भाभी की वासना जाग उठी

भैया के बाहर रहने के कारण भाभी प्यासी रह जाती थीं. मैं उनके साथ सेक्स तो करना चाहता था लेकिन फिर क्या होगा यही सोच कर मैं डर जाता था. एक बार मैं भाभी के घर गया और तब उन्होंने खुद आगे बढ़कर मुझसे चुदवाया…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम वासु गुप्ता है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. दिखने में काफी स्मार्ट और क्यूट हूँ. अभी मेरी उम्र 21 साल है. दोस्तों, मैं वाकई में बहुत ही ज्यादा क्यूट दिखता हूँ.

वैसे तो मैंने बहुत सी लड़कियों के साथ सेक्स किया है लेकिन आज मैं आप लोगों के साथ अपनी पहली कहानी शेयर करने जा रहा हूँ. उम्मीद है आप सब को जरूर पसन्द आएगी. एक बात और यह पूरी तरह सच्ची कहानी है. इसमें तनिक भी झूठ नहीं है.

बात 1 सप्ताह पहले की है. तब मैं अपनी भाभी के घर पर टाइम पास करने के लिए गया था. दोस्तों, मेरी भाभी में मुझे कोई खास इंटरेस्ट नहीं है क्योंकि वह मेरे लेवल की नहीं थीं लेकिन कभी – कभी उनके साथ सेक्स करने का ख्याल आता था. तब मैं केवल ख्याल से ही खुश हो जाता था.

उस दिन मैं उनके घर पर टीवी देख रहा था. टीवी में हॉरर मूवी आ रही थी. मेरा सारा ध्यान टीवी पर ही था. तभी अचानक भाभी मेरे पास आई और वहीं बेड पर लेट गईं. पहले तो मुझे सब नॉर्मल ही लग रहा था. लेकिन फिर कुछ देर बाद भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. यह देख मुझे लगा कि शायद हॉरर मूवी देख कर उन्हें डर लगा है, इसलिए उन्होंने ऐसा किया है. लेकिन मैं गलत था.

थोड़ी देर बाद मुझे एहसास हुआ कि भाभी अपनी एक उंगली को मेरी कलाई पर रब कर रही थीं. जब मैंने अपनी कलाई की तरफ देखा तो वो मुस्कुराते हुए अपना काम कर रही थीं. यह देख मैं समझ गया कि कुछ तो लोचा है आज. फिर मैंने भाभी की तरफ देखा और उन्होंने भी मेरी तरफ देखा लेकिन उन्होंने रिएक्ट नॉर्मल तरीके से ही किया.

कुछ देर बाद अचानक उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपने चेस्ट पर रख लिया. मुझे उनकी सांसें फील हो रही थीं. मैं समझ गया था कि भाभी क्या चाहती हैं और उनके मन में क्या चल रहा है. फिर उन्होंने मेरे सीने पर अपना हाथ रखा और धीरे – धीरे फेरने लगीं. लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी मैंने कोई खास रेस्पॉन्स नहीं दिया. मुझे डर था कि कहीं अगर भैया को पता चल गया तो बहुत बड़ा पंगा हो जाएगा.

तभी अचानक भाभी उठ कर बैठ गईं और मुझे अपनी तरफ खींच कर सीने से लगा लिया. लेकिन मैं किसी तरह उनकी पकड़ को ढीली करके उनसे अलग हो गया.

तब भाभी ने फिर से मुझे अपने पास खींच लिया और बोलीं कि मुझे माफ कर दो, आपके भाई तो घर पर रहते नहीं हैं इसलिए मैं प्यासी रह जाती हूँ और कभी – कभी अचानक मेरी वासना जाग जाती है और खुद को कंट्रोल नहीं कर पाती. आज भी वैसा ही हुआ है. इतना कह कर वो रोने लगीं. फिर मैंने अपने हाथों से उनके आंसू पोछे और उन्हें गले से लगाते हुए उनके गाल पर एक हल्का सा किस किया और बोला कि भाभी मैं रेडी हूँ.

तब मैं भाभी के और पास गया और उनके पिंक लिप्स पर अपने होंठ रकह दिए और किस करना स्टार्ट कर दिया. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. धीरे – धीरे उनकी वासना बढ़ती जा रही थी और वो लगतार गर्म होती जा रही थीं.

कुछ देर बाद उन्होंने खुद ही अपनी साड़ी खोल दी और बाद में अपनी ब्रा को भी खींच कर निकाल दिया. इसके बाद वो मुझे अपने बूब्स चूसने के लिए बोलने लगीं. लेकिन मैं पहले उनके मम्मों को मसलना चाहता था.

इसलिए मैंने उसके मम्मों पर हाथ रख दिया और तेजी से दबाने लगा. तेजी से मसलने के कारण उसे काफी दर्द हो रहा था, लेकिन साथ ही मज़ा भी आ रहा था. वह सिसकियाँ ले रही थी. उसकी सिसकारियां सुन कर मुझे भी जोश आ रहा था.

