घर में पूजा होने पर मेरी बुआ के साथ उनकी ननद की बेटी भी आई थी. वह बड़ी ही मस्त थी. उसके मन में मेरे लिए कुछ चल रहा था, लेकिन मैं नहीं समझ पाया. आखिर कैसे मैंने उसकी चुदाई की…
नमस्कार पाठकों! मेरा नाम विपुल है और मैं हरियाणा के एक छोटे जिले से हूँ. यह एक सच्ची घटना है. ये मेरी पहली कहानी है. इसमें अगर कोई गलती हो जाए तो माफ करना.
दोस्तों, मेरी उम्र 20 साल है और मैं ओसत शरीर का मालिक हूँ. मेरी हाईट 5 फुट और 8 इंच है. मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच और मोटाई 2.5 इंच है. कुल मिलाकर मैं एक महिला को पूरी तरह संतुष्ट करने में सक्षम हूँ.
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ. बात आज से करीब 2 साल पहले की है. तब हमारे घर में एक बड़ी पूजा होनी थी. इस लिए हमने बहुत से रिश्तदारों को बुलाया था. उन्हीं में से रीना (बदला हुआ नाम) भी थी. वो मेरी बुआ के साथ आई थी. वो उनकी ननद की बेटी थी.
पहले तो मैंने उसे बुरी नजर से नहीं देखा था, पर बाद में जैसे – जैसे हमारी बात शुरू हुई वो मुझे अच्छी लगने लगी. अब मैं आपको रीना के बारे में बता दूं. वो एक 20 वर्ष की नवयौवना लड़की थी. उसका शरीर भरा – पूरा था और उसका फिगर 30 24 32 था. कुल मिला कर वो एक कमाल की लड़की थी.
उसे देखकर हमारी कलोनी के सारे लड़के उससे दोस्ती करने को तैयार थे. लेकिन मेरी किस्मत उन लोगों से अच्छी थी क्योंकि जल्दी ही वो मेरी दोस्त बन गई.
दोस्तों, उसे हमारे घर पर 4 दिन तक रुकना था, क्योंकि मेरी बुआ को भी कुछ काम था. पूजा का काम खत्म हो चुका था. इसके बाद धीरे – धीरे करके सारे मेहमान चले गए. सभी के जाने को बाद वो मेरे से काफी घुल – मिल गई. अब हम दोनों काफी समय साथ बिताने लगे थे. हम दोनों काफी करीब आ चुके थे.
एक दिन उसने मुझसे पूछा कि विपुल क्या तुम्हारी कोई लड़की दोस्त है? मैंने उससे झूठ में ही कह दिया कि हाँ है. यह सुन कर वो थोड़ी उदास हो गई. तब मैंने पूछा कि क्या हुआ तो वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने उसे सच बताया कि किसी लड़की से मेरी कोई दोस्ती नहीं है तो वो थोड़ा सा मुस्कुराने लगी.
उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और फिर मेरे गाल पर किस करके भाग गई. ये मेरे लिए पहली बार था तो मुझे अच्छा लगा. फिर उस पूरे दिन मेरी उस से बात नहीं हो पाई क्योंकि घर में सभी लोग थे तो मैंने भी ज्यादा बात करने कि कोशिश नहीं की.
रात में हम सभी लोग दम-शैराज खेल रहे थे. थोड़ी देर तो बड़े भी खेले पर बाद में हम बच्चे लोग ही रह गए. रीना और मैं अलग – अलग टीम में थे. मेरी टीम में मैं और मेरी बुआ की लड़की थी. उसकी टीम में मेरी बुआ का लड़का था.
जैसे – जैसे गेम आगे बढ़ा वैसे – वैसे अब मैं और वो ही रह गए. हम दोनों में काफी देर तक जुगलबंदी चलती रही. लेकिन अंत में वो जीत गई. दोस्तों, हमारे यहाँ हर खेल में होता है कि हारने वाली टीम को जीतने वाली टीम की बात माननी पड़ती है.
हम हारे तो तय हुआ कि हमें उन लोगों को पार्टी देनी पड़ेगी. हम लोगों ने अगले दिन पार्टी की. पार्टी के बाद जब हम घर आए तो पता चला कि पापा – मम्मी और बुआ किसी काम से बाहर गए हैं और रात में ही लौटेंगे. यह जान कर मैं बहुत खुश था क्योंकि अब मैं और रीना साथ में ज्यादा समय बिता पाएंगे.
फिर हम साथ में बैठ कर बात करने लगे. मैं और रीना बैठे आपस में बातें कर रहे थे तभी अचानक रीना ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और मुझसे पूछा कि वो मुझे कैसी लगती है? यूं अचानक हुई इस बात से मैं एक पल के लिए सकपका गया पर फिर मैंने खुद को संभालते हुए कहा कि अच्छी लगती हो.
यह सुनते ही वो खुशी के मारे मेरे गले लग गई. उसके ऐसा करने से उसकी छाती मेरे सीने से चिपक गई. इससे मुझे एक अजीब सा अहसास हुआ. अब मेरे होंठ उसके होंठों से मिल गए और हम दोनों करीब 10-12 मिनट तक एक – दूसरे को चूमते रहे.
