाइफ का किस्सा साझा करूँ, लेकिन किसी न किसी कारणवश रुक जाता था. आखिरकार आज मैंने सोचा कि करना है तो लिख दिया.
यह कहानी मेरे पड़ोस में रह रही एक भाभी की है. उनका नाम ज्योति है. क्या बताऊँ यारों, मैं उसको जब भी देखता हूँ मेरा लंड पूरा का पूरा तन जाता है.
पिछले हफ्ते की बात है. मैं अपनी छत पे खड़ा पानी की टंकी चेक कर रहा था. तभी मैंने देखा कि ज्योति भाभी भी अपनी छत पे कपड़े डालने आईं हैं. उनको देखते ही मेरा लंड गियर में आने लगा था. सुबह का टाइम था तो मैं बॉक्सर में ही था और लंड का उभार साफ नज़र रहा था.
मैं लगातार भाभी की तरफ ही देख रहा था. तभी भाभी ने मेरी तरफ देखा और बोलीं – क्या हुआ भैया?
फिर मैं नीचे आया और उनके पास जाकर बोला – भाभी पानी टपक रहा है, वही टोटी टाइट कर रहा हूँ.
इस दौरान भी मेरे खड़े लंड का उभार बॉक्सर में से दिख रहा था. उसे देख कर भाभी बोलीं – इसको भी टाइट कर लो.
तब मैंने एक दम से कहा – भाभी आप ही कर दो ना.
यह सुन कर भाभी शरमा गईं और मुस्कुराते हुए छत के दरवाजे के पास जाकर बाल्टी में से बाकी कपड़े उठा कर फैलाने लगीं. जब वह बाल्टी से कपड़े निकालने को झुकीं तो मुझे उनकी चूचियों के दर्शन हो गए. यह देखते ही मेरा हाल बहाल हो गया.
अब मैं एक दम से बेकाबू हो गया और फिर अपनी छत को फांद कर उनकी छत पर पहुंच गया और सीधे जाकर भाभी को पीछे से पकड़ कर उनसे लिपट गया.
इस पर भाभी सकते में आ गईं. हालांकि, वो चिल्लाईं भर नहीं और फिर आराम से बोलीं – क्या हुआ रविश बाबू?
दोस्तों, भाभी की गाण्ड में मेरा लंड सटा हुआ था. इस वजह से उनके शरीर पर सिरहन साफ दिखाई दे रही थी. फिर मैंने उनसे कहा – भाभी, लंड का पानी ठीक कर दो न प्लीज़.
इतना कहते – कहते मेरा एक हाथ उनके मम्मों पर चला गया और फिर मैं ज़ोर – ज़ोर से उनके मम्मों को मसलने लगा. इस पर भाभी बोलीं – आह आह रविश, थोड़ा आराम से करो, दर्द हो रहा है.
उनके इतना कहने पर मैं आराम से करने लगा और फिर उनसे कहा – भाभी, भैया घर में नही हैं ना? इस पर ज्योति भाभी बोलीं – नहीं पागल वो तो 10 दिनों के लिए बाहर गये हैं.
यह सुनते ही मैं उनको ले कर नीचे उनके कमरे में चला गया. कमरे में पहुंच कर मैंने उन्हें अपनी तरफ मोड़ लिया और उनको होंठों पर अपने होंठ रख कर उनका रस पीना स्टार्ट कर दिया. इसमें भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. फिर मैंने उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी गाण्ड पर अपने दोनों हाथ रख दिए और ज़ोर – ज़ोर से दबाने लगा.
मेरे ऐसा करने से भाभी की सांसें उखड़ने लगी थीं. यह मैं बड़े ही आराम से उनकी स्मूच में महसूस कर रहा था. फिर मैंने चुपके से दोनों हाथों से उनकी साड़ी को ऊपर उठा दिया और एक हाथ पैंटी के अंदर डाल दिया. अब उनकी नंगी गाण्ड मेरे हाथों में थी. जिसे मैं खूब मसल रहा था.
मेरे ऐसा करने से भाभी की सिसकारियां छूट रही थीं और वह आह आह रविश प्लीज़ धीरे से करो हां रविश ऐसे ही करते रहो.
फिर मेरे हाथ ऊपर को ओर बढ़ने लगे. ऊपर पहुंच कर मैंने उनकी साड़ी को खींच कर ढीला कर दिया. देखते ही देखते उनकी साड़ी और ब्रा खुल कर नीचे आ गईं.
