मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थीं. एक बार मैं चाय के लिए चीनी लेने उनके पास गया. तब उन्होंने चीनी न देकर चाय पीने का ऑफर दिया. बाद में चाय के साथ – साथ उन्होंने मुझे अपनी चूत का रस भी पिलाया…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम करण है. ये जो कहानी मैं आप लोगों के सामने पेश कर रहा हूं, वह मेरी पहली और सच्ची कहानी है. उम्मीद है आप सब को जरूर पसंद आएगी.
कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सब को अपने बारे में बता देना चाहता हूं. मैं शिमला का रहने वाला हूं और मेरी लंबाई 5 फुट 6 इंच है. देखने में मैं काफी हॉट और क्यूट हूं.
अब मैं आपको ज्यादा बोर न करते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूं. दोस्तों, इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए मैं चंडीगढ़ गया था. वहां पर मुझे कॉलेज की तरफ से हॉस्टल नहीं मिला था तो मैंने एक फ्लैट किराये पर ले लिया था और उसमें अकेले रहता था.
उसी बिल्डिंग में एक भाभी भी रहती थीं. उनका नाम नेहा था. उनका फ्लैट मेरे फ्लैट के बगल में ही था. उनकी उम्र 35 साल थी. मेरे हिसाब से उनके बूब्स का साइज 38 होगा. उनकी गांड इतनी सेक्सी है कि क्या बताऊं. वो बाहर की ओर निकली हुई है और किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करने के पर्याप्त है.
जब मैं वहां नया – नया आया था तो सिर्फ उनसे हाय हेलो ही होता था. मैंने कभी उनको चोदने के बारे में नहीं सोचा था. जैसे – जैसे समय बीतता गया, वैसे – वैसे मेरे और उनके बीच होने वाली बातों का सिलसिला बढ़ता गया.
एक दिन मैं अपने किचन में चाय बना रहा था तो मैंने देखा कि चीनी तो है ही नहीं. चाय मैंने चढ़ा दी थी और शाम भी हो गई थी. इसलिए मैंने सोचा कि बाहर लेने जाने से बेहतर है नेहा भाभी से आज के लिए चीनी ले लेता हूं फिर कल मार्केट जाकर ले आऊंगा.
यह सोच कर मैं उनके घर गया और नेहा भाभी से कहा – भाभी, थोड़ी चीनी मिलेगी क्या? मेरे यहां खत्म हो गई है और मुझे चाय बनानी है. यह सुन कर भाभी बोलीं – तुम बैठो मैं चाय ही बना लाती हूं. मैंने उन्हें बताया कि मैं चाय बना रहा था तो वो बोलीं कि गैस बन्द करके आओ यहीं चाय पीते हैं. वैसे भी मैं अकेली हूं, तुम्हारे भैया बिज़नेस ट्रिप पर गए हैं और अब परसों आएंगे.
फिर मैंने कहा ठीक है भाभी मैं गैस बन्द करके आता हूं. इतना कह कर मैं अपने रूम गया और गैस बन्द करके थोड़ी ही देर में वापस आ गया. फिर मैं भाभी के हॉल में बैठ कर टीवी देखने लगा और वो चाय बनाने लगीं.
अभी मैं टीवी देख ही रहा था कि भाभी चाय बना कर ले आईं. भाभी भी मेरे ही बगल में बैठ गईं. हम चाय पीते हुए टीवी देख रहे थे और बात भी कर रहे थे. टीवी पर वन नाईट स्टैंड मूवी आ रही थी.
तभी अचानक उसमें हॉट सीन आया. यह देख मैंने चैनल चेंज कर दिया तो भाभी बोलीं – चैनल क्यों बदल दिया? मैंने कहा – भाभी, आपके सामने ये देखने में शर्म आ रही है. यह सुन कर भाभी ने कहा कि ओहो इतने शर्मीले हो और फिर इतना बोलने के बाद वह हंस पड़ीं.
ऐसे ही धीरे – धीरे मैं उनसे खुल गया. फिर मैंने वही चैनल लगा दिया. सेक्सी सीन चल ही रहा था. थोड़ी देर बाद भाभी ने मेरे हाथ के ऊपर अपना एक हाथ रख दिया और उसे हल्के से दबाने लगीं. उनके ऐसा करने से धीरे – धीरे मेरा लन्ड कड़क होने लगा.
इसी बीच भाभी की नज़र उस पर पड़ी तो वह हंस पड़ीं. अब मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था. फिर मैंने उन्हें धक्का दिया और उनके ऊपर आकर पागलों की तरह उन्हें किस करने लगा.
