मैंने कई लोगों से सुन रखा था कि मेरे चचेरे भाई का लंड बहुत ही मस्त है. मैं उसके लंड का टेस्ट चखना चाहता था मुंह से भी और गांड से भी. फिर मैंने उससे नजदीकी बढ़ाई और एक दिन मौका मिलने पर सब कुछ कर लिया…
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा और मेरे लन्ड का नमस्कार! मेरा नाम कुलदीप है और मेरी उम्र 23 साल है. मैं उत्तर प्रदेश के भदोही जिले का रहने वाला हूं. मैं लंड चाटने का दिवाना हूं. बहुत दिनों से सोच रहा था कि अपनी कहानी लिखूं लेकिन नहीं लिख पा रहा था. आखिरकार आज लिख रहा हूं. यह कहानी मेरे और मेरे चचेरे भाई की है. उम्मीद है आपको पसंद आएगी.
यह तब साल भर पहले की बात है. मैंने कई लड़कों से सुन रखा था कि मेरे चचेरे भाई सुमित का लंड बहुत बडा और मोटा है. तब से मेरे मन में उसके लंड को देखने और हाथ में लेने का कीड़ा घूम रहा था.
धीरे – धीरे मेरा उसके घर आना – जाना बढ़ गया. अब हम एक – दूसरे से काफी घुल मिल मिल गये. हम हर तरह की बात शेयर करने लगे. हम एक साथ पोर्न फिल्म भी देखते और सेक्स की बातें भी करते थे.
एक दिन हम यूं ही साथ में पोर्न देख रहे थे. तब मैंने देखा कि उसका लंड उसके पैंट में खड़ा हो चुका है. उसके लंड का उभार देख कर मेरी आंखें उसी के उभार पर टिक गईं. थोड़ी देर बाद मैं धीरे – धीरे उससे सट गया. तभी उसकी मां ने उसे खाने के लिए बुलाया और वह चला गया. इसके बाद मैं भी अपने घर आ गया.
उस दिन मैं घर आया. घर आने के बाद मैंने भी खाना खाया और अपने कमरे में चला गया. कमरे में जाते ही मुझे सुमित के लंड का उभार याद आने लगा. फिर उसके बारे में सोच कर मैंने मुठ मारी और जब लंड शांत हो गया तो सो गया.
दूसरे दिन मैं फिर उसके घर गया. उस दिन चाची घर पर नहीं थीं. यह देख मैंने उससे कहा- चल कल की जी तरह आज भी पोर्न फिल्म देखते हैं. फिर मैंने अपने मोबाइल पर पोर्न चलाई और बैठ कर देखने लगे. वह बड़े ध्यान से फ़िल्म देख रहा था लेकिन मेरी नजर उसके लंड पर टिकी थी और उसका दीदार करना चाहती थी.
जब कुछ नहीं हुआ तो थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत की और उसके लंड को पकड़ लिया. मेरे ऐसा करने से वह चौक कर खड़ा हो गया. फिर उसने कहा – ये क्या कर रहे हो भैया? मैंने कहा – चुप रहो कोई सुन लेगा.
दोस्तों, उसका घर सड़क के किनारे था और तमाम लोग आ – जा रहे थे. इसलिए मुझे लगा कहीं कोई सुन न ले. फिर जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैं बोला – सुमित, एक बार मुझे अपना लंड दिखा दे भाई सिर्फ बार. प्लीज सुमित सिर्फ एक बार दिखा दे.
मेरे रिक्वेस्ट करने के बावजूद वह काफी देर तक इंकार करता रहा. लेकिन फिर मेरे बार – बार कहने पर मान गया और अपना पैंट नीचे खिसका दिया. इतना करने पर उसका लंड उछल कर बाहर आ गया और पोर्न देखने की वजह से ऊपर – नीचे हो रहा था. दोस्तों, उसका लंड एक दम काला था. ऐसा लगा जैसे सांप अपनी बिल से निकल कर फुफकार रहा हो.
उसका लंड करीब 10 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा था. उसे देखने के बाद मुझसे कंट्रोल न हुआ और मैं उसको पकड़ कर सहलाने लगा. दोस्तों, लंड की चमड़ी उसके सुपाड़े को ढके हुए थी. फिर मैंने उसकी चमड़ी को पीछे खींच कर खोला तो उसका गुलाबी कलर का सुपाड़ा मेरे सामने आ गया.
उसके सुपाड़े को देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया. अब मैं उसके लंड को मुंह में लेकर चूसना चाहता था. मेरी जीभ लपलपा रही थी. लेकिन जैसे ही मैने अपना मुंह आगे बढ़ाया वह पीछे हट गया और बोला – नहीं भैया, मुंह में मत लो.
