दोस्त की कजिन की मैंने ले ली

अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. दस मिनट की चूसा-चूसी के बाद मैंने उसकी शर्ट उतार दी और उसके ब्रा को ऊपर करके उसका एक बूब्स अपने मुंह में ले लिया. जिससे उसके मुंह से कुछ अजीब सी आवाजें निकलने लगी. उसके बाद मैंने एक – एक करके उसके दोनों बूब्स चूसे. फ़िर मैंने उसकी ज़ीन्स भी उतार दी और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूसने लगा…

हेल्लो दोस्तों! यह मेरी पहली कहानी है और मैं आशा करता हूँ यह कहानी आप सबको जरूर पसन्द आएगी. दोस्तों, मेरा नाम रोबिन है और मैं साउथ दिल्ली के एक पोर्श इलाके में रहता हूँ. मेरी हाइट लगभग 5 फुट और 11 इंच है. दोस्तों मेरी खूबी यह है कि मैं रोज़ जिम जाता हूँ, जिससे मेरा शरीर गठा हुआ है. मेरे लन्ड की लम्बाई करीब 7 इंच है और मोटाई 2.5 इंच है.

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ. यह कहानी मेरी और मेरी दोस्त की कजिन की है, जिसका नाम स्नेहा है. यह बात आज से लगभग एक साल पहले की है. मेरे साथ ऑफ़िस में एक लडकी काम करती थी, जिससे मेरी रोज़ ही बात होती थी और फिर जल्द ही हम अच्छे दोस्त बन गए. मगर उसका पहले से ही एक बॉयफ्रेंड था तो उसके साथ मेरी दाल नहीं गली.

फ़िर कुछ टाइम बाद उसकी एक कजिन उसके यहाँ रहने के लिए आ गई. उसने मुझे भी उससे मिलवाया. दोस्तों, जब मैंने उसे पहली बार देखा तो मैं उसे बस देखता ही रह गया. वो मेरी उस फ्रेंड से हर मामले में मस्त थी. उसके 34 के बूब्स और 36 की गान्ड को तो मैं बस देखता ही रह गया.

तभी अचानक से मेरी उस फ़्रेन्ड ने मुझसे बोला कि नम्बर ले लेना. जिस दिन मेरे बिना मिलने आना उस दिन आराम से देर तक घूरते रहना. यह सुन कर मैं बोला – नहीं, मैं तो बस यही सोच रहा था कि तेरी कजिन इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है?

उस दिन के बाद मेरी उस दोस्त ने एक – दो बार और अपनी कजिन से मिलवाया फिर उसके बाद हम दोनों ने भी एक​ – दूसरे का मोबाइल नम्बर ले लिया. अब फ़िर मेरी उससे फोन और मैसेज पर बात होनी शुरू हो गई. ऐसे ही कुछ दिन यूं ही बीतते ग​ए. फ़िर एक दिन हमने आपस में मिलने का प्लान बनाया और हम सफ़दरजंग टोम्ब पर मिले.

मिलने पर फ़िर कुछ देर तक हमने इधर – उधर की बातें की और फिर उसके बाद मैंने उसे ‘आई लव यू’ बोल दिया. इस पर उसने अजीब सा फ़ेस रिएक्शन दिया. जिसे देख कर एक बार तो मुझे लगा कि कहीं उसे बुरा न लगा हो. लेकिन फ़िर जब उसने भी स्माइल करते हुए वापस मुझे ‘आइ लव यू टू’ बोला तो मेरी खुशी का ठिकाना ही न रहा.

अब फ़िर जल्दी से हम दोनों एक – दूसरे के गले लग ग​ए और फ़िर जैसे ही उसके 34 की साइज के बूब्स मेरी छाती पर गड़ने लगे तो मुझसे बिल्कुल भी सब्र नहीं हुआ और मैंने अपने होंठों को उसके होंठ पर रख दिया. वो भी शायद इसी के इन्तज़ार में थी.

फ़िर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया. पहले तो उसने मेरा हाथ हटा दिया लेकिन जब मैंने दोबारा अपना हाथ उसके बूब्स पर रखा तो इस बार उसने कुछ नहीं किया. अब तो फ़िर मैंने अपने दोनों हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और उन्हें आराम – आराम से दबाने लगा.

सच बताऊं दोस्तों मेरा तो मन कर रहा था कि बस अभी इसको पटक कर यहीं पर चोद दूं. लेकिन वहां पर भीड़ होने के कारण इससे ज़्यादा कुछ नहीं हो सकता था. फ़िर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. कभी सफ़दरजंग टोम्ब तो कभी अनसल प्लाज़ा मॉल के पीछे वाले पार्क में हम मिलते रहे.

आखिर फ़िर वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे इतने दिनों से इंतजार था और जिस दिन मैंने उसकी जमके चुदाई की. उस दिन हमने मेरे दोस्त के फ़्लैट पर मिलने का प्रोग्राम बनाया. उस दिन मैंने उसे मेट्रो स्टेशन से पिक किया और अपने दोस्त के फ़्लैट पर ले गया. रास्ते में मैंने उसके लिये वोदका और खाने का सामान भी ले लिया.

