हालांकि वो ढंग से मेरा लंड नहीं चूस रहा था. शायद उसे चूसना ही नहीं आता था. दोस्तों, लंड चूसना भी एक कला होती है. लेकिन फिर भी मैंने अपना लंड उसके मुंह में दिया हुआ था. उसकी जीभ धीरे – धीरे मेरे लंड के सुपाड़े को सहला रही थी. मैं बीच – बीच में कभी उसके बाल तो कभी उसके कंधे को सहला देता था. फिर वो तब तक नहीं रुका जब तक मैंने उसे कह नहीं दिया कि और चूसोगे तो मेरा माल निकल जायेगा…
हेलो दोस्तों! मेरा नाम आशु है और मैं 30 साल का एक युवक हूं. मेरा कद करीब 5 फुट और 7 इंच है और मेरा वजन भी करीब 72 किलो है. इस तरह मैं एक साधारण सा व्यक्तित्व वाला सामान्य इंसान हूँ. मैं कुछ वक़्त पहले तक मैं कुछ दिनों के लिए यमुना नगर में था, फिर जॉब के सिलसिले में मैं यहाँ से दूर चला गया.
पिछले हफ्ते मैं दिल्ली के एक लड़के से मिला. मैं उससे एक वेबसाइट पर मिला था जो गे डेटिंग के लिए थी. जहां पर प्रदीप के नाम से उसका प्रोफ़ाइल था, मेरे ख्याल से वो फेक ही था. उसकी प्रोफ़ाइल देखने पर प्रदीप मुझे बहुत पसंद आया. उसका गोरा रंग, तीखे नैन – नक्श, उसका सुन्दर, चिकना, मज़बूत और चौड़ा शरीर सब मुझे बहुत पसंद आया.
दरअसल उसे भी मस्ती के लिए एक ईमानदार दोस्त की तलाश थी. न सिर्फ उसे ही बल्कि मुझे भी ऐसे ही एक दोस्त की तलाश थी. उसने मुझे बताया कि वो भी आज लगभग 2 महीने बाद सेक्स करने वाला है. जब मैं उसके रूम पर पहुंचा तो उसने ज़्यादा देर तक न खुद इंतज़ार किया और न ही मुझे करवाया.
हम उसके बिस्तर पर बैठे थे. कुछ देर इधर – उधर की बातें करने के बाद वो धीरे – धीरे मेरे बहुत करीब आ गया और फिर न जाने कब उसने मेरे लिप्स पर अपना कब्ज़ा जमा लिया और अपने हाथों को पीछे करके मेरे बाल पकड़ लिए. पहले उसने तसल्ली से मेरे लिप्स चूसे और फिर मेरे छोटे – छोटे निप्पल चूसने लगा.
वो मेरे निप्पल्स तब तक चूसता रहा, जब तक मेरी ज़ोर – ज़ोर से सिसकारियां न निकल गईं. इसमें मैंने भी उसका पूरा साथ दिया. करीब 15 मिनट के बाद उसने मुझे अपनी बाहों में कस लिया और फिर मेरे होंठों पर चूमने लगा. अब मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और अब प्रदीप ने मुझे अपने सीने से लगा कर चूमना शुरू कर दिया.
अब मेरे हाथ भी उसकी भरी – भरी छाती के बालों से खेलने लगे थे. उसका एक हाथ मेरे चूतड़ों पर भी फिर रहा था और वह दूसरे हाथ से मेरे निप्पल को मसल रहा था और मैं उसके अंडर वियर में अपना एक हाथ डाल कर उसके लंड को पकड़ कर महसूस करने लगा.
जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसका अंडर वियर खींच कर निकाल दिया. उसका गोरा लंड मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फिर मैंने अपना भी अंडर वियर निकाल दिया और उसके लंड से खेलने लगा. उसका लन्ड करीब 7 इंच का था . अब मैंने उसका लंड पकड़ा और आश्चर्य करते हुए कहा – इतना बड़ा है?
तब तक वो बढ़ कर 7.5 इंच का हो गया था. फिर मैंने धीरे से उसे मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैं उसका 7.5 इंच का लंड मुँह में लेकर आराम से चूस रहा था. अब वो भी मेरे मुँह में झटके मारने लग गया था. मैं बिस्तर पर लेटा हुआ था. फिर कुछ देर बाद वो बोला – थोड़ा सीधे हो जाओ और अपनी गर्दन बेड से नीचे कर लो.
अब मैंने वैसा ही किया. अब मेरी आँखें सिर्फ़ उसके लंड के नीचे वाली दो बड़ी – बड़ी गोलियाँ देख रही थी. उसने अपना पूरा का पूरा लन्ड मेरे मुँह में डाल दिया था. उसका लम्बा लन्ड मेरे गले तक आ रहा था लेकिन अभी भी लन्ड कुछ बाहर ही था. वो अपना पूरा ज़ोर लगा रहा था. मैं भी पूरा गरम था तो मैंने भी उसका पूरा साथ दिया.
