एक ही बेड पर चुदीं ननद-भौजाई

नजमा मेरे पड़ोस में रहती थी. वह काफी खूबसूरत थी. जब मैं जवानी की दहलीज पर पहुंचा तो उसे लाइन मारने लगा. वह पट गई. फिर एक दिन जब मैं उसकी चुदाई कर रहा था तभी कुछ ऐसा हुआ कि मुझे उसकी भाभी को भी चोदना पड़ा…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं बीकानेर का रहने वाला हूं. दोस्तों, मेरा लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं है लेकिन इतना बड़ा है कि उससे मैं किसी भी औरत या लड़की को संतुष्ट कर सकता हूं. ये मेरी पहली कहानी है, उम्मीद है आप सबको पसन्द आएगी.

अब आप लोगों का समय बर्बाद ना करते हुए मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूं. बात तब की है जब मैं शुरू शुरू जवानी की दहलीज पर कदम रखा था. उस वक्त मैं 20 साल का था और इसी बीच मेरी नजर मेरे ही मोहल्ले में रहने वाली की एक लड़की नजमा पर पड़ी. चूंकि मेरी जवानी उबाल मार रही थी तो मैंने उसे लाईन देना शुरू कर दिया.

कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. थोड़े दिनों के बाद वो भी मेरी और ध्यान देने लगी. अब जब मेरी नज़र उससे मिलती तो वह मुस्कुरा देती. ऐसे ही चलता रहा. फिर एक दिन मैंने हिम्मत कर एक पत्र के जरिये उसे प्रपोज कर दिया. जिसे उसने भी स्वीकार कर लिया.

उसके बाद हम दोनों के बीच आपस में बातें होने लगीं. पहले तो हम ऐसे ही जब मिलते तभी बात करते लेकिन बाद में फिर हमने अपने मोबाइल नम्बर एक्सचेंज कर लिए. फिर फ़ोन पर भी हमारी बातें होने लगीं.

इसी बीच एक दिन उसने भरी दुपहरी में मुझे फोन किया और अपने घर आने को कहा. चूंकि हमारा घर पास पास ही था तो मैं झट से उसके यहां पहुंच गया. जब मैं उसके घर गया तो देखा कि उसके घर में उसके अलावा कोई नहीं था. यह देख मैंने जब घर वालों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि सब बाहर किसी शादी में गये हैं.

यह सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना न रहा. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया उसे अपनी और खींच लिया. मेरे इस काम का उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया. इससे मेरा हौसला और बढ़ गया. फिर मैंने उसकी शर्ट में हाथ डाल दिया और उसकी चूचियों को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.

अभी तक वह अपना सिर झुकाए हुए थी लेकिन जब मैंने उसकी चूचियों को मसलना शुरू किया तब उसने अपना सिर उठाया और मेरी देखा. तब तुरन्त ही मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और साथ में अपना एक हाथ सीधा नीचे ले जाकर उसकी चूत पर रख दिया. दोस्तों, अब तक उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी.

जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया वैसे ही उसने मेरे पैंट में हाथ डाल दिया और उसकी बटन खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया. अब वह मेरे लंड की मुठ मारने लगी. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद वह नीचे बैठ गई और उसे अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.

कुछ देर तक लंड चूसने के बाद मैंने उसे खड़ा किया और उसके सारे कपड़े उतार दिए. इसके बाद उसने भी मेरे कपड़े निकाल दिए. फिर हम दोनों 69 की अवस्था में आ गये. अब मैं उसकी चूत को चूसने लगा और वो मेरे लंड को चूस रही थी. बहुत मज़ा आ रहा था. हम दोनों के मुंह से मादक आवाजें निकल रही थीं. अचानक वो झटके खाने लगी और कुछ देर बाद उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया. उसकी चूत का रस हल्का खारा और नमकीन सा लगा. लेकिन फिर भी मैं उसे चाट गया.

फिर मैंने उसकी चूत को छोड़ कर उसके निप्पल को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगा. उसकी चूचियां तब तक एक दम टाईट हो चुकी थीं. अब उसके मुंह से लगातार ‘आह आह उह उह’ की आवाज निकल रही थी.