फ़िर जैसे ही हम मेरे दोस्त के फ़्लैट पर पहुंचे तो वो अपने फ़्लैट से निकल कर बाहर चला गया. क्योंकि मैंने उसे पहले ही बोल दिया था कि मेरे आने पर तू मूवी देखने निकल जाइयो. फ़िर उसके जाते ही मैंने वोदका के दो लार्ज पैग बनाए और फिर हमने दो – दो पैग मारा. उसके बाद मैं उसके बगल में जाकर बैठ गया और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिया.

अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. दस मिनट की चूसा-चूसी के बाद मैंने उसकी शर्ट उतार दी और उसके ब्रा को ऊपर करके उसका एक बूब्स अपने मुंह में ले लिया. जिससे उसके मुंह से कुछ अजीब सी आवाजें निकलने लगी. उसके बाद मैंने एक – एक करके उसके दोनों बूब्स चूसे. फ़िर मैंने उसकी ज़ीन्स भी उतार दी और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूसने लगा.

जिससे उसकी सिसकारियां बढ़ने लगी. फ़िर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और खुद भी पूरा नन्गा हो गया. अब मैंने फ़िर से उसकी चूत पर अपना मुंह रख दिया और फिर वो मेरा मुंह अपनी चूत पर दबाने लगी और ज़ोर – ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. करीब 5-6 मिनट की चुसाई में ही उसने अपना चूत रस छोड दिया. जिसे मैंने उसकी चूत और गान्ड पर फ़ैल जाने दिया.

उसके बाद मैंने अपना लन्ड उसके हाथ में दे दिया और उससे उसे आगे – पीछे करने को बोला तो वो बड़े मज़े से मेरे लन्ड को आगे – पीछे करने लगी. फ़िर जब मैंने उसे लन्ड मुंह में लेने के लिए बोला तो पहले तो वो मना करने लगी लेकिन फ़िर मेरे ज़ोर देने पर वो राज़ी हो गयी और पहली बार उसने सुपाड़े तक ही मुंह में ले लिया और आगे – पीछे करने लगी लेकिन ये उसका फ़र्स्ट टाइम था इसलिए वो ठीक ढंग से नहीं कर पा रही थी.

फ़िर मैंने अपना लन्ड उसके मुंह से निकाल के उसकी चूत पर रख दिया और घिसने लगा. जिससे वो तड़पने लगी और बोली कि अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, प्लीज़ जल्दी से अन्दर डाल दो. फ़िर मैंने उसकी चूत पर लन्ड का एक झटका मारा तो मेरा लन्ड फ़िसल गया. क्योंकि उसकी चूत कुछ ज़्यादा ही टाइट थी.

फ़िर मैं जाकर तेल उठा लाया. जिसे मैंने अपने लन्ड और उसकी चूत पर अच्छे से लगाया और फ़िर मैंने दोबारा अपना लन्ड उसकी चूत पर रख कर ज़ोर से एक झटका मारा और मेरा सुपाडा उसकी चूत को फाड़ता हुआ उसमें घुस गया. जिससे उसके मुंह से चीख निकल गई.

जिसे मैंने अपना मुंह रख कर दबा दिया. फ़िर मैं करीब 3-4 मिनट तक रुका रहा. जब वो कुछ शान्त हुई तो मैंने हल्की सांस खींच कर फ़िर से एक झटका मारा और मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में घुसता चला गया. अब उसकी तो हालत ही खराब हो गई और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे.

फ़िर कुछ देर तक मैं वैसे ही उसके होंठ चूसता रहा और लगातार उसके बूब्स दबाता रहा. फ़िर जब उसका दर्द कम हो गया तो मैं आराम – आराम से अपना लन्ड उसकी चूत में अन्दर – बाहर करने लगा और फ़िर जब उसे भी मजा आने लगा तो वो भी नीचे से कमर हिलाने लगी.

जिसके बाद मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब कुछ ही देर में मेरा पानी निकलने को हुआ तो मैंने फुल स्पीड में अपना सारा माल उसकी चूत में ही छोड दिया और उसका माल भी मेरे साथ ही निकल गया. फ़िर मैंने जल्दी से बेड शीट चेन्ज़ की और उसे वाशिंग मशीन में डाल दिया. क्योंकि उस पर उसकी चूत से निकला खून लगा हुआ था. इसके बाद मैंने दो बार और उसकी चूत मारी और फिर उसे लेकर चला आया और उसे मेट्रो स्टेशन ड्राप किया और खुद भी घर चला आया.

तो दोस्तों ये थी मेरी और स्नेहा की पहली चुदाई की सच्ची दास्तां. उम्मीद करता हूँ आपको मेरी यह कहानी जरूर पसन्द आयी होगी. आप चाहें तो मुझे मेल भी कर सकते हैं. मेरी मेल आईडी [email protected]

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