गर्मी की दोपहरी में बुआ के घर उनकी बेटी चोदा

गर्मियों की छुट्टी में मैं अपने बुआ के यहां गया था. वहां उनकी छोटी बेटी मुझसे बहुत चिपक रही थी. एक दिन तो उसने कुछ ऐसा कर दिया जिसकी वजह से हमारी चुदाई का रास्ता खुल गया…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वीर है और मैं पिछले 4 सालों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक रहा हूँ. मैंने इसकी लगभग सारी कहानियों को बड़े ही गौर से पढ़ा है. इस कहानियों को पढ़ कर मुझे बहुत मज़ा आता है और मेरा लन्ड खड़ा हो जाता है. हालांकि, इनमें से कुछ कहानियां झूठी भी होती हैं लेकिन वे पाठकों को उत्तेजित करने के अपने उद्देश्य में सफल रहती हैं.

मैंने कई बार अन्तर्वासना के लिए अपनी कहानी लिखना चाहा लेकिन कभी टाइम की कमी के चलते तो कभी व्यक्तिगत समस्याओं में उलझा रहने के कारण नहीं लिख पाया. आज टाइम मिलने पर मैं यहां अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ. उम्मीद है आप सब को पसंद जरूर आएगी.

अब आप लोगों का ज्यादा वक्त बर्बाद न करते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. बात उन दिनों की है, जब मैंने अपना इंटरमीडिएट का एग्जाम दिया. एग्जाम खत्म होने के बाद गर्मी की छुट्टियों में मैं अपनी बुआ के यहाँ चला गया. बुआ के यहां मैं पहली बार गया था.

चूंकि मैं पहली बार गया था इसलिए मेरा खूब आदर – सत्कार किया गया. दिन यूं ही निकलते गए. करीब 7-8 दिन बाद एक दिन मैंने नोटिस किया कि मेरी बुआ की सबसे छोटी बेटी जिसका नाम मोनिका है वह मुझ पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रही है और हमेशा मेरे आस पास ही रहती.

मैंने गौर किया तो पाया कि कभी किसी बहाने से मुझे छूती तो कभी दूसरा बहाना तलाश लाती. इसके अलावा बातों ही बातों में वो मुझे चिकोटी भी काट लेती थी. एक दिन मैं और वह बैठे हुए थे. वह मेरे काफी नज़दीक बैठी थी.

हमारे बीच ऐसे ही नॉर्लम बातें हो रही थीं. तभी उसने अपना एक हाथ मेरे लन्ड के ऊपर रखा और उसे दबा दिया. फिर जब मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने मुझे आँख मार दी और वहां से भाग गई.

उस दिन के बाद मेरा भी उसके प्रति रवैया बदल गया। अब जरा सा भी मौका मिलता तो मैं उससे छेड़छाड़ करता और वो मुझसे. अब मैं उसे चोदने की फ़िराक़ में था. लेकिन दांव लग नहीं रहा था.

फिर एक दिन मौका मिलने पर मैंने उसे किस कर लिया और उसके बूब्स दबाने लगा. मेरे ऐसा करने पर वह गर्म हो गयी. चूंकि वहां पर कभी भी कोई भी आ सकता था. इसलिए उसने मुझसे किसी दिन अकेले में मिलने की बात कही और इतना कह कर वहां से चली गयी.

अब जरा सा भी मौका मिलने हमारे बीच चूमा – चाटी, कपड़े म ऊपर से लन्ड दबाने और बूब्स मसलने का क्रिया – कलाप चलता रहा. एक दिन दोपहर को (गर्मी के दिनों में लोग दोपहर में सो जाते हैं) सब लोगों के सो जाने के बाद हमने चुदाई का प्लान बनाया.

जब सब सो गए तो मैं उसे लेकर एक खाली कमरे में चला गया. वहां पर एक बेड लगा था. अंदर जाते हम हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेट गए. इसके बाद उसने मुझे दबोच लिया और मेरे होंठों पर एक किस कर दिया. अब मैं भी उसका साथ देने लगा. मैंने उसके लिप किस का जवाब उसके पूरे बदन को चूम कर दिया.

