कुछ देर के बाद जब मेरे अन्दर का शैतान जाग उठा. तब मैंने अपना हाथ नीलम को टच करा दिया. लेकिन नीलम ने कुछ नहीं कहा तो इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और फिर मैंने अपना हाथ नीलम के सीने पर रख दिया…
हेलो दोस्तों, आप सबको मेरा नमस्ते. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और इसकी किसी भी कहानी को नहीं छोड़ता. आज मैं आपको अपने दोस्त की कहानी सुनाने जा रहा हूँ. ये मेरी पहली कहानी है, जो उसने अपने मुंह से मुझे बताई है.
मेरे उस दोस्त का नाम अतुल है और अब कहानी मैं आपको अतुल के मुजबानी सुनाने जा रहा हूँ.
मेरा नाम अतुल है और मेरी उम्र 19 साल है. मैं एक अच्छे बदन का मालिक हूँ और देखने में स्मार्ट भी हूँ. मैं बचपन से ही लड़कियों का दिवाना हूँ. मेरी ये कहानी तब की है, जब मैं अपने मौसी के बेटे पंकज की शादी में गया था.
शादी के कुछ दिन पहले मैं और मेरी मम्मी देर रात को मौसी के घर पहुंच गए थे. वहां पर पहुँचते ही हम सबसे मिले और फिर फ्रेश होने चले गए.
फिर मैं फ्रेश होकर, रात के करीब 9 बजे बाहर आया और घर में ही इधर – उधर घूमने लगा. तभी मेरी नजर एक हसीना पर पड़ी. मैं तो उसे देखता ही रह गया. मैं तब तक उसे देखता रहा जब तक मेरी मौसी की बेटी मीनू ने मुझे आवाज देकर नहीं जगाया.
मीनू ने आवाज देकर मुझसे कहा – हेलो भइया, कहां खो गए?
मैं बोला – कहीं नहीं मीनू और बता कैसी है तू?
इस पर मीनू बोली – मैं अच्छी हूँ भइया.
फिर उसने उस लड़की की तरफ इशारा करते हुए कहा – और इससे मिलो ये है मेरी सबसे प्यारी दोस्त नीलम! इसके बाद उसने उस लड़की से मेरा परिचय कराते हुए कहा – और ये हैं मेरे अतुल भैया.
फिर नीलम मुझसे बोली -हाय, अतुल जी!
मैंने भी उसे हाय किया. तभी मुझे मौसी ने बुला लिया. मौसी को फूलों की टोकरी चाहिए थी तो उन्होंने मुझसे उसे लाने को कहा. फिर मैं फूलों की टोकरी लेकर उनके पास चला गया.
अब हम सब लोगों के सोने टाईम हो रहा था. लेकिन हम सब आपस में बातें करने लगे. तभी मीनू मेरे पास आई और बोली – भैया, मेरी सहेली तुमसे कुछ बात करना चाहती है.
मैंने मीनू से कि ठीक है, कहाँ पर है वो? तो मीनू बोली कि आप अपने बिस्तर पर चलिए वो आती है. फिर मैं अपने बिस्तर पर आकर लेट गया. तभी नीलम आई और बोली – हेलो अतुल जी! फिर मैंने भी हेलो किया और उसे बैठने को कहा. अब नीलम बैठ गयी. इसके बाद हमारी बात शुरू हुई.
मैं नीलम से बोला – आप मीनू की बेस्ट फ्रेंड है ना?
नीलम बोली – हाँ
अब मैंने फिर पूछा – क्या करती हैं आप?
नीलम बोली – पढ़ रही हूँ, बीए सेकेंड ईयर में. और आप?
मैं बोला – मैं भी पढ़ रहा हूँ. लेकिन मैं बी एससी फर्स्ट ईयर में हूँ.
यह सुन कर नीलम बोली – यानी आप मुझसे छोटे हैं, इतना कह कर वो ही ही ही ही करके हंसने लगी.
फिर इसके बाद हमारे बीच बहुत सारी बातें हुई. इसी बीच मैंने अचानक उससे कहा कि नीलम जी, आप बहुत खुबसूरत हैं तो नीलम ने शरमा कर थैंक्स बोला.
उस समय रात के 11 बज चुके थे. ठंड काफी बढ़ रही थी और ठंड की वजह से नीलम चारपाई पर बैठे – बैठे कांपने लगी थी तो मैंने उससे कहा – नीलम जी, आपको ठंड लग रही होगी, बिस्तर में आ जाओ आप.
