लंड और चूत जब अपने उफान पे हों तो कोई रिश्तों की मर्यादा उन्हें रोक नहीं सकती. ये वो अंग हैं जो मन को बेकाबू करते हैं या यूँ कहें की मन इनको बेकाबू कर देता है. ऐसा ही हम दोनों भाई-बहन के साथ हुआ जब चुदाई के धक्कों से रिश्तों की दीवार गिर गयी………
हाय दोस्तों! मेरा नाम कबीर है और मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूँ. हम घर में 5 भाई बहन हैं. मैं दूसरे नम्बर का हूं. मुझसे बडी एक बहन रीता है, जिसकी शादी हो चुकी है. मुझसे छोटी बीना की भी शादी हो चुकी है. सबसे छोटा भाई दिल्ली में जॉब करता है, तो घर से बाहर ही रहता है. इस तरह घर पर मैं, पापा-मम्मी और सबसे छोटी बहन दानी ही रहते हैं. पापा प्रॉपर्टी डीलर हैं और लगभग सारा दिन घर से बाहर ही रहते हैं.
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं. जिस समय की ये घटना है उस समय मेरी उम्र कोई 26 साल रही होगी और मेरी बहन दानी की उम्र २० साल. उन दिनों मेरी जवानी जोरों पर थी और बहन दानी भी जवान हो चुकी थी. मेरा मन चूत लेने के लिये बहुत करता था लेकिन मुझसे कोई लड़की पटी ही नहीं. मुठ मार-मार कर लंड खराब हुआ जा रहा था.
एक दिन जब घर में मेरे और दानी के सिवाय कोई नहीं था, दानी नहाने के लिए कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गयी. मैंने सोचा क्यों न किसी तरह दानी की जवानी का दीदार किया जाय. मैं चुपके से बाथ्तूम के पास गया और अन्दर झाँकने का जुगाड़ खोजने लगा. लेकिन एक भी सुराख नहीं दिखा जहाँ से मैं अन्दर का नजारा देख पाता. तभी मुझे अन्दर से दानी की सिस्कारियों की आवाज सुनाई पड़ने लगी. मेरे कान बाथरूम के दरवाजे से सट गए. मैंने कल्पना कर ली की शायद दानी हस्तमैथुन कर रही है. कुछ देर बाद आवाजें आनी बंद हो गयी.
अब तो मेरा लंड लंड पाजामा फाड़ कर बाहर आने को बेताब था. ये बात मुझे बहुत रोमांचित कर रही थी कि दानी के अन्दर भी जवानी की तड़प जबरदस्त है. उसे भी लंड चाहिए. लेकिन तभी बाहर की दरवाजे पे दस्तक हुयी और पड़ोस में गयी मम्मी वापिस आ गयी थी. उस दिन मैं ही जानता हूँ की मै ही जानता हूँ कि मैंने खुद पे कैसे काबू किया था. अब तो मैंने सोच लिया था कि घर पर ही दानी पर क्यों न ट्राई किया जाय. तो मैं उसे पटाने का रास्ता खोजने लगा. वैसे भी छोटी होने के नाते सभी उससे प्यार से ही बात करते थे लेकिन हम दोनों में सबसे ज्यादा बनती थी.
अब तो मैं बस किसी मौके की तलाश में था. एक बार मुझे मौका मिल ही गया. मम्मी किसी काम से 3 दिन के लिये अपने मायके जा रही थीं. हमारा घर ज्यादा बड़ा नहीं है. सोने के लिए सिर्फ दो बड़े कमरे हैं. एक कमरे में मैं, मम्मी और दानी सोया करते थे और थोड़ी दूरी पर दूसरे कमरे में पापा सोते थे. तो उस दिन मम्मी के न होने के कारण मैं और दानी एक कमरे में सोये और पापा अपने दूसरे कमरे में.
हमारे कमरे में एक डबल बेड और दीवान पड़ा हुआ है. दीवान पर दानी सो गयी और डबल बेड पर मैं सो गया. रात को सोते-सोते मुझे सपने में सेक्सी सीन दिखने शुरू हो गए. एक दम झटके के साथ मेरी नींद खुल गई. मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ था. दानी को पास में सोते देख मेरा बदन बहुत गर्म हो गया. सॉसें तेज तेज चलने लगीं. मैं टॉयलेट करके लेट गया, लेकिन …..!!!
फिर मैं धीरे से हिम्मत करके दानी के पास लेट गया. 2 मिनट तक चुपचाप लेटा रहा. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी चूचियों पर रखा. उसकी चूचियॉ उसकी सॉसों के साथ ऊपर-नीचे उठती और गिरती जा रही थीं. फिर मैं धीरे धीरे अपना हाथ उसके सलवार के नाड़े के पास ले गया, लेकिन उसने हल्की सी करवट ले रखी थी इसलिये वह खुल नहीं पा रहा था. अचानक दानी ने हल्की सी अंगडाई ली और सीधी लेट गयी.