भाभी ने इसका कोई विरोध नहीं किया. इससे मेरा हौसला बढ़ गया. मैं समझ गया कि वो भी यही चाहती हैं. मैं लगातार उन्हें चूमता जा रहा था. भाभी भी अब मेरा साथ देने लगी थीं. करीब 10 मिनट तक ये सीन चलता रहा.
फिर मैंने उनकी कमीज उतार दी और ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा. इससे भाभी मस्त हो गई थीं. उनके मुंह से ‘आह्ह आह्ह ओह्ह ओह्ह’ की मादक आवाजें आ रही थीं. ये देख मैं और ज्यादा एक्साइटेड हो गया और ब्रा के ऊपर से ही निप्पल पर मुंह लगा दिया. बड़ा मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मैंने दांतों से उनकी ब्रा खोल दी. अब उनके मस्त स्तन मेरे सामने थे. मैं उन पर टूट पड़ा. अब मैं अपनी जीभ से दबा कर उनके निप्पल्स को चूस रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर भाभी ने मेरी पैंट उतारी और अंडर वियर के अंदर से ही मेरे लन्ड को मसलने लगी. उनका हाथ लगते ही मेरा लन्ड और कड़क हो गया. फिर भाभी ने लन्ड को बाहर निकाला और मुंह में लेकर पागलों की तरह चूसने लगी.
अब मेरी उत्तेजना इतनी बढ़ गई थी कि मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं गया. फिर मैंने उन्हें बेड पर ले जाकर लिटाया और नीचे की तरफ जाकर भाभी की गीली चूत को चाटने लगा. क्या बताऊं दोस्तों, कितना मज़ा आ रहा था. मैं सातवें आसमान में था.
भाभी से अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. वह मेरा सर अपनी चूत में दबाते हुए ‘फक मी, फक मी हार्ड’ किये जा रही थीं. करीब 5 मिनट तक मैंने उनकी चूत चाटी. इसी बीच उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया. जिसे मैं पूरा पी गया.
इसके बाद मैं उठा और मैंने भाभी की टांगें चौड़ी की. इसके बाद अपना लन्ड उनकी चूत पर सेट किया और हल्का से धक्का देकर अंदर कर दिया. दोस्तों, चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि लन्ड एक ही झटके में अंदर चला गया. लन्ड उनकी बच्चेदानी तक पहुंच रहा था. लन्ड एक बार में ही अंदर जाने का एक कारण और भी था. वो भैया से रोज चुदती थीं, जिससे उनकी चूत ढीली हो गई थी.
ऐसा महसूस करके भाभी बोलीं – वाओ, इतना बड़ा लन्ड! करन आज फाड़ दो मेरी इस चूत को, फक मी करन, फक मी हार्ड. उनकी यह बात सुन कर मेरा जोश और बढ़ गया. फिर मैं और तेजी से उन्हें चोदने लगा. मेरी स्पीड लगातार बढ़ती जा रही थी. करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ ही झड़ गए.
फिर मैंने भाभी को उल्टा लिटाया और थोड़ी देर बाद जब मेरा लन्ड खड़ा हो गया तो मैंने उनकी गांड में लन्ड डाल दिया. अभी थोड़ा सा ही लन्ड अंदर गया था तो भाभी बोलीं – नहीं, ऐसा मत करो दर्द हो रहा है. हालांकि, मैंने उनकी एक न सुनी और 4 झटकों में पूरा लन्ड अंदर डाल दिया.
उनकी गांड काफी टाइट थी. शायद उन्होंने कभी गांड नहीं मरवाई थी. इसलिए भाभी को तेज दर्द हुआ, वो मुझे धक्का देने लगीं लेकिन मैं नहीं उठा. मैं लगातार धक्के देता रहा. थोड़ी देर बाद जब उनकी गांड ढीली हो गई तो वो भी उछलने लगीं. उन्हें भी मज़ा आने लगा. करीब 20 मीन तक लगातार धक्के मारने के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया. भाभी मुझसे पूरी तरह संतुष्ट हो गई थीं.
इस तरह हमने लगातार दो दिन तक चुदाई की. तीसरे दिन भैया वापस आ गए, इसलिए हमें अपने चुदाई कार्यक्रम को रोकना पड़ा. लेकिन बाद में भैया जब भी बाहर जाते या किसी तरह हमारा जुगाड़ होता, हम चुदाई जरूर करते. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं.