चालू लड़की को उसकी बहन की मदद से चोदा भाग – 1

मेरे ऑफिस में नई – नई आई एक लड़की मुझे फंसा कर अपना काम करवाना चाहती थी लेकिन मैं उसकी बहन की मदद से ऐसा कुछ कर दिया कि उसे खुद ही चुदवाना पड़ा…

नमस्कार पाठक मित्रों! मेरा नाम रुद्राक्ष है और मैं अहमदाबाद, गुजरात का रहने वाला हूँ. यहां पर यह मेरी प्रथम पेशकश आप सभी के मनोरंजन के लिए है. मैं एक प्राईवेट कंपनी में इजींनियर हूँ. मैंने 8 साल पहले अन्तर्वासना वेबसाइट को देखा था और तब से मैं इसका नियमित पाठक रहा हूँ.

मैं अन्य कहानियों पर कुछ भी कहने के बजाए अपनी इस कहानी और आने वाली कहानियों के बारे में सिर्फ इतना ही कहूंगा कि सभी कहानियां सच्ची हैं. हा, बेश़क इसमें तड़का जरूर लगाया गया है. चलिए आप सभी को ज्यादा बोर न करते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ.

ये कहानी दो बहनों की है. वो मेरे उनकी लाइफ में आने से पहले ही काफी कुछ कर चुकी थीं. ये बात आज से करीब 7 वर्ष पहले की है. तब मैं एक टाइम पास जॉब कर रहा था.

जॉब चाहे टाइम पास हो या कैसी भी हो! मैं हमेशा किसी भी काम में अव्वल रहता था. उस वक्त मेरी उम्र २२ वर्ष की थी और तब तक मैंने कभी सैक्स वगैरह कुछ भी नहीं किया था. मैं बिल्कुल सीधा – सादा लड़का था.

तभी एक नयी लड़की ने हमारे ऑफिस में जॉइन किया. उस लड़की का नाम था माया और माया से ही शुरू होती है मेरी सेक्स से भरपूर जिंदगी की दास्ताँ. दोस्तों, माया की उम्र थी उस वक़्त 19 वर्ष थी और मैं उस वक्त रहा होऊंगा 22 साल का.

माया की हाईट थी करीब 5 फुट 1 इंच थी और सामने मैं 5 फुट 6 इंच का था. वह दुबली – पतली और सांवली सी लड़की थी. उसके चूचे का क्या साइज बताऊं? यूं समझ लीजिए कि बिल्कुल नींबू के जैसे थे और उसका फ़िगर भी बिल्कुल स्लिम था.

पहले तो मैं उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था किंतु कुछ दिनों के अवलोकन के पश्च्यात मुझे शक हुआ कि वो मुझ में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रही है. धीरे – धीरे उसने मुझसे बात करना शुरू किया और मेरे इर्द – गिर्द घूमने के लिए बहाने तलाश करने लगी.

एक बार सही मौका देख मैंने उसे अकेले में रोका और पूछा तो वह कहने लगी कि मैं उसे पसंद हूँ और वो मुझे चाहने लगी है. पहले मैंने उसे मना कर दिया लेकिन उसके बार – बार कहने पर मैंने उसकी बात को मान ली और फिर उसके ही कहने पर बाहर मिलने के लिए तैयार हो गया.

मिलने के लिए जगह पसंद की गई थी वो मल्टीप्लेक्स था, जो शिवरंजिनी एरिया में था. हम वहां पहुंचे और एक मूवी का टिकट लेकर बिना कुछ देखे अंदर चले गए.

दोस्तों, ये सब मेरी ज़िन्दगी में पहली बार घट रहा था इसलिए मुझे अंदर ही अंदर थोड़ा डर भी लग रहा था. उस दिन माया ने ब्लैक ड्रेस पहना था. उसके ब्लैक कलर का टॉप का कुछ हिस्सा जालीनुमा था. जिसमें से उसकी सावली स्किन दिख रही थी.

उसके चूचे ज्यादा बड़े नहीं लेकिन फिर भी वो टॉप इतना डीप नेक था कि उसकी हल्की सी क्लीवेज उसमें से भी दिख रही थी. नीचे उसने ब्लैक कलर का स्कर्ट पहन रखा था. अब मूवी शुरू हुई पर हमारा ध्यान मूवी में कम और एक – दूसरे में ज्यादा था.

धीरे – धीरे हमारे बीच बातचीत शुरू हुई. अब एक – दूसरे के बारे में हल्की – फुल्की बातें हुईं और हमने घर – परिवार तक के बारे में भी पूछ लिया. उसने बताया कि उसकी एक बड़ी बहन है, जिसका नाम ममता हैं. उसकी का नाम शालिनी हैं और पिताजी का देहांत हो चुका है.

इसी बीच फिर उसने मेरे हाथ पर हाथ रख दिया और धीरे – धीरे सहलाने लगी. दोस्तों, मैं थोड़ा – बहुत तो जानता ही था क्योंकि मैंने कॉलेज के वक्त लड़के – लडकियों को ओसे ही करते देखा था.