अब मेरी प्यारी ज्योति भाभी के बदन पे नीचे सिर्फ़ पैंटी भर थी और ऊपर की तरफ ब्लाउज था. उनको इस रूप में देख कर मेरा पूरा ध्यान उनके मम्मों पे चला गया. फिर मैंने बिना एक भी पल गंवाए उनके दोनों बूब्स पर हाथ रख दिए और ज़ोर – ज़ोर दबाने लगा. इसके साथ ही मैंने उनकी गर्दन को भी चाटना शुरू कर दिया. अब भाभी की हालात खराब हो रही थी.
फिर मैंने दोनों हाथों से उनकी ब्लाउज के हुक खोल दिए और एक ही झटके में उसे उनकी बॉडी से अलग कर दिया. अब ऊपर की तरफ उनके शरीर में बस ब्रा फंसी हुई थी. फिर मैंने पीछे से उसका हुक भी खोल दिया और उनके मम्मों को आज़ाद कर दिया.
अब मेरा लंड अपने पूरे उफान पर आ गया था. फिर मैंने अपना बॉक्सर उतार फेंका और बनियान भी फेंक दी. अब हम दोनों नंगे थे. फिर मैंने भाभी को चूमना शुरू कर दिया. मैं एक हाथ उनके मम्मों पर रखा और दूसरे मम्मे को मुंह में लेकर चूसने लगा. अब वह ‘आआहह रविश आह उह, रहम करो रविश, चोदो मुझे जल्दी चोदो’ जैसी की आवाजें निकाल रही थीं.
अब मैं उनके बदन को चूसता हुआ नीचे पहुँचा. मेरी प्यारी ज्योति भाभी की चूत एक दम गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उनका एक पैर ऊपर उठा लिया. उनकी चूत मुझे अपने में समा जाने का निमंत्रण दे रही थी.
फिर मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रख दी. चूत पर जीभ रखते ही भाभी बड़ी जोर से सीत्कार उठीं और बोलीं – भैया ने तो आज तक इसको छुआ नहीं तुमने आज इसको चूम लिया, रविश आई लव यू.
यह सुनते ही मैंने उनकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को खोल कर उसे चाटना शुरू कर दिया. अब मेरी जीभ उनकी चूत में आदर – बाहर हो रही थी और भाभी ने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ रखा था.
करीब 3 मिनट तक उनके चूत की चुदाई मेरी जीभ द्वारा होती रही. फिर भाभी का शरीर अकड़ने लगा. यह देख कर मैं समझ गया कि ज्योति भाभी झड़ने वाली हैं. कुछ देर बाद भाभी की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया.
अब भाभी के पर एक चमक थी. फिर वह मुझसे कहने लगी – रविश भैया तो सिर्फ़ खुद मज़े लेकर सो जाते थे. आज तुमने मुझे सेक्स का असली मज़ा दिया है.
यह सुन कर अब मैंने भाभी की दोनों टांगों को एक बार फिर से ऊपर कर दिया और उनकी दोनों टांगें खोल दी. अब मेरा लंड ठीक उनकी चूत के उपर था. तभी भाभी ने कहा – रविश तुम्हारा लन्ड तो 7 इंच के करीब लगता है. तब मैंने उन्हें बताया कि 7 इंच नहीं बल्कि इज 7.4 इंच लम्बा है.
तब भाभी ने बताया कि तुम्हारे भैया का 3 इंच लम्बा ही है. खैर, फिर मैंने एक ही झटके में लन्ड को अंदर कर दिया. भाभी पहले से चुदी खाई थीं. इसलिए उन्हें दर्द नहीं हुआ. अब मैंने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और जोरदार चुदाई शुरू कर दी.
कुछ देर बाद उनकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. चुदाई के दौरान मैं लगातार उन्हें स्मूच भी करता रहा. करीब 2 मिनट की चुदाई के बाद मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया. यह देख भाभी ने मुझे कहा कि रविश तुम तो मेरी चूत में निकल गए. इससे कोई दिक्कत हुई तो? तब मैंने कहा कि कोई दिक्कत नहीं होगी. मैं तुम्हारे लिए आईपिल ला दूंगा.
इसके बाद फिर मैंने उनकी गाण्ड भी मारी. आप सब को मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]