यह मेरी पहली कहानी है. मेरे घर के सामने वाली आंटी के दो बच्चे थे. एक दिन उनके छोटे बेटे ने घर का सामान इधर – उधर बिखेर दिया. जिसे ठीक करने के लिये उन्होंने मुझे बुलाया था. इसके बाद कैसे हम चुदाई तक पहुंच गए पढ़ें मेरी इस कहानी में…
नमस्ते दोस्तों, ये बात तब की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ता था. हमारे घर के सामने एक फैमिली रहती थी. उनसे हमारी बहुत अच्छी बनती थी. उनके परिवार में अंकल – आंटी और दो बच्चे थे. अंकल सुबह काम पर चले जाते थे और फिर रात में ही वापस आते थे. उनको आने में लेट भी हो जाता था.
आंटी तो एक दम मस्त माल हैं. वह एक दम परफेक्ट फिगर वाली औरत थीं. उनके बूब्स इतने बड़े थे कि ब्रा में आना ही नहीं चाहते थे. उनकी गांड बहुत उभरी हुई थी, जिसे देख कर कोई भी उनके पिछवाड़े में हाथ लगाना ही चाहे. मैं भी कई बार उनके बारे में सोच कर मुठ मार चुका हूँ.
एक दिन मैं घर पर बैठा टीवी देख रहा था. तभी अचानक से बेल बजी. मैंने दरवाजा खोल कर देखा तो आंटी खड़ी थीं. मैंने उन्हें नमस्ते किया और अंदर आने को कहा. तब आंटी ने अंदर आने से मना किया और मुझे बोलीं – क्या तुम 1 मिनट के लिए मेरे घर चल सकते हो? मुझे कुछ काम है.
इस पर मैंने कहा – क्यों नहीं आंटी. फिर जब मैं उनके घर पहुंचा तो देखा कि सारा समान बिखरा पड़ा है. तब आंटी ने कहा कि ये सब छोटा वाला गुस्से में करके गया है. तब मैंने कहा – कोई नहीं आंटी, आई आपकी हेल्प कर देता हूँ. इस पर आंटी खुश हो गईं और मुझे शुक्रिया कहा.
फिर मैं सारा सामान सही जगह पर रखने में हेल्प करने लगा. इसी दौरान मैं कई बार आंटी से टच हुआ. कभी उनकी कुहनी पर तो कभी उनकी गांड पर टच करता था. सकत ही काम के दौरान जब मेरी नज़र उनके बूब्स और गांड पर पड़ती तो मेरा लन्ड खड़ा होने लगता.
कुछ ही देर में काम खत्म हो गया और तब आंटी ने एक बार फिर से मुझे शुक्रिया कहा. तब आंटी ने मुझे चाय के लिए पूछा, जिसे मैंने सहर्ष स्वीकार कर लिया.
तब आंटी किचन में जाकर चाय बनाने लगीं. इस दौरान मैं पीछे से उनकी गांड को ताड़ने लगा. उनकी गांड देखते हुए मेरा लन्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया था. तब मैं भी किचन में चला गया और उनके पीछे खड़ा हो गया. इसी बीच चाय का चम्मच नीचे गिर गया, जिसे उठाने के लिए आंटी झुकीं तो उनकी गांड पीछे हुई और मेरे लन्ड से टकरा गई. इस वजह से मेरा लन्ड उनकी गांड की दरार में घुस गया.
उन्हें भी मेरा लन्ड महसूस हुआ. यह देख कर मैं घबरा गया. मैं डर गया था कि कहीं मम्मी को न बता दें. लेकिन हुआ कुछ दूसरा ही. चम्मच उठाने के बाद वो खड़ी हुईं और मेरे लन्ड की तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं. फिर वो बोलीं – यहां क्यों खड़े हो? सब्र रखो, सब्र की चाय और मीठी होती है.
