यह कहानी है मेरी और मेरी देवर की. जब मैंने पति की अनुपस्थिति में मौके का फायदा उठाया और देवर से चुद गई थी. इसे पढ़ कर आप लड़कों के लन्ड और लड़कियों की चूत से पानी जरूर निकलेगा…
हेलो दोस्तों, मैं 27 साल की हूँ. मेरा नाम रूपा है और मेरी शादी को 2 साल हो चुके है. मेरे पति का नाम राज है और वो एक एक्सपोर्ट कंपनी में काम करते हैं. घर में सिर्फ हम दोनों ही रहते थे, लेकिन एक हफ्ते पहले मेरा देवर सचिन भी हमारे यहां रहने आ गया.
अन्तर्वासना के पाठकों, मैं आपको बताना चाहती हूँ कि मैं बहुत चुदक्कड़ औरत हूँ. शादी के बाद से तो चुदाई के दौरान मैं रोज रात को राज पर चढ़ जाती हूँ. वो काम में बहुत व्यस्त रहते हैं इसलिए केवल एक बार चुदाई करके सो जाते हैं.
सचिन के आते ही मैंने महसूस किया कि उसकी नज़रें हमेशा मुझ पर ही टिकी रहती हैं. पहले दिन मुझे उस पर गुस्सा आने लगा था और मैंने सोचा राज को उसके बारे में बता दूं, पर फिर मुझे मज़ा आने लगा और अब मैं उसको चिढ़ाने लगी.
अब कभी मैं उसके कमरे में जाकर फर्श पोछते समय अपना पल्लू गिरा देती तो कभी उसके आगे झुक जाती. कभी किसी बहाने मैं उसको अपनी मोटी गांड मैक्सी के ऊपर से ही दिखाती.
राज को कुछ काम होने की वजह से मुझे रोज कुछ देर सोने की आदत पड़ चुकी थी. आज मैं सोने की कोशिश की, लेकिन नींद नहीं आ रही थी. रात के 8 बज चुके थे. फिर मैंने सचिन से मज़ा लेने को सोचा और ट्यूबलाइट बन्द कर दी और सचिन को आवाज लगाई और कहा कि सचिन लगता है ट्यूबलाइट खराब हो गई है. घर में बहुत अंधेरा है. मुझे डर लग रहा है. यहां आकर बैठो न कुछ देर.
तब सचिन ने कहा – भाभी, हाल में लाइट चालू है, आप वहीं बैठ जाइए. जिसके लिए मैंने न कर दी और कहा – नहीं, सचिन मुझे अपने कमरे में रहने की आदत सी पड़ गई है, तुम यहीं रह जाओ न कुछ देर और हां दरवाजा बन्द कर लो.
फिर वह दरवाजा बंद करके बेड के पास आया. तभी मैंने जोर से बेड पर कुछ पकड़ा, जिसकी वजह से वह थोड़ा सा डर गया और बोला – क्या हुआ भाभी? तब मैंने कहा – कुछ नहीं सचिन, वो बस थोड़ा सा लग गया है. उसने पूछा कि क्या लग गया है तो मैंने कहा कि बैठते वक्त कमर पर बेड का कोना लग गया.
तब उसने कहा – कहां लगा भाभी दिखाओ. मैंने कोशिश की लेकिन अंधेरे की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. फिर मैंने कहा – सचिन, अपना हाथ दो मुझे. उसने हाथ आगे किया तो मैं उसके करीब गई और उसका हाथ अपनी चूत पर रख लिया.
तब सचिन ने कहा – भाभी, मेरा हाथ कहां है? अंधेरे में कुछ समझ नहीं आ रहा है. तब मैंने कहा – सचिन, उफ्फ तुम्हारा हाथ सचिन ओह्ह यहां और रगड़ो न! तब उसने कहा – भाभी, यह आपकी कमर तो नहीं है.
तब मैंने कहा, “लेकिन देवर जी, दर्द तो यहीं हो रहा है.” यह सुन कर वो मेरी मैक्सी के ऊपर से जोर – जोर से चूत को रगड़ने लगा. अब मेरे मुंह से, ‘उम्म ओह्ह देवर जी, तुम्हारी उंगलियां जैसे जादू कर हैं मेरी चूत पर’ जैसी बहुत सी आवाजें निकल रही थी. फिर मैंने कहा – तुम्हें अच्छा लग रहा है न सचिन? तब उसने कहा – हां भाभी, अच्छा लग रहा है. उसके इतना कहते ही मैंने लाइट ऑन कर दी.
अब वो मेरे और करीब आ गया और मेरे होंठों को चूमने लगा. फिर मैंने भी ज़ोर – ज़ोर से अपने होंठों को उसके होंठों पर रगड़ने लगी. इसके बाद उसने मेरे निचले लिप्स को चूसना शुरू किया.
