बॉयफ्रेंड के साथ पकड़ी गई मौसेरी बहन मेरे साथ मनाई सुहागरात

फिर मैं अपना हाथ पीछे ले गया और चुपके से उसके ब्लाउज़ का हुक खोल दिया. अब वो ब्रा में आ गई. फिर मैंने उसके ब्रा को खींच का बाहर किया और उसके नर्म – नर्म मम्मों पर टूट पड़ा. मैंने उसके एक निप्पल को मुंह में ले लिया और दूसरे को अपने हाथ से मसलने लगा…

नमस्कार मित्रों, मेरा नाम गजेंद्र है और मैं आप सब का अभिनन्दन करता हूँ. चूँकि अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है, इसलिए इसमें हुई किसी भी तरह की गलती के लिए मैं पहले से ही माफ़ी चाहता हूँ.

अब बिना समय को नष्ट किए मैं सीधा अपनी कहानी शुरू करता हूँ. ये बात 2011 के आसपास की है. तब मैं पढ़ने के लिए अपनी मौसी के शहर उदयपुर गया था. दोस्तों, मैं अंजान लोगों के लिए बहुत सीधा लड़का था पर अंदर से एक दम कमीने किस्म का इंसान हुआ करता था.

मैंने वहाँ एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. उस कॉलेज में काफी सारी सुन्दर लडकियां थीं, पर मेरी किस्मत तो कहीं और ही मेरे लिए तोहफे तैयार कर के बैठी थी.

अपने इंजीनियरिंग के पहले साल में मैं मेरी मौसी ज्योति के घर पर ही रहता था. उनके घर में वे, उनके पति राधे और उनके 3 बच्चे रहते थे. उनकी बड़ी वाली बेटी का नाम राधा था. दूसरे नम्बर की बेटी का नाम रश्मि और सबसे छोटे और एकलौते बेटे का नाम निखिल था.

उन सब के अलावा उनके यहाँ एक किरायेदार का परिवार भी रहता था. उस परिवार में तीन महिलाएं थीं. जिसमें एक विधवा माँ, एक तलाकशुदा बेटी और एक कुंवारी बेटी थी.

दोस्तों, वो कहते हैं न कि जवानी में कई बार आपको एक ही नज़र में कोई इतना पसंद आ जाता है कि आप उसी के सपने देखने लगते हैं. वैसे ही मुझे भी आईं. लेकिन मेरे साथ थोड़ा अलग था. मुझे एक नहीं उस घर में रहने वाली सारी लडकियां पसंद आ गईं थी.

उन सब लड़कियों में सबसे खूबसूरत राधा थी. उसकी उम्र भी मेरी ही उम्र की थी. दोस्तों मैंने आपको बताया नहीं कि मैं तब 21 साल का था. लेकिन उसका हुस्न ऐसा था कि उसको देखने के बाद तो एक बार मेनका को भी हैरत होने लगे.

शुरुआत में मैं किसी से भी घुला मिला नहीं था. बस अपेन में ही मगन रहता था, पर जल्दी ही मैं सब बच्चों से मिल गया. लेकिन मेरा सबसे ज्यादा ध्यान तो राधा पर ही था.

बाथरूम में उसकी पैंटी और ब्रा को सुबह – सुबह सूंघना तो जैसे मेरी आदत ही बन चुकी थी और शायद वो भी मेरी इस आदत को जान गई थी. लेकिन इसके बावजूद वह कुछ कहती नहीं थी.

एक बार मौसी को रतलाम के अपने किसी रिश्तेदारों के घर होने वाले शादी के एक फंक्शन में जाना था. इस फंक्शन में शामिल होने के लिए उसकी पूरी फैमिली को जाना था. लेकिन मैं नहीं जाने वाला था. क्योंकि मेरे सेमेस्टर के एग्जाम नजदीक आ गए थे और किस्मत से राधा के कॉलेज के भी पेपर भी आ गये थे.