अब मैं सर हिलाता हुआ बाहर आकर बैठ गया. चाय पी और वापस अपने घर चला आया. फिर उसके दो – तीन दिन तक मैंने नोटिस किया कि आंटी मुझे देख कर मुस्कुराने लगती हैं. मुझे ग्रीन सिग्नल मिल रहा था लेकिन मैं स्योर नहीं था, इसलिए रिस्क नहीं लेना चाहता था.
अगले ही हफ्ते मेरे घर वाले एक शादी में हरिद्वार चले गए. मेरे एग्जाम थे, इसलिए मैं नहीं गया. तब मम्मी ने आंटी से मेरे खाने – पीने का इंतजाम करने के लिए बोल दिया था.
अगले दिन घर पर कोई नहीं था तो मैं आराम से देर तक सोता रहा. 10 बज रहे थे. आंटी के बच्चे और अंकल जा चुके थे. तभी कूड़े वाली ने बेल बजाकर मुझे उठाया. तब मैंने कूड़ा बाहर रख दिया.
दोस्तों, मैं नॉर्मली अंडर वियर में ही सोता हूँ और सुबह उठते वक्त मेरा लन्ड खड़ा मिलता है. उस दिन भी यही हुआ. कूड़ा रखने के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम में गया और पानी डालना शुरू ही किया था कि मुझे याद आया कि साबुन तो दूसरे वाले बाथरूम में पड़ा है. तब मैं साबुन लेने निकला. जब मैं साबुन लेकर वापस आ रहा था तभी आंटी मुझे दिखाई दीं।
अंदर वियर भीगने की वजह से मेरा लन्ड साफ नज़र आ रहा था. अब आंटी मेरे गीले लन्ड को घूरने लगीं. पहले तो मुझे शर्म आई लेकिन मैं वहीं खड़ा रहा और जब मैंने उनके बूब्स पर नज़र डाली तो मेरा लन्ड और टाइट होने लगा.
फिर आंटी ने दरवाजा बन्द किया और मेरे नजदीक आ गईं और बोलीं – दरवाजा बन्द कर लिया करो. मैं बोला – भूल गया था आंटी. तभी आंटी ने मेरे लन्ड पर हाथ रकह दिया और उसे सहलाने लगीं. अब तो मेरा काम ही हो गया था.
तभी आंटी बोलीं – तेरा तो अभी से इतना बड़ा है, आगे जाकर जाने कैसे होगा? इतना सुनने के बाद मैंने कहा – आंटी यह तो आपको देख कर अपने आप ही बड़ा हो जाता है. इस पर आंटी ने कहा – अच्छा, फिर तो आज देखना ही पड़ेगा. इतना कह कर आंटी ने मेरा अंडर वियर नीचे कर दिया और मेरे गीले लन्ड को साइड से चूमने लगीं.
थोड़ी देर चूमने के बाद वह बोलीं – जब से तूने मेरी गांड से आपने लन्ड को टच कराया है, उसी दिन से मैं तेरा लन्ड देखना चाहती थी. मैंने कहा – आंटी आपकी गांड देख इस दिन अपने आप ही खड़ा हो गया था.
यह सुन कर आंटी ने कहा – यह बात थी तो बता देता, तू तो घबरा कर भाग आया था. इस पर मैंने कहा – अच्छा, आंटी तो अब दिखा दो. यह सुन कर आंटी ने पीछे मुड़ते हुए कहा – ले देख.
अब मैंने उनकी सलवार नीचे की. ऐसा करते ही मेरे सामने उनकी बड़ी, गोरी और मोटी गांड आ गई. जिसे देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं चाटने लगा. मैं जल्दी से सब कुछ करना चाहता था. तब आंटी ने कहा – आराम से कर, इतनी भी क्या जल्दी है. अच्छा रुक एक काम कर 69 की में हो जा, मैं भी तेरा देखूँ तो जरा.
