दादी को फिर से जवान बनाया भाग – 1

मैं अपनी दादी का बहुत लाडला था. मैं भी दादी को बचपन से ही बहुत चाहता था. फिर हम शहर आ गए और दादी से हमारा मिलना ओम हो गया. एक बार दादी एक हफ्ते के लिए हमारे घर आईं. तब मैंने कैसे उनके साथ मज़ा किया ये आपको इस कहानी में जानने को मिलेगा…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम मिहिर शर्मा है और मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं. आज मैं भी आप लोगों को अपनी एक बेहद यादगार और प्यारी सी कहानी बताने जा रहा हूं. उम्मीद है आप लोगों को पसंद आएगी.

दोस्तों, मैं अपने मम्मी – पापा के साथ गुजरात में रहता हूं. मेरे पापा एक कंपनी में बड़ी पोस्ट पर हैं और मम्मी स्कूल में पार्ट टाइम टीचर हैं. कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देना चाहता हूं. मेरी हाइट 5 फीट 8 इंच है और रंग गोरा है. मेरे लंड की साइज़ तकरीबन 5.5 इंच के आसपास होगी. मुझे बड़ी उम्र वाली औरतें बहुत पसंद हैं और मेरी यह पसंद इस कहानी से शुरू हुई.

जब यह घटना घटित हुई तब मैं 20 साल का था. मैं बचपन से ही अपनी दादी के बहुत करीब रहा हूं और वो भी मुझे बहुत प्यार देती हैं क्योंकि मैं उनका लाडला जो हूं. लेकिन पिछले 2 वर्ष से मैं दादी से मिल नहीं सका था क्योंकि हम शहर में रहने आ गए और मेरे दादा – दादी गांव में ही रख कर खेत का काम संभालते थे.

एक दिन मैं सुबह उठा और तैयार होकर हॉल में बैठा था. तभी अचानक दरवाजे की घंटी बजी. मैंने दरवाजा खोला तो दादी बाहर खड़ी थीं. उन्हें देख कर मैं बहुत खुश हुआ. फिर झट से मैंने उनके पैर छू लिए क्योंकि अभी तक मेरे दिमाग में उनके लिए कोई बुरा विचार नहीं था. फिर मैंने उनके हाथ का समान ले लिया और हम घर के अंदर आ गए.

इसके बाद दादी ने सब के साथ मेल – मिलाप किया और फिर हॉल में मेरे पास आकर बैठ गईं. अब हमने बहुत सारी बातें की जैसे कि मैं उन्हें बहुत याद करता था. उन्होंने भी मेरी स्टडी और तबियत के बारे में पूछा. हमने सारा दिन साथ में गुजारा. दोस्तों, वो 1 हफ्ता हमारे घर ही रुकने वाली थीं और उनके यहां रुकने से सबसे ज्यादा खुश मैं था क्योंकि दादी के साथ टाइम बिताना मुझे बहुत अच्छा लगता था.

रात को हम सब ने एक साथ डिनर किया और सोने का इंतज़ाम करने लगे क्योंकि हमारे घर में अभी 2 ही कमरे पूरी तरह कंप्लीट थे और 1 कमरे में फर्नीचर का काम चल रहा था. उसमें से 1 मम्मी – पापा का और 1 मेरा कमरा था.

पापा ने मुझसे कहा, “मिहिर बेटा, तुम बाहर हॉल में सो जाना, दादी तुम्हारे कमरे में सो जाएंगी”. तभी दादी बोलीं, “मिहिर अभी बच्चा ही तो है, मैं उसके साथ उसके कमरे में सो जाउंगी और फिर मेरे पास यहां 1 हफ्ते का ही तो समय है, इसमें मैं अपने लाडले से दूर नहीं होना चाहती हूं.” दादी की बात पापा मान गए.

इसके बाद हम सब अपने कमरे में चले गए और सोने की तैयारी करने लगे. हमने भी रूम में आकर दरवाजा बंद कर लिया. दोस्तों, उस दिन मैंने रेड टी-शर्ट और येलो प्रिंटेड बॉक्सर पहना हुआ था. फिर मैं और दादी दोनों एक ही बेड पर लेट गए.

थोड़ी देर बाद दादी सो गई थीं या सोने की एक्टिंग करने लगीं थीं, उनका पता नहीं लेकिन मैं सो नहीं पा रहा था क्योंकि मेरे छोटू राजकुमार का मुठ मारने का टाइम हो गया था. फिर मैंने चुपके से मोबाइल निकाला और उसे साइलेंट में लगा कर पॉर्न देखने लगा. उसके साथ ही मैं अपने लन्ड को सहलाने भी लगा.

माफ करना दोस्तों, मैं तो आप लोगों को अपनी दादी के बारे में बताना ही भूल गया. दादी की उम्र 54-55 साल थी लेकिन खेतों में काम करने के वजह से वे अभी भी मैच्योर वुमन की तरह लग रही थीं. उनका बदन कसा था. उनके मम्मे और चूतड़ काफी बड़े थे. उनका फिगर तकरीबन 36-34-38 का होगा और वो हमेशा साड़ी ही पहनती हैं. रात को भी वो साड़ी ही पहने रखती थीं. हालांकि, पता नहीं ये उनकी बढ़ती उम्र का तकाज़ा था या कोई और वजह वो पत्नीत्व धर्म का कोई चिन्ह नहीं पहनती थीं.

पॉर्न देखते – देखते मैं बहुत ज्यादा उतेजित हो गया था. दोस्तों, आप तो जनते ही हैं कि जब वासना सवार होती है तो हमें सिर्फ औरत की चूत ही नज़र आती है, भले ही वो कोई भी क्यों न हो. मैंने एक पल के लिए सोचा कि क्यों न दादी के साथ सेक्स का मजा लिया जाए, मैं तो उनका लाडला हूं इसलिए शायद मना भी नहीं करेंगी.

यह सोचते ही मैंने मुठ मारना बीच में ही बंद कर दिया और मोबाइल साइड में रख के लेट गया और सोने का नाटक करने लगा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके दादी की तरफ करवट बदली और अपना बायां हाथ उसके मम्मे पर रख दिया.

लेकिन ये क्या! उन्होंने बहुत तेजी से मेरा हाथ झटक दिया और उठ कर बेड पर बैठ गईं. यह देख कर मैं घबरा गया और मैं भी उठ बैठा. दोस्तों, एक बात तो मैं आप लोगों को बताना ही भूल गया वो ये कि मेरी दादी बहुत गुस्से वाली थीं. अब मेरी फट के हाथ में आ गई, मैंने सोचा कि आज तो मैं गया. फिर मैं डरते हुए दादी से कहने लगा, “गलती से मैंने आपको छू लिया था मुझे माफ़ कर दीजिए. अब ऐसा नहीं होगा. मैं नीचे सो जाऊंगा”.

“दोबारा भी ऐसा ही होगा, मुझे पता है” उन्होंने कहा और इतना कह कर थोड़ी सी मुस्कुराईं. फिर भी मेरे चहरे के रिएक्शन वैसे ही बने रहे क्योंकि मेरी गांड डर के मारे पूरी फट चुकी थी.

फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरी तरफ बढ़ाया. उनका हाथ अपनी तरफ बढ़ते देख मैं घबरा गया कि कहीं वो मुझे चांटा न मार दें. इसलिए लगभग गिड़गिड़ाते हुए मैंने उनसे कहा, “मुझे माफ़ कर दीजिए, अब ऐसा नहीं होगा”. लेकिन उनका हाथ आगे बढ़ता ही गया.डर के मारे मैंने अपनी आंख बंद कर ली.

लेकिन ये क्या! उसने मेरे हाथ को पकड़ा और उसे ले जाकर अपने मम्मे पर रख दिया. फिर वे मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं और बोलीं कि मैं तो बस तुम्हारी प्रतिक्रिया देखना चाहती थी. अब मैंने भी अपनी आंखें ख़ोला दी थीं. वो फिर बोलीं, “मैं कब से तुम्हारी सारी हरकतें देख रही थी. और आखिरकार मुझे भी पता है कि मेरे लाडले को इस उम्र में क्या चाहिए!” इतना कह कर वो फिर से मुस्कुराने लगीं.

इस कहानी का अगला भाग – दादी को फिर से जवान बनाया भाग – 2

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