चचेरी बहन की मां चोद दी

आपको मदमस्त कर देने वाली मेरी इस कहानी में पढ़िए कि कैसे मैंने एक रात अपनी चचेरी बहन के बगल में लेटी उसकी मां को चोद दिया और उन्हें अपना दीवाना बना लिया…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम सत्यम है. मैं पिछले पांच सालों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. मेरी यह कहानी एक साल पहले मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है. तब मैं ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में था. चूंकि मैं पहली बार अपनी कोई कहानी लिख रहा हूँ, इसलिए इसमें अगर कोई भी गलती हो तो माफ करिएगा.

अब आप लोगों का समय वेस्ट न करते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरा और मेरे चाचा का घर पास – पास ही है. दोस्तों, मेरे चाचा मुझसे बहुत ज्यादा बड़े नहीं हैं. मेरी और उनकी उम्र में आठ साल का अंतर है. मैं जब भी उनके घर जाता तो चाचा और चाची से खूब बातें किया करता था.

एक बार मेरे घर की मरम्मत का काम हो रहा था. इसलिए मैं चाचा के यहां रहने चला गया. माफ करना दोस्तों मैंने अभी तक आप सब को अपनी चाची के बारे में कुछ बताया ही नहीं. मेरी चाची का रंग एक दम गोरा है. वे अपनी काली आंखें से अगर किसी को देख लें तो वो घायल हो जाता.

उनकी चूचियां और गांड की तो बात ही करना उनकी कम बताना है. खैर, आप जानना चाहते होंगे इसलिए बताये दे रहा हूँ. उनकी मस्त चूचियों और गांड को देख कर बुड्ढों का भी लन्ड खड़ा हो जाए.

मेरी चाची की एक छोटी लड़की थी. दोस्तों, उस समय गर्मी के दिन थे और गर्मी में मुझे जमीन पर लेटना पसंद है. गर्मी के दिनों में वहां लाइट कटना आम बात है. इसलिए जब तक लाइट रहती हम लोग नीचे सोते थे लेकिन लाइट जाने के बाद ऊपर छत पर सोने चले जाते थे.

मेरी चाची को गर्मी ज्यादा लगती थी इसलिए कभी – कभार रात में वो नहाती भी थीं. एक दिन लाइट काफी समय तक नहीं आई थी. रात के 11 बज चुके थे. इसलिए चाचा ने सब को लेटने के लिए कहा तो चाची बोलीं कि मैं तो ऊपर छत पर ही लेटूंगी. मैंने भी छत पर लेटने को कहा.

फिर उन्होंने अपनी लड़की को साथ ले लिया. बाकी के लोग उन्हें नीचे लेटने के लिए बोल रहे थे. लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे गर्मी लग रही है. फिर हम ऊपर चले गए और वहां जाकर जमीन पर लेट गए.

दोस्तों, मेरी चाची सोते समय मैक्सी पहनती हैं. उस दिन भी उन्होंने मैक्सी पहन रखा था. छत पर भी कोई खास राहत नहीं थी. वो पंखा करने लगीं और करते – करते सो गईं. तब तक उनकी बेटी भी सो गई थी. मुझे अभी नींद नहीं आ रही थी तो मैंने उनके हाथ से पंखा ले लिया.

मुझे नींद न आने का काऱण चाची थीं. दोस्तों, जिसके बगल में आग हो उसे नींद कहां से आएगी. फिर मैंने हिम्मत धीरे – धीरे अपना हाथ आगे बढ़ाया और ले जाकर उनकी चूची पर रख दिया. मैंने अपना हाथ इस तरह से रखा था, जिससे उन्हें पता चलने पर लगे कि मैंने नींद में ऐसा किया है.

काफी देर तक मैं ऐसे ही हाथ रखे रहा. जब उनकी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई तो मुझे विश्वास हो गया कि वो सो रही हैं. तब मैंने धीरे से उनकी चूचियों को दबा दिया. ऐसा करने पर मुझे इतना आनंद महसूस हुआ कि मैं उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. उनकी चूचियां इतनी मुलायम थीं कि फोम भी कम मुलायम लगता था.

दोस्तों, उस दिन मैंने पहली बार किसी औरत की चूची को दबाया था. अब मैं धीरे – धीरे उनकी मैक्सी के ऊपर से ही उनकी चूची को दबाने लगा. फिर मैं मैक्सी के ऊपर से ही उनके निप्पल्स तलाशने लगा. निप्पल के मिलते ही मैं धीरे – धीरे उन्हें रगड़ने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैं अपना हाथ उनकी मैक्सी के अंदर डालने की कोशिश करने लगा. कुछ देर की मेहनत के बाद आखिरकार मैं सफल हो ही गया और मेरा हाथ अंदर उनकी मैक्सी के अंदर पहुंच गया.

