मैंने कहा, “बहुत मस्त पिक्चर थी यार, हीरोइन तो इतनी हॉट थी कि बता ही नहीं सकता”. स्मिता समझ गयी थी कि मैं रेखा की बात कर रहा हूँ. तभी स्मिता ने मुझे घूर के देखा और कहा, “क्या खाक हॉट थी, बुड्ढी थी बुड्ढी”. अब पंकज और मैं जोर – जोर से हँसने लगे. फिर पंकज ने कहा अरे पागल राहुल तुम्हें चिढ़ा रहा है और फिर हम लोग ऐसे हँसी मज़ाक करते रहे…
इस कहानी का पिछला भाग – भाभी, मेरी सेक्स गुरु भाग – 2
इस कहानी में अभी तक अपने पढ़ा कि कैसे मैं और स्मिता ने पंकज को रेखा के साथ चुदाई करते देखा. अब उसके आगे-
थोड़ी देर तक उसकी पीठ पर हाथ फेरने के बाद मैंने उससे कहा, “स्मिता, मुझे तुमसे कुछ कहना है”. तो उसने कहा, “हां, बोलो राहुल”. तब मैंने कहा, “जबसे मैंने तुम्हें देखा है तब से मैं तुम्हें प्यार करने लगा हूँ, आई लव यू स्मिता”.
मेरा इतना कहना था कि स्मिता खुशी से बोल पड़ी, “ओह सच में राहुल, आई लव यू टू राहुल. मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ”. अब फिर क्या था मैंने स्मिता के बाल पकड़े और उसके होंठों पर एक लंबा किस किया और उसे तब नहीं छोड़ा जब तक वो छटपटाने नहीं लगी.
फिर वो जैसे ही मुझ से अलग हुई उसने कहा, “लिप किस के मामले में तो तुम इमरान हाशमी के भी बाप हो”. फिर हम दोनों जोर से हंसने लगे और फिर मैंने कार स्टार्ट की और हम दोनों एक बढ़िया कॉफ़ी शॉप में गए. वहां हमने कॉफ़ी पी. कॉफी शॉप में भी सब की नज़र स्मिता पर ही थी.
यह देख मैंने स्मिता से कहा, “देखा, सब तुम्हें कैसे घूर रहे हैं”. इस पर स्मिता ने कुछ नहीं कहा बस एक नज़र उठा कर सिर्फ मुझे देखा और मुस्करा दी और फिर नज़र नीचे कर के कॉफी पीने लगी.
अब मैंने घड़ी में टाइम देखा तो शाम के 6:30 बज चुके थे. फिर मैंने बिल पे किया और हम घर के लिए निकल पड़े. रास्ते में मैंने स्मिता को समझा दिया था कि घर पर कोई ओवर रिएक्शन ना करे. हम घर पहुंच गए तो देखा कि पंकज टीवी देख रहा था. हमें देखते ही वो पूछ बैठा, “और कैसी लगी पिक्चर”?
तो मैंने कहा, “बहुत मस्त पिक्चर थी यार, हीरोइन तो इतनी हॉट थी कि बता ही नहीं सकता”. स्मिता समझ गयी थी कि मैं रेखा की बात कर रहा हूँ. तभी स्मिता ने मुझे घूर के देखा और कहा, “क्या खाक हॉट थी, बुड्ढी थी बुड्ढी”. अब पंकज और मैं जोर – जोर से हँसने लगे. फिर पंकज ने कहा अरे पागल राहुल तुम्हें चिढ़ा रहा है और फिर हम लोग ऐसे हँसी मज़ाक करते रहे.
रात में हम तीनों ने साथ में खाना खाया और फिर सोने चले गए पर मेरी आंखों से नींद कोसों दूर थी. जब आपका कोई सपना पूरा होता है ना दोस्तों तो नींद उड़ ही जाती है. खैर, जैसे – तैसे मैं सो गया और सुबह देर से उठा और टाइम देखा तो 11 बज चुका था. मैं उस टाइम सिर्फ अंडरवीअर में ही था और मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ था.