फिर धीरे – धीरे मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया और साथ में किस भी करता रहा. अब वह गरम होने लगी और हल्की – हल्की आहें भरने लगी. इसके बाद फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और अपने हाथ को धीरे – धीरे उसकी पेंटी के अन्दर डाल दिया.

जैसे ही मेरा हाथ पैंटी के अंदर गया उसने उसे पकड़ लिया और अपनी टाँगों को सिकोड़ लिया. इससे मेरे हाथ का आगे बढ़ना रुक गया. फिर थोड़ी देर बाद हाथ छूटने पर मैंने अपना काम जारी रखा और हाथ थोड़ा और अंदर करके उसकी चूत को सहलाने लगा.

इसके बाद मैं अपना हाथ उसकी चूत के छेद के पास ले गया तो पाया कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं है और वह एक दम गीली हो चुकी है और उसमें से लगातार काम रस रिस रहा है. अब मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा. मेरी उत्तेजना तो वैसे ही बढ़ी हुई थी लेकिन उसकी गीली और चिकनी चूत को देख कर मेरा लन्ड अपने आपे से बाहर हो गया.

उंगली करने की वजह से उसका भी हाल – बेहाल हो चुका था. उत्तेजना के वशीभूत होकर वह मुझे अपने ऊपर खींच रही थी. तब मैंने भी मौके की नज़ाकत को समझा और तनिक भी देर न करते हुए झट से उसकी पाजामी का नाड़ा खोल दिया और खींच कर उसे नीचे गिरा दिया.

पजामी खुलते ही वह शरमा गई और शर्म से उसने अपनी आँखें बंद कर लीं. फिर मैंने उसकी पैंटी नीचे खिसकाई तो वह पीछे घूम गई और अपने नाज़ुक हाथों से उसने अपनी प्यारी चूत को ढक लिया.

इसके बाद मैंने सीधा करके किस किया और एक हाथ से उसके बूब्स को दबाते हुए चूत के ऊपर से उसका हाथ हटा दिया. फिर मैं अपने लन्ड को उसकी चूत में सेट करने लगा.

चूत के छेद पर लन्ड रखने के बाद फिर हल्के से एक धक्का दिया तो लन्ड फिसल गया. अब मैंने दोबारा से फिर लन्ड को सेट किया और आराम से अन्दर डालने लगा. इस बार लन्ड का टोपा अन्दर चला गया और वह उचक गई. यह देख मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और फिर अचानक से एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया.

इस धक्के की वजह से इस बाद मेरा आधा लन्ड उसकी चूत के अन्दर चला गया. उसे दर्द हुआ और उसके मुंह से एक चीख निकल गई, जिसे मैंने तुरन्त अपने हाथों दबा दिया. फिर मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा तो पाया कि उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे. यह देख मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया.

थोड़ी देर बाद जब उसे आराम मिला तो मैंने एक और जोरदार प्रहार के साथ अपना पूरा लन्ड उसकी चूत में घुसा दिया और फिर एक पल के लिए रुक कर जोरदार तरीके से धक्के लगने लगा. इस बार उसे और भी ज्यादा दर्द हुआ और वह लन्ड को बाहर निकालने की विनती करने लगी लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और धक्के लगाता रहा.

कुछ समय बाद उसे भी आनन्द आने लगा और वह कमर उचका – उचका कर मेरा साथ देने लगी. 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही स्खलित हो गया और मेरे साथ ही उसने भी अपना रज छोड़ दिया. उसके चेहरे पर अब सुकून का भाव था. फिर हमने अपने कपड़े ठीक किए और बाहर निकल आए.

दोस्तों, तब से अब तक मेरे उससे जिस्मानी रिश्ते चल रहे हैं. हमें जब भी मौका मिलता है हम एक हो जाते हैं और अब तो वह एक जबरदस्त चुदक्कड़ और मैं एक जबरदस्त चोदू हो गया हूँ.

यह मेरी पहली कहानी थी अगर इसमें कोई गलती हो गई हो तो माफ करना. कहानी कैसी लगी बताने के लिए आप मुझे मेरी मेल आईडी – [email protected] पर मेल करें.

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