चुदासी भाभी के नखरे अनेक

फिर मैंने भाभी के ब्लाउज में ज़बरदस्ती हांथ डाल दिया. हांथ डाल कर उनके एक चूचे को ब्लाउज से बाहर कर दिया और फिर उसे चूसने लगा. फिर चूसते – चूसते मैंने उनके मम्मे को अपने दांतों से काट लिया. भाभी ने मेरी इस हरकत का कोई विरोध नहीं किया, बल्कि भाभी भी मेरा साथ देने लगीं. भाभी गर्म होने लगीं थीं और वह कामुक सिसकारियां भरने लगीं – आआह उउह आग लग गई…

अन्तर्वासना के सभी पाठकों मेरा नमस्कार. मेरा नाम दीपक कुमार है और मेरी लंबाई 5.2 फुट है. मैं सांवले रंग का लेकिन आकर्षक और स्मार्ट लड़का हूँ. अन्तर्वासना की हिन्दी सेक्स स्टोरी को पढ़ते हुए मुझे 2 साल से ज़्यादा समय हो चुका है. अब जाकर मैंने फ़ैसला किया है कि मैं भी अपनी आपबीती आप लोगों से साझा करूँ.

मैं चूड़ियों के शहर फ़िरोजाबाद का रहने वाला हूँ. मैं अभी जी. एन. एम. के डिप्लोमा की तैयारी कर रहा हूँ क्योंकि मैं एक डॉक्टर बनना चाहता हूँ. इसी वजह से मैं पिछले 5 साल से एक नर्सिंग होम में ड्यूटी भी दे रहा हूँ.

दोस्तों, मेरी ये सेक्स स्टोरी मेरी और मेरी भाभी के बीच हुई एक हसीन घटना है. वो मेरे चाचा के लड़के की वाइफ हैं यानि मेरे चचेरे भाई की वाइफ हैं. मेरी भाभी का नाम पूजा है. पूजा भाभी ना तो ज़्यादा गोरी हैं, ना ज़्यादा काली हैं, लेकिन वो बहुत ही सेक्सी महिला हैं. उनके जिस्म का साइज़ 32-36-32 का है. उनकी सबसे खास बात ये है कि उनकी शादी हुए 5 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक उनके कोई बच्चा नहीं हुआ है. मेरा चचेरा भाई शराब बहुत पीता है, इसी वजह से उसका लिंग खड़ा ही नहीं होता है, यानि वो नामर्द है.

एक दिन मैं अपने चाचा के घर गया, तो पता चला कि घर में भाभी और चचेरी छोटी बहन हैं उन दोनों के अलावा घर में और कोई नहीं है. तो मैंने सोचा कि चलो थोड़ी देर भाभी से बात ही कर लेते हैं. मैं भाभी के कमरे में गया तो देखा कि भाभी पलंग पर लेटी थीं.

मैंने उनको आवाज़ लगाई – भाभी क्या बात है जो इस समय सो रही हो. क्या भैया ने रात को सोने नहीं दिया जो दिन में सो रही हो?

चूंकि मैं अक्सर भाभी से दूसरी बातों के साथ – साथ सेक्सी बातें भी कर लेता था और भाभी मेरी इन बातों का बुरा नहीं मानती थीं.

तो भाभी बोलीं – आओ दीपक भैया, आओ बैठो.

इतना कहते – कहते भाभी उठ कर बैठ गईं. फिर मैंने सोचा कि चलो आज अपनी किस्मत को आज़माता हूँ.

भाभी से थोड़ी देर इधर – उधर की बातें करने के बाद मैं भाभी से कहने लगा – भाभी, आज तो घर में कोई नहीं है, आज तो द हीे दो.

भाभी बोलीं – कैसी बातें करते हो, लग रहा है तुम्हारी शादी जल्दी ही करनी पड़ेगी.

तो मैंने कहा – जल्दी से करा दो नहीं तो फिर मेरा खड़ा हो – हो कर बेकार हो जाएगा.

ये कहते हुए मैं उठा और जा कर गेट को लॉक लगा दिया.

तो भाभी कहने लगी – अरे गेट का लॉक क्यों लगाया! कोई देखेगा तो क्या कहेगा?

