बुआ की बहू को उनके बेडरूम में चोदा

मेरी बुआ के लड़के की हाल ही में शादी हुई थी. भाभी की लंबाई थोड़ा कम थी इसलिए भैया इस शादी से खुश नहीं थे. इस वजह से भाभी धीरे – धीरे मेरे करीब आती गईं. फिर एक दिन जब मैं बुआ के यहां जाकर भाभी के बेडरूम में गया और मज़े से उनकी चुदाई की…

हेलो दोस्तों, आज मैं आपके सामने एक सच्ची घटना लेकर आया हूं. उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी. कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आप सभी के सामने अपना परिचय दे देना चाहता हूं. मेरा नाम मनोज है और मैं बीकॉम सेकेंड ईयर में पढ़ता हूं. पढ़ाई के साथ – साथ मैं जॉब भी करता हूं.

अब आप लोगों का ज्यादा समय वेस्ट न करते हुए मैं सीधा अपनी काहानी पर आता हूं. बात करीब 3 साल पहले की है. तब मैं मुंबई में रहता था. हाल ही में मेरी बुआ के लड़के की शादी हुई थी. शादी की वजह से पूरे घर में खुशी का माहौल था लेकिन मेरे भैया (बुआ के लड़के) खुश नहीं थे. ऐसा इसलिए क्योंकि भाभी की हाइट थोड़ी कम थी और भैया की लम्बी लड़कियां पसंद थीं लेकिन पारिवारिक दबाव के कारण शादी कर ली थी.

इसी वजह से भैया भाभी को ज्यादा टाइम भी नहीं देते थे और भैया के टाइम न देने की वजह से भाभी भी दुखी रहती थीं. मैं मुंबई में ही था और मुझे सब पता था तो जब तक मैं बुआ के घर रहा तब तक मैं भाभी से खूब बातें करता और उन्हें खुश रखने को कोशिश करता था.

कुछ दिन ऐसे ही बीते. फिर मैं अपने रूम चला आया. आते टाइम मैंने भाभी से उनका मोबाइल नम्बर ले लिया था और रूम आने के बाद मैं उनसे फोन पर बातें करने लगा. धीरे – धीरे हम लोगों की बातें बढ़ती गईं और हमारे बीच प्यार पनप आया. हैं दोनों एक – दूसरे को चाहने लगे थे.

एक दिन मुझे कुछ काम से बुआ के घर जाना पड़ा. उस समय भैया घर पर नहीं थे. वे काम के सिलसिले में बाहर गए हुए थे.

जब मैं वहां पहुंचा तो भाभी को देख कर दंग रह गया. उस टाइम वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थीं. सबसे पहले मेरी नज़र उनके बूब्स पर पड़ी. उनकी बड़ी – बड़ी चूचियों को देख कर मेरे अंदर की वासना जाग उठी. मेरे मन में पहले कभी उनके बारे में ऐसा ख़याल नहीं आया था. ऐसा पहली बार हुआ था.

अब मैं उसकी चिकनी चूत और बूब्स के बारे में सोचने लगा. सोचते – सोचते मेरा लन्ड खड़ा हो गया. खैर किसी तरह फिर मैंने उस पर कंट्रोल किया. वह बार – बार मेरे लिए कुछ न कुछ खाने – पीने का सामान ला रही थीं. जब भी वह कुछ समान देने के लिए मेरे सामने झुकतीं तो मुझे उनकी चूचियों के दर्शन हो जाते. यह देख मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैं यही सोच रहा था कि कब और किस तरह उनकी चुदाई करूं?

खैर, हम लोग आपस में बात करते रहे और इस तरह रात हो गई. भाभी ने खाना बनाया और फिर सबने खाना खाया. खाने के बाद सब लोग सोने की तैयारी करने लगे. भाभी बर्तन धुल रही थीं. फिर मैं उठा और जल्दी से जाकर भाभी के बेड पर लेट कर सोने का नाटक करने लगा.

भाभी को लगा कि मैं सच में सो गया हूं, इसलिए उन्होंने मुझे उठाया नहीं. थोड़ी देर बाद भाभी भी आकर मेरे बगल में ही सो गईं. मुझे नींद कहां आने वाली थी. मैं जाग रहा था और आंख खोल कर सोच रहा था इतना तो हो गया लेकिन अब भाभी को चोदूं कैसे?

इसी तरह सोचते – सोचते काफी देर हो गई. मुझे और कोई उपाय समझ न आया तो मैंने हिम्मत करके अपना एक हाथ भाभी के ऊपर रख दिया. इस पर जब भाभी कुछ नहीं बोलीं तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई. फिर मैंने अपना एक हाथ भाभी की जांघ के ऊपर रख दिया और धीरे – धीरे फेरने लगा.

