चुदवाने के लिए प्रोजेक्ट नहीं दे रही थी मैडम

वो मुझसे लिपट गई थी और उसके तने हुए चूचे मुझे महसूस होने लगे थे. जिन्हें अब मैंने हल्के – हल्के हाथ से मसलना शुरू कर दिया था. कनिका ने मेरे होंठों को चूमना जारी रखा और इस कदर चूमा कि होंठ तो होंठ मेरी थोड़ी भी उसके थूक से गीली हो गई थी…

हेलो दोस्तों, बात उन दिनों की है जब मैं अपने दोस्त के साथ मिल कर एक इवेंट कंपनी चलाता था. हम नए थे तो हमें क्लाइंट्स की सख्त ज़रुरत थी. इस सिलसिले में आए दिन नई मीटिंग्स और नए चैलेंज मिलते रहते थे. लेकिन कनिका ने जो चेलेंज दिया था उसकी बात ही कुछ और थी.

कनिका हमारे एक क्लाइंट की मार्केटिंग मेनेजर थी और उसके ऑफिस से हमें बड़ी डील के साथ साल भर बिज़नेस मिलने वाला था. लेकिन कनिका जो कि सुपर फ़्लर्ट थी हमें इस धंधे को ले कर डरा रही थी. वह बोल रही थी कि रेट्स ज्यादा हैं और हमारा कम्पटीटर उसे अच्छा रेट दे रहा है.

तब मेरे दोस्त नमन ने मुझे कहा, “यार, ये कनिका को कुछ और चाहिए” तो मैंने पूछा, “कुछ और मतलब?” इस पर वह बोला, “एक काम कर, मैं उसे इस वीकेंड पर डिनर के लिए मैरिएट होटल में इनवाईट करता हूँ और तू वहां उसे सब अच्छी तरह से समझा कर किसी भी तरह बात पक्की कर लेना.”

मैंने भी हाँ कर दी क्यूंकि एक तो मेरिएट में जाने को मिल रहा था और दूसरे बिज़नेस भी मिल रहा था. फिर मैंने पूरी प्रेजेंटेशन पर और रेट्स पर दोबारा वर्क किया और फ्राइडे के लिए तैयार हो गया. फिर मैं मेरिएट पहुँचा और कनिका को कॉल करने के लिए जेब से फ़ोन निकाला ही था कि कनिका ने मुझे आवाज़ दी.

वो अपनी गाड़ी में बैठे – बैठे ही मुझे देख रही थी. फिर मैं अपनी कार से निकल कर उसकी कार के पास पहुँचा तो उसने मुझे अन्दर बैठने को कहा. मैं अन्दर बैठा और उसने उसी वक़्त गाड़ी स्टार्ट कर दी तो मैंने पूछा, “अरे यहाँ नमन ने सीट्स रिज़र्व कर रखी हैं” तो वो मुस्कुराई और बोली, “लेकिन यहाँ तुम मुझे प्रेजेंटेशन नहीं दे पाओगे, इट्स टू नोइज़ी.”

अब मैं चुपचाप बैठा रहा और वो गाड़ी ड्राइव कर के शहर के सबसे पॉश इलाके में बने एक अपार्टमेंट में ले गई. वहाँ गाड़ी पार्किंग में लगा कर मुझे बोली, “यहाँ मेरा फ्लैट है, सुकून से प्रेजेंटेशन भी दे देना और कुछ ऑर्डर भी कर लेंगे.”

दोस्तों, मैं इतना बड़ा चूतिया था कि अब भी समझ नहीं पा रहा था कि ये नमन ने मुझे धंधे की खातिर कनिका को बेच दिया है. अब हम दोनों कनिका के फ्लैट में पहुंचे. उसका फ्लैट काफी सुन्दर था और करीने से सजाया गया था.

कनिका ने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और खुद अन्दर चली गई. थोड़ी देर बाद जब बाहर आ गई. फिर उसने ड्राइंग रूम में रखे एक पुरने ज़माने के ट्रंक को खोला और बोतलों की तरफ इशारा करते हुए कहा, “हेल्प योरसेल्फ.”

इस पर मैंने कहा, “ये सब तो चलता रहेगा, पहले प्रेजेंटेशन तो देख लो.” इस पर वो मुस्कुरा कर बोली, “इससे प्रेजेंटेशन देने का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा” और ये कह कर उसने वोडका का एक ड्रिंक अपने लिए बना लिया और मुझे इशारे में पूछा तो मैंने भी एक स्माल स्कॉच बना लिया.

दोनों ड्रिंक लेते – लेते प्रेजेंटेशन देख रहे थे. तभी मैंने महसूस किया कि कनिका मेरे काफ़ी करीब आ गयी है और लगभग मेरे कंधे पर टिक कर ही प्रेजेंटेशन देख रही है. उसकी सांसें मेरी गर्दन पर साफ महसूस हो रही थीं.

फिर मैंने गिलास रखने के लिए खुद से उसको दूर किया तो वो किसी बहाने से और करीब आ गई. अभी हम लोग कास्टिंग के पेज पर पहुंचे ही थे कि उसने मुझे कहा, “बस तुम्हारी यही बात मुझे पसंद नहीं.” मैंने कहा, “पर कास्टिंग तो तुम्हारे हिसाब से ही बनाई गई है.”

यह सुनते ही वो बोली “तुम इतना काम क्यूँ करते हो.” इतना कह कर उसने मेरे हाथ से लैपटॉप ले लिए और टेबल पर रख दिया. फिर खुद मेरी तरफ मुंह कर के मेरी गोद में बैठ गई. मेरे लिए ये सब अन एक्सपेक्टेड था और ये इतना जल्दी हुआ कि मैं संभल ही नहीं पाया.

कनिका के कन्धों तक लहराते बाल अब मेरे चेहरे पर थे और उसके होंठ मेरे होंठों को छू रहे थे. अब मैं अपने सोचने – समझने की शक्ति को लगाम लगा कर उसके रसीले होंठ चूमने लगा था और कनिका भी बराबर मेरा साथ दे रही थी.

वो मुझसे लिपट गई थी और उसके तने हुए चूचे मुझे महसूस होने लगे थे. जिन्हें अब मैंने हल्के – हल्के हाथ से मसलना शुरू कर दिया था. कनिका ने मेरे होंठों को चूमना जारी रखा और इस कदर चूमा कि होंठ तो होंठ मेरी थोड़ी भी उसके थूक से गीली हो गई थी.

फिर मैंने उसे पलटा दिया अपना मुंह पोछ कर और उसका टी-शर्ट उतार दिया और उसके भरे हुए सांवले रंग के चूंचों को चूसने लगा. मुझे उसके चूचे इतने अच्छे लग रहे थे कि उनके आगे मैं सब भूल ही गया था.

फिर कनिका ने मेरे लंड को जीन्स के ऊपर से ही सहलाना शुरू किया. उसे मेरे लंड का साइज़ पैंट के बाहर से ही पता लग गया था तो वो बोली, “ह्म्म्म इसके साथ तो काफी मज़ा आएगा.” तो मैंने भी हँसकर बोला, “तो ले लो मज़ा फिर.”

अब कनिका ने मेरी जीन्स उतार दी और अपनी पैन्ट भी उतार कर नंगी हो गई. अब वह मुझे आधा लेटा कर के सीधे मेरे लंड पर सवार हो गई. उसकी चूत इतनी जल्दी पनिया जाएगी मुझे इसका अंदाजा ही नहीं था, लेकिन एक बात गज़ब थी. उसकी चूत अन्दर से काफी गर्म थी और कनिका मेरे लंड की सवारी करते हुए मस्ती में अपनी गांड मटका रही थी. जिससे मेरा एक्साइटमेंट लेवल और बढ़ गया था.

इस चुदाई में कनिका को झड़ने में दो मिनट भी नहीं लगे, लेकिन मैं अपना भूखा लंड उसकी चूत से निकाले बिना ही उसे घोड़ी बना कर चोदने लगा. कनिका जोर – जोर से सिसकारी ले रही थी. उसकी आवाजों से उसका फ्लैट गूंजने लगा था और फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.

इसके बाद हम दोनों ने बाथरूम में जा कर अपने अपने जननांगों को धोया. फिर उसने खाना ऑर्डर करके एक एक ड्रिंक और बनाया. कनिका एक ही साँस में अपना वो ड्रिंक गटक गई और इसके बाद वह फिर से मेरे लंड को चूसने लग गई.

अब मैं अपना ड्रिंक मुंह में लगाए हुए कनिका को अपना लंड चूसते हुए निहार रहा था. उसका मुंह मेरे लंड पर इस तरह चल रहा था कि मैं अपने होश ही खो बैठा था. कनिका मेरे लंड को बांसुरी की तरह अपने होंठों से दबा रखा था. वो मेरे लंड और गोटों पर अपने होंठ रगड़ रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

तभी अचानक कनिका ने एक दम से मेरे लंड को पूरा अपने मुंह में ले लिया. जिसे देख कर मैं हैरान रह गया क्यूंकि उसकी न तो साँस घुटी और न ही उसे कोई तकलीफ हुई. कनिका मेरे लंड को गन्ना और अपने मुंह को रस निकलने की मशीन समझ बैठी थी. आखिरकार उसने अपनी लंड चूसने की कला से मेरे लंड का रस निकाल ही दिया और मेरा पूरा पानी गटक गई.

कुछ देर बाद हमारा खाना आ गया. खाना खाने के बाद मैंने कनिका को पूरी रात चोदा और अमूमन हर तरह से उसकी गदराई सांवली जवानी का मज़ा उठाया. सुबह होते ही कनिका ने अपने मोबाइल से मुझे मेरे प्रोजेक्ट के अप्रूवल का मेल कर दिया और मुस्कुरा कर बोली, “तुम बहुत अच्छी तरह से प्रेजेंटेशन देते हो.” तो मैंने भी मुस्कुरा कर कहा, “तुम इसी तरह धंधा देती रहो, मैं भी प्रेजेंटेशन में कोई कसर नहीं छोडूंगा.”

इसके बाद मैं वापस चला आया. कनिका का और मेरा यह रिश्ता काफी समय तक चला और मैंने उसे कई बार चोदा. दोस्तों, मेरी यह कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]