मैं अपने घर की गैलरी से दोस्त की मां को नहाते हुए देखता था. एक दिन उन्होंने मुझे ऐसा करते देख लिया. फिर मेरी हिम्मत उनसे बात करने की नहीं हो रही थी. एक दिन अपने दोस्त से मिलने मैं उनके घर तो वो घर पर नहीं था. उसकी अनुपस्थिति में वो हो गया जिसकी मुझे कोई उम्मीद ही नहीं थी. उन्होंने मुझे चोदने के लिए आमंत्रित किया और फिर मैंने उनकी चूत और गांड का भुर्ता बना दिया…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम रमेश है और उम्र 25 साल है. बात उन दिनों की है जब मैं 12वीं में पढ़ता था. तब मैं 20 साल का था इस दौरान मेरा सबसे करीबी दोस्त जय था. वो मेरे घर के पास ही रहता था और हम बचपन के दोस्त थे.
मेरा हर रोज जय के घर आना – जाना लगा रहता था. उसके घर पर उसके दादा – दादी, मम्मी – पापा और उसका छोटा भाई था. दोस्तों, गांव में उसका एक और घर था. उसके दादा – दादी, जय और उसका छोटा भाई खाना खा कर वहीं चले जाते थे और दिन भर वहीं रहते थे. वे रात को वहीं सोते भी थे. जबकि, मेरे घर के बगल वाले मकान में जय के मम्मी – पापा सोते थे.
जय के पापा फल की दूकान लगाते थे और दिन में वहीं चले जाते थे. तब उसकी मम्मी दिन में अकेली रह जाती थीं. जय के घर के बाथरूम की खिड़की मेरे घर की तरफ ही खुलती थी और खिड़की खुली होने पर मेरे घर की गैलरी से अंदर का सारा नज़ारा दिखाई देता था.
एक दिन सुबह उठ कर मैं अपनी गैलरी में आया तो मेरी नज़र जय के बाथरूम की तरफ गई. खिड़की खुली थी. मैंने देखा कि जय की मम्मी नहा रही थीं. क्या बताऊं दोस्तों, उनके मस्त मम्मे और मनचली गांड देख कर मैं पागल सा हो गया.
दोस्तों, जय की मम्मी हाइट में थोड़ी कम थी। लेकिन गोरी काफी थीं और उनका फिगर भी एक दम कड़क था. उस दिन के बाद फिर मैं रोज जय की मम्मी को नहाते देखता था.
एक दिन अचानक जय की मम्मी जैसे ही नहाने आईं उस समय मैं गैलरी में खड़ा था, उन्होंने मुझे देख लिया. मेरी नज़र उनसे मिली. फिर मैं चला गया. दूसरे दिन भी उन्होंने मुझे गैलरी में खड़ा पाया तो घूर कर मेरी तरफ देखा. इससे मैं घबरा गया. इसके बाद डर की वजह से 2-3 दिन तक न मैं गैलरी में गया और न ही जय के घर की तरफ.
फिर एक दिन मैं जय से मिलने उसके घर गया. उस समय जय अपने पापा और भाई के साथ दूकान गया था. मैंने घर में घुस कर आवाज लगाई. तब जय की मम्मी ने कहा कि दोनों भाई अपने पापा के साथ दूकान गए हैं और शाम तक ही वापस आएंगे.
इस पर मैंने उनसे कहा कि ठीक है फिर मैं शाम को ही आता हूँ, जय आए तो उससे बोल दीजियेगा कि कल कॉलेज में फंक्शन है. उन्होंने ठीक है कहा. इसके बाद फिर मैं जाने लगा क्योंकि मेरी तो फटी थी. तभी उन्होंने कहा – रुको, चाय नहीं पियोगे क्या? दोस्तों, मैं जब भी जय के यहां जाता था तो बिना चाय पिए नहीं आता था.
फिर मैं रुक गया और टीवी देखने लगा. थोड़ी देर में जय की मम्मी चाय लेकर आ गईं. हमने चाय पी. तभी वो बोलीं कि दो दिन से तुम दिखे ही नहीं. यह सुन कर मैं घबरा गया. मुझे लगा कि वो गैलरी वाली बात न कर रही हों. फिर मैंने पूछा – कहां, कहां नहीं दिखा? इस पर वो बोलीं – घर नहीं आए, वैसे तो रोज आते थे!
इस पर मैं कुछ नहीं बोला. तभी जय की मम्मी ऊपर के कमरे में गईं और वहां से मुझे ऊपर आने के लिए आवाज दी. तब मैं सीढ़ी चढ़ कर ऊपर गया. उस कमरे में लाइट बस खिड़की से हल्का सा उजाला आ रहा था. ऐसे में कुछ खास दिख नहीं रहा था लेकिन फिर भी कमरे में चला गया.
कमरे में जय की मम्मी टोकरियां निकालने की कोशिश रही थीं. लेकिन उनका हाथ टोकरियों तक नहीं पहुंच पा रहा था. यह देख कर मैंने कहा कि लाओ मैं निकाल देता हूं तो वो बोलीं कि मुझे ऊपर उठाओ मैं ही निकालती हूं. ये सुन कर मैं हैरान रह गया. दोस्तों, मेरी हाइट उनसे ज्यादा थी और मैं आसानी से उन टोकरियों को निकाल सकता था.
उनकी बात सुन कर मैं समझ गया कि वो क्या चाहती हैं! फिर मैंने भी देर न करते हुए जय की मम्मी को पकड़ के उठा लिया. मेरे नाक के नथुने उनके गांड की मादक खुशबू से भर रहे थे. मेरे हाथ उनकी बड़ी सी गांड पर थे. उनकी गांड इतनी नरम थी कि जैसे मैंने रुई (कपास) का गट्ठा पकड़ रखा हो.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर पता नहीं कब मैं सब कुछ भूल गया और उनकी गांड को दबाने लगा. तभी वो बोलीं – तू छुप – छुप के मुझे नहाते देखता था न! ये मुझे पता है.
तब मैंने कहा कि आप हो ही इतनी सेक्सी और कामुक कि आपको देखे बिना दिन की शुरुआत करने का मन ही नहीं होता था. इसके बाद फिर मैंने उन्हें नीचे उतार दिया. मुझसे अलग होते ही उसने मेरी पैंट खोली. इससे मेरा लन्ड उनके सामने आ गया, जिसे देख कर वो हैरान हो गईं और बोलीं – इतना बड़ा लन्ड तो मैंने सपने में भी नहीं देखा था. आज तो मैं पूरा मज़ा लूंगी.
इतना कहने के बाद वो मेरा लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगीं. तभी अचानक जय की दादी घर आ गईं और उन्हें आवाज देने लगीं. उनकी आवाज सुन कर तो हमारे होश उड़ गए. तभी जय की मम्मी बोलीं कि मैं ऊपर के कमरे में हूं, क्या बात है? तब दादी बोलीं कि कुछ नहीं ऐसे ही आ गई हूं, पड़ोस वाले के यहां बैठी थी तो सोचा कि घर भी हो लेती हूं. इतना कहते हुए वो चली गईं.
अब हम फिर से जोश में आ गए. इसके बाद मैंने उन्हें उल्टा लिटाया और उनकी साड़ी उठा कर उनकी पैंटी उतार दी. इसके बाद मैं अपना लन्ड उनकी गांड पर रगड़ने लगा। इससे वो हल्की – हल्की सी सिसकारियां भरने लगीं.
इसके बाद मैंने उनकी गांड को चौड़ी किया, जिससे उनकी चूत दिखने लगी. रोशनी न होने के कारण उनकी चूत उतनी स्पष्ट नहीं दिख रही थी लेकिन इतना तो समझ में आ ही रहा था कि उनकी चूत लाल थी. यह देख के मैं पागल सा हो गया. तभी जय की मम्मी बोलीं – अब डाल भी दो यार, इतना टाइम मत लगाओ.
मैं तो जोश में था ही. फिर मैंने एक ही धक्के में अपना आधा लन्ड उनकी चूत में डाल दिया. वो चिल्ला उठीं और बोलीं – इतनी जोर से मत करो, लग रहा है मुझे, धीरे – धीरे करो. अब क्या तुम्हें ये भी बताना पड़ेगा कि चोदते कैसे हैं! तब मैं बोला कि मुझे सच में नहीं पता. लेकिन अगर धीरे – धीरे करूंगा तो रात – दिन चोदता ही रहूंगा.
मेरी बात सुन कर वो हंसने लगी और बोलीं – क्यों, तेरा पानी नहीं निकलता है क्या! इस पर मैंने कहा कि निकलता है लेकिन ऐसे धीरे – धीरे करने में नहीं. फिर मैं उसकी गांड दबाता और धीरे – धीरे चोदता रहा. थोड़ी देर बाद वो बोलीं कि चल अब कर दे शुरू, जितना जोर से चोद सकता है चोद.
फिर मैंने उनको पलटा दिया और उनकी टागों को फैला कर जोर – जोर से चोदने लगा. उस समय उनके मुंह से एक अलग तरह की आवाज आ रही थी. वो पूरा मज़ा ले रही थीं. तभी मैंने लन्ड डाले – डाले उन्हें उल्टा कर दिया. वो डर गईं और बोलीं – ऐसे कैसे कर रहे हो! इस पर मैंने कहा कि आप खाली देखो और मज़े लो.
इसके बाद मैंने उनके दोनों पैर हवा में उठा लिए और चोदने लगा. उनको इस पोजिशन में पहली बार चोदा गया था इसलिए बहुत मज़ा आ रहा था. अब वो और जोर से चोदने के लिए कहने लगीं. वो बोल रही थीं कि फाड़ दो मेरी चूत, चोदो और चोदो मुझे.
वैसे दोस्तों, चूत तो उसकी पहले से फटी थी. इसलिए मैंने कहा कि तुझे तो मज़ा आ रहा है लेकिन मेरा मन नहीं भर रहा है. इस पर वो बोलीं कि गांड मारना चाहता है क्या? इस पर मैं झट से बोल पड़ा कि वही तो असली मज़ा देगी, टाइट है न.
इसके बाद मैंने उन्हें नीचे उल्टा लिटाया और उनकी गांड अपने लन्ड की तरफ खींचा. तभी उन्होंने मेरे लन्ड और अपनी गांड पर थूक लगा दिया. इसके बाद मैं लन्ड अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा लेकिन मोटा होने की वजह से वो अंदर नहीं घुस पा रहा था.
मैंने काफी जोर लगाया लेकिन फिर भी सफल नहीं हो पाया. तब वो उठी और बोलीं कि नीचे से तेल लाती हूं. वो तेल ले आईं. फिर मैंने अपने लन्ड पर लगा लिया और दो उंगलियां उनकी गांड में डाल कर तेल अंदर डाल दिया.
इसके बाद लन्ड सेट करके अंदर किया तो चिकनाई की वजह से बिना ज्यादा मेहनत के वो घुस गया. अभी आधा ही अंदर गया था कि वो बोल पड़ीं, नहीं होगा निकाल लो. लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, इसलिए मैंने उसकी एक न सुनी और लन्ड अंदर करता रहा.
उसे दर्द होने लगा था. इसलिए वो मुझे धक्का देने लगीं. लेकिन मैं नहीं हटा और हाथ की उंगलियां उनके मुंह में डाल दी. वो मेरी उंगलियों को काटने लगीं लेकिन मैं फिर भी न रुका और पूरा लन्ड अंदर डाल दिया.
अब वो कुछ बोल नहीं पा रही थीं. फिर मैं जोर – जोर से उनकी गांड मारने लगा. अब मेरे धक्कों के साथ उनके चिल्लाने की रफ्तार बढ़ती जा रही थी. वो कह रही थीं – बस करो लग रहा है. लेकिन मैं नहीं मना. वैसे मज़ा तो उन्हें भी आ रहा था.
फिर मैंने करीब 10 मिनट तक उन्हें नॉन – स्टॉप चोदा. थोड़ी देर बाद मैंने अपना पानी उनकी गांड में ही छोड़ दिया. अब तक वो एक दम ढीली पड़ चुकी थीं. फिर उन्होंने लेटे – लेटे ही मुझसे कहा कि अब जल्दी से जाओ यहां से, मैं थोड़ी देर में नीचे आ जाऊंगी.
इसके बाद मैं वहां से निकल आया. रास्ते में जय और उसका भाई अपने पापा के साथ घर जाते दिखाई दिए. हालांकि, उन्होंने मुझे देखा नहीं था. उन्हें देख कर मैं सोचने लगा कि जय की मम्मी वैसे ही तो नहीं लेटी होंगी!
बाद में दूसरे दिन जब मैं जय के घर गया तो उसकी मम्मी मुझे देख के खुश हो गईं और नशीली आंखों से मुझे देखती रहीं. उस दिन के बाद जब भी मुझे मौका मिलता मैं जय की मम्मी की गांड ही मारता.
हमने 4 साल तक चुदाई की. इसके बाद जय की शादी हो गई और उसकी पत्नी के घर आ जाने की वजह से अब मैं उसकी मां को चोद नहीं पाता लेकिन वो अब भी वैसी की वैसी ही दिखती हैं. मैं अब भी सोचता हूं कि शायद फिर से मुझे उनकी गांड मारने का मौका मिले. कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं.
जय कि ओरत को नहीं चोदा
जय की औरत को तो नही चोदा तू अपनी औरत चुदवा दे मुझसे
Kon he tu