उन्होंने इसका भी कोई विरोध नहीं किया. सच पूछिये तो उनका भी मन था कि कोई उनके साथ ऐसा करे क्योंकि भैया तो कुछ करते नहीं थे. फिर थोड़ी देर बाद जब वह उत्तेजित हो गईं तो उन्होंने भी अपना एक हाथ मेरे पैंट में डाल दिया. यह देख के मैं तो दंग रह गया.

थोड़ी देर पैंट के अंदर से ही लन्ड सहलाने के बाद उन्होंने मेरा पैंट खोल दिया और लन्ड बाहर निकाल कर उसे हाथ में ले लिया. भाभी का हाथ लगने से मेरा लन्ड पूरा खड़ा होकर लोहे की तरह टाइट हो गया.

फिर भाभी ने उसे हल्के – हल्के हिलाना शुरू किया. दूसरी तरफ अब मेरा फोकस भाभी को नंगा करने पर था तो मैं उनके कपड़े उतारने लगा. कुछ ही देर में भाभी पूरी नंगी हो गईं. जब मैंने उनकी चूत देखी तो मेरे तो होश ही उड़ गए. बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों जैसी उनकी गुलाबी चूत देख कर मैं तो रुक ही न पाया.

मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने भाभी से कहा कि मैं आपको चोदना चाहता हूं. मेरे मुंह यह सुनते ही वो बोलीं – आपका ही है, आपका जो भी करने का मन हो वो करो.

इतना कह कर उन्होंने मेरा लन्ड अपने मुंह में ले लिया और चाटने लगीं. यह देख मैं कैसे पीछे रहता! मैं भी पलटा और उनकी चूत में मुंह लगा कर उसे चाटने लगा. दोस्तों, बहुत मज़ा आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे मैं स्वर्ग में पहुंच गया हूं.

भाभी अब एक दम से मदमस्त हो चुकी थीं और उनके मुंह से ‘आह आह ऊह ऊह ऐह आईईई’ की आवाज निकल रही थी और अब वो लन्ड जल्दी से अपनी चूत में डालने के लिए भी कह रही थीं.

फिर मैंने भी भाभी को सीधा किया और उनके पैरों को फैला दिया. इसके बाद अपने लन्ड का सुपाड़ा भाभी की चूत पर रख दिया और हल्का सा एक धक्का दे दिया. इस धक्के की वजह से मेरा आधा लन्ड ही उनकी चूत के अंदर गया था लेकिन उन्हें काफी दर्द हुआ और वह चीख उठीं. उनके मुंह से ‘आह, उई मां मर गई रे, आह ऊह’ जैसी आवाजें आने लगीं. ऐसा लग रहा था जैसे भैया ने भाभी को ज्यादा चोदा नहीं था. बस खुद को शांत करने के लिए उनका यूज़ करते थे!

खैर, अब उन बातों पर समय न वेस्ट करते हुए मैं कहानी में आगे बढ़ता हूं. दोस्तों, फिर मैं हल्का सा रुका और जब भाभी का दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक धक्का और दे दिया. उस धक्के के साथ ही मेरा पूरा लन्ड उनकी चूत में घुस गया. भाभी की बहुत तगड़ा वाला दर्द हुआ और इस वजह से उन्होंने मुझे कस के पकड़ लिया. उनके नाखून मेरी पीठ में गड़ गए थे.

फिर मैंने धीरे – धीरे लन्ड हिलाना शुरू किया. अब तक भाभी का भी दर्द कुछ कम हो गया था और वो भी मेरे साथ ही अपनी गांड हिला – हिला कर चुदाई का मज़ा ले रही थीं.

हम दोनों करीब 12-15 मिनट तक ऐसे ही चुदाई करते रहे. इस बीच भाभी का पानी निकल गया. फिर थोड़ी देर बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था तो भाभी ने बोला – जान, मेरे अंदर ही अपना अमृत डाल दो.

फिर मैंने 8-10 धक्कों के बाद भाभी की चूत में ही अपना वीर्य निकाल दिया. इसके बाद भाभी ने अपनी चूत से लन्ड बाहर निकाला और उसमें लगे पानी को चाटने लगीं. फिर हैं साथ में वैसे ही नंगे सो गए. दोस्तों, मैं दो दिन तक वहां रहा और इसी तरह भाभी की चुदाई करता रहा.

दोस्तों, ये मेरी पहली स्टोरी थी. उसके बाद आज तक मैं 10 लड़कियों को चोद चुका हूं लेकिन वो कहानियां फिर कभी. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताएं.

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