मैं अपने दोस्त के घर पर रहता था. उसकी एक बहन थी. एक दिन मेरे दोस्त की अनुपस्थिति में मैंने उसे बुलाया और फिर जमकर उसकी चुदाई की. आगे मेरी कहानी में पढ़ें…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम संजय है और मेरी हाइट 5 फिट 9 इन्च है. मेरे लंड का साइज 8 इन्च है. यह 3 इन्च मोटा भी है. मेरी यह कहानी दो साल पहले की है. तब मैं अपने दोस्त के साथ उसके ही घर पर रहता था.
मेरे उस दोस्त का नाम राज है. उसका परिवार जमींदार है और इस कारण मेरा दोस्त कोई काम नहीं करता है. उसकी एक बहन भी है, जिसका नाम ऊषा है. उसका फीगर कमाल का है. यही कोई 32-28-32 का होगा. वो शादीशुदा है. उसकी एक लडकी थी जो कुछ समय पहले गुजर गई थी.
अब भी जब वह चलती है तो अच्छों – अच्छों का लन्ड सलामी देने लगता है. जब वो मेरे सामने से गुजरती है तो मेरे पैंट में मेरा लन्ड लोहे की रॉड बन जाता है. मेरा तो जी करता है कि बस अभी पकड़ कर उसे चोद दूं. लेकिन बात नहीं बन पाती थी.
एक दिन राज कहीं काम से सुबह ही निकल गया. उस दिन मुझे पता था कि वो शाम तक नहीं अाने वाला है. मेरे कपड़े भी ज्यादा थे धोने के लिए तो मैंने मेरी मदद करने के लिए ऊषा को फोन कर के बताया कि कपड़े धुलने हैं ज्यादा हैं तो वो बोली कि अाधे घंटे में आती हूँ.
आधे घंटे बाद दरवाजे की घंटी बजी. जब मैंने दरवाजा खोला तो देखता ही रह गया सामने ऊषा खड़ी थी. क्या लग रही थी वो! लाल साड़ी और लाल चूड़ी में क्या कयामत लग
रही थी! उसे देखते ही मेरा लन्ड टन से खड़ा हो गया. खड़ा होने के बाद वह मेरी पैंट में से साफ – साफ नजर आ रहा था.
तभी ऊषा ने पेंट में खड़े मेरे लन्ड को देख लिया. फिर उसने मुझसे कहा कि राज कहां है तो मैं बताया कि वह जमीन के सिलसिले मे बाहर गया है. फिर ऊषा ने मुझसे पूछा कि कब तक आएगा तो मैंने कहा कि शाम तक आएगा.
फिर वो अन्दर वाले कमरे में चली गई और जा के अपनी साड़ी निकाल के टावेल लपेटा और सफेद मलमल का ब्लाउज पहने कपड़े ले कर बाथरूम में चली गई. इसके बाद उसने दरवाजा बंद कर दिया.
मेरा सख्त लौड़ा खड़ा था फिर मैं सोफे पर बैठ के मुठ मारने लगा. तभी ऊषा की आवाज आई. उसने कहा कि संजय तुमने जो कपड़े पहन रखे हैं, उसे निकाल दो उसको भी धो देती हूँ.
उसकी आवाज सुन कर मैं उतने पर ही रुक गया और मन में कहा कि एक बार चुदवा ले तो मैं ही साफ कर देता हूँ कपड़ों को. तभी वह बाथरूम से बाहर आई. वह पूरी गीली हो गई थी और उसकी चूची साफ – साफ दिख रही थी.
मैं बार – बार उसकी चूची को ही देख रहा था. अब मेरा बुरा हाल हो गया था. तभी मैंने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ टॉवल में आ गया. फिर ऊषा ने चाय बनाई. चाय पीते समय उसकी टॉवल से उसका कच्छा साफ दिख रहा था. जिसे मैं ताड़ रहा थ.
तभी उसने भी गौर किया और बोली, संजय क्या देख रहे हो? उसकी बात को सुन कर मेरी तो फट ही गई. फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं तो उसने मुझसे पूछा कि संजय तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? इस पर मैंने पूछा कि ये सब क्यों पूछ रही हो तो वो बोली कि ऐसे ही.
फिर मैंने एक मजाक किया. मैंने उससे कहा कि एक बात बोलूं बुरा तो नहीं मानोगी तो वो बोली पहले बोलो तो क्या बात है. तो मैंने कहा कि नहीं पहले प्रोमिस करो तो ऊषा ने प्रोमिस किया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हारी कच्ची दिखाई दे रही है.
