भाभी ने थियेटर में ले लिया भाग – 1

खैर, फिर हम लोग बैठ गये. अब फिल्म चालू हो गई थी. अचानक मूवी में हॉट सीन्स आने लगे तो मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो भी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.
चूंकि हमारी सीट साथ में ही थी इसलिए भाभी के पैर मेरे पैर को छू रहे थे. जिससे मुझे अजीब सा महसूस हुआ. कुछ पल तो ऐसा लगा जैसे भाभी अपने पैर जानबूझ के मेरे पैर से छुआ रही हो…

नमस्कार दोस्तों! आज मैं जो कहानी आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वो मेरे साथ घटी हुई एक सत्य घटना है. तो दोस्तों अब मैं बिना किसी घुमाव फिराव के सीधा अपने मुद्दे पर आता हूँ.

दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और मैं बिहार का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र अभी 20 साल है. मैं अपनी तारीफ़ नहीं करना चाहता लेकिन आप लोगों से इतना जरूर बताना चाहूंगा कि किसी भी लड़की को जन्नत का मज़ा देने में मैं पीछे नहीं हटता हूँ.

मेरी यह कहानी है करीब 2 साल पहले की है. उस समय मैं दिल्ली में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और काफी दिन बाद छुट्टी में अपने घर आया हुआ था. काफी दिन बाद घर आने पर घर के सभी लोग मुझे बहुत प्यार कर रहे थे.

दोस्तों, मैं आपको बता दूं कि मेरे घर में मैं, मेरे बड़े भैया – भाभी और मम्मी पापा ही रहते हैं. मेरी भाभी काफी खुले मिजाज की हैं और मैं अपनी भाभी से काफी खुल कर बात करता हूँ और बात करने में वो भी मेरा भर पूर साथ देती हैं. अभी तक तो भाभी के लिए मेरे दिल में कोई भावनाएं नहीं थी न ही कोई गलत विचार था.

मैं आपको थोड़ा अपनी भाभी के बारे में भी बता दूं. दोस्तों, मेरी भाभी एक सरकारी शिक्षिका हैं और कभी – कभी इस सिलसिले में उन्हें शहर से बाहर भी जाना पड़ता है. मेरे घर पर रहते हुए उस दिन भी ऐसा ही कुछ उस दिन हुआ. उस दिन भाभी को ट्रेनिंग के लिए पटना जाना था. वैसे तो भैया ही भाभी को लेकर जाते हैं लेकिन उस दिन भैया ने मुझसे बोला – आर्यन मुझे कुछ जरूरी काम है तू अपने भाभी को ले के पटना चला जा.

मैंने भी सोचा कि घर पर रह कर मैं बोर ही हो रहा हूँ तो चला जाऊं भाभी के साथ ही. इसी बहाने टाइम पास भी हो जाएगा. यह सोच कर मैंने भैया को बोला – ठीक है, मैं चला जाऊंगा.

अगली सुबह ही हम दोनों ट्रेन पकड़ कर पटना चले गये.
वहाँ जाकर पहले हमने एक होटल में खाना खाया और फिर ट्रेनिंग के लिए सेंटर पर पहुंच गए. करीब चार घंटे की भाभी की ट्रेनिंग थी. ट्रेनिंग के खत्म होने के बाद भाभी मुझसे बोली – चलो, अब घर चलते हैं.

फिर हम रेलवे स्टेशन गए तो वहां हमने देखा कि उस टाइम तो कोई ट्रेन ही नहीं थी. फिर हम लोग बस स्टैंड गये लेकिन उसी दिन बस स्ट्राइक भी थी. जिसकी वजह से हमें बस भी न मिली. फिर आखिरकार हमने तय किया कि आज की रात हमें होटल में ही रहते हैं फिर कल सुबह होते ही हम ट्रेन पकड़ लेंगें.

यह निश्चित करके फिर हमने जाकर एक रूम बुक कर लिया और अंदर चले गए. मैंने आपको पहले ही बताया है कि मेरी और मेरी भाभी के बीच काफी बनती है तो मैंने भाभी से बोला – भाभी, आज मूवी देखने चलें? वैसे भी आपको कभी मूवी देखने का मौका नहीं मिलता.

भाभी बिना किसी न – नुकर के मेरी बात मान गयी लेकिन बोली कि पहले खाना खा लेते हैं फिर चलेंगें. अभी तो मेरे पेट में चूहे दौड़ रहे हैं.