थोड़ी देर बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुँह के अंदर ही निकाल दिया. मुझे भी अच्छा लग रहा था तो मैं भी उसका सारा वीर्य पी गया और उसके लंड को चाट कर पूरा साफ कर दिया. फिर वो अचानक मेरा लंड चूसने लगा. मैं उसी तरह घुटनों के बल खड़ा था और उसे अपना लंड चूसते हुए देख रहा था.
हालांकि वो ढंग से मेरा लंड नहीं चूस रहा था. शायद उसे चूसना ही नहीं आता था. दोस्तों, लंड चूसना भी एक कला होती है. लेकिन फिर भी मैंने अपना लंड उसके मुंह में दिया हुआ था. उसकी जीभ धीरे – धीरे मेरे लंड के सुपाड़े को सहला रही थी. मैं बीच – बीच में कभी उसके बाल तो कभी उसके कंधे को सहला देता था. फिर वो तब तक नहीं रुका जब तक मैंने उसे कह नहीं दिया कि और चूसोगे तो मेरा माल निकल जायेगा.
फिर मेरे मन में न जाने क्या आया और मैंने अपना लंड हटा लिया और उसे गले लगा कर स्मूच करने लगा. मुझे लगा कि जैसे मैं उत्तेजना से पागल हो जाऊंगा. उसके बाद उसने मेरी गांड पर जेल लगनी शुरू कर दी. अब वो धीरे – धीरे ऊँगली घुमाते हुए अंदर ले जा रहा था और जब उसने अचानक से अपनी दूसरी ऊँगली डाली तो मैं एक दम से तड़प उठा.
मैंने उसे कहा के मैंने कभी ठीक से चुदाई नहीं करवाई है. इस पर उसने कहा कि अगर दर्द हुआ तो नहीं करेंगे. फिर ऐसा कह कर उसने मेरी गांड में खूब सारी जेल लगा दी और फिर अपने लंड पर कंडोम पहना और उसके बाद उस पर भी उसी जेल को लगा लिया.
इसके बाद वो नीचे लेटा और मुझे उसने अपने लंड पर बैठने के लिए कहा. जैसे ही मैंने थोड़ा सा दबाव बनाया उसके लंड का टोपा मेरी गांड में फंस गया और मेरी एक चीख सी निकल गई. फिर उसने मुझे पकड़ा और झुका कर मेरे निप्पल चूसने लगा.
फिर जैसे ही उसे लगा कि अब मैं सिसकारियां भर रहा हूं वैसे ही उसने नीचे से धक्का लगा कर लगभग आधा लंड अंदर कर दिया. इस बार मुझे कुछ कम दर्द हुआ और फिर कब लंड मेरी गांड में और ज्यादा घुसता पता ही नहीं लगा. अब धीरे – धीरे उसने मुझे नीचे लेते हुए ही चोदना शुरू किया और फिर अचानक मेरे ऊपर आ गया और मेरे कान में बोला – भाई हल्का सा दर्द सह लेना.
इतना बोल कर उसने गांड में पूरा लंड घुसा दिया. मेरे को इस बार बहुत तीखा दर्द हुआ. उसने अपना लण्ड जो अब एक लोहे की रॉड बन चुका था को धीरे – धीरे डालते हुए उसने एक जोर का झटका मारा और मेरी ‘ईईईईई’ की चीख से पूरा कमरा गूंज उठा.
लेकिन उसने फुर्ती से मेरा मुंह बंद कर लिया और मैं म्म्म्म करता रह गया पर उसने तरस नहीं खाया बल्कि अब वह और तेज़ी से करने लगा और बस बोला – अभी चुपचाप पड़े रहो, बाद में और मजा आएगा.
धीरे – धीरे अब शायद मेरी गांड खुल चुकी थी. बस फिर उसने लगभग 10 -12 मिनट तक मुझे चोदा और फिर उसने मुझे खड़ा कर दिया और फिर मुझे घोड़ा बना कर मेरी गांड़ में अपना लन्ड पेल दिया. लगभग 20 मिनट बाद उसने मुझे नीचे बिठाया और कंडोम उतार कर मेरे ऊपर ही अपना सारा माल निकाल दिया.
इसके बाद फिर उसने मेरी मुठ मार कर मेरा माल भी निकाल दिया. इसके बाद फिर हमने एक – दूसरे से फिर मिलने का वायदा किया और मैं वापस चला आया.
अभी मैं हरियाणा के यमुना नगर जिले में हूं.
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