कुछ देर बूब्स मसलने के बाद फिर मैं उसके मम्मों पर शिकारी के जैसे टूट पड़ा. अब मैंने उसके एक बूब्स को अपने मुंह में ले लिया और मज़े से चूसने लगा. उसके दूसरे बूब्स के निप्पल को मैं अपने एक हाथ से रब करने लगा.

मेरे ऐसा करने से भाभी और गर्म हो गईं. फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और उसे पेटिकोट के अंदर करते हुए अपनी पैंटी के घुसेड़ लिया. अब मेरा हाथ उनकी चूत पर था. अब मैंने धीरे – धीरे उनकी चूत को सहलाने लगा. मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. वहाँ मैं उनकी चूत की गर्मी महसूस कर पा रहा था.

दूसरी तरफ उत्तेजना वश मेरा लन्ड फटने को हो रहा था. तब मैंने भाभी की आंखों में देखा, जिसमें मुझे वासना तैरती हुई नज़र आई. फिर मैंने उनसे कहा कि क्या कहती हो भाभी अब स्टार्ट करूं? तब उन्होंने कहा कि तुम्हें रोका ही किसने है!

इसके बाद फिर मैंने उनके बाकी के सारे कपड़े उतार दिए और साथ में अपने भी उतार दिए. फिर मैंने उनकी चूत के मुंह पर अपना लन्ड रखा और एक जोरदार झटका दे दिया. दोस्तों, उस एक ही झटके में मैंने अपना पूरा लन्ड उनकी चूत में उतार दिया.

भाभी को काफी दर्द हुआ और उन्होंने अपने नीचे रखी तकिया को कस के पकड़ लिया. फिर मैं कुछ देर के लिए रुक गया. लेकिन लन्ड को अंदर ही डाले रखा. कुछ देर बाद अब वो जोर – जोर से सिसकियाँ लेने लगीं थीं.

फिर मैंने उनके लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया. साथ ही कभी – कभी मैं उनके बूब्स को भी दबा देता. अब मैं लन्ड को अंदर – बाहर करने लगा. कुछ ही देर बाद भाभी अपना दर्द भूल गईं और उनको मज़ा आने लगा. अब वह अपनी गांड उछाल – उछाल कर लन्ड लेने की कोशिश कर रही थीं. कुछ देर बाद उन्होंने मुझे जोर से पकड़ा और झर – झर करके झड़ गईं.

लेकिन अभी तक मेरा नहीं हुआ था. इसका कारण था कि मैंने उनके घर जाते समय दारू पी लिया था. जिस कारण थोड़ा नशे में था और इसी वजह से मेरा माल नहीं निकल रहा था. मैं लगातार लन्ड अंदर – बाहर करता रहा.

अब भाभी के मुंह से मादक आवाजें निकलना शुरू गई थीं. भाभी उम्माह ओह्ह आहहहह उम्मा, आह और तेज करो और तेज, जल्दी – जल्दी मारो मेरी चूत, बहुत दिनों से प्यासी है. आज इसकी प्यास को तुम बुझा दो. आह आह आज तुम्हारी चुदाई से लगता है कि तृप्त हो जाएगी. मारो और तेज मारो.

उनके मुंह से यह सब बातें सुन कर मेरा जोश और बढ़ गया. अब मैंने और तेज़ झटके देना शुरू कर दिया. भाभी की चूत बहुत ज्यादा पानी छोड़ रही थी. इस कारण मेरा लन्ड बड़े आराम से अंदर बाहर जा रहा था.

फिर भाभी बोलीं कि ये तो तुम आंधी जैसे कर रहे हो. रुको मैं करती हूँ. इतना बोल कर वह मेरे ऊपर आ गईं और फिर मैं नीचे आ गया. दोस्तों, मुझे लगा था कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा पावर है और मैं नहीं झडूंगा.

लेकिन भाभी के ऊपर आने के बाद मेरे लन्ड के चूत में सेट करने के बाद भाभी ने मुझे गले लगाया और लन्ड पर ही उछलने लगीं. करीब 5 मिनट तक उछल कर ही उन्होंने मुझे झड़ा दिया. फिर उन्होंने मेरे लन्ड को बाहर निकाल दिया अपनी चूत पर रगड़ने लगीं और सारा माल चूत पर लगा लिया.

इस तरह मैंने अगले 2 दिन तक भाभी के साथ सेक्स किया. इस दौरान हमें बहुत मज़ा आया. दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है, इसलिए अगर इसे लिखने में मुझसे कोई गलती हो गई तो मुझे माफ कर दीजियेगा. इस कहानी के बारे में आप अपनी राय मुझे मेरी मेल आईडी पर भेज सकते हैं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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