भाभी की चुदाई के किस्से सुनकर मैंने भी उन्हें पेल दिया

उनकी बात सुन कर मैंने एक जोरदार झटका दिया और इस झटके के साथ मेरा पूरा का पूरा लन्ड उनकी चूत में उतर गया. अचानक हुए इस हमले से भाभी उचक गई और बोली अभी तो मेरी जान ही निकल जाती. फिर थोड़ी देर बाद वो बोलीं, “जैसा मैं बोलूँ, तुम वैसे ही झटके मारते रहना…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम राकेश है और मैं सादुलपुर का रहने वाला हूँ. मेरी ये कहानी मेरे मुहल्ले में रहने वाली एक भाभी और मेरे बीच हुए चुदाई की है. भाभी का बदला हुआ नाम जमीला है.

दोस्तों, जमीला भाभी की चूत – चुदाई के किस्से मैं भी अक्सर अपने दोस्तों से सुनता रहता था. मेरे दोस्त बताते कि चूंकि भाभी का पति विदेश में रह कर नौकरी करता है, इसलिए भाभी अपनी प्यासी चूत की प्यास को दूसरों के लन्ड से शांत करवाती थी.

दोस्तों की ऐसी बात सुन – सुन कर मेरा भी मन उसकी चूत चोदने के लिए करता था. लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिल पाता था. इस लिए मैं उसके बारे में सोच – सोच कर मुठ भी मार लेता था और जब भी वो मुझे कहीं दिखती तो मैं उसे घूरता रहता था.

आखिरकार एक दिन मैंने हिम्मत कर ही दी. उस दिन मैंने एक कागज पर अपना नम्बर लिखा और उस कागज को लपेट कर भाभी के पास फेंक कर चला आया. नम्बर फेंकने के बाद मुझे डर लग रहा था कि वह किसी से इस बारे में कुछ कह न दे. लेकिन एसा नहीं हुआ.

उस दिन रात को करीब नौ बजे मेरे मोबाइल पर एक अनजान नम्बर से फोन आया. नम्बर देख कर मैंने फोन उठाया तो सामने से भाभी की आवाज सुनाई दी. उनकी आवाज पहचान कर मैंने सिर्फ हेलो ही कहा. तब उसने मुझसे पूछा कि अपना नम्बर क्यों फेंक कर गया था.

उनके इस सवाल पर मैंने कहा कि बस यूं ही, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, तो बस आपसे बात करने का मन कर रहा था इसलिए मैंने आपके पास नम्बर फेंक दिया. फिर हम दोनों में बातें होनी शुरू हो गई.

दोस्तों, मुझे तो पहले से ही पता था कि भाभी कितनी बड़ी चुदक्कड़ है तो मैं भी उसके साथ सेक्सी बातें करने लगा. एक दिन हम बात कर रहे थे तो मैंने उनसे कहा कि मुझे अापके साथ सोना है.

मेरी यह बात सुन कर उसने कहा कि कहां थे अब तक, आ जाओ मेरे पास आज ही. उसकी बात सुन कर मैंने आश्चर्य व्यस्त करते हुए कहा, “सच में?” तो उसने कहा कि हां हां, तुम आ जाओ, मैं दरवाजे पर ही तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ.

दोस्तों, उस समय रात के करीब दस बजे थे और मैं उसी समय उसके घर पहुंच गया और दरवाजे को हाथ लगाया तो दरवाजा खुला हुआ था. दरवाजा खुला देख कर मैं अंदर घुस गया. अंदर दरवाजे के पास ही भाभी खडी थी.

मुझे अंदर देख कर उसने दरवाजे को बंद कर दिया और फिर हम अंदर कमरे में आ गए. उस दिन जब मैंने गौर से भाभी को देखा तो भाभी कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी. उन्हें देख कर मेरा लन्ड बिलकुल लोहे की राड की तरह खड़ा हो चुका था.

तभी भाभी ने मेरे लन्ड को देख लिया और हंसने लगी. फिर वो मेरे पैंट की तरफ इशारा करते हुए बोली, “उसे क्या हुआ?” तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.

तभी भाभी मेरे पास आई और पैंट के ऊपर से ही मेरे लन्ड को पकड़ लिया और बोलीं, “चल अब दिखा अपना लन्ड.” अब मैंने अपनी पैंट और अंदर वियर दोनों को उतार दिया. मेरा लन्ड बिलकुल खड़ा था और झटके मार रहा था. उसे देख कर भाभी ने मेरे लन्ड को अपने हाथों से पकड़ लिया और आगे – पीछे करने लगी.

थोड़ी देर लन्ड आगे – पीछे करने के बाद भाभी ने लन्ड को मुंह में लेना शुरू कर दिया. उनके ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं तो मानो कहीं खो चुका था. कुछ देर की चुसाई के बाद मेरा माल निकल गया और भाभी ने मेरे लन्ड का सारा रस पी लिया.

फिर हम दोनों बेड पर आ गए. अब भाभी ने मुझे चूमना शुरू कर दिया. इसके बाद हम दोनों कब नंगे हो गए, हमें पता ही नहीं चला. फिर हमने एक – दूसरे को चूमना शुरू कर दिया.

इसके बाद मैंने भी भाभी की चूत की चटाई की. जिससे भाभी बिलकुल मदहोश सी हो गईं और अजीब – अजीब आवाजें निकालने लगीं. मेरा लन्ड अब और सख्त हो गया था तो मैं अपना लन्ड भाभी की चूत के ऊपर रगड़ने लगा.

दूसरी तरफ मैं भाभी के चूचों को भी अपने होंठों से चूस रहा था. इतने में भाभी ने मेरे लन्ड को पकड़ा और और अपनी चूत पर सेट कर दिया. इसके बाद भाभी मुझसे लन्ड अंदर डालने के लिए कहने लगीं.

उनकी बात सुन कर मैंने एक जोरदार झटका दिया और इस झटके के साथ मेरा पूरा का पूरा लन्ड उनकी चूत में उतर गया. अचानक हुए इस हमले से भाभी उचक गई और बोली अभी तो मेरी जान ही निकल जाती. फिर थोड़ी देर बाद वो बोलीं, “जैसा मैं बोलूँ, तुम वैसे ही झटके मारते रहना.

अब मैं धीरे – धीरे लन्ड को अागे – पीछे करने लगा और अब भाभी भी अपनी गांड उठा – उठा कर अपनी चुदाई करवा रही थी. इसके साथ ही भाभी मुझसे स्पीड बढ़ाने के लिए कह रही थी.

अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो ‘आआ अम आईइ उफ’ कर रही थीं. चुदाई की स्पीड तेज होने के कारण हमारी जांघें आपस में टकरा रही थीं, जिससे पूरे कमरे में पट – पट की आवाज गूंजने लगी.

अब हम दोनों अपनी चरम सीमा पर थे और एक – दूसरे पर पूरी तरह हावी हो गए थे. हम करीब पन्द्रह मिनट तक चुदाई करते रहे और फिर एक साथ ही झड़ गए. अब हम दोनों कुछ देर के लिए एक – दूसरे की बाहों मे पड़े रहे.

दोस्तों, उस रात हमने दो बार और चुदाई की थी. इसके अलावा अब मैं अक्सर भाभी के घर जाकर उनको चोद आता हूँ.

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, आप मुझे मेल करके बता सकते हैं. मेरी मेल आईडी – [email protected]