मेरी साली और मेरी शादी साथ में हुई थी. मेरे भाई की शादी में वो मेरे घर आई थी और एक दिन मेरे साथ सो गई गई. उस दिन मैंने अपना लन्ड पकड़ा दिया लेकिन मौका नहीं मिला. मेरी इस कहानी में जानें कि कैसे मैंने अपनी मस्त साली को चोदा…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम कमलेश है और मेरी उम्र 26 साल की है. आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. उम्मीद है आप सब को बहुत पसंद आएगी.
करीब 5 महीने पहले की बात है. मेरी साली से काफी दिनों से मेरी बातें होती रहती हैं. मेरी व मेरी साली की शादी भी एक ही दिन एक ही साथ्ा हुई थी.
उस दिन मैं मेरे छोटे भाई की शादी का कार्ड देने के लिए मेरे ससुराल गया था. कार्ड देकर जब मैं वापस आने लगा तो मेरी साली वहीं थी फिर मैं अपनी साली को शादी से 5 दिन पहले ही लेता आया.
शादी के माहौल में मेहमान की वजह से मैंने मेरी साली से बोल दिया कि रात में मेरे कमरे में जा कर अपनी बहन के साथ सो जाना. अगर कोई दिक्कत हो तो बताना. इस पर उसने भी हां कह दी.
एक दिन की बात है, सुबह के 4 बजे मेरी बीवी उठ कर चाय बनाने लगी और अपने बगल में सो रही मेरी साली से बोलीं कि ऊपर तेरे जीजा जी सो रहे हैं, उन्हीं के पास चली जाओ और सो जाओ. फिर मेरी साली मेरे पास आकर लेट गई.
उसके मेरे पास आकर लेटते ही मैं जाग उठा और मेरे तो भाग ही खुल गए थे. सर्दी का मौसम था. इसलिए मैंने रजाई ओढ़ रखी थी. उसके आने के थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर हाथ फेरने लगा. कुछ देर बाद अब वह भी मेरे ऊपर हाथ्ा फेरने लगी.
फिर क्या था! धीरे – धीरे मैंने उसका हाथ्ा पकड़ कर मेरी चड्ढी में घुसा दिया. इस पर वह कहने लगी कि मुझे अच्छा नहीं लगता है यह सब. लेकिन मैं नहीं माना और उसके हाथ में मेरा 8 इंच का लन्ड पकड़ा दिया. मेरे लम्बे पण्ड को हाथ में पकड़ते ही उसकी आँखें फटी की फटी रह गई.
फिर धीरे से मैंने उसके कान में कहा कि कैसा लगा तो वह कहने लगी कि आपका तो बहुत बड़ा और मोटा है! इस पर जब मैंने उससे कहा कि आपके पति का कितना बड़ा है और कैसा है तो उसने कहा कि उनका आपके से थोड़ा कमजोर है.
अब मैंने उससे पूछा कि मेरा कैसा लगा? इस पर वह बोली कि अच्छा है, मुझे पसन्द आया! अब फिर क्या था? दोनों के मीटिंग कराने की तैयारी थी. फिर मैंने उससे कहा कि आपके जीजा जी कमलेश को कब मौका मिलेगा. इस पर मेरी साली ने कहा कि जगह तो आप देखो बाकी मैं तो आपके लिए हाजिर ही हूँ.
दोस्तों, शादी के माहौल के चलते मौका नहीं मिल पा रहा था और मेरी मुराद ऐसी की ऐसी ही रह गई. आखिरकार भगवान ने मेरी मुराद सुन ली. मेरे भाई की शादी के करीब 3 महीने बाद मेरी पत्नी अपने मायके चली गई. इस दौरान उसे वहां 1 महीने के लिए रुकना था.
एक दिन मैंने उसे फोन किया और कहा कि कब आओगी? मैं यहां बहुत परेशान हो रहा हूँ और जब भी आना तो अपनी बहन यानी मेरी साली को भी साथ में लेकर आना. वह भी एक दो दिन के लिए यहां पर घूम लेगी.
इस पर मेरी पत्नी ने कहा कि कल आ जाएंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है. दूसरे दिन वे लोग घर पर आ गये. एक दो दिन के बाद उसके गांव से फोन आया कि गांव में फसल की कटाई हो रही है फसल काटने के लिये भेज दो तो मैंने कहा कि मेरी पत्नी की तबीयत खराब हो रही है दवाई दिलाने के बाद भेज दूंगा.
