चूत वही जो पिया मन भाए

मेरे घर वालों ने बिना मुझसे पूछे मेरी शादी फिक्स करा दी. मेरी पत्नी जैसा मैंने सोचा था वैसी न होकर थोड़ी सांवली थी. फिर शादी वाली हमारी रात कैसे रंगीन हुई ये सब आप लोग इस कहानी के माध्यम से जानेंगे….

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार! मेरा नाम अमित है. आप आप लोगों का ज्यादा टाइम न वेस्ट करते हुए मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूं.

दोस्तों, मैं बचपन से ही बहुत पढ़ाकू किस्म का लड़का रहा हूं और कभी चूत के चक्कर में नही पड़ा था. जैसे – जैसे मैं बड़ा हुआ पढ़ाई के प्रति मेरी आशक्ति बढ़ती गई. फिर मैं सरकारी नौकरी की तैयारी करने लगा. पढ़ाई में अच्छा था ही तो जल्दी ही एक अच्छे विभाग में सरकारी नौकरी भी लग गई.

फिर क्या था! जैसा कि सभी के घर में होता है, बेटा अगर अच्छे से सेटल हो जाये तो घर वाले जल्द से जल्द उसकी शादी करा देते हैं. मेरे साथ भी वही हुआ. घर वालों ने अपने हिसाब से मेरे लिये एक सुन्दर सी लड़की खोजी और उसी से मेरी शादी पक्की कर दी.

शादी पक्की करने के बाद घर वालों मुझे फोन कर के सीधे शादी की डेट बता दी. दोस्तों, मैं आपको बता देना चाहता हूं मेरे घर वाले बहुत पुराने, कठोर और रूढ़िवादी स्वभाव के हैं इसलिये न ही मेरी सगाई हुई और न ही मुझे लड़की देखने को मिली.

इतना ही नहीं मेरे घर वालों की ही तरह मेरी होने वाली पत्नी के घर वाले भी बहुत रूढ़िवादी प्रवित्ति के थे. मेरी शादी में उन्होंने जयमाल भी नहीं कराने दिया. उन्होंने साफ – साफ कह दिया कि हमें अपनी बेटी का प्रदर्शन नहीं करना, अगर आपका बहुत मन है तो आप शादी के बाद अपने घर पर अपने बहु की मुंह दिखाई करा लेना.

मुझे पता है कि आप सब मेरी इस बात पर यकीन नहीं करेंगे पर ये सच है मेरी शादी इसी तरह से हुई है. मैं भी अपनी सिधाई की वजह से अपने घर वालों से ज्यादा कुछ नहीं बोल सका और चुपचाप शादी कर ली. मेरे न बोलने की एक और भी वजह थी दोस्तों, मैं अपने घर वालों की बहुत इज्जत करता था.

शादी के बाद घर वालों ने बहु का जोरदार स्वागत किया. अब तक मैंने अपनी पत्नी को नहीं देखा था. मन में बहुत बेचैनियां थीं. जैसे कि कैसी होगी मेरी पत्नी, कैसे स्वभाव वाली होगी? ऐसे ही विचार बार – बार मेरे दिमाग में आ रहे थे.

दोस्तों, जैसा कि आप जानते ही हैं कि शादी के खयाल से ही हर लड़का चुदाई के सपने देखने लगता है. उसी तरह जब से मेरी शादी पक्की हुई थी तब से ही मैं भी चुदाई के सपने देखने लगा था और आज शायद वो पूरा होने वाला था, यह जानते हुए ही मन में बेचैनियां थीं.

शाम को सभी भाभियों ने मेरा कमरा और मेरी बेड को सजाया. इसके बाद मेरी पत्नी मधु को बेड पर बैठा दिया और मुझे अंदर भेज कर सब बाहर चले गए. सब के जाने के बाद मैंने दरवाज़ा बंद कर लिया.

कमरे में हल्की नीली रोशनी में मधु सुहागसेज पर घूंघट ओढ़ कर मेरा इंतज़ार कर रही थी. शायद मेरी तरह मधु भी बेचैन थीं. आज की रात मेरी चुदाई की शुरुआत होने जा रही थी और मधु की भी पहली चुदाई होने वाली थी. इसलिए मैं समय ना गंवाते हुए सीधे मधु के सामने बैठ गया और चुपचाप मधु को देखते हुए उससे बात करना शुरू कर दिया.

मैंने मधु से पूछा – क्या तुम इस शादी से खुश हो मधु?

जवाब में मधु ने “हूं” करते हुए पलट कर मुझसे भी सवाल पूछ लिया “और आप?” इस पर मैंने भी “हां” कहा. फिर मैंने कहा – मधु, एक बात कहूं, अभी तक मैंने तुम्हें और तुमने मुझे नहीं देखा है!