अब मैं उनकी मुलायम चूचियों को अपने हाथों में ले लिया और धीरे – धीरे उनको दबाने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मैंने हाथ बाहर निकाल लिया. इसके बाद मैं दूसरी तरफ जाकर लेट गया और फिर एक हाथ उनकी मैक्सी में डाल कर बूब्स मसलने लगा और दूसरे हाथ को उनकी चूत खोजने में लगा दिया.

मैं अपने ऊपर चादर डाले हुए था. ताकि कोई देख न पाए. चूत खोजने के बाद हाथ अपना काम करने लगा. मैं उनकी चूत रगड़ने लगा, जिससे वो गीली हो गई. अब ये तो पक्का था कि चाची जाग रही हैं और मज़े ले रही हैं.

यह जान कर मैंने उनकी मैक्सी को ऊपर किया और चूत में उंगली करने लगा. इधर मेरे लन्ड का भी बुरा हाल था. बेचारा चूत की याद में आंसू बहा रहा था. थोड़ी देर बाद मैं उनसे चिपक गया और लन्ड को बाहर निकाल कर चाची की चूत पर रगड़ने लगा.

मेरे ऐसा करने से उनके मुंह से सिसकारी निकल गई. उनकी सिसकारी को सुन कर मैंने कहा कि चाची अब तो जाग जाओ, बहाना न करो. तब उन्होंने अपनी आंखें खोली और बोलीं – अब और न तड़पाओ अंदर डाल दो.

लेकिन मैं उन्हें और तड़पाना चाहता था. इसलिए लन्ड को चूत से रगड़ता रहा. ऐसा करके मैंने चाची की बेचैनी को बढ़ा दिया. वो उत्तेजित हो चुकी थीं. करीब 5 मिनट तक ऐसा करने के बाद फिर मैंने लन्ड को उनकी चूत का रास्ता दिखा दिया. फिर मैंने एक ही झटके में पूरा लन्ड अंदर पेल दिया.

अचानक हुए इस हमले से चाची को तेज दर्द हुआ और वह चीख पड़ीं. लेकिन मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर उनकी आवाज दबा दी. अगर आवाज बाहर जाने की स्थिति में गड़बड़ हो सकता था.

फिर चाची को कुछ राहत हुई तो उन्होंने कहा – बहुत कमीने हो, आराम से नहीं पेल सकते थे. इस पर मैं कुछ नहीं बोला बस उनके होंठ चूसता रहा. थोड़ी देर बाद जब चाची नॉर्मल हुई तो मैंने पेलम पेल चुदाई चालू कर दी. अब चाची केवल ‘ओह्ह आह आह ऊह ऊह आह आह ओह्ह ईईईई’ की मादक आवाज कर रही थीं.

थोड़ी देर बाद वो बोलीं – आह सत्यम, आज फाड़ दो मेरी चूत को और इसका भोसड़ा बना दो. तेरी चुदाई की तो मैं एक ही बार में फैन हूँ. आज से मैं तेरी हो गई और तू मेरा. बना ले आज मुझे अपनी और बुझा दे मेरी प्यास.

यह सुन कर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया और तेजी से चुदाई करने लगा. हम लोग पसीने से लथपथ हो चुके थे. इस वजह से हमारे शरीर भी आवाज करने लगे थे. इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. मैं उनकी चूचियां मसल – मसल कर दनादन धक्के लगा रहा था.

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने उनसे पूछा कि कहाँ निकालूँ? तो उन्होंने कहा कि अंदर ही निकाल दो. इसके बाद मैंने तेजी – तेजी 8-10 धक्के मारे और उनकी चूत में झड़ गया और फिर उनके ऊपर लेट गया.

थोड़ी देर बाद मैं उनके बगल में आकर सो गया. सुबह उठा तो 7 बज चुके थे और चाची नीचे जा चुकी थीं. फिर मैं नीचे गया तो चाची पहले जैसे ही नॉर्मल तरीके से मुझसे बात कर रही थीं. उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को मौका मिलता है हम चुदम – चुदाई कर लेते हैं. अभी तक मैं उनको कई आसनों में चोद चुका हूँ.

आप सब को मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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