बस वाली लड़की के साथ मेरा लेस्बियन सेक्स

जब मैं उसके घर के पास पहुंची तो वो अपनी खिड़की पर खड़ी मेरा वेट कर रही थी. फिर मैं कार से उतरी और उसने घर का दरवाजा खोल दिया. अब मैं अंदर चली गई और अंदर जाते ही उसने मुझे हग किया और जल्दी से दरवाजा बन्द करने के बाद मेरे होंठों पर टूट पड़ी और मुझे किस करने लगी…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम हरनीत देओल है और मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ. मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ और पिछले कुछ सालों से लगातार इसे पढ़ रही हूँ. आज तक मैंने इसकी एक भी कहानी को छोड़ा नहीं है. इसे पढ़कर ही मेरी हिम्मत हुई और आज मैं अपनी पहली कहानी आप सब के साथ शेयर कर रही हूँ.

अब आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आती हूँ. दोस्तों, मेरी उम्र 21 साल है और हाइट करीब 5 फुट और 9 इंच है. मेरा रंग गेहुंआ है और मेरी बॉडी मस्कुलर है. दोस्तों, मेरी चूचियां ज्यादा बड़ी नहीं हैं, इसलिए लोग अक्सर मुझे लड़का ही समझ लेते हैं.

बात 11 महीने पहले की है. उन दिनों मैंने अपने कॉलेज की वैन से आना जाना छोड़ दिया और प्राइवेट बस से कॉलेज आने – जाने लगी.

मेरे घर से कॉलेज का रास्ता तकरीबन 1 घंटे का है. इस लिए मैं अक्सर गाने सुनते हुए ही जाया करती थी. उसी बस में 25-26 साल की एक कुंवारी लड़की भी जाती थी. जिसके ऊपर पहले तो मैंने कोई खास ध्यान नहीं दिया.

बस में आने – जाने की शुरुआत करने के करीब 1 महीने बाद मैं एक बुज़ुर्ग की सीट देने के लिए खड़ी हो गई थी. अगले ही स्टॉप पर वो लड़की बस में चढ़ी और सीट खाली न होने के कारण मेरे ही साथ में खड़ी हो गई.

उस दिन मैंने पहली बार उसे इतना करीब से देखा था. मैं तो उसे देखती ही रह गई. उसका गोरा रंग, नशीली आंखें, लम्बे – काले बाल और उसके गुलाबी होंठ देख कर तो जैसे मेरे आस – पास की सारो दुनिया ही धुंधली हो गई थी.

तभी बस का झटका लगा और मेरा ध्यान टूट गया. लेकिन मैं रास्ते भर उसे ही देखती रही और शायद उसे भी पता चल गया था कि मैं उसे ही देख रही हूँ.

थोड़ी देर बाद उसका स्टॉप आ गया और फिर वो उतर गई. अगले कुछ दिनों तक ऐसा ही होता रहा. जब वो बस में चढ़ती तो मैं उसे ही देखती रहती और वो भी कोई न कोई हरकत करके मेरा ध्यान अपनी अपनी ओर खींचती रहती.

इसी बीच एक दिन एक सरकारी रैली थी. जिसमें काफी लोग चले गए थे. इस लिए उस दिन करीब – करीब बस खाली थी. बस में केवल तीन लोग थे. उस दिन मैं भी जाकर पीछे की एक सीट पर अकेले ही बैठ गई.

थोड़ी ही देर में उसका बस स्टॉप आ गया और वो अगले दरवाजे से बस में चढ़ गई. फिर उसने इधर – उधर देखा तो उसकी नज़र मुझ पर पड़ी तो वह चल कर मेरे पास आई और मेरे बगल में ही बैठ गई.

उसे अपने पास देख कर मैंने कानों से ईरफ़ोन निकाले और अपने दिल को संभालने लगी. तभी वो मुझसे बोली कि आखिरकार आज मुझे तुम्हारे पास सीट मिल ही गई. इस पर मैंने हकलाते हुए जवाब दिया कि मुझे तो अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि आप मेरे पास बैठी हो!

मेरी बात सुन कर उसने अपने चेहरे पर एक छोड़ी सी मुस्कुराहट बिखेर दी और बोली कि वो मुझसे दोस्ती करना चाहती है. इस पर मैंने भी मुस्कुरा कर उसकी दोस्ती एक्सेप्ट की और फिर हम आपस में बातें करने लगे. फिर हमने अपना फोन नम्बर भी एक्सचेंज कर लिया और अब हमारी फोन पर भी बातें होने लगीं.

