दोस्त की गर्लफ्रेंड ने किया चूत का इंतजाम भाग – 1

अब वो भी पूरी मदहोश हुई जा रही थी. फिर धीरे – धीरे मैं अपना हाथ उसकी पैन्टी में घुसाने लगा. इस पर उसने किसी तरह मुझे अपने से अलग कर दिया. शायद वो इसके लिये तैयार नहीं थी. फ़िर वो कुछ काम के बहाना करके वापस घर चली गयी…

लण्ड के राजाओं और चूत की रानियों को नमस्कार! अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. इसलिए इसमें अगर कोई गलती हो जाये तो माफ करना. मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं, जिससे मुझे भी अपनी कहानियाँ लिखने की प्रेरणा मिली.

अब मैं ज्यादा समय न बर्बाद करते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरा नाम महेश (बदला हुआ) है और मैं रायपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ. मैं रायपुर में ही एक रूम किराये से लेकर रहता हूँ.

मेरी उम्र इस वक्त 25 वर्ष है. मेरा रंग साँवला और शरीर सामान्य है. मेरा लण्ड 6 इंच लंबा और 2.3 इंच मोटा है जोकि किसी भी लड़की की जबरदस्त चुदाई के लिये काफ़ी है. दोस्तों, मुझे लड़कियों को संतुष्ट करना भी अच्छे से आता है.

मेरी यह कहानी अब से लगभग ढाई वर्ष पहले की है. होली का दिन था. उस दिन मैं और मेरे दो दोस्नों ने मिल कर बहुत शराब पी और फ़िर होली मनायी और इन्जॉय करने लगे. उसके बाद फिर नहा कर हम तीनों ने खाना खाया.

तभी मेरे एक दोस्त की गर्लफ्रेंड का कॉल आ गया. उसका मोबाइल मेरे पास था तो मैंने कॉल रिसीव किया और उससे कहा कि यार मेरे लिये भी एक गर्लफ्रेंड पटा दे तो उसने कहा कि ठीक है मैं कल आपको बताती हूँ. इसके बाद उसने मेरे दोस्त से बात की.

फ़िर उसने दूसरे दिन मुझे कॉल किया और अपनी एक फ्रेण्ड से मेरी बात कराई. जोकि उसके ही कालेज में पढ़ती थी. जब मैंने उस लड़की से उसका नाम पूछा तो उसने पिंकी बताया. इसके बाद उसने कुछ काम का बहाना करके कॉल रख दिया.

फ़िर कुछ दिनों तक ऐसे ही हमारी बात होती रही और फ़िर हम मैसेज से बात करने लगे. एक दिन उसने मुझे अपने वाट्सएप नंबर से मैसेज किया और उसने मुझे वाट्सएप चलाने के बारे में पूछा तो मैंने तुरंत ही अपने फ़ोन में वाट्सएप इंस्टॉल किया और उसका नंबर सर्च करके उसे मैसेज कर दिया. फ़िर हमारी बात वाट्सएप पर होने लगी.

एक दिन मेरे उस दोस्त की गर्लफ्रेंड का कॉल आया और वो मुझे लेने आने को बोली तो मैं उनको अपने रूम ले आया. उसके साथ पिंकी भी थी. उस दिन मैने पिंकी को पहली बार देखा था.

क्या मस्त शरीर की मालकिन थी यार वो! उसे देखते ही मेरे लण्ड ने फुफकार मारनी शुरू कर दी, पर मैं जैसे – तैसे अपने आप पर कंट्रोल किया. उसका फिगर ऐसा लग रहा था कि जैसे साक्षात रम्भा आ गई हो. उसका साइज़ 30-28-30 का और रंग हल्का गेहुँआ था, जो उसको और भी ज्यादा खूबसूरत बना रहा था.

वो सच में ऐसी लग रही थी कि उसे देख कर किसी का भी लण्ड खडा हो जाये. और उसकी चूचियां ऐसी थी कि जो भी इतने पास से देख ले चूसे बिना रह ही न पाए. मेरा मन तो उन दो दूध के भंडार को पीने का कर रहा था, पर पहली बार होने के कारण मैंने अपने आप को रोका. कूछ देर बाद उसने जाने को बोला तो मैंने उन्हें उसके घर के पास छोड़ दिया. फ़िर धीरे – धीरे हमारी ज्यादा देर तक बातें होने लगी और अब हमने नाइट कॉलिंग भी शुरू कर दी थी.

फ़िर हम में अच्छी दोस्ती हो गयी और हम हर तरह की बातें करने लगें. धीरे – धीरे फ़िर हम चुदाई की भी बातें करने लगे.

फ़िर एक दिन मैंने उसे किसी तरह अपने रूम बुला लिया. जब वो आई तो उसने शूट पहना हुआ था. इस सूट में वो गजब की माल लग रही थी! उसके मुलायम गोरे गाल और गुलाबी होंठ देख कर मेरा तो मन कर रहा था कि अभी उसे पकड़ के चोद दूँ, पर मैंने अपने आप को सम्भाल लिया.

फ़िर हमने थोड़ी बहुत बातें की और इसके बाद मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया.

वो अपने आप को मेरे से अलग करना चाहती थी और अपनी पूरी ताकत से मुझे धकेल रही थी, पर मैंने ऐसा होने नहीं दिया. फ़िर कुछ देर बाद उसे अच्छा लगने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.

इसके बाद फिर धीरे – धीरे मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों के ऊपर रख कर उन्हें मसलने लगा. क्या मस्त मुलायम बूब्स थे उसके! फ़िर मैंने एक हाथ उसके पीछे ले जाते हुये हाथ को उसके पजामे के अंदर डाल दिया और उसके गाड़ पर फेरने शुरू कर दिया.

अब वो भी पूरी मदहोश हुई जा रही थी. फिर धीरे – धीरे मैं अपना हाथ उसकी पैन्टी में घुसाने लगा. इस पर उसने किसी तरह मुझे अपने से अलग कर दिया. शायद वो इसके लिये तैयार नहीं थी. फ़िर वो कुछ काम के बहाना करके वापस घर चली गयी.

उसके जाने के बाद हम दोनों फ़िर से कॉल पर बात करने लगे और इस बार मैंने उसे हर तरह से साथ देने और चुदाई करने के लिये भी मनाने की कोशिश करने लगा. फिर एक दिन मेरी मेहनत रंग लाई और वह चुदाई के लिए तैयार हो ही गई.

फ़िर आया मेरी पहली चुदाई का दिन. उस दिन मैंने उसे कॉलेज बंक करने को कह दिया. मेरी बात मान कर उस दिन वह अपने कॉलेज नहीं गई और मेरे बताए गए पते पर पहुंच गई. फिर मैं अपनी बाइक से गया और उसे वहां से रिसीव कर लिया और बाइक पर बिठा का रूम की तरफ चल दिया.

बाइक पर वह दोनों तरफ टांग करके बैठी थी. रास्ते में मैं जब भी बाइक पर ब्रेक लगाता तो उसके चूचे मेरी पीठ से दब जाते थे. जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. इसलिए मैं बड़े आराम से बाइक चला रहा था. कारीब 20 मिनट में हम घर पहुंच गए. जहां पर हमारा आगे का कार्यक्रम हुआ. लेकिन वो कहानी के अगले भाग में.

इस कहानी का अगला भाग – दोस्त की गर्लफ्रेंड ने किया चूत का इंतजाम भाग – 2

तो दोस्तों कैसी लगी मेरी ये कहानी? मुझे मेल करके बता ना ना भूलियेगा. मेरी मेल आईडी – [email protected]