जब हम नए मकान में शिफ्ट हुए तो सबसे पहले मुझे एक खूबसूरत भाभी दिखाई दीं. उन्हें देखते ही मेरे मन उन्हें चोदने के खयाल आने लगे. लेकिन काम इतना भी आसान न था. फिर कैसे मैंने उन्हें चोद कर अपनी वासना शांत की जानें मेरी इस कहानी में…
हेलो दोस्तों, कैसे हो आप सब? मेरा नाम विनय है और मैं 20 साल का हूं. अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है, उम्मीद है आप सब को पंसद आएगी.
ये कहानी पिछले साल ठंड के मौसम की है. तब मैं अपने मम्मी – पापा के साथ किराये के एक घर में रहता था. पापा गवर्नमेंट जॉब में थे तो उनका ट्रांसफर होता रहता था.
हाल ही पापा का ट्रांसफर एक नए शहर में हुआ था. वहां भी हमने एक फ्लैट किराये पर ले लिया. जब वहां पहुंच कर मैं उस घर में घुसा तो सबसे पहले मुझे एक औरत दिखाई दी. वो भी वहां किराये पर रहती थी. वह इतनी खूबसूरत थी कि देखते ही मैं उसे चोदने के लिए बेचैन हो उठा.
फिर जब हम समान लेकर वहां पहुंचे तो वो हमारे लिए पानी लेकर आईं और फिर हम सब बैठ के आपस में बातचीत करने लगे. वो ज्यादा उम्र की नहीं थीं तो मैं उन्हें भाभी कहने लगा.
फिर अगले दिन जब पापा जॉब पर चले गए तो मुझे बोरियत होने लगी. तभी भाभी आईं और मुझे बोर होते देख के बोलीं – विनय, बोर हो रहे हो तो आकर टीवी देख लो. दोस्तों, उस टाइम तक हमारा टीवी का कनेक्शन नहीं हुआ था. कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. मैं टीवी देखने जाता और इस बहाने उनसे मेरी बातचीत ज्यादा होने लगी.
फिर एक दिन पापा छुट्टी लेकर किसी काम से मम्मी के साथ दीदी के ससुराल चले गए. लेकिन मैं नहीं गया. तब तक हमारा टीवी का कनेक्शन भी हो गया था. मम्मी – पापा के जाने के बाद मैं टीवी देखने लगा. तभी मुझे भाभी दिखाई दीं तो मैंने उन्हें भी टीवी देखने के लिए कहा. उस टाइम शाम हो चुकी थी. तब भाभी बोलीं कि घर का काम निपटा के आती हूं, तब रात में देखेंगे.
उनकी बात सुन कर मैंने मन ही मन सोचा कि बस अब आज तो भाभी को चोद के ही मानूंगा. माफ करना दोस्तों, मैं ये बताना भूल गया था कि भाभी के हसबैंड बाहर जॉब करते हैं और वह सिर्फ शनिवार – रविवार ही घर पर होते हैं. भाभी के दो छोटे बच्चे भी हैं. बड़े लड़के की उम्र 9 साल औए छोटे की 7 साल है.
फिर उस दिन घर का काम निपटा के भाभी ने अपने बच्चों को सुला दिया और टीवी देखने आ गईं. वो आकर सोफे पर बैठीं थीं. जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया कि ठंड का मौसम था, इसलिए उन्होंने शॉल ओढ़ रखा था. फिर मैंने टीवी पर ग्रैंड मस्ती मूवी लगा दी.
उसकी एडल्ट कॉमेडी देख के भाभी हंसने लगीं. कुछ देर बाद भाभी को ठंड लगने लगी और वह कांपने लगीं. दोस्तों, उस टाइम मैं अपने बिस्तर पर रजाई ओढ़ के लेटा था. भाभी को कांपते देख मैंने कहा कि रजाई में आ जाइए.
मेरे कहने पर वो झट से मेरी रजाई में आ गईं. जैसे मेरे कहने भर का इंतज़ार था उन्हें. जैसे ही वो रजाई में आईं तो वैसे ही मूवी में सेक्सी सीन आ गया. उसे देख मैंने भाभी से कहा कि भाभी अगर ऐसी मूवी कोई अपनी गर्लफ्रेंड के साथ देखे तो कैसा लगेगा?
इस पर वो बोलीं कि मेरे साथ देख तो रहे हो, बताओ कैसा लग रहा है? यह सुन कर मैं हंस पड़ा. दोस्तों, मैं समझ गया था कि भाभी क्या इशारा कर रही हैं. माफ करना दोस्तों, मैंने आपको भाभी के फिगर के बारे में तो कुछ बताया ही नहीं. उनका फिगर 36 32 36 का था, जो उस टाइम मुझे पागल कर रहा था. मैं सोच नहीं पा रहा था कि अब मैं क्या करूं!
तभी भाभी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो मैंने मना कर दिया. इस ओर वो बोलीं कि क्यों झूठ बोल रहे हो? इस पर मैंने कहा कि झूठ नहीं बोल रहा हूं भाभी, सच में मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
तभी उन्होंने दूसरा सवाल पूछा और कहा कि अच्छा ये बताओ, सेक्स किया है कभी? यह सवाल सुन कर मेरी तो सांसें ही अटक गईं और बदन में कंपकंपी मचने लगीं. खैर, किसी तरह खुद को संभालते हुए कहा कि नहीं भाभी, कभी सेक्स नहीं किया.