इस पर मधु बोली – किसने रोका है आपको? आज की रात आपकी है, आज सिर्फ आपकी मर्जी चलेगी और कल से मेरी. आज से मैं सिर्फ आपकी हूं. इतना कह कर मधु ने मुझे खुश कर दिया.

फिर मैंने मधु का घूंघट उठा दिया. घूंघट उठते ही उसका चेहरा मेरी आखों के सामने आ गया था. मधु अपनी आखों को बंद कर के मेरे सामने बैठी थी और मैं जी भर के उसका दीदार कर रहा था. दोस्तों, मधु देखने में थोड़ी सांवली थी, गोरा रंग नहीं था उसका जैसा मैंने सोचा था. पर अब तो शादी हो गयी थी इसलिये मैंने उसको दिल से स्वीकार कर लिया.

रंग भले गोरा नहीं था लेकिन मधु का बदन बहुत सुन्दर था. भरे – भरे हाथ, भरे हुए दूध और सीना, सांवली रंग की गदराई हुई पीठ, काले और लम्बे बाल मुझे बहुत अच्छे लगे.

अब मैंने उसका चेहरा ऊपर उठाया और उसको आखें खोलने को कहा. तब उसने भी आखें खोल दी और मुझे देखा. दोस्तों, फिर मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए अपने होंठों को मधु के होंठों से मिला दिया और अपने जीवन का पहला चुंबन किया.

मैंने मधु को कम से कम दस मिनट तक चूमा और फिर उसको बिस्तर पर गिरा दिया. दोस्तों, हमारी सुहागरात पर हम आपस में बात तो नहीं कर रहे थे पर एक – दूसरे के जज्बातों को तुरन्त समझ रहे थे.

किस करने के बाद फिर मैंने पहले मधु को नंगी किया और फिर खुद भी नंगा हो गया. दोस्तों, अब बारी थी लंड और चूत के मिलन की. लेकिन मैं इसमें कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता था.

पहले मैंने मधु के पूरे बदन को जी भर के चाटा और चूसा. फिर उसके पूरे बाल खोल कर उसकी पीठ पर फैला दिए. इसके बाद मैं बालों के ऊपर से मधु की पीठ को चूमा. पीठ पर मेरे होंठ टच होते ही मधु मचल जाती. अब उसके मुंह से सिसकियां निकलने लगी थीं और मेरा लंड भी पूरा तन कर खड़ा हो गया और चूत फाड़ने को बेताब होने लगा था.

तब मैंने पहली बार मधु की चूत को छुआ तो पाया कि उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखा और हल्का सा रगड़ कर अंदर डालने के लिए दबाव बनाया तो लंड फिसल गया.

दोस्तों, मधु की चूत बहुत टाइट थी. इसलिए फिर मैंने अपना निशाना ठीक किया और लंड को मधु की चूत के छेद पर सही से टिका कर जोर से धक्का लगा कर अंदर पेल दिया. लंड घप्प की आवाज़ के साथ मधु की चूत में घुस गया. लंड के घुसते ही मधु का मुंह दर्द की वजह से खुल गया और एक दर्द भरी ‘आह’ निकल गई.

उसका दर्द देख मैंने मधु से पूछा कि आज रहने दूं क्या? तब मधु बोली कि आज की रात कल नहीं आयेगी, आप कीजिये मैं बर्दाश्त कर लूंगी. फिर क्या था, उसके इतना कहते ही मैंने पूरी ताकत से जोरदार धक्का मारा और लंड मधु की चूत फाड़ते हुए पूरा का पूरा घुस गया और सीधे मधु ली बच्चेदानी से जाकर टकराया. इसके साथ ही मधु की चूत से खून की एक धार फूट पड़ी और मधु की आखों से आंसू बहनें लगे.

कुल मिला कर उसे बहुत दर्द हुआ लेकिन मधु ने चुपचाप अपने होंठों को एक – दूसरे से दबा कर उसे सह लिया. मैं उसकी हालत देख कर रुक गया और उसके मम्मे चूसने लगा. कुछ देर में वह सामान्य हो गई.

उसके सामान्य होते ही मैंने फिर से झटके मारने शुरू कर दिए. अब हम दोनों आनंद के सागर में डूब गए. मैं धक्के मारता और वह सिसकियां लेती. इसी तरह धक्के मारते – मारते थोड़ी देर बाद मैं और मधु अपने चरमसुख की अवस्था में पहुंच गए. मैंने अपना माल अपनी पत्नी की चूत में छोड़ दिया. इसके बाद हम दोनों एक – दूसरे से लिपट गए और ऐसे ही लेटे – लेटे सो गए.

दोस्तों, ये थी मेरी पहली चुदाई कहानी मेरी पत्नी के साथ. आप लोगों को कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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