अब हम दोनों बस में एक साथ ही बैठते थे और इसके लिए जाते समय रोज़ एडजस्ट भी कर लेते थे. बस में हम खूब बातें करते रहते थे. हमारे बीच हर तरह की बातें होने लगी थीं.

ऐसे ही एक दिन फोन पर बातों ही बातों में मैंने उसे बताया कि मैं लेस्बियन हूँ ऑड उसे पसन्द करती हूँ. मेरी बात सुन कर उसने बिना कुछ और पूछे उसी शाम मिलने के लिए बोला तो मैं अपनी एक दोस्त की कार लेकर निकल गई और उसकी कॉलोनी में जा पहुंची.

जब मैं उसके घर के पास पहुंची तो वो अपनी खिड़की पर खड़ी मेरा वेट कर रही थी. फिर मैं कार से उतरी और उसने घर का दरवाजा खोल दिया. अब मैं अंदर चली गई और अंदर जाते ही उसने मुझे हग किया और जल्दी से दरवाजा बन्द करने के बाद मेरे होंठों पर टूट पड़ी और मुझे किस करने लगी.

करीब 2-3 मिनट के बाद हम लोग अलग हुए तो उसने मुझसे खुद को किस करने को कहा. उसके मुंह से यह सुनते ही मैंने उसे गोद में उठा लिया एयर दीवार से लगाकर 10-12 मिनट तक किस किया. किस करने के दौरान मैंने अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और हल्के – हल्के दबाने लगी. इस पर वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

फिर मैंने उससे अलग होते ही एक रोमांटिक गाना लगाया और उसके बाद एक बार फिर से उसे किस करने लगी. अब उसने मेरी पूसी पर अपना हाथ रख दिया और धीरे – धीरे सहलाने लगी.

इसके बाद मैंने उसे गोद में उठाया और पास ही रखे डाइनिंग टेबल पर लिटा दिया. फिर मैंने उसकी टीशर्ट उतार दी और उसकी ब्रा को ऊपर करके एक हाथ से उसके बूब्स को प्रेस करने लगी. इसके साथ ही मैंने उसकी दूसरी चूची को मुंह में डाल लिया और काफी चूसने लगी.

इसमें मुझे थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और अपने होंठ उसके निप्पल से लगाकर करीब 15 -20 मिनट तक चूसती रही.

तब तक उसने भी अपना हाथ मेरी शर्ट में डाल दिया तंग और फिर मेरे बूब्स के साथ खेलने लगी. उसके बूब्स को चूसते हुए फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत तक पहुंच गई. मैंने देखा कि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

उसकी गीली चूत देख कर मैं उठी और झटके से उसके पाजामे को खींच कर उतार दिया. अब मैं उसकी जांघों को चूमते हुए ऊपर पहुंची और फिर उसकी पैंटी को निकाल फेंका.

पैंटी हटाते ही उसकी गुलाबी रंग की चूत मेरे सामने आ गई. उसकी चूत एक दम क्लीन शेव थी और शायद उसने कुछ ही देर पहले अपने बाल साफ किये थी.

फिर मैंने उसकी चूत के लिप्स पर अपने होंठ लगा दिए और चुसाई करने लगी. अब वो सीधी हुए और मेरे कपड़े उतार कर 69 की पोजिशन में लेट गई. फिर वो भी मेरी चूत चाटने लगी.

अब मैंने अपने एक हाथ से उसकी चूत के लिप्स को फैलाया और जब उसकी क्लिट मुझे दिखाई दी तो मैंने उस पर अपनी जीभ रख दी. साथियों, उसकी चूत मुझे बहुत हरम महसूस हो रही थी.

मैं करीब 5-6 मिनट तक उसकी क्लिट को चाटती रही और फिर अपनी जुबान को मैंने उसके छेद के अंदर डाल दिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब मैं अपनी जीभ को अंदर – बाहर कर रही थी.

फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और दूसरे हाथ से उसकी बूब्स दबाने लगी. वो पूरी मदमस्त होकर मेरी चूत चाट रही थी. वो ऊपर से लेकर नीचे तक एक दम लावा जैसी गर्म थी. हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैं उठी और उसके बूब्स को अपने दोनों हाथों से तेजी से दबाया और चूम लिया. ऐसे ही करते – करते 7-8 मिनट बाद वो झड़ गई. थोड़ी ही देर में मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया. अब वो थक गई थी तो मैंने उसे पहनने में मदद की और उसके बिस्तर पर उसे सुला दिया. इसके बाद मैं वापस अपने घर चली आई.

आप सब को मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]