मेरी दूर की बुआ पढ़ाई के लिए मेरे घर पर ही रहती थीं. इसी दरमियान हमारे बीच नजदीकियां बढ़ गईं लेकिन घर में मम्मी के होने की वजह से हम कुछ कर नहीं पा रहे थे. बस ऊपर से ही सब करके संतोष करना पड़ता था. कुछ दिन बाद बुआ अपने घर चली गईं और फिर एक दिन मुझे वहां बुलाया और मेरे वहां पहुंचने पर हमने अपने रिश्ते की सारी मर्यादाएं तोड़ दीं…
मेरा नाम विश्वास है और मैं मध्य प्रदेश के गुना जिले का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 21 वर्ष है और मैं दिखने में एवरेज लड़का हूं. ये कहानी मेरी और मेरी दूर के रिश्ते की बुआ की है. मेरी बुआ का नाम पूजा है और उनकी उम्र 20 साल के करीब है. वो दिखने में काफी आकर्षक है और एक दम मस्त माल लगती हैं. उनको देखते ही हर मर्द का लंड खड़ा हो जाता है.
बात तब की है, जब वो बुआ हमारे घर पढ़ाई करने के लिए रहती थीं. चूंकि बुआ के परिवार वाले काफी गरीब थे, इसलिए मेरे पिता जी ने उन्हें पढ़ाने का निर्णय लिया था. बुआ हमारे घर ही रहती थी. बुआ भी मेरी ही उम्र की थी तो हम दोनों एक – दूसरे से मस्ती – मजाक कर लिया करते थे.
आप ये कह सकते हैं कि हमारे बीच की बॉन्डिंग दोस्तों जैसी हो गई थी. हंसी – मजाक के दौरान कभी – कभी हमारे जिस्म भी एक – दूसरे के बदन से टकरा जाया करते थे. अक्सर हम दोनों एक – दूसरे से बॉयफ्रेंड – गर्लफ्रेंड की तरह नजरों ही नजरों में बात भी कर लिया करते थे.
एक रोज की बात है. उस दिन बुआ बाथरूम में नहा रही थीं. दरवाजा खुला था. मुझे टॉयलेट लगी तो दरवाजा खुला देख मुझे लगा कोई नहीं है और मैं गलती से अंदर घुस गया. अंदर बुआ और हम दोनों एक – दूसरे को देख कर दंग रह गए. बुआ भीगी हुई थीं और भीगे कपड़ों के अंदर उनका नवयौवन उनके उभारों के साथ साफ नजर आ रहा था.
मेरी नज़र उनके मम्मों पर पड़ी तो मैं एक टक देखता ही रह गया. मुझे ऐसे देखता देख बुआ को गुस्सा आ गया और बोलीं – पागल हो क्या, बाहर जाओ. यह सुन कर मैं बाहर चला गया. हालांकि, उस दिन के बाद से हम दोनों की मस्ती – मजाक खत्म सा हो गया था.
कुछ दिन बाद मम्मी – पापा किसी काम से बाहर चले गए. घर पर अब केवल बुआ और मैं थे तो वह मेरे पास आईं और बोलीं – क्या हो गया था तुझे उस दिन? मैंने कहा – कुछ नहीं वो गलती हो गई थी, दरवाजा खुला था तो मैं अंदर चला गया!
फिर वो बोलीं कि अच्छा सच बताना मैं तुझे कैसी लगती हूं. मैंने उनसे कह कि अच्छी लगती हो. तब पूजा बोलीं – ये नहीं, सेक्सी हॉट या ऐसा कुछ. इस पर मैंने कहा – हां, आप मुझे बहुत हॉट लगती. मेरे मुंह से ये सुन कर बुआ नहाने चली गईं और मैं रूम में बैठा रह गया.
थोड़ी देर में वो नहा कर बाहर आईं तो बड़ी मस्त लग रही थीं. पता नहीं आज क्या था? लेकिन मैं उन्हें देख नहीं रहा था. मैं नजरें झुका कर वहीं बैठा हुआ था, जब मौका मिलता चुपके से उन्हें देख लेता था.
थोड़ी देर बाद फिर वो मेरे एक दम पास आकर बैठ गईं और मेरे कंधे पर हाथ रख के मेरी ओर आईं और सीधे मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए. इस पर मैं कुछ कर नहीं सका और उनके आगोश में चला गया. अब मैं भी गर्म हो गया था और उन्हें बेइंतहा किस करने लगा. मेरे हाथ भी अब उनकी चूत तक पहुंच गए थे और मैं उसको सहलाने लगा था. अभी हम ऊपर ही ऊपर से सब काम कर रहे थे कि तभी किसी के आने की आहट हुई और हम अलग हो गए.
उसके बाद कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा. जब थोड़ा भी मौका मिलता तो हम ऊपर ही ऊपर अपनी वासना शांत की कोशिश करते लेकिन ऊपर से कभी बिना लंड के चूत में गए वासना शांत होती है भला. बल्कि इससे आग और बढ़ती ही जाती है. लेकिन फिर भी हम कुछ नहीं कर पाए क्योंकि घर पर हर समय मम्मी होती थीं और हमें साथ में बाहर जाने का मौका नहीं मिलता था.