इस पर वो मुस्कुराने लगीं. फिर थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके कहा कि किया नहीं लेकिन अगर आप कहें तो कर सकता हूं. यह सुन कर वो बोलीं – पागल हो क्या? तब मैंने कहा कि क्यों हम कर लेंगे तो क्या हो जाएगा? इस पर उन्होंने कहा – नहीं, ये नहीं हो सकता.
उनका यह जवाब सुन कर मैं डर गया. लेकिन जब मैंने कह ही दिया था तो फिर पैर पीछे कैसे हटाऊं, मैं यही सोच रहा था. तभी अचानक से मैंने भाभी का हाथ पकड़ के अपने ओर खींच लिया. इस पर भाभी ने कुछ नहीं नहीं कहा. लेकिन ये क्या, अचानक से भाभी ने भी मुझे पकड़ लिया.
जब उन्होंने मुझे पकड़ा तो फिर मेरे हाथ धीरे – धीरे भाभी की जांघों तक पहुंच गए और मैं उनकी जांघों को सहलाने लगा. इतना करने भी जब उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत और भी ज्यादा बढ़ गई.
फिर मैंने उनकी साड़ी ऊपर की और नीचे से अपना हाथ उनकी बुर तक पहुंचा दिया. थोड़ी देर इधर – उधर उंगली फिराने के बाद मैंने उनकी चूत में उंगली डाल दी. फच्च की आवाज के साथ उंगली उनकी चूत में घुस गई. जैसे ही मेरी उंगली उनकी चूत में गई वैसे ही उन्होंने साड़ी के ऊपर से ही मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन बाहर नहीं निकाला. हालांकि, हाथ पकड़ने की वजह से मैं उंगली अंदर – बाहर नहीं कर पा रहा था.
फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना दूसरा हाथ मेरे लन्ड पर रख दिया और उसे पकड़ के बोलीं – विनय, तुम्हारा लन्ड तो काफी बड़ा है. उनके मुंह से अपनी तारीफ सुन कर मैंने कहा – आपको पसंद तो आया न? इस पर उन्होंने कहा कि हां, बहुत अच्छा लगा.
उनके मुंह से ये सारी बातें सुन कर और जो मेरे साथ हो रहा था उसे महसूस करके मुझे लगा कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूं! तभी भाभी ने कहा कि विनय अब मुझसे रहा नहीं जा रहा, प्लीज जल्दी से अंदर डाल दो. मैंने कहा कि ठीक है भाभी.
फिर मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और भाभी ने मेरा लन्ड पकड़ के अपनी चूत के छेद पर रख दिया. दोस्तों, उनकी बुर काफी टाइट थी. इसलिए भाभी ने कहा कि विनय, जोर से धक्का मारो, मेरी बुर बहुत कम चोदी गई है इसलिए टाइट है.
उनकी ये बात सुन कर मैंने जोर से धक्का मारा. दोस्तों, मैं सच कह रहा हूं कि बुर काफी टाइट होने के बावजूद एक बार ही बार में मेरा पूरा लन्ड उनकी बुर को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. लन्ड अंदर लेकर भाभी बोलीं – विनय, मज़ा आ गया, ऐसा लन्ड मुझे आज तक नहीं मिला, चोदो मुझे जोर से चोदो, आह फाड़ दो आज मेरी इस नाज़ुक सी चूत को! भाभी ऐसे बोल – बोल के मुझे उत्तेजित कर रही थीं.
दोस्तों, मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना मज़ा आ रहा था. तभी भाभी कहने लगीं कि विनय, तुम्हारे लन्ड की वजह से मेरी बुर में दर्द होने लगा है लेकिन साथ मज़ा भी बहुत आ रहा है, ऐसा मज़ा जो आज तुम मुझे दे रहे हो मेरे पति से कभी नहीं मिला. फिर थोड़ा रुक के वो बोलीं “लेकिन दर्द बहुत हो रहा है”.
इस पर मैंने – बस भाभी थोड़ी देर रुक जाओ, मेरा निकलने वाला है. तब उन्होंने कहा ठीक है लेकिन अपना माल अंदर ही डालना. मैंने हां में अपना सिर हिलाया और फिर धक्के मारने की अपनी रफ्तार बढ़ा दी. थोड़ी ही देर में मेरे लन्ड ने उनकी बुर में ही पानी छोड़ दिया.
इससे भाभी खुश हो गईं और मुझे किस करने के बाद उठीं और अपने कमरे में चली गईं. दोस्तों, उस दिन के बाद से फिर मुझे जब भी मौका मिलता है मैं भाभी को अलग – अलग तरीकों से खूब चोदता था. फिर करीब 2 साल बाद हम वहां से शिफ्ट होकर दूसरे शहर चले गए और तब से मेरा भाभी से कोई संपर्क नहीं हो पाया. अब जब भी उनकी याद आती है मैं मुठ मार लेता हूं. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]