भाभी, मेरी सेक्स गुरु भाग – 2

अब पंकज ने रेखा को उल्टा किया और उसकी टांगें पकड़ कर बेड के निचे लटका दी और अपने लंड के सुपारे को रेखा की मस्त गोरी, चिकनी और भरी हुयी गांड के छेद पर रख कर एक ही बार में लंड उसकी गांड में डाल दिया. चूंकि रेखा इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए उसके मुंह से एक बहुत तेज़ चीख निकल गई और रेखा ने कहा, “हरामी साले, मार डालेगा क्या? जा जाकर अपनी बीबी की गांड मार”…

इस कहानी का पिछला भाग –
भाभी, मेरी सेक्स गुरु भाग – 1

अभी तक आप लोगों ने पढ़ा कि जब मैं अपनी छुट्टी मनाने भोपाल से इंदौर पंकज भैया और स्मिता भाभी, जिनकी लव मैरिज मैंने कराई थी के घर गया तो कुछ समय बाद मुझे स्मिता भाभी और पंकज के आपसी संबंधों के बारे में पता चला. मुझे पता चला कि पंकज का सबंध नीचे रहने वाली किराएदार रेखा से है. उसको रंगे हाथ पकड़ने का प्लान बनाकर हम मूवी देखने के बहाने घर से बाहर गए और फिर चुपके से वापस घर आ गए. अब आगे-

जैसे ही बेल बजी रेखा ने दरवाजा खोला. रेखा की उम्र लगभग 35 के आसपास है और वो एक विधवा है. उसके कोई बच्चा भी नहीं है और वो एक निजी कॉलेज में लैक्चरर है. उसका फिगर भी कमाल का है. करीब 35 की होने के बावजूद वो 30 की ही लगती थी.

उसके खुले बाल, भरा हुआ चेहरा, बड़े – बड़े दूध, मस्त चिकनी कमर और उभरी हुयी गांड देख कर सिर्फ ये कहा जा सकता है कि ऊपर वाले ने उसे सिर्फ चुदाई के लिए ही बनाया है. उसने अपने बदन पर एक बिल्कुल पतला सा गाउन डाल कर रखा था जोकि रेखा के बदन को ढकने की एक नाकाम कोशिश कर रहा था.

जैसे ही बेल बजी और रेखा ने दरवाजा खोला तो पंकज अंदर आ गया और फिर रेखा ने दरवाजा बंद कर दिया. इसके बाद फिर वो दोनों बैडरूम में आ गए. अब पंकज ने रेखा को बेड पर पटक दिया और अपने होठ रेखा के होठों पर रख दिए और एक हाथ से उसके बूब्स भी दबाने लगा.

रेखा भी कहां पी है रहने वाली थी वो भी पैंट के ऊपर से ही पंकज के लंड को मसल रही थी और फिर पंकज ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और रेखा को भी पूरी नंगी कर दिया. इधर मेरी हालत भी खस्ता थी क्योंकि मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था.

अब पंकज कभी रेखा के होंठों को चूमता तो कभी उसके निप्पलों को चूसता और कभी उसकी कानों की लौ को चूसता तो कभी उसकी हाथ की बगल को. फिर वो रेखा का पेट चूमते हुए उसकी चूत पर पहुंच गया. उसकी चूत पर हल्के – हल्के बाल थे.

अब वो उसकी चूत चाटने लगा. जिससे रेखा जोर – जोर से सिसकारी ले रही और अपने दोनों हाथ पंकज के सर पर रख के उसका मुंह अपनी चूत की ओर दबा रही थी. फिर पंकज नीचे लेटा और रेखा ने पंकज के लंड को गप से मुंह में ले लिया और चूसने लगी.

अब कभी वो उसका लंड चूसती तो कभी उसकी आंड को. पंकज भी मस्त हुआ जा रहा था और अब उसके मुंह से भी मादक आवाजें आने लगी थी.