एक बार तो मैं डर गया, लेकिन उसके चेहरे के भाव और यूँ इस तरह सीधा होने पर मैं समझ गया कि वो जगी हुयी है और सोने का नाटक कर रही है. फिर मैंने धीरे- धीरे उसका नाड़ा खींचा तो वह आसानी से खुल गया. मैंने महसूस किया कि दानी की भी सॉसें भी अब बहुत तेज चल रही थीं. मैने उसकी सलवार के अन्दर हाथ डाल दिया. उसने अन्दर पैंटी नहीं पाहणी थी.
फिर मैंने उसकी चूत पर हाथ फिराया तो उसकी चूत भी बुरी तरह पानी छोड़ रही थी. जैसे ही मैंने छेद में उंगली डाली तो दानी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. कहने लगी – भैया ये क्या कर रहे हो…???
मैंने उसे प्यार से समझाया- देख दानी हम दोंनों जवान हैं. दोनों को एक दूसरे की जरूरत तो क्यों न हम दोनों आराम से मौज मस्ती करें. वैसे भी मैं जानता हूँ की तू बाथरूम में आपनी चूत मलती है.
फिर वो कहने लगी- लेकिन भैया हम दोनों भाई बहन हैं…
मैंने कहा – दुनिया की नजर में तो हम तब भी भाई बहन ही रहेंगे.
बात उसकी समझ में आ गयी मैंने धीरे से उसका सलवार उतार दिया और उसकी चूत को प्यार से सहलाने लगा….., धीरे धीरे वो बहुत गर्म हो गयी और सिसकारियॉ भरने लगी. मैंने तुरंत मौके का फायदा उठाकर उसका कुर्ता और ब्रा भी उतार डाली. उसकी मस्त-मस्त चूचियॉ मेरी ऑखों के सामने थी. मैं उनको अब सहला रहा था, कभी नर्म होठों से उनको चूस रहा था. दानी ऑखें बंद करके अपनी इस पहली सुहागरात का भरपूर मजा ले रही थी.
अब मैं उसके ऊपर आ गया …… उसकी चूचियों से खेलने के बाद मैं अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर ऱखकर धीरे- धीरे अंदर डालने की कोशिश कर रहा था. फिर मैंने उसके मुंह पर हाथ रखकर लंड पर दबाव दिया. दानी की तो जैसे जान निकल गयी…. उसकी सांस ऊपर नीचे होने लगी. 1 मिनट तक हम दोनों चुपचाप लेटे रहे. फिर मैंने अपने लंड को दानी की चूत में आगे-पीछे करना शुरू किया. अब दानी भी मेरे धक्कों का जबाब दे रही थी. हम दोनों जैसे एक दूसरे पर टूटे जा रहे थे.
मैं उसकी चूचियों को दोनों हाथों से बेदर्दी से मसले जा रहा था लेकिन इस वक़्त ये करना उसे काफी अच्छा लग रहा था.
दानी धीरे से बोली- भैया ….आआह्ह्ह…ये तो चूत में ऊँगली करने सीईई … क्काफी ज्ज्जज्य्यादा ……उफ्फ्फ्फ़….मजे दार है.
मैंने भी धक्कों के रफ़्तार बढाते हुए कहा- हाँ मेरी जान! जो मजा इसमें है और कहीं नहीं.
और फिर हम दोनों चरम सीमा पर जा पहुंचे और एक दूसरे को अपनी बॉहों में जकड़ लिया. हम दोनों ने अपना अपना रस छोड़ दिया. मैंने अपना वीर्य उसके पेट पे गिरा दिया. दानी ने बाथरूम में जाकर खुद को साफ़ किया. फिर हम दोनों अपनी अपनी जगह सो गए.
अगले दिन फिर हमने जम कर चुदाई का खेल खेला.
nice
Mast hai bahi
Waaaw
Very Good
Wow koi mujhe bhi chod lo
To aao
Chudegi
Aaja meri rani
Me hu na
Aajo mere pass Mera sige 8.2h
Aa jao kha Miloge
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कब चुदेगी बता
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Itna achha offer mil raha h wah 🤣🤣
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Hi Megha mujhse chudwana hai
kha pr chudna h group me chudegi ya akele me
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मैं भी चोदना चाहता हु
Kas meri bhan bhi muj se chudati
mai bhi mere ghar ki sabhi ladkio ko chodna chahta hu lifetime unki choot or gand marna chahta hu