उसकी इस तरह की रिक्वेस्ट पर मुझे तरस आ गया. अब मैंने तनीषा का पर्स खोला और उसमें से बॉडी लोशन क्रीम निकाली और उसे अपने लंड पर और तनीषा की चूत में लगा दिया. बॉडी लोशन लगाने से लन्ड और चूत दोनों चिकनी हो गई थीं…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम सलीम खान है और मैं काफी समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. बहुत दिन से मैं भी अपनी कहानी अन्तर्वासना पर आप सभी से शेयर करना चाह रहा था, लेकिन लिखने का टाइम नहीं मिल रहा था.
बात आज से चार साल पुरानी है जब मैं मुंबई में मेडिकल उपकरण बनाने वाली एक कंपनी में सर्विस इंजीनियर की जॉब करता था. मेरा काम क्लीनिक और हॉस्पिटल्स में एक्स-रे मशीन इनस्टॉल करना का था.
एक बार मुझे दादर में एक क्लीनिक में मशीन लगाने को कहा गया. मैं वक़्त पर ठीक 10 बजे वहां पहुँच गया. मुझे क्लीनिक के मालिक डॉक्टर सुनील हँकारे से मिलना था और फिर उसके बाद अपना काम शुरू करना था. लेकिन वहां पहुंचने पर मैंने देखा कि डॉक्टर अभी तक नहीं आया था.
जब मैं क्लीनिक पहुंचा तो मुझे वहां पर सिर्फ रिसेप्शनिस्ट ही दिखाई पड़ी. उसका नाम तनीषा था. फिर मैंने उससे बात की और अपना इंट्रोडक्शन दिया तो वो मुझसे बोली, “सर अभी नहीं आये हैं, आप इंतज़ार कीजिये. सर आएंगे तो मैं बात करा दूंगी”.
अब मैं वहीं सोफे पर बैठ कर डॉक्टर का इंतज़ार करने लगा. दोस्तों उस वक़्त तक मेरे दिल में तनीषा के लिए कोई गलत ख़यालात नहीं थे. लगभग 1 घंटे के बाद डॉक्टर हँकारे का तनीषा को फोन आया कि वो नहीं आ सकते. तो तनीषा ने उनसे मेरे बारे में बताया. जिस पर डॉक्टर ने मुझे अपना काम शुरू करने को कहा और कहा कि अगर किसी हेल्प की ज़रूरत होने पर मैं तनीषा से कह दूँ.
अब मैंने अपना काम शुरू कर दिया और पूरी तरह से अपने काम में मग्न हो गया. काम के दौरान बीच – बीच में तनीषा पूछने आती रहती कि किसी चीज़ की ज़रूरत तो नहीं है और चाय – पानी वगैरह लेना है या नहीं.
डॉक्टर के नहीं आने से क्लीनिक में जो मरीज़ आते उनको वो ये कह के वापस कर देती कि आज डॉक्टर नहीं आएंगे. लिहाज़ा क्लीनिक में भीड़ नहीं थी. दोस्तों, तनीषा नॉर्मल क़द – काठी की खूबसूरत गोरी सी लड़की थी.
उसकी उम्र कोई 21-22 साल के आस-पास रही होगी और उसका साइज 34-28-36 का था. यानी कि वो अपनी जवानी की दहलीज पर कदम रख रही थी और एक मादक कली से खूबसूरत फूल बनने की ओर अग्रसर थी.
मुझे वह कई बार ऐसे ही पूछने के बहाने बात करने आती रही. बार – बार बात होने से वो मुझसे खुल गयी थी और अब हल्के-फुल्के मज़ाक़ भी कर लेती थी. बात के बीच – बीच में वो एक बात बोलती थी “तो फिर हो जाए एक-एक”.
शुरू में जब वो ये बोलती तो मैं हंस के पूछता क्या हो जाए? तो वो हल्के से मुस्कुरा कर कहती चाय और क्या! बातों – बातों में वो मुझसे इतनी घुल-मिल गयी थी कि धीरे – धीरे मेरे कंधे पर हाथ रख के बात करने लगी.
जब वो मेरे कंधे पर हाथ रख के बात करती थी तो मुझे अजीब सी सुरसुरी सी होने लगती. आखिर मैं भी मर्द था और मेरे बड़े महाराज (लंड) को उनकी रानी (चूत) की चाह थी.
अगली बार जब तनीषा ने मेरे कंधे पर हाथ रख के बोला, “तो फिर हो जाए एक – एक”. तो मैंने भी पलट गया और उसकी कमर में हाथ डाल के बोला, “बिल्कुल हो जाए एक – एक”. मेरी इस प्रतिक्रिया पर उसने पूछा, “क्या”? तो मैंने कहा, “चाय नहीं, इस बार किस हो जाए”.