मेरे इतना कहते ही नीलम तुरन्त बिस्तर में आ गयी. बिस्तर में आकर वो मुझसे थोड़ा दूर होकर लेट गयी. लेकिन चारपाई छोटी होने और उसमें जगह कम होने के कारण जगह नहीं हो रही तो वो मुझसे चिपक रही थी.
जब नीलम का शरीर मुझे छू रहा था तो मुझे बिल्कुल कंरट सा लग रहा था. नीलम के स्पर्श से अब मैं गर्म सा होने लगा था और धीरे – धीरे नीलम भी गर्म होने लगी. फिर वो मुझसे और भी ज्यादा चिपक के लेट गयी.
कुछ देर के बाद जब मेरे अन्दर का शैतान जाग उठा. तब मैंने अपना हाथ नीलम को टच करा दिया. लेकिन नीलम ने कुछ नहीं कहा तो इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और फिर मैंने अपना हाथ नीलम के सीने पर रख दिया.
मेरे इतना करने पर भी जब नीलम ने कुछ नहीं कहा तो मैंने धीरे – धीरे नीलम के बूब्स दबाने शुरू कर दिए. अब नीलम सिसकारियाँ लेने लगी. फिर मैं एक दम जोश में आ गया और फिर नीलम के उपर आ गया. नीलम के ऊपर आने के बाद मैं उसको किस करने लगा.
मैंने नीलम को लिप किस किया. करीब 10 मिनट तक हमारा किस चला होगा. इस दौरान नीलम सिसकारियां ले रही थी. फिर मैंने नीचे बढ़ कर नीलम का सूट निकाल दिया. नीलम ने अंदर काले रंग की ब्रा पहन रखी थी. अब मैंने जल्दी से नीलम की काली ब्रा भी निकाल दी और फिर मैं नीलम के चूचे हाथ में लेकर दबाने और चूचने लगा.
करीब 10 मिनट तक मैंने नीलम के चूचे चूसे और दबाए. इसके बाद फिर मैंने देर न करते हुए नीचे आकर नीलम की सलवार उतार दी और उसकी पैन्टी को भी उतार दिया. अब नीलम पूरी नंगी थी और लगातार सिसकारियां लिए जा रही थी.
फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिया. मेरा 7 इंच का लम्बा लंड देख कर वो डर गयी और बोली – मैंने आज तक नहीं किया है और आपका बहुत बड़ा है. मैं नहीं करूंगी.
इस पर फिर मैंने उसे समझाया और उसकी झाँटों से भरी चूत को सहलाने लगा और उसमें उंगली करने लगा. थोड़ी ही देर में नीलम की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया. फिर मैंने नीलम को लिटाया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगाने के बाद उसकी चूत पर अपना लंड रख कर रगड़ने लगा.
अब नीलम सिसकने लगी और बोली – अतुल जी, अब डाल दीजिये न प्लीज! फिर मैंने भी देर ना करते हुए लंड को चूत पर सेट करके तेजी के साथ एक धक्का मारा और एक ही धक्के में मेरा आधा लंड उसकी चूत अंदर चला गया. इससे नीलम चीख पड़ी, “हाय अम्मममा मररर गई, मेरी तो फट गयी.” अब मैंने झट से नीलम का मुंह बंद कर दिया और नीलम के चूचे सहलाने लगा.
उसकी आवाज सुन कर उधर दूसरे रूम से मीनू ने आवाज लगाई, “क्या हुआ नीलम?” तो मैंने कहा कि कुछ नहीं मीनू. फिर कुछ देर के बाद नीलम शान्त हो गई तो मैंने धीरे – धीरे धक्के लगाना शुरू किया.
अब नीलम भी नीचे से अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी थी. करीब 20 की चुदाई के बाद मैं झड़ गया. इस बीच नीलम दो बार झड़ी थी.
फिर मैं उठा और साईड में लेट गया. नीलम से उठा भी नहीं जा रहा था. फिर मैंने बेडशीट से नीलम की चूत साफ की और नीलम को कपड़े पहनाए.
चुदाई होने के बाद नीलम बोली – आपने ये क्या किया? तो मैंने कहा – नीलम, मैं आपसे प्यार करता हूँ. यह सुन कर नीलम मेरे गले लग कर रोने लगी और बोली – मुझे आपसे पहली ही नजर में प्यार हो गया था, इसीलिए हमारे बीच ये सब हो पाया.
फिर मैंने उससे कहा – अपना नाम तो बता दीजिए जानू! इस पर वो हंस कर बोली मैं नीलम अतुल!
दोस्तों, अगर आपको मेरे दोस्त की ये कहानी अच्छी लगी हो तो कॉमेंट में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें.