जब मैं नहा कर बाहर आया तो भाभी बोली कि भैया के कपड़े पहन लो. तो मैं भैया के कपड़े लाने उनके रूम में चला गया. अंदर जाकर दोस्तों मैंने वहां जो देखा उससे तो मेरे होश ही उड़ गए. वहां पर कंडोम के पैकेट और ब्लू फिल्म की सीडी पड़ी थी. जिसे मैंने उठा लिया. तब तक भाभी भी आ गईं और मुझे कंडोम हाथ में लिये देख लिया. भाभी को देख कर मैं थोड़ा डर सा गया था…
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार! ये मेरी पहला कहानी है और मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को अच्छी लगेगी.
जैसा कि आप सब जानते हैं कि सेक्स भी हमारे जीवन में कितना मायने रखता है, सब लोग सेक्स करना चाहते हैं, मै भी सेक्स का बहुत बड़ा शौकीन हूँ, पर मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है तो मैं अक्सर हांथ से ही हिलाकर आपनी वासना को शांत कर लेता हूं. मेरी ये जो कहानी है वो मेरे और मेरी भाभी के बीच घटी एक सच्ची घटना है.
मैं आप लोगों का ज्यादा समय न बरबाद करते हुये मै सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. ये बात तब की है, जब मैं ssc की परीक्षा देने दिल्ली गया हुआ था. परीक्षा सुबह दस बजे से थी. जब मैं परीक्षा देकर बाहर आया और अगली ट्रेन के बारे में पता करने स्टेशन गया तो वहाँ जाकर पाता चला कि एक घंटे पहले ही ट्रेन निकल चुकी है और दूसरी सारी ट्रेनें रात में हैं.
यह सुन कर मैं वहीं स्टेशन पर बैठ कर रात वाली ट्रेनों का इंतजार करने लगा तभी मुझे याद आया कि गाँव में मेरे घर के बगल वाले एक भैया जिनका नाम सोहन है दिल्ली में अपने पूरे परिवार के साथ रहते हैं. मैंने उन्हें फोन किया तो सोहन भैया ने मुझे अपने घर का पता दिया और फिर मैं उनके दिये हुये पाते पर पहुँच गया.
वहां पहुंच कर मैंने बेल बजाई तो भाभी ने दरवाजा खोला. मैंने भाभी को प्रणाम किया. तो भाभी ने मुझे अंदर आने के लिए कहा. अंदर जाकर मैंने भाभी से पूछा – भाभी, भैया कहाँ हैं? तो भाभी बोलीं – भैया ड्यूटी गये हैं और रात को आ जायेंगे.
इसके बाद हम लोग बातें करने लगे. भाभी और मैं एक – दूसरे को गाँव से ही पहचानते थे और मजाक किया करते थे. लेकिन गाँव में बात सिर्फ मजाक तक ही थी. जब मैंने भाभी को दिल्ली में देखा तो भाभी क्या लग रही थी! क़यामत से भी डेन्जर, क्या गाल थे! एकदम सेब की तरह लाल और आँखें तो जान लेने वाली लग रही थीं और पीछे से तो भाभी एकदम मस्त माल दुख रही थीं. उनकी उम्र यही कोई बीस साल रही होगी.
कुछ देर तक मैंने और भाभी ने बातें की और फिर मैं स्नान करने चला गया. मैं बिना कपड़ा पहने नंगा ही स्नान कर रहा था. तभी मुझे लगा कि कोई बाथरूम के गेट पर है और मुझे नहाते हुए देख रहा है. मैंने दरवाजे के छेद से देखा तो वो भाभी थीं तो मैंने गेट खोल दिया और पूछा – क्या भाभी, कोई काम है क्या? वो थोड़ा घबरा गईं और बोली – नहीं कोई काम नहीं है. इतना बोल कर वो जल्दी से चली गईं.
जब मैं नहा कर बाहर आया तो भाभी बोली कि भैया के कपड़े पहन लो. तो मैं भैया के कपड़े लाने उनके रूम में चला गया. अंदर जाकर दोस्तों मैंने वहां जो देखा उससे तो मेरे होश ही उड़ गए. वहां पर कंडोम के पैकेट और ब्लू फिल्म की सीडी पड़ी थी. जिसे मैंने उठा लिया. तब तक भाभी भी आ गईं और मुझे कंडोम हाथ में लिये देख लिया. भाभी को देख कर मैं थोड़ा डर सा गया था.
फ़िर वो मुस्कुरा कर मुझसे बोलीं – क्या देवर जी ऐसे क्यों कंडोम को निहार रहे हो? कभी इसका इस्तेमाल भी किया है या नहीं.
उनके मुंह से ये बातें सुन कर मैं आश्चर्य चकित हो गया.
मैं बोला – नहीं.
तो भाभी बोली – करोगे?
अब मुझे लगने लगा कि भाभी मुझ पर फिदा हो रही हैं.
तो मैं बोला – बिल्कुल भाभी, क्यों नहीं करूंगा. अभी तो मौका भी अच्छा है क्योंकि भैया भी हैं नहीं.
मैं इतना बोला ही था कि भाभी मेरे पास आ गईं और आते ही मेरे अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरा लंड हांथ में ले लिया. लेकिन जैसे ही उन्होंने उसे पकड़ा वो बोल पड़ी बाप रे इतना बड़ा और मोटा.
दोस्तों शायद मुठ मारने के कारण, मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा है. यानी मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा है. जैसा कि आप लोग जानते ही हैं कि सभी औरतें लम्बा और मोटा लंड पसंद करती हैं तो भाभी को भी मेरा लंड पसंद आ गया. अब भाभी मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाट रही थी और मैं उनके बूब्स दबा रहा था.
दस मिनट बाद भाभी बहुत गर्म हो गई और बोलने लगी जल्दी चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को, अब बरदाश्त नहीं हो रहा है. क्या चुत थी उनकी! एकदम चिकनी, बिना बाल के. मैंने भी समय न गंवाते हुये अपने लंड को उनके चूत पर सेट किया और एक जोरदार झटका मारा. मेरा पूरा लंड एक ही बार में भाभी की चूत में घुस गया. जिससे भाभी चिल्लाने लगी – बाहर निकलो इसे, मैं मर जाऊँगी, बहुत मोटा है तुम्हारा प्लीज जल्दी निकालो.
लेकिन मैंने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया. दो मिनट बाद उन्हें भी मजा आने लगा और अब भाभी की ‘और तेज, फाड़ दो मेरी चूत को. पहली बार कोई मर्द मिला है, आह् आह् आह् और जोर से’ जैसी आवाजें भाभी के मुंह से निकल रही थी और पूरा रूम फच – फच की आवाज से गूँज रहा था.
इस बीच भाभी झड़ गई और पाँच मिनट बाद मैं भी झड़ गया. कुछ देर बाद हमलोग फिर से तैयार हो गये.
मैं बोला – भाभी अपनी गांड भी मरने दो न.
भाभी बोली – नहीं तुम्हारा लंड बहुत मोटा है, ये तो मेरी गांड ही फाड़ देगा.
मैं बोला – प्लीज भाभी एक बार अपनी गांड मारने दो.
लेकिन भाभी नहीं मानी और बोली – चूत मारो.
फ़िर मैं भाभी के होंठ को चूसने लगा और दस मिनट बाद भाभी फिर गर्म हो गईं. उनके मुँह से उं ऊं आ आ आ ओ ओ सी सी उफ़ उफ़ निकलने लगा और बोलने लगीं जल्दी करो प्लीज़ जल्दी, मत तड़पाओ. मैं भी अपना लंड भाभी की चूत में डाला और फिर मैच चालू हो गया इस बीच भाभी झड़ गई. मैं भी झड़ने वाला था और दो मिनट बाद मैं भी झड़ गया.
अब हम दोंनों संतुष्ट थे. फ़िर हम दोनों ने एक साथ स्नान किया और खाना खाया और फ़िर तैयार जाने के लिए तैयार हुआ क्योंकि मेरी ट्रेन का वक्त हो गया था. फिर मैंने भाभी को किस किया और स्टेशन के लिए निकल पड़ा.
तो दोस्तों आपको मेरी से कहानी कैसी लगी, ज़रूर बतायें
मेरा ईमेल आइडी है – [email protected]
Maza aa gaya dost…
mast yarr
Naice
I like this story because this story content same my sister’s wedding night story
Mast yar
Bhabhi sampark kro