भाभी की टट्टी से भरी हुई गांड़

वो अपनी चूत मेरे मुंह पर रगङने लगीं और मै गाउन में मुंह डाले उनकी चूत चाट रहा था. आह क्या चूत थी यार एकदम नमकीन सी. भाभी सिसकारियां ले रही थीं. इधर वो आह आह कर रहीं थीं उधर मैं उनकी चूत को मजे से चाट रहा था. तभी अचानक वह हुआ जो मैने सोचा ही नहीं था. भाभी बोली – चाट मादरचोद, चाट इसको, आह चाट कुत्ते. ये कहते – कहते भाभी ने मेरे मुंह में मूतना शुरू कर दिया…

मेरा नाम रोहित है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूं. मैं बचपन से काफी शरीफ लड़का था लेकिन उम्र के साथ – साथ कुछ बुरी आदतें पड़ गयी, जैसे मुठ मारना. अब मैं अपनी कहानी की शुरुआत करता हूं. ये कहानी मेरी और मेरी चचेरी भाभी मोनिका की है. मोनिका के पति मुम्बई में काम करते हैं और तीन चार महीने में आते हैं. दोस्तों मेरी भाभी बहुत गजब की माल हैं. उनका साइज 36-32-36 है. मेरे चचेरे भाई धार्मिक प्रवृति के हे़ैं.

अब मैं कहानी की शुरुआत करता हूं. वह दिन होली का था सब लोग भाभियों को रंगने में लगे थे. मैं भाभी को रंगने उनके घर गया तो देखा घर पर कोई नहीं था. भाभी की 5 साल की एक गुड़िया है. वो बाहर खेलने गयी थी. मैंने आवाज लगायी तो भाभी बोली मैं नहा रही हूं. मैंने रंगने का पूरा प्लान बना रखा था, तो मैं बाथरूम के पास ही छुप गया.

भाभी नहा कर रूम की तरफ जाने लगीं तो मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और रंगने लगा. भाभी चौंक गयीं और बचने की कोशिश करने लगीं, लेकिन मैं उनके गालों पर, गर्दन पर, हर जगह रंग लगाता रहा. भाभी देखती ही रह गयीं और अब बस धीरे – धीरे मुस्कुरा रही थीं. बीच में मैंने उनकी गान्ड और बूब्स भी छू लिया था. छूते ही भाभी की थोड़ी सी सिसकारी निकल गयी.

मेरा लन्ड भी पूरा खड़ा हो गया था. मै रंगने के बाद घर आया और नहाते समय भाभी के नाम की मुठ मारी. अब भाभी मुझे जब भी देखती तो मुस्कुरा देती और मैं भी मुस्करा देता. भाभी का व्यवहार उस दिन के बाद से मेरे लिये पूरा बदल गया था. एक दिन गुड़िया आयी और बोली – चाचू, आपको मम्मी बुला रही हैं. मैं तुरंत ही भाभी के पास पहुंच गया. भाभी किचन में थी और उन्होंने गाउन पहना हुआ था, जिसमें वह बहुत ही मस्त लग रही थीं.

मेरे पहुंचते ही भाभी मुस्कुरा कर बोली – क्या हाल है रंगीले देवर जी?

मैं बोला – ठीक हूं भाभी.

इसपर वो बोली – उस दिन तो बड़ी रंगबाजी सूझ रही थी.

मैंने कहा कुछ नहीं बस मुस्करा दिया.

भाभी बोली – मेरे किचन में यह बल्ब लगाने में मेरी हेल्प कर दो.

तो मैने बल्ब लगा दिया और भाभी चाय बनाने लगीं और बोली कि चाय पीकर जाना. हम चाय पीते – पीते बातें कर रहे थे तो भाभी मुझसे बोलीं कि अपना नम्बर देकर जाना. कभी कोई काम हो तो जरूरत पड़ती है. तो मैंने मजाक में कह दिया – भाभी आपके लिये तो मैं आधी रात को भी हाजिर हूं और फिर हंसने लगा.

भाभी भी बहुत तेज थीं बोली – ठीक है फिर आधी रात को ही बताउंगी काम और वो भी फिर हंसने लगीं. नजर ही नजर में हमारी बात हो गयी. अभी रात हुई ही थी कि दस बजे भाभी का मिस काल आया. मैंने वापस काल लगाया और भाभी से बोला – कैसी हो भाभी जान. तो उसने जबाब दिया – बस मस्त हूं देवर जी. मैं बोला – हां मस्त तो हो ही आप.

फिर मैंने पूंछा भाभी कैसे काल किया. वो बोली गुड़िया के हांथ से गलती से लग गया था. मैं उनका इशारा समझ गया. फिर अगले दिन रात में 11 बजे मैंने उन्हें फिर काल किया और भाभी से बात की.

फोन उठाते ही भाभी बोली – सोये नहीं क्या अभी तक?

मैं बोला – जवानी में नींद कहां आती है भाभी.

वो बोलीं – देवर जी, नींद तो हमें भी नहीं आती, पर क्या करें परदेशी की जोरु हूं, इन्तजार के सिवा कर ही क्या सकती हूं?

मैं बोला – भाभी, हमने कहा था न आधी रात को भी याद कर लेना हम हाजिर हैं.

तो भाभी बोली – हां कर तो लिया याद जालिम, अब हो जा हाजिर.

मैंने कहा – आ जाऊं क्या?

वो बोली – आ जा.

मै रात में दीवार कूद कर उनके घर पहुंच गया. भाभी चौक में गाउन पहने खड़ी थीं और गुड़िया रूम में सो रही थी और रूम बाहर से बन्द था. भाभी मुझे देखकर बहुत खुश हुईं और मैंने जाते ही उनको बाहों में भर लिया और चूमने लगा.

भाभी बोली – हाय जालिम! इतनी भी क्या बेताबी है, रूम के अन्दर तो चलो.

हम दोनों रूम में गये.

अंदर जाते ही भाभी बोलीं – मुझे डर्टी सेक्स पसन्द है.

तो मैंने कहा – भाभी जान हम तो आपके गुलाम हैं, आप जो आदेश करेंगीं हमे मन्जूर है.

ये बात भाभी को बहुत पसन्द आयी और भाभी ने कहा – ठीक है फिर नीचे घुटनों के बल बैठ जा.

मैं बैठ गया और भाभी मेरे बाल पकड़ कर मेरा मुंह को गाउन के भीतर कर दिया और भाभी ने टांगे थोड़ी सी खोली और मेरा मुंह अपनी चूत पर लगा दिया और गाउन को फिर से नीचे कर दिया. अब मैं भाभी की टांगों के बीच उनके गाउन के अन्दर बैठा था.

वो अपनी चूत मेरे मुंह पर रगङने लगीं और मै गाउन में मुंह डाले उनकी चूत चाट रहा था. आह क्या चूत थी यार एकदम नमकीन सी. भाभी सिसकारियां ले रही थीं. इधर वो आह आह कर रहीं थीं उधर मैं उनकी चूत को मजे से चाट रहा था. तभी अचानक वह हुआ जो मैने सोचा ही नहीं था. भाभी बोली – चाट मादरचोद, चाट इसको, आह चाट कुत्ते. ये कहते – कहते भाभी ने मेरे मुंह में मूतना शुरू कर दिया.

मै चौंक कर खङा हो गया और बोला – ये क्या कर रही हो भाभी?

तो वो बोली – गुलाम बने हो ना मेरे, तो मैं जो बोल रही हूं करो.

इतना कह कर भाभी ने अपने पैर से मेरी छाती पर जोर देकर नीचे गिरा दिया और गाउन उठा कर मुंह में मूतने लगी. आह भाभी का गरम – गरम मूत मेरे मुंह में जा रहा था और भाभी गालियाँ देती जा रही थी – बहन चोद कुत्ते मेरा मूत पी जा साले और आह आह करके जोर – जोर से चूत रगड़ती रही और मेरे मुंह पर ही झड गयी.