इस लिए घर की सारी जिम्मेदारी हमें सौंप कर मौसी, मौसा और अपने दोनों बच्चों के साथ 4 दिनों के लिए रतलाम चली गईं. उन्होंने किराएदार आंटी से हम दोनों का ध्यान रखने के लिए भी कह दिया था.

इधर क़िस्मत से उन किराएदार आंटी के यहां किसी की डेथ हो गयी तो अगली सुबह को वे अपनी बेटियों को ले कर गांव चली गईं.

अब घर पर मैं और राधा ही बचे थे. दोस्तों, सुबह – सुबह मैं अपने एक दोस्त के यहाँ 2 घण्टे के लिए पढ़ने जाया करता था लेकिन उस दिन जब मैं उसके यहां गया तो पता चला कि वो कहीं बाहर गया हुआ. यह देख कर मैं घर वापस आ गया.

जब मैं घर आया तो मैंने देखा कि घर पर कोई आया हुआ था. फिर मैं सीधा अंदर चला गया. उन दोनों को देख कर मुझे पता चल गया कि वो राधा का बॉयफ्रेंड है. क्योंकि
वे दोनों आपस में लगे हुए थे और लगभग – लगभग अपने कपड़े भी उतार ही चुके थे.

यह देख कर मैंने चुपके से पहले राधा के कपड़े उठा लिए और फिर बोल कर उनको लोगों को चौंका दिया. घर पर मुझे देख कर दोनों डर गये.

इसके बाद फिर मैंने उस लड़के को बहुत बुरी तरह मारा. उन लोगों को तब तक कपड़े पहनने का मौका नहीं मिला था और फिर मैंने उस लड़के को ब्लैकमेल करने के लिए बिना कपडों के ही उसकी एक 1 फोटो ले ली और इसके बाद उसे फिर से मारा और भगा दिया.

दोस्तों, यह सब देख कर मुझे राधा के ऊपर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था. खैर, फिर मैंने राधा को कपड़े पहनाये और समझाया कि वो जो भी कर रही थी गलत कर रही थी. उसे ऐसा नहीं करना चाहिए.

फिर मैंने उससे कहा कि मैं उसकी इस हरकत के बारे में मौसी को बताउंगा. मेरी यह बात सुन कर वो और डर गई और फिर बोली कि मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं पर प्लीज आप ये सब बात मम्मी को मत बताना.

इस पर मैंने कहा कि अगर तू मुझसे प्यार करती है तो ऐसी हरकत उस लड़के के साथ क्यों कर रही थी? तो बोली कि वो लड़का मुझे ब्लैकमेल कर रहा था, उसने एक बार बाथरूम में नहाते समय मेरी कुछ तस्वीरें ले ली थी, तब से उन्हें दिखा कर कह रहा था कि मैं तुझे तेरे ही घर पर चोदना चाहता हूँ. फिर थोड़ा रुक कर वो बोली, लेकिन मैं ये सब कुछ आपके साथ करना चाहती हूँ.

उसकी ये बातें सुन कर तब मुझे पता चला कि वो मेरे बारे में ऐसा कुछ सोचती थी. अब आखिर मैं भी था तो एक लड़का ही न, मैं उसको मना नहीं कर सका. क्योंकि जब से मैंने उसको बिना कपड़ों के देखा था उसका हुस्न मेरी आँखों में बस गया था.

फिर मैंने उससे बोला कि ठीक है पर अभी नहीं आज रात में मैं तेरी सारी गर्मी निकालउंगा. यह सुन कर वो हंसी और फिर मुझे चूम कर वहां से चली गयी.

पूरा दिन मैंने किसी तरह निकाला. मुझे डर था कि दिन में करने पर कहीं हम दोनों ही न फंस जाए. लेकिन जैसे ही रात हुई हमने खाना खाया और फिर मैंने उसको अपनी गोद में खींच कर बिठा लिया और किस करने लगा.