यह सुनते ही वो तुरंत मेरे पीछे झाड़ू ले कर दौडने लगी. तब मैंने उससे कहा कि तुमने प्रोमिस किया है. फिर मैं दौड़ते – दौड़ते बेड पर जा गिरा. अब वो भी बेड पर आई और आकर मुझसे उलझ गई.
लड़ते – लड़ते मेरा हाथ उसकी चूची को टच हो जाता था. इस पर वह कोई निगेटिव रिएक्शन नहीं देती थी. फिर मैंने उसको अपनी बाहों में दबोच लिया. अब उसकी सांसें गरम होने लगी थी. जिसका मुझे एहसास हो रहा था.
फिर धीरे – धीरे मैं उसकी चूची को दबाने लगा. अब उसे भी धीरे – धीरे मजा आने लगा तो मैंने उसकी चूची को जोर –
जोर से दबाना शुरू कर दिया. इसी बीच उसका टॉवल निकल गया. अब वह सिर्फ अपनी कच्छी में थी.
मैं लगातार उसकी चूची को जोर से दबा रहा था और उसके मुंह से मादक सी सिसकारियां निकल रही थीं. फिर मैंने उसका ब्लाउज निकाल दिया. अब वह सिर्फ ब्रा में थी और गजब की कयामत लग रही थी!
फिर मैंने उसकी चूत में हाथ डाल दिया और उसके दाने को मसलने लगा. जिससे वो ‘आह..आह..म…उउह…उउह,
संजय अब मत तड़पाओ डाल दो अपना लम्बा लन्ड मेरी चुत में, जल्दी से डाल दो’ कहने लगी. फिर मैंने अपना अंडर वियर निकाला तो उसे देख कर वह चिहुंक गई और कहने लगी कि इतना मोटा मेरी चूत में नहीं जाएगा. इससे तो मेरी चूत ही फट जाएगी.
तब मैंने कहा कि रानी घबराओ मत कुछ नहीं होगा. फिर
मैंने अपना लन्ड उसके मुंह में दे दिया तो वो ना – नुकुर करने लगी लेकिन बाद में मान गई. दोस्तों, क्या बताऊं, उसका लन्ड चूसने का अन्दाज बहुत जबरदस्त था.
उसकी मस्त चुसाई के चलते मैं तो जन्नत में था. फिर मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और अपना लन्ड उसकी चूत पर सेट कर दिया. इसके बाद मैंने एक जोर का धक्का दिया और मेरा आधा लन्ड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया.
उसे दर्द हुआ और वह जोर से चिल्लाई लेकिन मैंने उसके मुंह पर हाथ रख लिया. जिससे आवाज बाहर नहीं गई. काफी दिनों से चुदी न होने के कारण उसकी चूत काफी टाइट थी. जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने धक्के लगाना चालू कर दिया. अब मैंने अपना पूरा का पूरा लन्ड उसकी चूत में उतार था, जिससे वो मदहोश सी हो गई थी.
फिर मैंने धक्के पे धक्का लगाना चालू कर दिया और वो ‘आह आह ऊह ऊह’ करके सिसकारी ले रही थी. मैं उसे जोर – जोर से चोद रहा था. तभी उसने वो अंगडाई ली और फिर उसका पानी निकल गया. जिसके बाद वो निढाल हो गई. लेकिन अभी मेरा नही निकला था तो मैं उसे चोदे जा रहा था.
फिर उसको जोश आ गया और उसने नीचे से धक्के देना चालू कर दिया. अब हमारे बीच जोर – जोर से चुदाई चालू थी कि तभी एक बार फिर ऊषा झड़ गई.
इसके बाद मैंने चुदाई की रफ्ताए बढा दी. करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद अब मेरा निकलने वाला था तो मैंने ऊषा को बोला कि मेरा निकलने वाला है कहां निकालूँ? इस पर ऊषा ने कहा कि मेरी चूत में ही गिरा दो.
फिर दो – चार धक्कों के बाद मैं उसकी चूत में ही झड गया और एक – दूसरे को चूमते – चूमते सो गए. फिर जब आंख खुली तो शाम के चार बज रहे थे.
इसके बाद मैंने एक बार फिर ऊषा को चोदा. उसके बाद उसने कपड़े धोए और फिर साथ – साथ नहाया. नहाते समय मैंने एक बार चोदा.
ये थी मेरी सच्ची कहानी. आप लोगों को कैसी लगी? मुझे मेल करके अपना जवाब जरूर दें. मेरी मेल आईडी –
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