दोस्तों! कल आपने “एक हसीना की हवस- भाग1” में पढ़ा की नाजिया ने कैसे फैजान को शरबत पिलाकर नींद के आगोश में कर दिया और फिर अपनी हवस मिटाई. लेकिन वो नाजिया क्या जिसकी भूख इतनी जल्दी शांत हो जाए. अब आगे पढ़िए!!
कुछ देर बाद नाजिया ने एक चद्दर लेकर खुद को और फैजान को उसके अन्दर कर लिया और मोबाइल का कैमरा बंद कर एलार्म लगा दिया.
ठीक पांच बजे एलार्म की आवाज से उसकी नींद खुली. इस एलार्म से फैजान भी कुछ उनींदा सा हुआ उठने लगा. नाजिया ने फिर झकझोर कर उसे उठा दिया. फैजान ने खुद को और नाजिया को बिलकुल नंगा पाया. वो चौंक गया साथ में डर के भाव भी उसके चेहरे पे साफ़ देखे जा सकते थे.
उसने कहा- ये क्या है आंटी?
नाजिया- मुझसे पूछ रहे हो, ये क्या है? पता भी है तुमने और इसने ( लंड के तरफ इशारा करते हुए) रात में मेरे साथ क्या किया है?
फैजान- म्म्मैने….क्क्क्या किया है??….मुझे सच में कुछ भी याद नहीं है. सॉरी आंटी मुझे माफ़ कर दो!!
नाजिया- ये सारा काण्ड करने के बाद माफ़ कर दूँ!
नाजिया ने जान बूझ कर चादर अपने शरीर से हटा दी. अब फैजान उससे नजरें भी नहीं मिला पा रहा था. वो दोनों हाथों से अपने लंड को छुपाता हुआ एकटक नीचे देखे जा रहा था.
नाजिया ने आगे कहा- तुम मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे थे…. अपने दोस्त की अम्मी के साथ….समझे!!
फैजान- (लगभग रोते हुए) मुझे माफ़ कर दो आंटी!1 मुझसे ये सब जाने कैसे हो गया…
कहते हुए फैजान अपने घुटने पे बैठ गया…नाजिया बेड से उतर कर फैजान के पास आई और उसके बालों को कस के पकड़ कर बोली- गुस्सा तो मुझे बहुत आया था….तुम्हारी इस हरकत पे…
इस वक़्त नाजिया के शरीर पे एक भी कपड़ा नहीं था. उसनी जानबूझकर अपनी चूत को फैजान के माथे से सटा रखा था, लेकिन फैजान को अपने किये पे इतना पछतावा था कि उसे अभी इस बात का एहसास तक नहीं था. लेकिन चूत की गंध उसके नथुनों से टकरा रही थी, उसे ये ख्याल की वो नाजिया की चूत से सटा हुआ है, रोमांचित कर रहा था और साथ ही साथ उसके लंड में भी हलचल पैदा कर रहा था. अब नाजिया भी फैजान के बालों को प्यार से सहला रही थी…..
फिर नाजिया ने कहा- फैजान मैंने तुम्हे माफ़ किया….क्योंकि….??
फैजान उठकर खड़ा हो गया – क्योंकि क्या आंटी??
नाजिया कमरे में धीरे- धीरे टहलने लगी और बोली – ये सच है कि तुमने मेरे साथ जबरदस्ती की लेकिन सच कहूँ तो एक अरसे के बाद तुमने अपनी आंटी को सेक्स का सुख भी दिया…. इसलिए मैंने तुम्हें माफ़ किया.
फैजान के तो जैसे ख़ुशी के आंसू निकल पड़े. उसने काहा- थैंक यू आंटी!! मैं आपका एहसान जिन्दगी भर नहीं भूलूंगा!
