गन्ने के खेत में गांव वाली गर्लफ्रेंड की चुदाई

मेरे दोस्त ने अपने गांव की एक लड़की से मेरी दोस्ती करवाई. हम फोन पर बात करने लगे. मैंने उसे सेक्स के लिए अप्रोच किया तो वो राजी हो गई. फिर मैं उसके गांव गया और गन्ने के खेत में ले जाकर उसकी चुदाई की…

हेल्लो दोस्तों, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! मेरा नाम उमेश है और मैं मेरठ का रहने वाला हूँ. मैं 5 फुट 8 इंच का एक दम हट्टा – कट्टा लड़का हूँ. मेरी उम्र 23 साल है. मैं देखने में भी आकर्षक हूँ. इस वजह से बहुत सी लड़कियां मुझ पर मरती हैं पर मैं किसी को ज्यादा भाव नहीं देता. मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ. आज मैं अपने जीवन की पहली सेक्स घटना आपको बताना चाहता हूँ.

बात अब से दो साल पहले की है. तब मैं ग्रेजुएशन के दूसरे साल में था. उसी दौरान मेरी दोस्ती एक लड़की से हो गयी. उसका नाम दिव्या था. दरअसल हुआ ऐसे था कि मैं अपने एक दोस्त के घर मुजफ्फरनगर गया हुआ था. वहीं पर मेरी मुलाकात दिव्या से हुई।

जैसा मैंने ऊपर बताया कि अगर कोई लड़की मुझे देख ले तो बस देखती ही रहती है. ऐसा ही उस समय भी हुआ. वहां पर उससे मेरी कोई ज्यादा बातचीत नहीं हुई. बस हाय हेल्लो हुई थी और मेरे दोस्त ने ही उससे मेरी जान – पहचान करायी थी.

फिर मैं अपने घर पर आ गया. अगले दिन मेरे दोस्त का मुझे फोन आया और वो मुझसे कहने लगा कि कल जिस लड़की से मैंने तुम्हें मिलवाया था, वो तुझसे दोस्ती करना चाहती है. इस पर मैंने हां कर दी. फिर मेरे दोस्त ने दिव्या को मेरा नंबर दे दिया.

शाम के टाइम मैं अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था. इसी बीच अचानक मेरे फोन की घण्टी बजी. मैंने देखा कोई नया नम्बर था. फिर मैंने कॉल उठा लिया. सामने से उसने बताया कि वो दिव्या बोल रही है. फिर उस दिन उसने मुझसे काफी टाइम तक बात की और फिर फोन रख दिया.

अब ये हमारा रोज का नियम बन गया था. जब काफी दिन हो गये तो मैं उससे सेक्स करने के लिए कहने लगा. लेकिन वो मना करने लगी. फिर जब मैंने जोर दिया तो वो मान गयी. इसके बाद अगले ही दिन सुबह मैं अपने दोस्त के पास पहुंच गया.

वहां पहुंचने के बाद उसका फोन आया और वो कहने लगी कि मैं खेत पर हूँ. यह सुन कर मेरा दिमाग खराब हो गया. फिर मैंने दोस्त से उसके खेतों के बारे में पूछा तो मेरा दोस्त मुझे उसके खेतों पर ले गया.

वहां मुझे देखते ही वो खिल गयी और छिप कर मेरे पास आई और मुझसे बोली कि आप उधर ही रुको मैं अभी आती हूँ. फिर उसने अपने घर वालों से घर पर जाने का बहाना किया और वहां से निकल गयी. फिर वो मेरे पास आ गयी.

उस समय वो एक दम कयामत लग रही थी. उसने काले रंग की जीन्स और लाल टॉप पहन रखा था. उसके आने पर मेरा दोस्त कहने लगा कि ये गांव है यहां पर अगर किसी ने तुम दोनों को एक साथ देख लिया तो लफड़ा हो जायेगा.