इस पर उसने कहा कि नहीं ऐसे नहीं, आज हमारी सुहागरात है तो इसके लिए मुझको थोड़ा सजना है. फिर वो गयी और थोड़ी देर में मौसी की एक लाल साड़ी पहन कर आ गई. फिर वो मुझसे बोली कि आज मैं अपना कुंवारापन आपको दे रही हूं अब आ जाओ.

उसके इतना बोलते ही मैं उसके पास गया और उसको चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में मैंने उसके साड़ी को खींच कर खोल दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके दूध को सहलाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और ऐसा करने से वो आहें भरने लगी थी.

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद वो भी मुझे चूमने लगी और मेरे मुंह में जीभ डाल दिया. अब वो लगातार मुझे किस किये जा रही थी.

फिर मैं अपना हाथ पीछे ले गया और चुपके से उसके ब्लाउज़ का हुक खोल दिया. अब वो ब्रा में आ गई. फिर मैंने उसके ब्रा को खींच का बाहर किया और उसके नर्म – नर्म मम्मों पर टूट पड़ा. मैंने उसके एक निप्पल को मुंह में ले लिया और दूसरे को अपने हाथ से मसलने लगा.

थोड़ी देर बाद मदहोश होने लगी और चुदाई करने को कहने लगी. फिर मैंने उसका पेटीकोट उतारा और उसकी पैंटी पर नाक लगाकर सूंघने लगा. मुझे बहुत ही ज्यादा मादक मज़ा मिल रहा था.

तभी अचानक से उसने अपनी पैंटी खोल दी और मुझसे लन्ड डालने को कहने लगी. अब मेरा हथियार तो पहले से ही तैयार था. उसकी उत्तेजना देखते हुए फिर मैंने देर करना उचित नहीं समझा और फिर अपने कपड़े उतार दिए.

इसके बाद फिर मैंने अपने लन्ड को उसकी चूत ओर सेट किया और उससे बोला कि थोड़ा दर्द होगा. इस पर वो बोली कि तुम्हारे लिए मैं सारे दर्द को सह लूंगी. उसका इतना बोलना मुझे और उत्साहित कर गया.

फिर मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरे लन्ड का सूपड़ा उसकी चूत में फंस गया. अब वो मुझसे और चिपक गई. तभी दूसरे धक्के के साथ मैंने अपना आधा लन्ड उसकी चूत में उतार दिया. इस धक्के के साथ ही उसने अपनी आंखें बन्द कर ली और मुझे जोर से पकड़ लिया.

उसकी सील टूट चुकी थी और चूत से हल्का – हल्का खून भी आबे लगा था. फिर मैंने उसकी ओर ध्यान दिए बिना एक और धक्का लगाया और मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में घुस गया.

अब मैंने देखा कि उसकी आँखें नम हो चुकी थीं लेकिन इसके बावजूद वह आह तक नहीं कर रही थी. फिर मैं कुछ देर के लिए रुक गया. जब उसे आराम मिला तो फिर से मैंने धक्के देने शुरू कर दिए. अब उसे भी खूब मज़ा आ रहा था.

करीब 10 मिनट की धकापेल चुदाई के दौरान वह दो बार झड़ चुकी थी. अब मैं भी आने वाला था तो मैंने उसे बताया तो उसने कहा कि अंदर ही निकाल दो. फिर कुछ ही धक्कों के बाद मैंने अपना पूरा पानी उसकी चूत में निकाल दिया और निढाल होकर उसके ऊपर लेट गया.

दोस्तों, हमें बहुत मज़ा आया था. उसके बाद उस रात मैंने दो बार उसे और चोदा. फिर अगले तीन दिनों तक हम दिन में भी चुदाई का नंगा नाच करते रहे. इसके बाद जब मौसी लोग आ गईं तो हमारी चुदाई पर थोड़ी लगाम सी लग गई. लेकिन मौका मिलने पर हम चूकते नहीं हैं.

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