फिर मैंने आवाज़ दी, “भाभी चाय”. तो स्मिता ने कहा, “रुको बस 5 मिनट में लायी”. और जैसे ही स्मिता चाय लेकर आई मैं तो उसे देखता ही रह गया. स्मिता ने एक सिल्क का पतला सा गाउन पहना हुआ था और शायद अभी थोड़ी देर ही पहले उसने नहाया था. क्योंकि उसके बालों से पानी अब भी गिर रहा था.
अब मैंने अपने आपको संभला और पूछा पंकज कहाँ है? भाभी ने बताया कि पंकज तो आज सुबह ऑफिस जल्दी चले गये. अब मैंने पूछा कि कब तक आएंगे? तो स्मिता ने कहा, “शाम को 6 बजे तक आएंगे”. अब तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. मैं बिस्तर से उठा और झाडू लगा रही स्मिता भाभी को पीछे से जाकर पकड़ लिया और उनके बूब्स को जोर -जोर से दबाने लगा. उधर मेरा लंड भी उनकी गांड की दरार में घुसने लगा.
अब स्मिता भाभी बोली, “राहुल, क्या कर रहे हो? पहले काम तो निपटा लेने दो, फिर आराम से जो तुम्हें करना हो कर लेना.” तो मैंने कहा, “प्लीज़ भाभी, आज मत रोको, मैंने कभी किसी के साथ नहीं किया”. यह सुन कर भाभी ने कहा, “सच में भोपाल में तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है क्या?”
तो मैंने कहा, “है भाभी, पर उनके साथ सिर्फ किस, और बूब्स दबाना ही किया है”. तो भाभी ने पूछा, “सेक्स क्यों नहीं किया?” तो मैंने कहा, “बच्चा ना हो जाये इसलिये नहीं किया.” अब भाभी ने कहा, “अरे बुद्धू, बच्चा ऐसे थोड़ी होता”. तो मैंने पूछा, “फिर कैसे होता है?”
अब उन्होंने कहा, “छोड़, आज मैं तुझे सब सिखाऊँगी, चल बेडरूम में चलते हैं”. फिर हम जैसे ही बेडरूम में गए भाभी अपने कपड़े उतारने लगी. तो मैंने कहा, “रुको भाभी, मैं उतरता हूँ”. और फिर मैंने उनका गाउन उतार दिया.
अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने उनकी ब्रा और पेंटी भी उतार दी. अब मैं उनके बदन को निहारे जा रहा था और सोच रहा था कि ऊपर वाले ने वाकई उसे फुरसत से बनाया होगा. उसके मस्त उठे हुए गोरे – गोरे बूब्स, उसकी खड़ी चूचियाँ, पतली सी कमर और मस्त उभरी हुई गोरी चिकनी गांड को देख कर तो मैं बस भाभी पर टूट पड़ा लेकिन उन्होंने कहा कि थोड़ा सब्र रखो नहीं तो कुछ सीख नहीं पाओगे.
यह सुन कर मैंने कहा, “ठीक है” और फिर मैं रुक गया. फिर स्मिता ने कहा, “अब अपना अंडरवीअर उतार दो”. तो मैंने कहा, “तुम उतार दो न”. तो भाभी ने कहा, “अच्छा ठीक है” और उन्होंने मुझे बेड पर बैठने को कहा तो मैं बेड पर बैठ गया और वो मेरे पेरों के पास बैठ गईं.
फिर उन्होंने अपने दोनों हाथों से जैसे ही मेरा अंडरवीअर उतारा वैसे ही मेरा 7 इंच का काला लंड जोकि फुल उफान पर था लहराता हुआ बाहर निकल आया. उसे देख भाभी एक दम से डर गयी और बोली, “राहुल, ये क्या है! ये तो मुझे ऐसे घूर रहा है जैसे कि मेरी चटनी ही बना देगा”.
तो मैंने कहा, “भाभी, बस आपकी सेवा में है”. फिर भाभी ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा उसकी खाल ऊपर – नीचे करने करने लगी और धीरे – धीरे किस भी कर रही थी. अब भाभी ने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया था. वो बेतहाशा मेरे लंड को चूसे जा रही थी. जिससे मैं पागल हो रहा था.
अब मैं उनके बाल पकड़ कर उनके मुंह को चोदने लगा था. तभी मैंने कहा, “भाभी, मेरा होने वाला है”. तो उन्होंने लंड बाहर निकाला और जोर – जोर से मुठ मारने लगी. थोड़ी ही देर में मेरा पूरा माल बाहर आ गया. जिससे उनका पूरा हाथ भर गया था. फिर उन्होंने एक कपड़े से सब साफ किया और लेट गयी और कहा, “अब तुम मेरे होंठों को चूमो और चूसो”.
उनका आदेश पाकर मैंने वैसे ही किया. मैंने देखा था कि पंकज ने रेखा को कैसे चोदा था तो मैं भी वैसे ही करने लगा. कभी उसके कानो की लौ को चूमता तो कभी उसकी बगल को. जिससे स्मिता उत्तेजित होकर बहुत तेज़ – तेज़ सिसकारी ले रही रही थी.
फिर मैं उसके बूब्स चूसने लगा और निप्पलों को कभी चूसता तो कभी काटता. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैं उसका पेट चूमने लगा और फिर उसकी जाँघों पर आ गया. उधर वो बार – बार मेरा मुंह अपनी चूत की तरफ कर रही थी. तो मैंने कहा, “मैं चूत नहीं चाटूँगा”. तो स्मिता ने कहा, “राहुल, औरत के शरीर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं होता जिसे कि तुम चूम और चाट ना सको. मैं जैसा कह रही हूँ वैसा ही करो.”
फिर मैंने स्मिता की चूत चाटना शुरू कर दिया. पहले तो मुझे अटपटा सा लगा ल6 फिर बाद काफी मज़ा आया. दोस्तों, फिर मैंने स्मिता के दोनों पैर अपने कन्धे पर रखे और अपने दोनों हाथ उसकी गाँड पर रख दिये और झुक कर मैं उसकी चूत लगातार चाटे जा रहा था. उधर भाभी मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में घुसाने की नाकाम कोशिश किये जा रही थी.
फिर मैंने अपना मुंह उनकी चूत से हटाया और अपने लंड को भाभी की चूत पर सेट करने लगा तो भाभी ने कहा, “राहुल, आराम से करना, एक साल से इस चूत ने लंड नहीं लिया है”. तो मैंने कहा, “ठीक है भाभी”. और फिर मैंने एक हल्का सा धक्का मारा तो चूत गीली होने की वजह से आधा लंड चूत में घुस गया. इस धक्के की वजह से भाभी को दर्द हुआ और भाभी चीख पड़ी और बोली, “हरामी, धीरे डालने को बोला था ना?”
तो मैंने सॉरी कहा और फिर धीरे – धीरे लंड अंदर – बाहर करने लगा. अब उनकी चीख़ सिसकारी में बदल गयी थी और मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिये थे. भाभी भी अब अपनी मस्त गाण्ड उठा – उठा कर चुद रही थीं. तभी उनके बदन में एक दम से अकड़न हुई और एक हल्की सी चीख के साथ वो डिस्चार्ज हो गईं.
थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “भाभी, अब मैं भी आने वाला हूँ, बोलो कहां निकलूं?” तो भाभी ने कहा, “अंदर ही डाल दे बाद में मैं गोली ले लूंगी”. वैसे भी उनकी चूत की ज़मीन एक साल से सूखी पड़ी थी इसलिए उसकी प्यास तो बुझानी ही थी. फिर 5-7 धक्कों के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.
अब हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और फिर उन्होंने मुझे किस किया और थैंक्स बोला. बाद में मैं जितने दिन वहां रहा मुझे रोज भाभी से कुछ न कुछ नया सिखने को मिलता रहा.
तो दोस्तों आपको मेरी कहानी कैसी लगी? मुझे ईमेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]
Super