फिर दिव्या मुझे पास स्थित गन्ने के खेत में ले गयी और मेरे दोस्त को बाहर खड़ा कर दिया. उसका फिगर 32 28 30 था और उसके मम्मे बहुत ही गजब लग रहे थे. जैसे ही हम खेत में घुसे वो मेरी बाहों में आ गयी और कहने लगी कि आज आपकी जो मर्जी हो वो कर लो.

अब मैं उसके रसीले होंठों को चूमने लगा. वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने एक हाथ से उसका एक मम्मे को पकड़ लिया और मसलने लगा. इसके साथ ही एक हाथ से मैं उसकी चूत को सहलाने लगा. फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये. अंदर उसने ब्रा और पैंटी नहीं पहना था. फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरी जीन्स भी नीचे कर दी. इसके बाद वो मेरे लण्ड को सहलाने लगी. उसका हाथ लगते ही मेरा लण्ड एक दम तन गया.

दोस्तों, मेरा लण्ड 8 इंच लम्बा और 3.5 इंच मोटा है. उसे तन्नाया देख कर वो डर गयी और बोली कि इतना बड़ा मेरी छोटी सी जगह में कैसे जायेगा? इस पर मैंने उससे कहा कि थोड़ा दर्द होगा लेकिन फिर मजा भी बहुत आयेगा. मैं अभी भी उसको किस कर रहा था और उसकी चूत में उँगली भी करने लगा था. दूसरी तरफ वो लगातार मेरे लण्ड को सहला रही थी.

तभी वो कहने लगी कि अगर मम्मी – पापा मुझसे पहले घर चले गये तो प्रॉब्लम हो जायेगी. फिर मैंने देर करना सही नहीं समझा. अब मैं उसकी चूत को किस करने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा. फिर मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा. इस वजह से वो पांच मिनट में ही झड़ गयी.

थोड़ी देर बाद फिर वो कहने लगी कि अब मत तड़पाओ बस जल्दी से अंदर डाल दो. उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी. फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के मुंह पर लगाकर हल्का सा धक्का दिया तो शुरू में मेरे लण्ड का सुपाड़ा अन्दर चला गया. इस पर वो चिल्लाने लगी पर मैंने अपने होंठों से उसके होंठों को बन्द कर दिया.

कुछ देर बाद मैंने एक और धक्का लगाया तो वो तड़पने लगी और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी पर मैंने उसे नहीं छोड़ा. फिर कुछ देर रुकने के बाद मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लण्ड उसकी चूत को फ़ाड़ता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया.

इस पर वो रोने लगी और कहने लगी, “प्लीज़ बाहर निकाल लो मुझे बहुत दर्द हो रहा हैं… प्लीईईईईज… हम्मम्म मम्म्मी मर गयी…” फिर कुछ देर रुकने के बाद मैंने अपने लण्ड को हिलाना शुरू किया. अब उसे भी मजा आने लगा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी. अब वो नीचे से अपनी गांड को उछाल रही थी.

कुछ देर बाद वो अकड़ने लगी और उसने अपना पानी छोड़ दिया. लेकिन मेरा अभी होना बाकी था. अब मैं उसकी चूत में धक्कों की बरसात कर रहा था. फिर लगभग 40 मिनट बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी. उस समय तक वो 4 बार झड़ चुकी थी. लगभग 25-30 धक्कों के बाद मेरे लण्ड ने उसकी चूत में सारा गर्म लावा भर दिया.

दिव्या तब तक 5 बार झड़ चुकी थी. अब वो भी संतुष्ट हो चुकी थी. उसकी चूत से खून निकाल रहा था. जिसे मैंने अपने रूमाल से साफ किया. इसके बाद फिर हमने किस करके कपड़े पहने और एक – दूसरे को किस करके गन्ने के खेत से बाहर निकल गये.

दिव्या से ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था. फिर मैंने अपने दोस्त को बुलाया और उसे उसके घर तक पहुँचाया. दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है आपको कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताना. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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