फिर हम 69 की पोजीशन में हो गए. अब मैं उनकी गांड और चूत को चाटने लगा और वो मेरा पूरा लन्ड मुंह में भर कर चूसने लगीं. मेरे साथ यह सब पहली बार हो रहा था. इसलिए 5 मिनट में ही मेरा पानी छूट गया.
आंटी इस गेम में माहिर थीं. वो नहीं रुकीं और मेरा सारा पानी पी गईं. इसके बाद भी वह लन्ड चूसती रहीं. थोड़ी देर बाद मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया. लन्ड खड़ा होते ही आंटी उसे अंदर डालने के लिए बोलने लगीं.
अब मैं खड़ा हो गया और उनकी टांग को खोल कर चूत में लन्ड डालने लगा. मैं नया था. कुछ देर तक कोशिश करने के बाद भी जब लन्ड चूत में नहीं जा पा रहा था, तब आंटी खड़ी हुईं और मुझे बेड पर लेटने को बोला.
मेरे लेटने के बाद वो लन्ड पर बैठने लगीं और धीरे – धीरे लन्ड अंदर जाने लगा. शुरुआत में मुझे काफी दर्द हुआ. लेकिन मैं बोल नहीं सकता था क्योंकि इसमें मेरी बेइज्जती होती.
अब लन्ड अंदर घुस चुका था और आंटी ऊपर – नीचे हो रही थीं. थोड़ी देर बाद मुझे मज़ा आने लगा. अब आंटी तेजी से लन्ड पर कूदने लगीं. हर झटके के साथ उनके मुंह से सिसकारी भी निकल रही थी. करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद आंटी का पानी निकल गया और वो मेरे ऊपर ही ढेर हो गईं. उनके साथ ही मैंने भी पानी छोड़ दिया और सारा पानी उनकी चूत में भर दिया.
कुछ देर बाद आंटी उठीं और आंख मरते हुए बोलीं – सुबह का नाश्ता हो गया. दोपहर के लंच के लिए घर आ जाना. इतना कह कर वो चल दीं और मैं मुस्कुराते हुए नहाने चला गया.
ये मेरा पहला अनुभव था. आप लोगों को कैसा लगा? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – नमस्ते दोस्तों, ये बात तब की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ता था. हमारे घर के सामने एक फैमिली रहती थी. उनसे हमारी बहुत अच्छी बनती थी. उनके परिवार में अंकल – आंटी और दो बच्चे थे. अंकल सुबह काम पर चले जाते थे और फिर रात में ही वापस आते थे. उनको आने में लेट भी हो जाता था.
आंटी तो एक दम मस्त माल हैं. वह एक दम परफेक्ट फिगर वाली औरत थीं. उनके बूब्स इतने बड़े थे कि ब्रा में आना ही नहीं चाहते थे. उनकी गांड बहुत उभरी हुई थी, जिसे देख कर कोई भी उनके पिछवाड़े में हाथ लगाना ही चाहे. मैं भी कई बार उनके बारे में सोच कर मुठ मार चुका हूँ.
एक दिन मैं घर पर बैठा टीवी देख रहा था. तभी अचानक से बेल बजी. मैंने दरवाजा खोल कर देखा तो आंटी खड़ी थीं. मैंने उन्हें नमस्ते किया और अंदर आने को कहा. तब आंटी ने अंदर आने से मना किया और मुझे बोलीं – क्या तुम 1 मिनट के लिए मेरे घर चल सकते हो? मुझे कुछ काम है.
इस पर मैंने कहा – क्यों नहीं आंटी. फिर जब मैं उनके घर पहुंचा तो देखा कि सारा समान बिखरा पड़ा है. तब आंटी ने कहा कि ये सब छोटा वाला गुस्से में करके गया है. तब मैंने कहा – कोई नहीं आंटी, आई आपकी हेल्प कर देता हूँ. इस पर आंटी खुश हो गईं और मुझे शुक्रिया कहा.
