अब वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और मेरा लौड़ा भी उसकी चूत में जाने को तैयार था. फ़िर उसने बहुत प्यार से कहा, “जानू, अब करो ना.” और इतना कह कर उसने मुझे अपने ऊपर कर लिया और मेरा लण्ड अपनी चूत में घुसाने लगी. लेकिन उसकी चूत बहुत टाइट और कसी हुई थी, जिस कारण मेरा लण्ड चूत के अंदर नहीं जा पाया और फिसल गया…
इस कहानी का पिछला भाग – दोस्त की गर्लफ्रेंड ने किया चूत का इंतजाम भाग – 1
अभी तक आपने पढ़ा कि मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड ने मुझे एक लड़की से बात करवाई. एक दिन वह उसे लेकर मेरे रूम पर भी आई थी लेकिन उस दिन काम नहीं हुआ. फिर मैंने किसी तरह उसे चुदाई करने के लिए राजी कर दिया और उसे कॉलेज बंक मारने को कहा.
अब आगे…
उस दिन उसने ब्लू कलर का टॉप और ब्लू कलर की जीन्स पहन रखी थी. उसे देख कर ही मेरे लन्ड खड़ा हो गया. फिर किसी तरह जब हम रूम पहुंच गए तो वहां आते ही मैं भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा. फिर मैंने उसे अपनी बाँहों मे भर लिया और उसके होंठों को किस करने लगा. मैं अपने एक हाथ से उसके चूचियों को भी सहलाने लगा था.
इस तरह अब वो भी धीरे – धीरे गरम होने लगी और फिर पूरी तरह से मेरा साथ देने लगी. फिर सबसे पहले मैंने अपना शर्ट उतार दिया और सिर्फ बनियान और पैंट में रह गया. कुछ देर बाद मैंने एक – एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिये और उसके सामने पूरी तरह से नंगा हो गया.
मुझे नंगा देख कर वह शरमा गई और फिर उसने अपने दोनों हाथों से आंखें बंद कर लीं. यह देख मैंने बड़े ही प्यार से उसके हाथों को पकड़ कर हटाया और फिर उसने शरमाते हुए अपनी आंख खोल दी. इसके बाद मैं नंगा ही उससे चिपक गया और उसके गालों पर किस करने लगा. फिर मैं उसके होंठों की तरफ पहुंचा और उन मस्त गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठों का रस पान करने लगा. अब धीरे – धीरे उसकी शर्म कम होने लगी थी.
यह देख कर फिर मैंने एक – एक करके उसके भी सारे ऊपरी कपड़े उतार दिये. अब वो मेरे सामने केवल गुलाबी ब्रा और पैन्टी में थी. उसकी पैंटी पर रंगीन फूल बने हुए थे. दोस्तों क्या बला की खूबसूरत माल थी वो! फ़िर मैंने उसे खुद से चिपका लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
हाथ फेरते – फेरते मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसकी मस्त मुलायम दूध जैसी सफेद चूचियों को दबाने लगा. थोड़ी देर तक उसकी चूचियों को दबाने के बाद मैं सदियों के प्यासे की तरह उसके दूध पीने लगा और फ़िर धीरे – धीरे मैंने अपना एक हाथ उसके पैन्टी के ऊपर रख दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा.
कुछ देर तक ऊपर से सहलाने के बाद फ़िर एकाएक मैंने अपना हाथ उसकी पैन्टी के अंदर डाल कर उसके चूत पर रख दिया. जिससे वो सिहर गयी और मुझे अपनी बाँहों में भरने लगी.
फ़िर मैंने उसकी चूत से पैन्टी को अलग कर दिया और अपनी एक उँगली घुसा के चोदने लगा. अब वो पूरी गर्म हो चुकी थी और इस हमले से और मदहोश हुई जा रही थी. उसके मुँह से लगातार, “आह… उम्म… ओह्ह…सीइ..” की मादक आवाजें निकल रही थी.
उसकी चूत एक दम क्लीन सेव थी. फिर मैंने उसे लण्ड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया. इस पर मैंने कुछ नहीं कहा और उसकी चूत पर अपने होंठों को रख दिया और उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ घुसा कर जीभ से चोदने लगा.
थोड़ी देर में ही उसके चूत से अमृत धारा बहने लगी, जिसे मैं पीने लगा. उसका स्वाद थोड़ा नमकीन था पर मादक बहुत था. अब उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और किस करने लगी. किस के साथ ही वह एक हाथ से मेरा लण्ड भी सहलाने लगी थी.
अब वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और मेरा लौड़ा भी उसकी चूत में जाने को तैयार था. फ़िर उसने बहुत प्यार से कहा, “जानू, अब करो ना.” और इतना कह कर उसने मुझे अपने ऊपर कर लिया और मेरा लण्ड अपनी चूत में घुसाने लगी. लेकिन उसकी चूत बहुत टाइट और कसी हुई थी, जिस कारण मेरा लण्ड चूत के अंदर नहीं जा पाया और फिसल गया.
इसके बाद फिर से मैंने उसकी चूत के छेद पर अपना लौड़ा फिट किया और जोर से एक धक्का लगाया. जिससे मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर घुस गया. इससे उसे काफी दर्द हुआ और वो जोर से चिल्लाने और मुझे अपने से दूर धकेलने लगी.
उसे बहुत जलन हो रही थी और उसकी चूत से खून भी निकल रहा था. लेकिन कोशिश करने के बाद भी वो मुझे अपने से अलग नहीं कर पायी और मैं ऐसे ही उसके ऊपर कुछ देर तक लेटा रहा.
फ़िर कुछ देर बाद उसने अपनी गाण्ड उठा कर मेरा साथ देना शुरू कर दिया. अब मैं भी उसे चोदने लगा. उसके मुँह से बहुत प्यारी मादक आवाजें आने लगी थीं. वह “आह… उम्म… आह… और जोर से चोदो… फाड़ डाल मेरी चूत को… आह आह रंडी बना ले मुझे अपनी… आऊच… उम्म….” कर रही थी.
अब मैं भी अपने पूरी ताकत के साथ उसकी चूत का भोसड़ा बनाये जा रहा था. फ़िर कुछ देर की चुदाई के बाद वो झड़ने लगी और मुझे कस के जकड़ लिया. उसने अपने पूरे पाँचों नाखून मेरी पीठ पर गाड़ दिये थे.
इसके बाद करीब 15 मिनट तक मैंने उसे और चोदा. फिर जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने अपना लण्ड जल्दी से चूत से बाहर निकाला और अपना पूरा माल उसकी नाभि कुण्ड में भर दिया और उसके ऊपर ही लेट गया.
इस चुदाई के बाद वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी यह देख कर तो फिर तो मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और लेकर बाथरूम गया. जहां पर हमने साथ – साथ अपने अंगों को साफ किया.
उस दिन वो करीब 5-6 घंटे तक मेरे साथ रही और इस बीच मैंने उसे दो बार और चोदा था. उसके बाद जब उसका कॉलेज छूटने का टाइम हो गया तो मैं बाइक में बिठा के उसे उसके कॉलेज के पास छोड़ आया. रास्ते में मैंने मेडिकल स्टोर से उसके लिए दर्द की दवा भी खरीद दी थी. जिसे उसने तुरंत ही खा लिया.
उस दिन के बाद से आज भी हमें जब भी मौका मिलता है, हम उस मौका का भरपूर फायदा उठाते हैं और जम कर चुदाई करते हैं.
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