कुछ दिन बाद बुआ की छुट्टी हो गई और वह अपने घर चली गईं. अब इधर मेरी तड़प बढ़ रही थी लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था. ऐसा नहीं था कि बुआ की वासना अब शांत हो गई थी. वो भी वासना की आग में जल रही थीं. हां ये था कि हम कभी – कभी मौका मिलने पर फ़ोन सेक्स करके खुद को शांत करने की कोशिश जरूर करते थे.
ऐसे ही कुछ दिन और बीते. एक दिन मेरे पास बुआ का कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि आज हमारे घर आ जाना काम है थोड़ा. उनके बात करने के लहजे से मैं भी समझ गया था कि क्या काम है!
फिर मैंने मम्मी से बताया और बुआ के घर चला गया. उस दिन उनके घर पर और कोई नहीं था. जैसे ही मैं वहां पहुंचा वैसे ही घर के अंदर ले जाकर उन्होंने मुझे किस करना स्टार्ट कर दिया. हम करीब 7-8 मिनट तक किस करते रहे.
फिर मैंने बुआ के ऊपर का टॉप और जीन्स उतार दिया. इसके बाद मैं ब्रा के ऊपर से ही जोर – जोर से उनकी गोल चूचियों को दबाने लगा. मेरे ऐसा करने से बुआ की सिसकारियां जोर पकड़ रही थी. अब पूरे कमरे में ‘ओह्ह ओह्ह आह आह’ की आवाज गूंज रही थी.
थोड़ी देर बाद बुआ ने मेरे भी कपड़े उतार दिए. अब मैं सिर्फ चड्डी में था. फिर मैन बुआ की ब्रा और पैंटी भी उतार दिया. इसके बाद मैंने बुआ को उठा कर पलंग पर लेटा दिया. दोस्तों, मैं कंडोम ले जाना भूल गया था. जब मैंने इस बारे में बुआ से कहा तो बुआ ने कहा, “मैंने तुम्हारे लिए पहले से ही कंडोम खरीद लिए थे. वहां मेरे पर्स में रखे हैं.”
फिर मैं उठा और उनके पर्स से कंडोम निकाल कर अपने लंड पर चढ़ा लिया. तब बुआ ने मुझसे कहा – मेरे राजा, अब मुझ से बिल्कुल भी इंतजार नहीं हो रहा है, जल्दी से शुरू हो जाओ.
लेकिन मैं किसी जल्दबाजी में नहीं था. मैं अब भी बुआ को किस करता और उनकी चूचियां दबाता रहा. फिर धीरे – धीरे मैं उनकी नंगी चूत तक पहुंच गया. उनकी चूत एक दम क्लीन शेव थी. शायद उन्होंने मेरे लिए ही पहले से पूरा इंतजाम कर रखा था. फिर मैंने बुआ की चूत में अपनी अंगुलियां डाल दी और अंदर – बाहर करने लगा. मेरे ऐसा करने से बुआ जोर – जोर से सिसकारियां लेने लगीं और मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी.
थोड़ी देर बाद फिर मैं उनके ऊपर से हट गया और उनकी दोनों टांगें चौड़ी कर के झटके के साथ उनकी गीली चूत में अपना लंड डाल दिया. लंड अंदर जाते ही बुआ की आह निकल गयी. लेकिन मैं बिना कोई परवाह किए जोर – जोर से झटके देने लगा. इस दौरान बुआ के नाखून मेरी पीठ पर अपने निशान छोड़ रहे थे और मैं अपना पूरा जोर लगा कर पूरा लिंग उनकी चूत के अंदर – बाहर कर रहा था. अब हम दोनों इस वासना की खुमारी में पूरी तरह डूब गए थे और स्वर्ग का आनंद ले रहे थे.
कुछ देर तक इस पोजीशन में चोदने के बाद फिर मैं उनके ऊपर से हट गया और बुआ को कुतिया बनने के लिए कहा. इसके बाद मैं उनके ऊपर चढ़ गया और पीछे से उन्हें डॉगी स्टाइल में जोर – जोर से चोदने लगा.
बुआ अपनी चरम सीमा पर थीं और हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था. फिर कुछ देर बाद दोबारा से बुआ को मैंने सीधा लिटा दिया और किस करने लगा. इसके बाद फिर से लंड अंदर डाल के स्टार्ट हो गया. अब मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ती जा रही थी.
थोड़ी देर बाद बुआ का पानी निकल गया और वह शांत होकर लेट गईं लेकिन मैं उन्हें चोदता रहा. कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया और बुआ के ऊपर लेट के उनको किस करने लगा. फिर हम उठे और हम दोनों साथ में बाथरूम जाकर खुद को साफ किया और मैं वापस अपने घर लौट आया.
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