मुझे अपने भाई के साथ बस का सफर करना था. रात का सफर था और बस में हमने स्लीपर सीट बुक कर रखी थी. हम दोनों भाई – बहन की सीट अगल – बगल थी. रात में जब मैं सो गई तो भाई ने मुझे यहां – वहां टच करने लगे. इसके बाद किस तरह मेरा सफर रंगीन हुआ ये कहानी में पढ़िए…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम नेहा और आज मैं अपनी एक नई कहानी लेकर आप लोगों के सामने हाजिर हूं. यह कहानी मेरी और मेरे भाई के बीच एक यात्रा के दौरान हुई सेक्स घटनाओं पर आधारित सच्ची कहानी है. उम्मीद करती हूं मेरी यह कहानी आप लोगों को पसंद आएगी.
कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको मेरे भाई के बारे में बता देना चाहती हूं. उसका नाम विनीत है और वह दिखने भी ठीक-ठाक है. उसकी बॉडी भी स्लिम है और उसका रंग गोरा है.
अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं. 12वीं पास करने के बाद हमें अपनी आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना था. इस टाइम मेरी उम्र 20 और भाई की 22 साल थी. हम दोनों का शहर के एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन हो गया था और मुझे रहने के लिए होस्टल भी मिल गया था. लेकिन भाई के लिए पापा ने वहीं थोड़ी दूर पर एक फ्लैट किराए पर ले दिया था.
खैर, हमारा सफर शुरू हो गया. मेरे मम्मी पापा को भाई पर कुछ ज्यादा ही भरोसा था इसलिए उन्होंने मुझे भाई के साथ अकेला ही भेजा.
हम दोनों का टिकट एक एसी बस के स्लीपर क्लास का था और होल नाइट जर्नी थी. बस में बैठने के बाद हम दोनों भाई – बहन इधर – उधर की बातें करने लगे. धीरे – धीरे अंधेरा बढ़ने लगा. बाहर बढ़ रहे अंधेरे से बेखबर हम अपनी बातों में मशगूल थे. तभी अचानक बस रुकी और हम चौंक गए कि क्या हुआ! हालांकि, फिर हमें पता चला कि बस एक ढाबे पर रुकी है.
इसके बाद सभी यात्रियों के साथ हम भी उतरे और खाना वगैरह खा कर वापस बस में बैठ गए. बस फिर चलने लगी. अब मुझे नींद आ रही थी तो मैं लेट गई और कुछ ही देर में नींद के आगोश में चली गई. थोड़ी देर बाद भाई भी आकर मेरे बगल में अपनी सीट पर लेट गया.
फिर थोड़ी रात और होने पर मुझे मेरे हाथों पर कुछ महसूस हुआ और मेरी नींद खुल गई. मैंने देखा कि भाई मेरा हाथ पकड़े हुए है और नींद आने का बहाना कर रहा है. लेकिन मैं समझ गई कि वो जाग रहा है. इसके बाद भी मैं लुक नहीं बोली.
हाथ अकेले पकड़ने में क्या मज़ा. भाई को भी नहीं आ रहा था तो कुछ देर बाद उसने मेरा हाथ छोड़ दिया और एक हाथ मेरे सीने पर रख कर फेरने लगा. इस पर भी मैंने कुछ नहीं कहा क्योंकि अब मुझे भी मज़ा आने लगा था और मैं धीरे – धीरे गर्म भी होने लगी थी.
इससे भाई की हिम्मत और बढ़ गई. फिर उसने मुझे किस करना स्टार्ट कर दिया, वो भी खुल्लमखुल्ला. उन्हें भी अब ये एहसास हो गया था कि मैं जग रही हूं और मुझे भी मज़ा आ रहा है. फिर वो तेजी से मेरे मम्मे दबाते हुए मुझे जोरों से किस करने लगे.
अब मैं बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी. फिर वो धीरे – धीरे अपना हाथ नीचे ले जाने लगे. उस दिन मैं नीचे शार्ट पहने हुए थी. इसलिए उनका हाथ बड़े आराम से मेरे शॉर्ट के अंदर चला गया.