पंकज रेखा से बोल रहा था, “और जोर से चूस मेरा लंड मेरी रांड, इतने मस्त तरीके से तो स्मिता ने कभी चूसा ही नहीं”. पंकज की बात सुन कर अब मैंने स्मिता की तरफ देखा तो उसने अपनी नज़रे नीचे कर ली. हालांकि मेरा मन तो नहीं था फिर भी मैंने स्मिता से कहा, “अब चलें यहां से?” तो उसने कहा, “नहीं, थोड़ी देर और रुकते हैं, मुझे इनकी बातें सुननी है.”

फिर थोड़ी देर रुक कर स्मिता ने कहा, “राहुल, तुम इनका वीडियो बना लो”. तो मैंने जेब से मोबाइल निकला अजर उसे फ्लाइट मोड पर करके उनका वीडियो बनाने लगा. अब पंकज ने रेखा को नीचे लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया और रेखा की चूत पर अपना लंड सेट करके एक ही धक्के में अपना पूरा लंड रेखा की चूत में डाल दिया.

जिससे रेखा के मुंह से एक हल्की सी चीख निकल गई. अब रेखा ने अपने दोनों हाथ पंकज की पीठ पर रख दिए और नीचे पड़े – पड़े कुछ बड़बड़ाए जा रही थी और बोल रही थी, “जोर से चोद और जोर से चोद”.

इधर पंकज भी लगातार धक्के दिए जा रहा था. अब रेखा का बदन अकड़ने लगा और एक चीख के साथ रेखा झड़ गयी. लेकिन पंकज का अभी नहीं हुआ था. अब रेखा ने पंकज को रोकना चाहा पर ऐसा कहां होता है? जब तक आदमी का माल नहीं निकलता तब तक उस पर शैतान सवार होता है.

अब पंकज ने रेखा को उल्टा किया और उसकी टांगें पकड़ कर बेड के निचे लटका दी और अपने लंड के सुपारे को रेखा की मस्त गोरी, चिकनी और भरी हुयी गांड के छेद पर रख कर एक ही बार में लंड उसकी गांड में डाल दिया. चूंकि रेखा इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए उसके मुंह से एक बहुत तेज़ चीख निकल गई और रेखा ने कहा, “हरामी साले, मार डालेगा क्या? जा जाकर अपनी बीबी की गांड मार”.

फिर पंकज ने कहा, “अरे, स्मिता तो चूत भी सही से नहीं देती गाँड को क्या हाथ लगाने देगी? तभी तो अपनी सारी इच्छाओं को तुझ से पूरा करता हूँ मेरी रांड साली छिनाल”.

फिर रेखा ने कहा, “चलो अच्छा ही है वरना मुझे इतना मस्त लौड़ा कहां मिलता?” फिर इतना बोल कर दोनों जोर – जोर से हँसने लगे. तभी 4 – 5 धक्को में पंकज डिस्चार्ज हो गया और वो दोनों नंगे ही लेटे रहे. अब हम भी दबे पांव वहां से निकल आये और कार में बैठ गए.

स्मिता लगातार रो रही थी और कह रही थी, “मुझ में ऐसी क्या कमी है राहुल जो पंकज मेरे साथ ऐसा कर रहा?” अब मैंने मन में सोचा कि राहुल बेटा मौका अच्छा है लोहा गरम है मार दे हथौड़ा. यही सोच कर फिर मैंने स्मिता से कहा, “नहीं स्मिता, तुम में कोई कमी नहीं है. पंकज तो गधा है जो तुम जैसी खूबसूरत लड़की की कदर नहीं कर रहा. उसकी जगह पर मैं होता तो तुम जैसी खूबसूरत लड़की को एक पल के लिए अपने से जुदा नहीं करता”.

यह सुन कर स्मिता खुश होते हुए बोली, “सच में राहुल”? तो मैंने कहा, “हां स्मिता, मैं सच बोल रहा हूं”. इतने कहते ही उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. अब मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उसे अपने सीने से चिपका लिया और फिर धीरे – धीरे करके उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगा.

इस कहानी का अगला भाग – भाभी, मेरी सेक्स गुरु भाग – 3
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