बुआ के पड़ोस वाली आंटी की बेटी की सील तोड़ दी

अब उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और वो मेरी बाँहों में झूलने लगी थी. फिर मैंने उसे उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर उसका नंगा बदन चूमने लगा…

हेलो दोस्तों, आप सब को मेरा नमस्कार. मैं भी आप सभी की तरह अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. आप सभी की मस्त – मस्त कहानियाँ पढ़ कर मेरा भी मन किया कि आप सभी के साथ अपनी एक सच्ची घटना शेयर करूं.

दोस्तों, सभी की जिन्दगी में कभी ना कभी ऐसा मौका आता ही है, जब लड़कियाँ खुद उसे मिलती हैं और सेक्स का निमंत्रण देती हैं. मेरी जिन्दगी में भी ऐसा एक मौका आया था.

यह बात एक साल पहले की है. उस समय मैं 12वीं क्लास का पेपर दे कर छुट्टियां मना रहा था. दोस्तों, तब मैं 20 साल का था. उस समय मेरा लण्ड ज्यादा तो नहीं पर 5.5 इंच का लंबा और 2 इंच तक मोटा था.

दोस्तों, अब सीधा अपनी कहानी पर आते हैं. छुट्टी के दौरान मैं अपनी बुआ के यहां छुट्टी मनाने चला गया. बुआ के पड़ोस में एक आंटी रहती थी, जो 35 साल के आसपास के उम्र की थीं. उनकी एक बेटी थी. उस समय उसकी उम्र 19 साल के आपपास रही होगी. उसका फिगर 32-28-34 का था. दोस्तों, मैं जब भी उसे देखता तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता. मेरा मन तो करता था कि अभी चोद दूं साली को.

दोस्तों, पहले तो मैं बुआ के यहां दिन भर घर में ही रहता था. लेकिन फिर पड़ोस वाली आंटी से जान पहचान हो गई तो उनके यहां भी बैठने लगा. कुछ दिन बाद अब आंटी मेरे ऊपर विश्वास करने लगी तो मैं दिन भर उन्हीं के यहां बैठ के टीवी देखता रहता था.

एक दिन आंटी जी मार्केट जा रही थी. उस समय मैं वहीं बैठा टीवी देख रहा था तो आंटी ने मुझसे कहा कि मैं बाजार जा रही हूँ तुम और तनु टीवी देखो, मैं जल्दी ही आती हूँ. यह कह कर वो मार्केट चली गयी.

उनके मार्केट जाते ही मैंने टीवी में हॉलीवुड की मूवी लगा दी. कुछ देर बाद उसमें एक किसिंग सीन आया तो उसे मैं और तनु बहुत ध्यान से देख रहे थे. तभी तनु ने मुझसे कहा कि मुझे भी ऐसे ही करना है. फिर क्या था अब हम दोनों ने किस करना शुरू कर दिया.

किस करते – करते मैंने एक हाथ उसके मम्मों पर रख कर उनको दबना चालू कर दिया. अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने सीने से लगा लिया और फिर मैं बिना रुके जोरदार तरीके से उसे चूमने लगा.

तभी उसने मुझसे कहा कि सांस तो ले लो! लेकिन मुझे तो जैसे होश ही नहीं था. मैं उसे दीवानों की तरह चूमे जा रहा था. मेरे हाथ उसके मम्मों को दबाने लगे थे और मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था और उसे भी शायद मेरा लंड चुभने लगा था इसलिए वो थोड़ा पीछे हुई तो मैंने उसे खींच कर अपने से सटा लिया और जोर से उसके मम्मों को दबाने लगा.

मैं उसके होंठो को तो जैसे खा जाना चाहता था. दोस्तों, तनु बहुत रस भरी थी. अब तक तनु भी गरम होने लगी थी और मेरा साथ देने लगी. अब उसका हाथ मेरी पैंट पर था और उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगी.