इसी बीच मेरे और रीना के हाथ एक – दूसरे के बदन पर चलने लगे और ऐसा करते – करते कब हम दोनों ऊपर से नंगे हो गए पता ही नहीं चला.
फिर मैं उस से थोड़ा अलग हुआ और उसके जिस्म को निहारने लगा. अब वो शर्म के मारे अपने हाथ से अपने सीने को छुपाने लगी. फिर मैंने बड़े प्यार से उसके हाथ को हटाया और उसके भूरे चुचुक को अपने मुँह में ले लिया.
जिससे वो कसमसाने लगी और सिसकारियां लेने लगी. फिर मैंने उसके चुचुक पर हल्का सा काट लिया. जिससे वो चिहुंक पड़ी और मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ फिराने लगी. मुझे अच्छा महसूस हुआ और मैंने उठ कर अपनी पैंट निकाल कर फेंक दी. फिर मैंने अपना अंडर वियर भी उतार फेंका और उसे भी नंगा कर दिया.
उसकी चूत पर हल्के सुनहरे रंग के छोटे – छोटे बाल थे. दोस्तों, मैं तो उसकी चूत देखकर ही पागल हो गया और बिना कुछ सोचे अपना मुंह उस पर लगा दिया और उसे चूसने लगा. साथ ही मैं उसकी चूत में उंगली भी करता जा रहा था.
मेरे ऐसा करने से उसे दर्द होने लगा और वो कराहने लगी. थोड़ी देर बाद वह मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. फिर मैं उसके ऊपर आ गया. अब हम दोनों पर ही वासना सवार थी. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और हल्का सा दबाव बनाया.
उसकी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी तो मेरे लंड का आगे का भाग उसकी चूत में फंस गया और इससे उसे हल्का सा दर्द भी हुआ. यह देख मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और एक जोर का झटका मारा, जिससे मेरा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया.
इससे उसे काफी तेज दर्द हुआ. अब वो मुझे अपने ऊपर से धकेलने लगी और मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी. लेकिन मैं उसके दर्द को अनदेखा करते हुए उसे कस के पकड़े रहा और उसके होंठों को दबा कर एक और जोर का झटका मारा. इस झटके के साथ उसे बहुत तेज दर्द हुआ और मुझे भी हुआ क्योंकि ये मेरा भी पहली बार ही था.
वो दर्द के मारे चिल्लाने की कोशिश करने लगी और मुझसे कहने लगी कि बाहर निकालो इसे, बहुत तेज दर्द हो रहा है. निकलो इसे नहीं तो मेरी जान ही निकल जाएगी. फिर मैंने उसे समझाया कि पहली बार दर्द थोड़ा ज्यादा होता है पर बाद में मजा खूब आता है. यह सुन कर उसने मुझे धकेलना बंद कर दिया.
फिर मैं कुछ देर तक ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा. थोड़ी देर में वो सामान्य हुई और अपनी कमर उचकाने लगी. मैं उसका इशारा समझ गया और उसकी चूत से लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में पूरा लन्ड उसकी चूत के अंदर उतार दिया.
उसे इस बार भी दर्द हुआ पर अब वो इस दर्द का आंनद लेने लगी और मुझे तेजी से करने के लिए उकसाने लगी. अब कहने लगी थी कि और जोर से करो, और तेज और तेज. ऐसा कहते हुए वो तेज – तेज सिसकारियां लेने लगी. अब मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसे जोरों से चोदने लगा.
थोड़े समय बाद वो जोर की सिसकारी लेते हुए झड़ने लगी. लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैं उसे बिना रुके चोदता रहा. करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद अब मेरा होने वाला था. इस बीच वो 2-3 बार झड़ चुकी थी. फिर मैं भी तेजी के साथ धक्के मारने लगा और उसकी चूत में झड़ गया. इसके बाद मैं थक कर उसके ऊपर ही पड़ गया और वो मेरे सिर पर हाथ फेरने लगी.
उसके चेहरे पर खुशी के भाव थे. फिर हम दोनों अलग हुए तो मैंने देखा कि चादर हम दोनों के खून और पानी से खराब हो गई है. इसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और चादर बदल कर दूसरी बिछा दी. फिर हम दोनों ने एक गहन चुंबन किया और अलग हो गए.
दर्द की वजह से उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था. यह देख कर मैंने बाजार से उसके लिए एक पेन किलर और एक आइ-पिल लाकर दी. उसके बाद वो दो दिन ओर रुकी और मोका मिलते ही हम चुदाई का भरपूर मजा लेते थे.
उसके जाने के बाद मैं बिलकुल अकेला महसूस करने लगा. उस दिन के बाद हम कभी नहीं मिले पर आज भी मुझे रीना के साथ बिताए वो हसीन पल याद हैं. शायद मैं उसे कभी भुला भी नहीं पाऊंगा.
तो दोस्तों, ये थी मेरी सच्ची कहानी. आप लोग को कैसी लगी, जरूर मेल करें. मेरी मेल आईडी – [email protected]
Very good