मुझे भी याद आया कि भूख तो मुझे भी लगी है तगड़ी वाली तो मैंने बोला – ठीक है खाने के बाद ही चलेंगें.

फिर हम एक बढ़िया रेस्टोरेंट में गये और खाना खाने के बाद हम मूवी देखने के लिए निकल पड़े. हम सबसे नजदीक वाले सिनेमा हॉल गए. वहां पर ‘हेट स्टोरी’ मूवी लगी हुई थी. जिसके पोस्टर भी काफी सेक्सी टाइप के थे. जिन्हें देख कर भाभी मुझसे बोली – आर्यन, कोई दूसरी मूवी नहीं मिली तुझे देखने आने के लिए?

मैं भाभी की तरफ शरारती नजरों से देखते हुए बोला – क्यों भाभी, इस मूवी में क्या गलत है?

मेरी शरारत भरी मुस्कान देख लर भाभी भी मुस्करा कर बोली – बहुत शैतान हो गये हो तुम.

मैंने फिर से मुस्कुरा दिया और बोला – अच्छा, अब चलो भी.

फिर हमने टिकट ले लिया. सौभाग्य से हमें कार्नर वाली सीट ही मिली थी. अन्दर काफी अँधेरा था इसलिए भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और साथ में चलने लगी. यह देख कर मैं बोला – क्यों भाभी, भैया की याद आ रही क्या?

यह सुन कर वो बोली – धत्त पागल नहीं तो.

खैर, फिर हम लोग बैठ गये. अब फिल्म चालू हो गई थी. अचानक मूवी में हॉट सीन्स आने लगे तो मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो भी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.
चूंकि हमारी सीट साथ में ही थी इसलिए भाभी के पैर मेरे पैर को छू रहे थे. जिससे मुझे अजीब सा महसूस हुआ. कुछ पल तो ऐसा लगा जैसे भाभी अपने पैर जानबूझ के मेरे पैर से छुआ रही हो.

अब मेरा मन भी मचलने लगा था तो मैंने भाभी के हाथ को धीरे से छू लिया. मेरे हाथ छूने पर वो मेरी तरफ देखी लेकिन मुझसे कुछ न बोली. जिससे मेरी भी थोड़ी हिम्मत बढ़ गई और मैं उनके हाथों को सहलाने लगा. उन्हें भी शायद अच्छा लग रहा था लेकिन अभी तक उन्होंने मेरा साथ नहीं दिया था.

अब मैं भाभी के हाथ को पकड़ कर दबा रहा था. फिर मैंने उनका हाथ उठा कर अपने पैंट के ऊपर रख दिया. मेरा लंड तो पैंट फाड़ने को एक दम बेचैन सा लग रहा था. लन्ड पर भाभी का हाथ रखने के बाद भाभी ने मेरी तरफ देखा और थोड़ा मुस्कुराई. मैं समझ गया कि लाइन क्लियर है.

फिर क्या था! अब मैंने उनके बाल में अपना हाथ डाल दिया और उन्जें अपनी तरह खींच लिया. दूसरे ही पल उनके होंठ मेरे होंठों में कैद हो चुके थे. मैं पूरी मस्ती के साथ उन्हें चूस रहा था और वो मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही मसल रही थी. अब मैंने अपनी पैंट का जिप खोल दिया. भाभी अब मेरे लंड को पकड़ के दबा रही थी और बीच – बीच में मसल भी रही थी. तब मैंने भाभी को धीरे से कहा – भाभी चूसो न इसे.

वो मान गयी और फिर वो झुक कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए मेरा लन्ड चूसने लगी. क्या बताऊ दोस्तों कितना मज़ा आ रहा था! मेरी तो आह निकल गयी. मुझे सच में बहुत मज़ा आ रहा था. करीब दस मिनट तक लन्ड चुसवाने के बाद मैंने भाभी के मुंह में अपना पानी छोड़ दिया. भाभी वो सारा पानी गटक गई. फ़िल्म अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि भाभी मुझसे बोली – चलो रूम पर चलते हैं.

इंटरवल आने ही वाला था. इंटरवल हुआ और हम दोनों बाहर निकल कर ऑटो किया और होटल आ गए.

इस कहानी का अगला भाग – भाभी ने थियेटर में ले लिया भाग – 2

दोस्तों आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताइयेगा. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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