लेकिन टहलती हुयी नाजिया के हिलते चूतड़ उसकी निगाहों को भटका रहे थे. खेली खायी नाजिया जानबूझ कर ये कर रही थी. फिर वो फैजान के पास आई उसे सीने से लगते हुए कहा कि उसने उसे माफ़ किया. लेकिन उसने फैजान के नंगे शरीर को अपने शरीर से चिपका रखा था. फैजान की जिन्दगी में ये पहला वाकया था जब किसी नंगी औरत को उसने देखा था और यहाँ तो एक क़यामत सी फिगर वाली मांसल देह उसके नंगे शरीर से रगड़ खा रही थी.
फैजान का लंड फिर से खड़ा होने लगा. लोहे की मानिन्द सख्त होते लंड की चुभन नाजिया ने महसूस कर ली. फैजान फिर से शर्मिन हो रहा था. लेकिन इस बार नाजिया अपने घुटनों पे बैठ कर फैजान के लंड को अपने होठों की मालिश देने लगी.
फैजान ने कहा- आंटी, ये क्या कर रही हैं? ये तो गुनाह है.
नाजिया- मुझे नापाक करके मुझे ही गुनाह समझा रहे हो. देख फैजान! अगर तुम चाहते हो कि ये बात इस कमरे से बाहर न जाय तो जैसा मैं कह रही हूँ, करते जाओ. बस इन पलों का मजा लो.
ये कहकर नाजिया फिर से फैजान का लंड चूसने में लग गयी. अब तक फैजान का लंड भी काफी कड़क हो चुका था. नाजिया बिस्तर के किनारे ही लेट गयी. फैजान अभी भी उसकी दोनों टांगों के बीच में खड़ा था. नाजिया ने अपनी दोनों टांगों को उठाकर फैजान को अपनी चूत में लंड डालने को कहा. फैजान ने एक रोबोट की तरह नाजिया का कहा मानते हुए, अपना लंड नाजिया की गीली चूत से सटा दिया. अब नाजिया ने फैजान से अपनी चूत में धक्का मारने का इशारा किया.
फैजान ने पहली बार अपनी मर्जी से अपना हलब्बी लौड़ा नाजिया की चूत में पेल दिया. इधर लंड चूत की गहराइयों में उतरता जा रहा था और उधर नाजिया ने एक सीईईई…..की आवाज निकाली. अब फैजान नाजिया के कहे के अनुसार लगातार नाजिया की चूत चुदाई में लगा हुआ था. कमरा घच…ग्ग्घह्च और फच-फच की आवाज से गूंजने लगा. नाजिया ने फैजान के दोनों हाथों को पकड़ कर अपनी चूचियों पे रख दिया. फैजान के हाथों में नाजिया की बड़ी- बड़ी चुचियाँ पूरी नहीं समा रही थीं, लेकिन उसकी उत्तेजना को और बढ़ा रही थीं. अचानक से फैजान ने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और अपने गाढ़े सफ़ेद वीर्य से नाजिया की चूत को भर दिया. इसके बाद फैजान वहीँ बिस्तर पे लेट गया.
तकरीबन आधे घंटे बाद दोनों ने कपड़े पहने. फैजान अपने घर आ गया. उसके लड़ में काफी दर्द हो रहा था. उसने बाथरूम में नहाते वक़्त देखा की उसका लंड कई जगह से छिल गया था. उसने उसपे बोरोप्लस क्रीम लगायी.
काफी दिनों तक फैजान रेहान के घर नहीं गया लेकिन जब एक बार लंड को चूत का स्वाद मिल गया तो आखिर कितने दिनों तक वो खुद पे काबू रख पाता. कुछ दिनों के बाद ही उसके कदम खुद ब खुद नाजिया के घर की तरफ चल पड़े.
एक लम्बे किस से नाजिया ने फैजान का स्वागत किया. अब आये दिन नाजिया और फैजान की ये चुदाई गाथा एक नया अध्याय गढ़ती. कुछ दिनों के बाद इमरान और नसीम भी नाजिया की हवस का शिकार हुए और वो चुदक्कड़ हसीना नाजिया एक साथ उन सभी की चुदाई का लुत्फ़ उठाती.
उस सामूहिक चुदाई का भी जिक्र लेकर मैं जल्दी ही हाजिर होऊंगा!! तब तक आपके सुझाव मुझे भेजते रहिये.