मेरा लंड पकड़ कर तो वो और भी मस्त हो गई थी और अब उसके मुंह से सिसकारी निकलने लगी थी. अब मैंने अपना लंड उसके नरम होंठों पर लगाया तो उसने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया और जोर – जोर से चूसने लगी.

अब तक में मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए थे और उसकी स्कर्ट भी उतार दी थी. वो अब सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी और मेरे मेरा लंड चूस रही थी. फिर मैंने उसकी ब्रा भी खोल कर उतार दी.

यारों, इतनी मस्त लड़की मैंने पहली बार देखी थी. वास्तव में सही तो यह है कि मैंने इस हालत में लड़की ही पहली बार देखी थी. अब मैंने उसके मम्मे चूसना शुरू कर दिया. जिससे वो बिल्कुल गर्म हो गई थी.

अब उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और वो मेरी बाँहों में झूलने लगी थी. फिर मैंने उसे उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर उसका नंगा बदन चूमने लगा.

दोस्तों, वो मुझे ऐसे लग रही थी, जैसे कि माखन में मिसरी मिली हो. उतनी ही चिकनी और उतनी ही मीठी थी वो. अब मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाला और उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा.

इससे वो मचल सी उठी और बेकाबू हो कर मुझसे लिपट
गई. दोस्तों, उसकी चूत बहुत भीगी हुई थी. फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी और अपने होंठ उसकी भीगी चूत पर रख दिए. उसकी चूत की खुशबू से मैं भी दीवाना हो गया था.

अब बस मुझसे रुका नहीं जा रहा था और मैंअपना लंड उसकी कुंवारी चूत में डालना चाहता था. वो बहुत मस्त हो रही थी, पर शायद वह चुदाई से डर भी रही थी. क्योंकि मेरे पहली बार कहने पर वो मना करने लगी.

फिर जब मैंने उसके कान में कहा कि डरो नहीं, इसमें बहुत
मज़ा आएगा तो फिर मेरे कहने पर वो मान गई. अब मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर से धक्का दे दिया. मेरे इस धक्के से मेरा लन्ड अंदर तक जा चुका था और मेरे इस धक्के के साथ उसकी सील भी टूट गई थी. क्योंकि मैंने देखा कि उसकी चूत से हल्का – हल्का खून बाहर आ रहा था.

मेरे लन्ड का लोड वह नहीं सह पाई थी और दर्द की वजह से वो चिल्लाने लगी और चूत से लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी. लेकिन दोस्तों, मुझ पर तो जैसे काम का भूत ही सवार था.

मैंने उसे जोर से पकड़े रखा और अपना लंड उसकी चूत में दबाकर उससे बाहर नहीं निकलने दिया. इसके साथ ही मैं उस पर लेट गया और उसके मम्मे चूसने और दबाने लगा.

मेरे ऐसा करने से वो कुछ देर ही में अपना दर्द भूल गई और मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने भी मौका देखा और उसकी चूत में अपना लंड अन्दर – बाहर करने लगा.

अब उसे भी मज़ा आ रहा था और वो भी अपने चूतड़ उठा कर चुदाई में साथ देने लगी. उसके मुंह से जोर – जोर की सिसकारियां निकल रही थी. अब पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूंजने लगा था.

करीब दस मिनट के बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसके नरम – नरम पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया. अब तक उसकी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया था. कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि थोड़ी देर में ही उसकी मम्मी आ
जाएंगी. यह सुन कर मैंने टीवी बन्द की और चला आया.

दोस्तों, तनु से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था. बाद में मैंने उसे दवा लाकर दी. जिसे खाने के बाद उसे आराम मिल गया.

उसके बाद से जब भी हमें मौक़ा मिलता है. हम पूरी मस्ती के साथ चुदाई कर लेते हैं. अब तक मैं उसे करीब 10 बार चोद चुका हूँ.

दोस्तों, मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताना. मुझे आपकी राय का इंतज़ार रहेगा. मेरी मेल आईडी – [email protected]