वो साला ऐसे चूस रहा था, जैसे एक दम एक्सपीरियंस वाला खिलाड़ी हो. अब उसने दांतों से मेरे निचले होंठ को काटना शुरू किया. इसके बाद उसने मेरी जीभ अपने मुंह में डालने को कहा.
तब मैंने तुरन्त ही अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी. उसने अपने होंठों के बीच मेरी जीभ को पकड़ा और होंठ रगड़ने लगा. अब मैंने उसको कस कर पकड़ लिया और उसके पीठ पर हाथ फेरने लगी.
फिर उसने मेरी मैक्सी के बटन खोल दिए और कहा – रूपा, चल अपनी मैक्सी निकाल दे छिनाल. फिर मैंने कहा – ओह्ह सचिन तुम अपने भैया से कितने अच्छे हो, आज मेरे साथ छिनाल जैसे ही ट्रीट करो न. इतना कह कर मैंने अपनी मैक्सी उतार दी. अब उसने तुरंत ही मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी नेकलाइन चूमने और काटने लगा. जिससे मैं पागल होने लगी.
फिर मैंने कहा – देवर जी, आज इस छिनाल को अपनी सारी औकात दिखा दो. फिर उसने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे मम्मों को जोर – जोर से दबाने लगा. मम्मों को मसलने के बाद वह मेरी चूचियों को पिंच करने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने कहा – सचिन, मेरे भंडवे, काश मेरी शादी तुझसे हुई होती तो मज़ा आ जाता. अब वह मेरी बाईं चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा और दाहिनी को अपने हाथों में लेकर उंगलियों के बीच मसल रहा था.
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी चूत पर रख दिया और उससे कहा कि मेरी चूत को सहलाओ मेरे मालिक. तब वह बोला – रूपा तेरी चूत बहुत मस्त है रांड. इतना कह कर वो मेरी चूचियों पर काटने लगा और अपना हाथ मेरी पैंटी में डाल कर मेरी सफाचट चूत को सहलाने लगा.
फिर वो अपनी एक उंगली को मेरी चूत में अंदर – बाहर करने लगा. उसने चूत के दाने पर अपनी उंगली की टिप को रगड़ा तो मैं आहें भरने लगी और मुझे लगा जैसे मैं सातवें आसमान पर पहुंच गई हूँ. मैंने जोर से बेडशीट को पकड़ लिया और अब वह ज़ोर – ज़ोर से मेरी चूत में उंगली करने लगा.
फिर उसने अपनी उंगली निकाल ली और मेरे मुंह में दे दिया. जिसे मैं चाट गई और बोली – सचिन, डाल दो अपना सरिया मेरी चूत में, अब मुझसे रहा नहीं जाता है कमीने!
सचिन ने अब अपना लन्ड मेरी चूत पे रख कर रगड़ा और मैंने उसकी कमर पर अपनी टांगें क्रॉस करके उसको अपनी ओर खींचा. फिर उसने मेरी हिप्स को पकड़ा और मेरी चूत पर ज़ोर से धक्का दे दिया. जिससे उसका लन्ड एकाएक मेरी चूत में घुस गया.
इस झटके की वजह से मुझे दर्द हुआ और मैं जोर से चीख पड़ी. फिर कुछ देर बाद मुझे मज़ा आने लगा और मैं कहने लगी – ओह्ह, मर गई इतना तो साले तेरा भाई भी नहीं कर पता. ओह्ह सचिन अब से मैं तुम्हारी गुलाम हूँ, तुम रोज़ मेरी चुदाई किया करो. तुम यहीं कोई कॉलेज जॉइन कर लो, लेकिन अब मैं तुम्हें जाने नहीं दूंगी मेरे रसिया.
यह सुन कर वो हंस पड़ा और ज़ोर – ज़ोर से मेरी चुदाई करने लगा. उसका लन्ड मेरी तेजी से अंदर – बाहर हो रहा था. चुदाई की वजह से पूरे कमरे में थप्प – थप्प की आवाजें आ रही थी. अब मैं मज़े से चुद रही थी.
थोड़ी देर चुदाई करने के बाद वह मेरे ऊपर झुक गया और मेरे होंठों को चूसने लगा. साथ ही वह अब आराम – आराम से धक्के लगा रहा था. फिर अचानक उसके लन्ड ने पानी छोड़ दिया और उसका सारा लावा मेरी चूत में भर गया. फिर वह कुछ देर मेरे ऊपर ही पड़ा रहा और इसके बाद वह उठकर अपने कमरे में चला गया.
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