दूसरे दिन मैं अपनी पत्नी को लेकर डॉक्टर के पास ले जाने लगा तो मेरी पत्नी बोली कि घर पर मेरी बहन अकेली रहेगी तो उसे भी लेते चलो. इस पर मैंने सोचा कि अभी डॉक्टर के पास जाते ही वह बोतल लगा देगी और फिर मुझे ऐसा मौका नहीं मिलेगा तो मैंने कहा कि अभी 10-15 मिनट में आ जाएंगे तो वह बोली ठीक है.
जब मैं अपनी पत्नी को लेकर डॉक्टर के पास गया तो चेक करने के बाद डॉक्टर ने बोतल लगाने के लिये बोल दिया. फिर मैंने कहा कि लगा दो बोतल. वहां पर पत्नी को बोतल लगवाकर मैंने उससे कहा कि मेरी साली घर पर अकेली है तो मैं उससे कह कर आता हूँ कि हमें ज्यादा टाइम लगेगा तो उसने हां कह दिया.
जब मैं घर पर आया तो मेरा लंड खड़ा हो गया. घर आते ही मैंने अपनी साली से कहा कि आज के जैसा मौका नहीं मिलेगा आ जाओ. तो वह कहने लगी कि जीजा जी रहने दो कोई आ जायेगा. इस पर मैंने कहा कि परेशान न हो कोई नहीं आयेगा.
फिर मैं उसको अपने कमरे में ले जाकर चुम्बन करने लगा. पहले तो वह हल्की सी आवाज में ऐसा करने से मना करने लगी. लेकिन मैं नहीं माना. फिर मैंने उसका सलवार उठा कर उसकी चूची को किस किया और किस करते उसकी चूत पर हाथ रखा तो पाया कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी.
उस टाइम थोड़ा जल्दी का मामला था तो फिर तुरंत ही मैंने उससे कहा कि खोलो जल्दी से अपना सलवार. अब मेरे ऐसा कहते ही उसने अपनी सलवार खोल दी. फिर मैंने उससे कहा कि पूरा तो खोलो तो उसने कहा कि ऐसे नहीं होगा क्या?
फिर मैंने उसके दोनों टॉग ऊपर उठा कर अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और एक हल्का सा धक्का लगा दिया. उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा इतना बड़ा लन्ड बड़ी आसानी से उसकी चूत में घुस गया लेकिन उसे काफी दर्द हुआ और वह चिल्लाने लगी कि जीजा जी इसे बाहर निकालो, दर्द हो रहा है. मैंने अपना लन्ड बाहर नहीं निकाला और धीरे – धीरे अंदर बाहर करने लगा.
थोड़ी देर बाद उसे भी मस्ती छाने लगी. यह देख कर मैंने उससे कहा कि कैसा लगा आपके जीजा जी का लंड तो वह बोली जीजा जी आपका लन्ड तो बहुत मजेदार है. इसने तो एक बार में ही मेरी सारी तम्ान्ना पूरी कर दी. फिर वो कहने लगी कि जीजा जी थोड़ा धीरे – धीरे धक्के लगाते रहिए. मैंने वैसा ही किया.
थोड़ी देर तक वैसा ही करने के बाद वह कहने लगी कि मेरा तो निकल गया है अब तो बाहर निकालो, जीजा जी दर्द हो रहा है. उसके रिक्वेस्ट करने पर मैंने लन्ड बाहर निकाल लिया और उसको साफ किया.
फिर मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हारी बहन को लेने जा रहा हूँ. मेरे आने से पहले स्नान कर लेना ठीक है न! फिर मैं वापस डॉक्टर के पास पहुंच गया. जब मैं पहुंचा तो देखा कि उसकी बोतल भी ख्त्म हो चुकी थी. फिर हम घर पर आ गए.
दिन के 1 बजे के करीब मेरे ससुराल से फोन आया कि साली को छोडने आ जाओ. अब मैंने बाजार जाकर उसके लिए 1000 रुपये का लहंगा दिलाया और फिर अपने एक दोस्त की मोटर साईकिल लेकर उसको छोडने गया.
रास्ते में मैंने उससे पूछा कि कैसा लगा आपके जीजा जी का लन्ड? तो वह बोलने लगी की मुझे अभी भी दर्द हो रहा है जीजा जी, आपका लंड तो काफी मस्त है. अगली बार जब भी मौका मिलेगा तो मैं और करवाऊंगी और आपके लंड को किस भी करूंगी साथ ही मैं आपके पानी को भी टेस्ट करूंगी.
तो दोस्तों, मेरी यह कहानी बिलकुल सच्ची है. कहानी कैसी लगी? मुझे मेल जरूर करके बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]