इस पर मैंने कहा – नहीं मुझे मुंह में लेना है. तब उसने कहा – नहीं भैया, ये गलत है. फिर मैं बोला – नहीं सुमित, कुछ गलत नहीं है. मैं कितने दिन से इंतजार में था कि कब वो दिन आये और मैं तुम्हारे लंड को मुंह में लेकर चूसूं. आखिर आज वो दिन आया है लेकिन तुम मना कर रहे हो. मत कर मेरे भाई.
इतना बोल कर फिर मैंने उसका लंड मुंह में ले लिया. उसका लंड इतना मोटा था कि केवल उसका सुपाडा ही मुंह में जा रहा था. तब भी मैं उसके लंड को चूस रहा था और प्यार से सहला रहा था. उधर उसके मुंह से उम्म… उम्हह… आह… अहह… की अवाज आ रही थी.
उसकी आवाजें सुन कर मैं मदहोश हुआ जा रहा था. फिर मैंने और जोर – जोर लंड चूसना शुरू कर दिया. अब उसके मुंह से भी और जोर – जोर से आह आह ओह्ह ओह्ह की आवाजें आने लगीं.
फिर हम दोनों ने अपने – अपने कपड़े निकाल दिए और एक दम से नंगे हो गये. तभी उसकी नज़र मेरे लंड पर गई, जिसे देख कर उसने कहा – भैया आपका लंड तो 5.5 इंच का ही है. यह सुन कर मैं बोला – तभी तो मैं तुम्हारे लंड का दीवाना हूं.
फिर मैं उसके लंड को मुठ मारने लगा और लगातार चूस भी रहा था. मेरा पूरा ध्यान केवल उसके लंड पर ही था. मेरे अन्दर की कामवासना एक दम से जाग उठी थी. करीब 20 मिनट तक लंड चुसाई के बाद मैंने उससे कहा कि सुमित, अब तुम मेरी गांड में अपना लंड डालो. लेकिन पहले जाकर तेल ले आओ.
फिर सुमित उठा और तेल लेकर आ गया. इसके बाद उस तेल को मैंने सुमित के लंड और अपनी गांड पर लगाया. फिर सुमित जमीन पर बैठ गया और मैं उसके लंड पर बैठने की कोशिश करने लगा. लेकिन उसका लंड इतना मोटा था कि अन्दर जा ही नहीं रहा था.
फिर मैं कुतिया जैसे झुक गया. अब उसने मेरी गांड पर अपना लंड सेट किया और जोर से एक झटका मारा. इस झटके की वजह से उसका सुपड़ा मेरी गांड में घुस गया. मुजजे बहुत तेज दर्द हुआ और मेरे मुंह से घुटी हुई आवाज निकल गई. इस वजह से उसने लंड बाहर निकाल लिया.
थोड़ी देर बाद फिर उसने अपना सुपड़ा मेरी गांड में डाला. इसके बाद एक जोर का झटका मार कर आधा लंड अंदर कर दिया. अब मैंने फिर से सुमित को रुकने का इशारा किया और वह रूक गया. दोस्तों, सच में मझे बहुत दर्द हो रहा था. ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने मेरी गांड में आग लगा दी हो.
कुछ देर रुकने के बाद मैं खुद ही उसके लंड पर ऊपर – नीचे करने लगा. अब मुझे मजा आने लगा था. ऊपर – नीचे करते – करते सुमित का आधे से ज्यादा लंड मेरी गांड में समा गया था. इससे सुमित को भी मजा आने लगा था.
अब उत्तेजमावश मेरे मुंह से आह आह ओह्ह ओह्ह की आवाज निकल रही थी. मैं मस्त था और सुमित लगातार मेरी गांड पेले जा रहा था, पेले जा रहा था. तभी मैंने कहा – पेल भाई और जोर से पेल, आज तू अपने भाई को अपनी बीबी समझ कर पेल.
अब उसकी स्पीड और बढ़ गई. थोड़ी देर मैंने फिर सुमित से कहा – सुमित, आज तूने मेरी इच्छा पूरी कर दी. मैं तुझसे खुश हूं. तू चाहे तो रोज मुझे अपनी बीबी बनाकर पेल सकता है.
मेरे इतना कहने पर भी वह कुछ नहीं बोला बस मुझे पेलता रहा और मैं पेलवाता रहा. हमारी गांड चुदाई करीब आधे घण्टे तक चली. इसके बाद सुमित मेरी गांड में ही अपना सारा माल निकाल दिया और फिर बेड पर लेट गया. इसके बाद मैंने भी मुठ मार कर अपना सारा माल निकाल दिया.
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