हाथ अंदर ले जाकर उन्होंने सीधा मेरी चूत पर रख दिया और उसे सहलाने लगे. मैं तब तक खूब गर्म हो चुकी थी और मेरी चूत से पानी रिसने लगा था. तभी अचानक भाई ने मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी. ये इतना अचानक हुआ कि मेरी चीख निकलने को हुई लेकिन तभी उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिया और जोरों से किस करने लगे. इस वजह से मेरी आवाज दब गई.
अब वो जोरों से मेरी चूत में उंगली कर रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं मदमस्त हो चुकी थी. फिर थोड़ी देर में माओ झड़ गई और मेरी चूत ने अपना गर्म – गर्म लावे जैसा पानी छोड़ दिया.
बस का एसी चल रहा था और अगल – बगल वाले सब चादर ओढ़ कर सो रहे थे लेकिन मुझे गर्मी महसूस हो रही थी. मेरा तो हो गया था लेकिन अभी भाई का नहीं हुआ था. उनका राजा (लंड) उनके पैंट को फाड़ने को उतावला दिख रहा था. फिर मैंने उनका पैंट की बटन खोल कर उसे नीचे किया.
पैंट नीचे होते ही उनका राजा एक दम से उछल कर बाहर आ गया. बहुत बड़ा हो गया था वो. जिसे देख मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं और मैं एकटक उसे देखती ही रह गई.
फिर जब भाई ने दोबारा मेरे सीने पर हाथ रखा तो मेरी तंद्रा टूटी और मैंने नीचे जाकर भाई का लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे भी और मेरे भाई को भी.
थोड़ी देर तक लंड चूसने के बाद भाई के लंड ने अपना पानी छोड़ दिया. मैं उनका गर्मागर्म पूरा पानी पी गई. फिर भाई भी निढाल होकर पड़ गए. तब मैं जाकर उनके ऊपर लेट गई. फिर उन्होंने मुझे थोड़ा ऊपर खींचा और मेरे मम्मे को अपने मुंह की सीध में किया. इसके बाद उन्होंने मेरी टी-शर्ट को साइड में करके मेरे मम्मों को बाहर निकाल लिया और मुंह में लेकर चूसने लगे.
फिर थोड़ी देर बाद भाई ने कहा, “मज़ा आ गया नेहा! बस अब मुझे मेरी बहन की चूत चोदने को मिल जाए तो फिर बात ही क्या!” तब मैंने भाई से कहा कि ये गाड़ी है औए यहां पर ये सब करना ठीक नहीं है, हम पहुंचने के बाद सीधा तुम्हारे फ्लैट पर चलेंगे और वहां पर तुम मज़े से पूरा मजा लेकर मेरी चुदाई करना.
चूंकि मुझे होस्टल में रहना था तो वहां पर कुछ करना पॉसिबल ही न था. भाई भी मेरी बात को समझ गया और फिर मुझे किस करके बोला ठीक है. इसके बाद हम सोने की कोशिश करने लगे.
फिर सुबह 9 बजे उतारने के पहले हमने एक बार हमने फिर अपना रात वाला खेल खेला. लेकिन इस बार भाई ने मेरी चूत मसलने के साथ उसे चूसा भी और इसके बाद मैंने दोबारा से भाई का लंड चूस कर उसका पानी निकाल दिया. हमने ये सब पर्दा लगा कर किया इसलिए किसी को कुछ पता नहीं चल पाया. इसके बाद हम दोनों अपने बस स्टॉप पर उतर गए और भाई के फ्लैट पर चले गए.
कहानी कैसी लगी? मुझे आपके जवाब का इंतजार रहेगा. भाई के फ्लैट पर जाने के बाद उसने किस तरह मेरी चुदाई की, वो जल्दी आपके सामने लेकर उपस्थित होउंगी. कहानी के सम्बंध में अपने विचार आप मुझे मेल करके भेज सकते हैं. मेरी मेल आईडी – [email protected]
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Aage ki kahani batao
Mujh se baten karogi
Wow hot story
Bahut hi sexy kahani Mujhe aapki hobby kahaniyan padhne hai kripya Mere image Pate per Mujhe aur kahaniyan bhejen
आगे की कहानी भेजना दिदी
Mst kahani hai
Kya mujhe bhi koi mil sakti hai
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Mai bhi apni gf ko chodna chahta hu y fir koi chudna chahe to please mujhe batao
तुम्हारी बहन को मैं भी चोदना चाहता हूं अगर वो तैयार हो तो संपर्क करना