फिर मैं सारा सामान सही जगह पर रखने में हेल्प करने लगा. इसी दौरान मैं कई बार आंटी से टच हुआ. कभी उनकी कुहनी पर तो कभी उनकी गांड पर टच करता था. सकत ही काम के दौरान जब मेरी नज़र उनके बूब्स और गांड पर पड़ती तो मेरा लन्ड खड़ा होने लगता.
कुछ ही देर में काम खत्म हो गया और तब आंटी ने एक बार फिर से मुझे शुक्रिया कहा. तब आंटी ने मुझे चाय के लिए पूछा, जिसे मैंने सहर्ष स्वीकार कर लिया.
तब आंटी किचन में जाकर चाय बनाने लगीं. इस दौरान मैं पीछे से उनकी गांड को ताड़ने लगा. उनकी गांड देखते हुए मेरा लन्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया था. तब मैं भी किचन में चला गया और उनके पीछे खड़ा हो गया. इसी बीच चाय का चम्मच नीचे गिर गया, जिसे उठाने के लिए आंटी झुकीं तो उनकी गांड पीछे हुई और मेरे लन्ड से टकरा गई. इस वजह से मेरा लन्ड उनकी गांड की दरार में घुस गया.
उन्हें भी मेरा लन्ड महसूस हुआ. यह देख कर मैं घबरा गया. मैं डर गया था कि कहीं मम्मी को न बता दें. लेकिन हुआ कुछ दूसरा ही. चम्मच उठाने के बाद वो खड़ी हुईं और मेरे लन्ड की तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं. फिर वो बोलीं – यहां क्यों खड़े हो? सब्र रखो, सब्र की चाय और मीठी होती है.
अब मैं सर हिलाता हुआ बाहर आकर बैठ गया. चाय पी और वापस अपने घर चला आया. फिर उसके दो – तीन दिन तक मैंने नोटिस किया कि आंटी मुझे देख कर मुस्कुराने लगती हैं. मुझे ग्रीन सिग्नल मिल रहा था लेकिन मैं स्योर नहीं था, इसलिए रिस्क नहीं लेना चाहता था.
अगले ही हफ्ते मेरे घर वाले एक शादी में हरिद्वार चले गए. मेरे एग्जाम थे, इसलिए मैं नहीं गया. तब मम्मी ने आंटी से मेरे खाने – पीने का इंतजाम करने के लिए बोल दिया था.
अगले दिन घर पर कोई नहीं था तो मैं आराम से देर तक सोता रहा. 10 बज रहे थे. आंटी के बच्चे और अंकल जा चुके थे. तभी कूड़े वाली ने बेल बजाकर मुझे उठाया. तब मैंने कूड़ा बाहर रख दिया.
दोस्तों, मैं नॉर्मली अंडर वियर में ही सोता हूँ और सुबह उठते वक्त मेरा लन्ड खड़ा मिलता है. उस दिन भी यही हुआ. कूड़ा रखने के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम में गया और पानी डालना शुरू ही किया था कि मुझे याद आया कि साबुन तो दूसरे वाले बाथरूम में पड़ा है. तब मैं साबुन लेने निकला. जब मैं साबुन लेकर वापस आ रहा था तभी आंटी मुझे दिखाई दीं।
अंदर वियर भीगने की वजह से मेरा लन्ड साफ नज़र आ रहा था. अब आंटी मेरे गीले लन्ड को घूरने लगीं. पहले तो मुझे शर्म आई लेकिन मैं वहीं खड़ा रहा और जब मैंने उनके बूब्स पर नज़र डाली तो मेरा लन्ड और टाइट होने लगा.
फिर आंटी ने दरवाजा बन्द किया और मेरे नजदीक आ गईं और बोलीं – दरवाजा बन्द कर लिया करो. मैं बोला – भूल गया था आंटी. तभी आंटी ने मेरे लन्ड पर हाथ रकह दिया और उसे सहलाने लगीं. अब तो मेरा काम ही हो गया था.