फिर आगे मैंने उससे कहा – तुम मुझे प्यार करती हो तो कितना प्यार करती हो?

माया – हां करती हूँ और बहुत प्यार करती हूँ.

मैं – बहुत मतलब कितना?

माया – आपके लिए कुछ भी कर सकती हूँ.

मैं बोला – तो क्या मैं तुम्हारे साथ कुछ भी करूं तुम मुझे कुछ नहीं कहोगी?

माया – यहाँ सिनेमा हॉल में जितना करना पॉसिबल है कर लो मैं मना नहीं करुँगी.

मैं – क्यों? वैसे ये बताओ कि अगर मैं कुछ करूँगा तो ही कुछ करोगी?

बस इतना ही कहना था कि माया ने मेरा हाथ अपने हाथों में लिया और सहलाने लगी. फिर वह बोली – क्यों आप क्या करना चाहते हो?

मैं बोला – बहुत कुछ करना हैं. आपने ये टॉप बहुत अच्छा पहना है और इसमें से बहुत कुछ दिख भी रहा हैं.

तब माया बोली – क्या दिख रहा है?

उसका बस इतना ही कहना था कि मैंने अपना हाथ उसकी दिख रही क्लीवेज पर रखा और उसके उभारों पर अपनी उंगलियां फेरने लगा. फिर मैं बोला – क्या मैं अपना हाथ थोड़ा अंदर ले जा सकता हूँ?

तब माया बोली – आपका जो भी मन करे कर लो, आपको पूरी छूट है. उसका बस इतना ही कहना था कि मैंने अपना पूरा हाथ उसके टॉप के अंदर डाल दिया. जैसे ही मैंने मेरा हाथ माया के टॉप के अंदर डाला तो मेरी उंगलियों की सबसे पहली मुलाकात उसकी ब्रा से हुईं. दोस्तों, उसकी ब्रा भी काले रंग की ही थी. हाय क्या मम्मे थे उसके! उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही छूने में मजा ही आ गया था.

फिर मैं बोला (अंजान बन कर ब्रा के बारे में) – ये क्या अंदर भी कुछ है! क्या है ये?

माया ने कहा – ब्रा पहनी है.

मैं बोला – क्या मैं इसे देख सकता हूँ?

माया बोली – देख लो जो भी देखना चाहते हो.

इतना सुनते ही मैं जहां पर उसकी क्लीवेज दिखना बंद होती थीं, वहां पर अपनी एक उंगली डाल कर टॉप को थोड़ा आगे खींचा और अंदर झांक कर देखने लगा.

दोस्तों, माना की आप सभी पाठकों में से कइयों के लिए ये सामान्य सी बात रही होगी किंतु मैं तो ये सब पहली बार कर और देख रहा था. ऐसा करते हुए मुझे बहुत अजीब भी लग रहा था और साथ ही बहुत अछा भी फील हो रहा था.

थोड़ी देर बाद फिर मैं बोला – क्या मैं इसके भी अंदर अपना हाथ डाल सकता हूं?

इस पर माया बोली – कितनी बार कहूं? इतनी बार तो कह दिया कि मैं आपके बगल में बैठी हूँ और यहाँ सिनेमा में जो भी किया जा सकता है आप को पूरी छूट है, आप वो सब कर सकते हो.

फिर मैंने अपना हाथ कुछ देर ब्रा पर ही फेर कर मज़ा लिया और थोड़ी देर बाद अंदर डाल दिया. दोस्तों, अभी तक हमने एक भी किस नहीं की थी. लेकिन जैसे ही मैंने हाथ ब्रा के अंदर डाल कर उसके मम्मों के निप्पल पर पहुंचा कि तुरंत ही उसने अपने हाथों का घेरा मेरे इर्द – गिर्द बना कर मेरी गाल पर अपने होंठ रख दिए.

ये मुझे मिली सबसे पहेली किस थी. इसके साथ ही उसके तरफ से होने वाली यह पहली हरकत भी थी. मैं उसकी ब्रा के अंदर हाथ डाल कर बारी – बारी से उसके दोनों मम्मों को सहलाता रहा और दबाता रहा. मैं कभी – कभी उसके निप्पल भी छेड़ देता था. धीरे – धीरे वो मेरे गालों से मेरे होंठों तक पहुंच गई और हम स्मूच करने लगे.

ऐसे ही काफी देर तक चलता रहा. हम कंट्रोल से बाहर होते जा रहे थे और आगे बढ़ने ही वाले थे कि तभी ब्रेक हो गया. ब्रेक होने पर हम कुछ कर नहीं सकते थे, इस वजह से हमें बाहर निकलना पड़ा.

इसके आगे की कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा कि कैसे माया अपने जिस्म का थोड़ा मजा देकर मुझे उल्लू बना रही थी और कैसे फिर मैंने उसी की बहन ममता की मदद से उसे उल्लू बनाया और उसका भोग किया? आप अपने सुझाव और टिप्पणियां मुझे मेरे ईमेल एड्रेस – [email protected] पर भेजिएगा

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