अब भाभी ने मेरे मुंह पर बैठे – बैठे ही मेरी पैन्ट उतार दी और लन्ड को हिलाने लगीं और उसे चूमकर बोली बाथरूम जाकर आती हूं, तुम साथ चलोगे? मैंने स्वीकृति दे दी. भाभी आगे – आगे और मैं उनके पीछे – पीछे बाथरूम में चला गया. भाभी वेस्टर्न टॉइलेट पर बैठ गयी और फ्रेस होने लगीं और मुझे पास बुलाकर मेरे होंठों पर किस करने लगीं.

भाभी फ्रेस होते समय मुझे किस करती रही और फिर फ्रेस होते ही बिना गांड धोए खड़ी हो गईं. मैं बोला – जान धो लो फिर चलते है रूम में. इतने में भाभी बोली – साले तेरे जैसा कुता क्या करेगा जब मैं खुद धोऊंगी. इतना कह कर भाभी ने मेरे बाल पकड़ लिया और अपनी गान्ड मेरे मुंह के सामने कर दी और फिर बोली चाट साले इसे.

मैं चौंक गया और सोचने लगा करूं तो करूं क्या? मैंने भाभी को मना किया, तो वो बोली अगर चोदना है तो चाट इसे. मैं क्या करता, चुपचाप भाभी की गान्ड चाटने लगा. भाभी मस्त होकर गान्ड चटवा रही थी. कुछ देर बाद भाभी घोड़ी बन कर गान्ड चोड़ी कर ली और बोली मादरचोद जीभ घुसा दे अन्दर. मैंएक नौकर की तरह उनकी हर बात मान रहा. अब मैंने अपनी जीभ उनकी गांड़ में घुसा दी घुसा दी.

भाभी गान्ड हिला – हिलाकर चटवा रही थीं. करीब 20 मिनट गान्ड चटवाने के बाद भाभी बोली अब चोद साले मुझे. अब भाभी मेरे सामने आयी और अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी. फिर उन्होंने एक पैर टॉइलेट की सीट पर रख दिया और मेरा लन्ड पकड़ तर अपनी चूत पर सेट किया और मैंने एक ही झटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया.

अब मैं भाभी की चूत में जोर – जोर से झटके मार रहा था. भाभी जोर – जोर से चिल्ला रही थीं – चोद आहह, चोद साले, चोद – चोद कर मुझे अपनी रन्डी बना ले, आहहह. अब मैंने भाभी को घोड़ी बना दिया और उनकी गान्ड में अपना लन्ड घुसा दिया और भाभी के बूब्स अपने हांथों में पकड़ कर चोदने लगा. भाभी की गान्ड से घप्प – घप्प की आवाज आ रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. अब मैं झड़ने वाला था. मैंने अपना सारा वीर्य भाभी की गान्ड में ही छोड़ दिया. फिर मैंने पानी से भाभी की गान्ड धोई और फिर हम रूम पर चले गये.

दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी. अगर पसन्द आयी और आप चाहते हों कि मैं और लिखूं तो कृपया मुझे इमेल जरूर करें.

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49 thoughts on “भाभी की टट्टी से भरी हुई गांड़”

  1. Teri jagj mein hota to mein western toilet mein muh dal k uski tatti khata or uske chut ka garma garm pani uske chut ke baal uska pure jism ka har ek chij khata uski vomiting bhi

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  2. Meri tatti or moot kon chatega.. Khub maja aayega.. Bolo bolo.. Ekdam.. Figure hai 38-30-34. Chatne ke baad ka maaza double..👅

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  3. मुझे भी इसी ही बीबी चाइए जो रोज़ मेरे मु में अपनी tatti और पिसाब निकाले

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  4. Deepti ji m chahta hu ap mere muh m beth tatti kro or m apki puri tatti khaa jaau …. M apka kuuta banna chahta hu subha shaam apki tatti khaunga . moot piunga .

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