तभी आंटी बोलीं – तेरा तो अभी से इतना बड़ा है, आगे जाकर जाने कैसे होगा? इतना सुनने के बाद मैंने कहा – आंटी यह तो आपको देख कर अपने आप ही बड़ा हो जाता है. इस पर आंटी ने कहा – अच्छा, फिर तो आज देखना ही पड़ेगा. इतना कह कर आंटी ने मेरा अंडर वियर नीचे कर दिया और मेरे गीले लन्ड को साइड से चूमने लगीं.
थोड़ी देर चूमने के बाद वह बोलीं – जब से तूने मेरी गांड से आपने लन्ड को टच कराया है, उसी दिन से मैं तेरा लन्ड देखना चाहती थी. मैंने कहा – आंटी आपकी गांड देख इस दिन अपने आप ही खड़ा हो गया था.
यह सुन कर आंटी ने कहा – यह बात थी तो बता देता, तू तो घबरा कर भाग आया था. इस पर मैंने कहा – अच्छा, आंटी तो अब दिखा दो. यह सुन कर आंटी ने पीछे मुड़ते हुए कहा – ले देख.
अब मैंने उनकी सलवार नीचे की. ऐसा करते ही मेरे सामने उनकी बड़ी, गोरी और मोटी गांड आ गई. जिसे देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं चाटने लगा. मैं जल्दी से सब कुछ करना चाहता था. तब आंटी ने कहा – आराम से कर, इतनी भी क्या जल्दी है. अच्छा रुक एक काम कर 69 की में हो जा, मैं भी तेरा देखूँ तो जरा.
फिर हम 69 की पोजीशन में हो गए. अब मैं उनकी गांड और चूत को चाटने लगा और वो मेरा पूरा लन्ड मुंह में भर कर चूसने लगीं. मेरे साथ यह सब पहली बार हो रहा था. इसलिए 5 मिनट में ही मेरा पानी छूट गया.
आंटी इस गेम में माहिर थीं. वो नहीं रुकीं और मेरा सारा पानी पी गईं. इसके बाद भी वह लन्ड चूसती रहीं. थोड़ी देर बाद मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया. लन्ड खड़ा होते ही आंटी उसे अंदर डालने के लिए बोलने लगीं.
अब मैं खड़ा हो गया और उनकी टांग को खोल कर चूत में लन्ड डालने लगा. मैं नया था. कुछ देर तक कोशिश करने के बाद भी जब लन्ड चूत में नहीं जा पा रहा था, तब आंटी खड़ी हुईं और मुझे बेड पर लेटने को बोला.
मेरे लेटने के बाद वो लन्ड पर बैठने लगीं और धीरे – धीरे लन्ड अंदर जाने लगा. शुरुआत में मुझे काफी दर्द हुआ. लेकिन मैं बोल नहीं सकता था क्योंकि इसमें मेरी बेइज्जती होती.
अब लन्ड अंदर घुस चुका था और आंटी ऊपर – नीचे हो रही थीं. थोड़ी देर बाद मुझे मज़ा आने लगा. अब आंटी तेजी से लन्ड पर कूदने लगीं. हर झटके के साथ उनके मुंह से सिसकारी भी निकल रही थी. करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद आंटी का पानी निकल गया और वो मेरे ऊपर ही ढेर हो गईं. उनके साथ ही मैंने भी पानी छोड़ दिया और सारा पानी उनकी चूत में भर दिया.
कुछ देर बाद आंटी उठीं और आंख मरते हुए बोलीं – सुबह का नाश्ता हो गया. दोपहर के लंच के लिए घर आ जाना. इतना कह कर वो चल दीं और मैं मुस्कुराते हुए नहाने चला गया.
ये मेरा पहला अनुभव था. आप लोगों को कैसा लगा? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]