दोस्त की गैर मौजूदगी में उसकी गर्लफ्रेंड को चोदा

अब मैंने एक बार में ही लंड उसकी चूत में डाल दिया और पूरा कमरा फच्च – फच्च की आवाज से गूंज उठा. लगभग 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको उल्टा किया और उसके पेट के नीचे तकिया लगाया. अब उसकी चूत उभर कर मेरे सामने आ गई थी…

हेलो दोस्तों, मैं अजय आज फिर एक बार आप सबके सामने अपनी कहानी लेकर आया हूँ. इस बार मैंने कॉलेज के दोस्त की गर्ल फ्रेंड की चुदाई की थी. दोस्तों, बात मेरे बी.टेक की है. उस समय मैं अपने दोस्त के साथ बाहर रूम ले कर रहता था. हमारा फ्लैट दो रूम का सेट था.

हमारे रूम पर ही उसकी उसकी गर्ल फ्रेंड भी आती रहती थी. वो बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी. उसका नाम श्रुति था. जो भी देख ले उसको चोदना ही चाहेगा और वो भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी. इतना तो साथ रह कर पता ही चल गया था. क्योंकि बगल वाले कमरे में मेरा दोस्त समीर उसको जबरदस्त तरीके से चोदता था.

चूंकि लड़कों में हर तरह की बात शेयर होती है, इसलिये वो भी मुझे अपनी चुदाई की कहानी बताया करता था. चूंकि वो मेरे बेस्ट फ्रेंड की गर्ल-फ्रेंड थी, इसलिये मेरे मन में कभी उसकी चुदाई का ख्याल आता नहीं था, पर वो मेरी बहुत तारीफ करती थी. वो कहती, “अजय तुम बहुत स्मार्ट हो अगर मैं समीर की न होती तो तुम पक्का मेरे बॉय-फ्रेंड होते.”

ऐसी ही बातें कर के वो मेरी तारीफ किया करती थी और मैं हंस कर बात टाल देता था क्योंकि मेरे मन में कभी उसको लेकर गन्दा ख्याल आया नहीं था.

दोस्तों, अब मैं बताता हूँ कि कैसे मेरा ख्याल बदला और वो मुझसे बुरी तरह से चुदी. एक बार मेरे दोस्त के बहन की शादी पड़ी और इसलिए उसे 20 दिन के लिए घर जान पड़ा. जाते समय समीर मुझे बोल गया कि भाई श्रुति का ख्याल रखना.

उसके जाने की दो दिन बाद श्रुति का फ़ोन आया और वो मुझसे बोली कि अजय आ जाओ मूवी देखते हैं. मैं बोर हो रहा था तो मैं उसके साथ शाम का शो देखने चला गया. सब कुछ ठीक रहा और हमने पूरी मूवी देख ली. फिर मैंने उससे बोला, “चलो मैं तुमको तुम्हारे हॉस्टल छोड़ देता हूँ तो वो बोली, “अब लेट हो गया है. मैं हॉस्टल नहीं जा सकती तो आज रूम पे चल लेती हूँ. कल सुबह चली जाऊंगी.”

मैं बोला, “ठीक है चलो.” फिर मैंने समीर को फ़ोन किया और बताया कि भाई ऐसा है तो वो बोला, “ठीक है इसको रूम पे ही ले जा. नहीं तो पता चले हॉस्टल जाए और कोई पन्गा हो जाए. तो मैं उसको ले के रूम पर आ गया.

चूंकि मैं हैश करता हूँ तो मैं कम्बल में बैठ की माल क्रश करने लगा और फिर वो भी आ के कम्बल में बैठ गई. मैंने माल क्रश करने के बाद रोल किया और एक जॉइंट फूँक के बैठा गया. अब मैं थोड़ा स्लो हो चुका था. तभी मैंने अपने पैरो पर कुछ महसूस किया तो देखा वो अपने पैर से मेरे पैर को सहला रही रही थी.

अब मैंने अपने पैर को हटा लिया. फिर उसने मेरे रिलेशनशिप के बारे में बातें करना स्टार्ट कर दिया और धीरे – धीरे बात सेक्स तक आ गई. उसने पूछा कि अब कैसे मैनेज करते हो. तो मैं बोला कि हो जाता है, जब ज्यादा मन करता है तो मुठ मार लेता हूँ.