मैंने कहा – क्या कहेगा? मियां – बीवी सुहागरात बना रहे हैं और क्या.

अब मैं भी पलंग पर चढ़ गया और भाभी से फिर से कहा – दे दो ना यार?

तो वो उन्होंने फिर से मना कर दिया. मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया कि क्यों ना पहले भाभी को ज़बरदस्ती गर्म करूँ. फिर तो ये अपने आप ही कपड़े खोल के लेट जाएंगी.

फिर मैंने भाभी के ब्लाउज में ज़बरदस्ती हांथ डाल दिया. हांथ डाल कर उनके एक चूचे को ब्लाउज से बाहर कर दिया और फिर उसे चूसने लगा. फिर चूसते – चूसते मैंने उनके मम्मे को अपने दांतों से काट लिया. भाभी ने मेरी इस हरकत का कोई विरोध नहीं किया, बल्कि भाभी भी मेरा साथ देने लगीं. भाभी गर्म होने लगीं थीं और वह कामुक सिसकारियां भरने लगीं – आआह उउह आग लग गई.

तभी मैंने चुपके से अपना एक हांथ उनके पेटीकोट में डाल कर उसे उनकी चूत तक पहुंचा दिया पूरी तरह गर्म होने के कारण वो मना नहीं कर सकीं. अब मैं एक हांथ से भाभी की चुत में अंगुली कर रहा था और ऊपर उनकी चूचियों को बड़ी ही बेरहमी से चूस रहा था. तभी भाभी की चूत से पानी आने लगा और वो शांत हो गईं. कुछ देर बाद वो उठीं और अपनी साड़ी और अपना पेटीकोट हटा कर लेट गईं. मेरे सामने उनकी काली – काली झांटों से भरी हुई चुत थी.

भाभी कहने लगीं – दीपक, अब नहीं रहा जाता. अब देर न करो जल्दी से आ जाओ न आआह… इसस्स्स्स्स्…

यह सुन कर जैसे ही मैंने अपने पैंट की चैन खोल कर लंड बाहर निकाला, तो उनकी आँखें खुली की खुली रह गईं.

वो कहने लगीं – इतना बड़ा तो तुम्हारे भाई का भी नहीं है. ये तो मेरी चूत ही फाड़ डालेगा. मैं तुमसे नहीं चुदवाऊंगी. ऐसा कह कर भाभी मुझे फिर मना करने लगीं.

दोस्तों, मेरा कद जरूर कम है, लेकिन मेरे लंड 6.9 इंच का है. अब मैं भी पूरे जोश में था और चूत मेरे सामने खुली पड़ी थी, और भाभी कह रही थीं, मत करो. दोस्तों चूत सामने हो और लंड एकदम टाइट हो तो कोई कैसे रुक सकता है. मैंने भी भाभी की एक ना सुनी और उनके ऊपर चढ़ गया. जैसे ही मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा, वो तो पूरी कांप गईं.

फिर मैंने एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी आंखों से एक हल्की चीख के साथ आँसू निकल आए. जिसे देख कर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया. जब भाभी कुछ नॉर्मल हुईं तो फिर मैंने उनकी चूत मे झटके लगाना शुरू कर दिया. अब भाभी को भी मजा आने लगा था और मजे से मेरा लंड अंदर ले रही थीं. फिर मैंने अगले दस मिनट तक उन्हें जमकर चोदा. इस बीच में वो दो बार झड़ गई थीं. अब मैं भी आने वाला था. जिससे मैंने अपने झटकों की रफ्तार तेज कर दी. कुछ ही देर बाद मेरा भी लावा फूट पड़ा और मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया.

मेरी इस चुदाई के बाद मैं और भाभी दोनों बहुत खुश थे. भाभी की प्यास मिट गई थी और मुझे घर में ही चुदाई करने के लिए कोई मिल गया था. इसके बाद हम लोगों को जब भी मौका मिलता है हम चुदाई जरूर करते हैं.

दोस्तों, ये मेरी और मेरी भाभी की रियल चुदाई कहानी आपको कैसी लगी. ज़रूर बताइएगा. मेरी कहानी 101% सच है.

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