थोड़ी देर बाद उसने कहा कि अब और मत तड़पाओ, डाल दो अंदर. फिर मैंने उसे सीधा लेटा दिया और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख कर जोर से एक धक्का मारा. जिससे मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो दर्द के कारण बिलबिलाने लगी. दर्द की वजह से उसके मुंह से चीख निखलने ही वाली थी कि तभी मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनका रस पान करने लगा. साथ ही एक हाथ से उसकी चूची को भी मसलने लगा.

फिर थोड़ी देर बाद जब वो सामान्य हुई तो मैंने एक धक्का और मारा. इस धक्के के साथ ही मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. इस बार उसे असहनीय दर्द हुआ और उसके मुंह से घुटी हुई आवाज निकलने लगी. इस वजह से मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया.

थोड़ी देर रुकने के बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने धीरे – धीरे उसे चोदना चालू किया. अब मैंने अपनी स्पीड भी बढ़ा दी थी. करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद वो एक बार फिर से झड़ गयी और अब मुझसे लंड बाहर निकालने को कहने लगी.

अब तक उसका 3 बार हो चुका था लेकिन मैं अभी एक भी बार नहीं झड़ा था इसलिए पहले तो उसे मना कर दिया. तब उसने कहा कि उसकी चूत में जलन होने लगी है, यह सुन कर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया. लंड बाहर आते ही वह उठी और उसने मेरे लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. मैं फिर से मस्त होने लगा.

हमने अपना पूरा ध्यान चुदाई में ही लगा रखा था. तभी अचानक दरवाजा खुला और उसकी भाभी अंदर आ गईं. दोस्तों, चुदाई के चक्कर में हम दरवाजा लॉक करना ही भूल गये थे. उन्हें अंदर देख कर हम डर गये और जल्दी – जल्दी अपने कपड़े पहनने लगे. तब उसकी भाभी ने थोड़ा कड़े लहजे में पूछा, “ये सब क्या हो रहा था?”

हम उससे माफी मांगने लगे. मगर तभी अचानक उसकी भाभी ने अंदर से दरवाजा बंद किया. फिर वापस आकर उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे मसलने लगी. फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा कि अब तुम हम दोनों को चोदो. इतना सुनते ही मैंने उसे भी बेड पर पटक दिया और उसकी चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा. उसकी चूचियां काफी बड़ी थीं. उन्हें मसलने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर धीरे – धीरे करके मैंने उसके सारे कपड़े खोल दिए. अब वो मेरे सामने एक दम नंगी लेटी थीं. इसी बीच नजमा नीचे आई और मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. उसकी भाभी को देख कर मेरा लंड सिकुड़ गया था अब दोबारा से नजमा के मुंह में जाने से जल्दी खड़ा होकर एक दम टाईट हो गया. नजमा बहुत मस्त तरीके से लंड चूस रही थी, इस कारण मेरे मुंह से आहें निकलने लगी.

तभी मैंने नजमा से कहा कि मेरा निकलने वाला है. इस पर उसने कहा कि मेरे मुंह में ही आने दो. फिर थोड़ी देर बाद ही मैंने अपना सारा माल उसके मुंह में निकाल दिया. जिसे वो पूरा पी गयी और फिर लंड को चाट – चाट कर उसे साफ कर दिया.

अब मैं थक गया था तो थोड़ी देर आराम करने लगा. आराम करने के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने दोनों ननद – भाभी को एक साथ लेटा दिया और भाभी की चूत में अपना लंड डाल दिया. इसके साथ ही मैं नजमा की चूचियों को चूसने व मसलने लगा.

हमारा ये खेल काफी देर तक चलता रहा. करीब आधे घण्टे की चुदाई के बाद फिर मैं और नजमा की भाभी दोनों एक साथ ही झड़ गये. मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में जी निकाल दिया. इसके बाद मैं उनके ऊपर लेट गया. फिर दोनों ननद – भाभी ने मुझे चूम लिया और कुछ देर पड़े रहने के बाद मैं वापस अपने घर आ गया. इसके बाद मैंने नजमा की दो और बहनों को भी कैसे चोदा वो मैं आप सब को मेरी अगली कहानी में बताऊंगा. तब तक के लिए नमस्कार!

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