फिर क्या था! वो मेरे बगल में आ कर बैठ गई और अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया. मैं कब तक कण्ट्रोल करता. आखिर हूँ तो एक लड़का ही और वो भी भूखा. फिर क्या था मैं उसको पटक कर उसके ऊपर आ गया और उसको किस करने लगा.

लगभग 10 मिनट तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा और ऊपर से ही उसके चूचे दबाता रहा. अब हम दोनों मूड में आ चुके थे. फिर मैंने उसकी ब्रा को उसके शरीर से अलग कर किया और उसके खूबसूरत चूचों के दर्शन किये और उनको चूस – चूस के लाल कर दिया.

मैं तो उसके बूब्स ऐसे चूस रहा था, जैसे आज तो मैं इनको खा ही जाऊंगा. फिर उसने मुझको अपने ऊपर से हटाया और मेरा लोअर नीचे कर की मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में ले लिया और मेरी तरफ देख कर बोली, “जैसा सोचा था वैसा ही है. काफी मोटा और काफी लम्बा.”

फिर क्या था उसने उसको चूसना स्टार्ट किया. आज तक मुझे किसी ने ऐसे नहीं छुआ था. क्या मस्त चूसती थी, वो मजा आ गया था. करीब 15 मिनट की चुसाई के बाद मैं झड़ गया. फिर मैंने उसको लिटाया और मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया. क्या चुत थी उसकी! एक दम लाल.

जिसको चूस – चूस कर मैंने उसका रस निकाल दिया था. अब हम दोनों थोड़ा थक गए थे. फिर 10 मिनट तक आराम करने के बाद उसने चूस के मेरा 7 इंच का लम्बा लंड खड़ा कर दिया.

अब मैंने एक बार में ही लंड उसकी चूत में डाल दिया और पूरा कमरा फच्च – फच्च की आवाज से गूंज उठा. लगभग 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको उल्टा किया और उसके पेट के नीचे तकिया लगाया. अब उसकी चूत उभर कर मेरे सामने आ गई थी.

फिर क्या था, मेरे लंड महाराज ने उसकी चूत में झंडा गाड़ दिया लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना पूरा रस उसके मुँह पे निकल दिया.

उसके बाद हम दोनों सो गए और जब सुबह मेरी आँख खुली तो देखा वो मेरे बगल में नंगी लेटी है. फिर क्या था, मैंने अपने लन्ड महाराज को जगाया और उसको सीधा कर की उसकी दोनों चूचियों की बीच में अपना लंड रख कर और दोनों चूचियों को हाथों से पकड़ कर चूचियों की चुदाई स्टार्ट कर दी.

उसको जगाने के लिए इतना काफी था. उठाने के बाद वो मुझे देख की मुस्कुराई. अब तो मेरा लन्ड उसकी चूचियों को पार करके उसके मुँह तक जा रहा था. उसके मुंह से घूं – घूं की आवाज निकल रही थी.

फिर मैंने उसको उठाया और दिवार से उल्टा चिपका दिया और अपने पैरों को उसके पैरों के बीच में डाल कर अपने पैर को फैलाया और अपने लन्ड को उसकी चूत पर लगा कर धीरे – धीरे चुदाई स्टार्ट कर दी.

जो बाद मैं तूफ़ान बन गई. लगभग 25 मिनट की चुदाई के बाद ये तूफ़ान थमा और हम फिर एक – दूसरे की बाहों में बाहें डाले लेट गए.

उसके बाद भी मेरे दोस्त की आने तक मैंने 15 दिन में न जाने कितनी बार किस – किस जगह चोदा. घर का ऐसा कोई कोना न रहा होगा, जहां हमने अपनी चुदाई की कहानी न लिखी हो. दोस्त के आने के बाद फिर मैंने कोई बहाना मार कर रूम चेंज कर दिया.

चुदाई की बाद जब दिमाग खुला, तब पता लगा कि कितना गलत था ये. आज भी मेरी मेरे दोस्त से बात होती है, लेकिन उसकी गर्ल-फ्रेंड से नहीं.

दोस्तों अगर आपको मेरी कहानी अच्छी लगे तो मुझे मेल करके जरूर बताना मेरी मेल आईडी –
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