वो तो जैसे तैयार ही बैठी थी. मेरे मुंह से इतना सुनते ही वो फ़ौरन मेरे होंठों पर अपने होंठ रख के किस करने लगी. अब मैंने भी अपने दोनों हाथ उसकी कमर में लपेट कर उसको अपने और करीब कर लिया. जिससे तनीषा की मुलायम चूचियां मेरे सीने में दब गयी थीं.
अब मेरा लंड भी टाइट होकर तनीषा की चूत पर दस्तक दे रहा था. करीब 15 मिनट तक किस करने के बाद हम लोग अलग हो गए. मुझे बहुत अच्छा लगा. उसके बाद तो तनीषा हर बार जैसे ही रूम में आती मैं उसको पकड़ लेता और किस करने लगता.
धीरे – धीरे अब तो मेरी हिम्मत इतनी बढ़ गयी थी कि किस करते – करते मैं उसके मम्मे तक दबा देता था लेकिन वो बुरा नहीं मानती थी. यह देख कर मैं समझ गया कि सिर्फ मेरे लंड में ही खुजली नहीं हो रही है बल्कि तनीषा की चूत में भी सुरसुराहट हो रही है.
अब मैंने भी सोच लिया था कि आज तनीषा को चोदकर ही घर जाऊँगा. 2-4 के दौरान क्लीनिक बंद रहता है और उस समय क्लीनिक पर कोई नहीं होता था. चूँकि मुझे मशीन लगनी थी इसलिए तनीषा को आज मेरे साथ ही रुकना था.
वक्त होने पर तनीषा जैसे ही क्लीनिक का मेन गेट बंद करके रूम में आयी मैंने उसे पकड़ लिया और उस पर बुरी तरह टूट पड़ा. तो तनीषा बोली – सब्र करो इंजीनियर साब, अब तो अपने पास पूरे 2 घंटे हैं.
यह सुन कर मैं बोला – यार तनीषा, सब कुछ हो जाता है बस सब्र ही तो नहीं होता. तुझे देख कर तो चोदे बिना रहा ही नहीं जा रहा.
तो तनीषा बोली – चोद लो मेरे राजा चोद लो, आज तो मैं पूरे 2 घंटे तक तुम्हारी हूँ. आज तो मैं भी तुमसे जी भरकर चुदवाउंगी.
अब मैंने तनीषा को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और उसके होंठ चूसने लगा. तनीषा भी पूरे दिल से मेरा साथ दे रही थी. फिर मैं कपड़े के ऊपर से ही तनीषा की चूची दबाने लगा था. हमें बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर धीरे से मैंने तनीषा का टॉप निकल दिया. वो पिंक कलर की प्रिंटेड ब्रा में बिल्कुल परी सी लग रही थी. उसका संगमरमर सा गोरा बदन देख कर तो मैं खुद पर से होश खो रहा था. फिर मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके एक मम्मे को दबाने लगा और दूसरे मम्मे के निप्पल को दांत से काटने लगा.
जब मैं तनीषा के निप्पल को काटता तो उसके मुँह से एक हल्की मादक सी सिसकारी निकलती, जो मेरा मज़ा दोगुना कर रही थी. फिर मैंने अपने और तनीषा दोनों के सारे कपड़े निकल दिए और अब हम दोनों बिलकुल नंगे थे. मेरा 6 इंच लम्बा और करीब 3 इंच मोटा लंड देख कर तनीषा की आंखे फटी रह गईं.
अब तनीषा बोली – हे भगवान! तुम्हारा लंड तो बहुत लम्बा और मोटा है. यार, ये मेरी छोटी सी चूत में जाएगा कैसे?
तो मैं बोला – घबराओ मत तनीषा डार्लिंग, मैं तुम्हें बहुत आराम से चोदूंगा.
फिर इतना बोलकर मैं अपना लंड तनीषा के मुंह के पास ले गया तो तनीषा तुरंत ही मेरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. लगभग 10 मिनट की चुसाई में तनीषा ने मेरा लंड चूस – चूस कर गीला कर दिया था.
अब मेरा लंड तनीषा के चूसने की वजह से पूरी तरह कड़ा हो गया था तो मैंने तनीषा को वहीं एक्स-रे टेबल पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच खड़ा हो गया. फिर मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ के तनीषा की गुलाबी चूत पर हल्के – हल्के मारने लगा. मेरी इस हरकत से तनीषा चिहुंक सी जाती थी. फिर तनीषा बोली – यार सलीम, अब तड़पाओ मत. अब अपने लंड से मेरी चूत की आग को जल्दी से बुझा दो.
उसकी इस तरह की रिक्वेस्ट पर मुझे तरस आ गया. अब मैंने तनीषा का पर्स खोला और उसमें से बॉडी लोशन क्रीम निकाली और उसे अपने लंड पर और तनीषा की चूत में लगा दिया. बॉडी लोशन लगाने से लन्ड और चूत दोनों चिकनी हो गई थीं.
फिर मैंने लंड को तनीषा की चूत के मुहाने पर रख के एक ज़ोरदार झटका लगाया. अब मेरा लंड तनीषा की मुलायम और चिकनी चूत को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया, जिससे तनीषा के मुँह से एक ज़ोर की चीख निकल गई, “ऊई माआआ मररररर गईईई”.
लेकिन क्लीनिक बंद होने की वजह से उसकी आवाज़ पूरे क्लीनिक में ही गूंज कर रह गयी. अब मैं थोड़ी देर यूँ ही उसकी चूत में लंड डाले खड़ा रहा और धीरे – धीरे उसके चूचे मसलता रहा.
कोई 5 मिनट के बाद जब वो नार्मल हुई तो मैंने अपना लंड धीरे से बहार खींच कर पूरी ताकत से एक और झटका लगाया. इस बार फिर मेरे लंड और तनीषा की बच्चेदानी का मिलन हुआ लेकिन अबकी बार तनीषा धीरे से ही चिल्लाई. अब मैं मज़े लेकर धीरे – धीरे उसको चोदने लगा.
अब तनीषा को भी मज़ा आने लगा था और वो मेरे हर धक्के पर सिसकी ले रही थी. फिर धीरे – धीरे मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. मेरे धक्कों से तनीषा के चूचे ऊपर – नीचे हो रहे थे. उन्हें हिलते हुए देख कर मुझे बहुत आनंद आ रहा था.
लगभग 35-40 ज़ोरदार धक्कों के बाद मैंने अपना लंड निकाला और तनीषा को एक्स -रे टेबल के सहारे खड़ा कर के घोड़ी बना दिया. फिर मैंने नीचे उसके पेट पर हाथ लगा के उसके चूतड़ों को ऊपर उठाया. जिससे पीछे से उसकी चूत साफ़ दिखने लगी.
अब मैंने देर न करते हुए पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और तेज़ी से तनीषा की चुदाई करने लगा. लगभग 10 मिनट की जोरदार चुदाई में तनीषा 2 बार झड़ गयी थी.
फिर मैंने अपना लंड निकाल लिया और तनीषा को टेबल पर लिटा कर उसका एक पैर अपने कंधे पर रखा और एक बार फिर जोरदार चुदाई करने लगा. फच – फच की आवाज़ तनीषा की सिसकारी से मिल कर कमरे का माहौल संगीतमय बना रही थी.
करीब 20 मिनट की लगातार चुदाई के दौरान तनीषा फिर से 2 बार झड़ चुकी थी और अब मेरा लंड भी उल्टी करना चाह रहा था तो मैं तनीषा से बोला – मेरा आने वाला है, क्या करूं?
तनीषा बोली – अपना सारा माल मेरी चूत में ही डालो.
मैं बोला – यार, अगर तू प्रेग्नेंट हो गयी तो?
तनीषा बोली – तुम चिंता न करो, जितना बोला है उतना ही करो. मैं प्रेग्नेंट नहीं होउंगी, गोली ले लूंगी.
उसके मुंह से ये सब सुन कर मैं खुद को और ज्यादा देर तक रोक नहीं सका और 10-15 तेज़ झटकों के साथ मेरा फव्वारा छूट पड़ा और तनीषा की चूत मेरे गरमा-गरम वीर्य से लबालब भर गयी. इस एक ज़बरदस्त तूफान के बाद हम दोनों के चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि का भाव था.
फिर हमने साथ ही क्लीनिक में बने वाशरूम नहाया और फिर जब तक मेरा काम क्लीनिक में लगा रहा तब तक हम लोग रोज दोपहर में चुदाई करते थे. बाद में फिर मैंने तनीषा को मैंने अपने घर पर भी बुला के चोदा लेकिन वो कहानी फिर कभी.
तो दोस्तों, ये थी मेरी सच्ची कहानी इसमें कहीं कुछ भी बनावटी नहीं है. मेरी यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी आप अपनी राय मुझे मेल भेज कर ज़रूर दें. मेरी मेल आईडी- [email protected]