घर आकर कॉलेज की गर्लफ्रेंड ने चूत चुदवाई

फिर मैंने धीरे – धीरे शॉट लगाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में मैंने फिर झटका मारा और इस बार पूरा लण्ड अंदर चला गया. इस बार तो वो चीखी नहीं पर उसकी आँखों में आंसू थे और दर्द से उसका गला भर आया. लेकिन मैंने उसके दर्द की परवाह न करते हुए झटके लगाने शुरू किये तो थोड़ी देर में उसको भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी…

दोस्तों, अन्तर्वासना पर मैंने जब कहानियाँ पढ़ीं तो मेरा भी मन हुआ कि मैं भी अपने बारे में अन्तर्वासना के पाठकों को जरूर बताऊँ. मेरा नाम किशोर है और मेरी उम्र 21 साल है. मैं पंचकुला का रहने वाला हूँ. मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ.

बात एक साल पहले की है जब मैंने बारहवीं कक्षा पास की थी तथा कॉलेज में प्रवेश लिया था. जल्दी ही मेरे कॉलेज में मेरी एक गर्लफ़्रैन्ड बन गई, जिसका नाम था वैशाली. वह दिखने में बहुत ही सेक्सी लगती थी. उसका फ़िगर 34-32-34 था. मैं उसको काफ़ी पसन्द करता था.

एक दिन की बात है, मैं घर पर अकेला था. घर के सब लोग शादी में गए हुए थे, जो कि रात में करीब 11 बजे से पहले वापस आने वाले नहीं थे. मैं अकेले बैठे – बैठे बोर हो रहा तो टीवी देखने लगा. अचानक दरवाजे की घंटी बजी, मैंने दरवाजा खोला तो वैशाली दरवाजे पर थी. उसने मुझे चौंका दिया वो अचानक घर पर आ गयी क्योंकि उसे पता था कि इस समय मैं घर पर अकेला हूँ.

मैं उसको देखता ही रह गया. क्या मस्त माल लग रही थी. उसने ब्लू जीन्स और हरा टॉप पहना हुआ था.

उसने टोका- अन्दर नहीं आने दोगे क्या?

मैं पीछे हो गया और वो अन्दर आ गई. उस समय शाम के लगभग छः बजे थे. वो अन्दर आकर सोफे पर बैठ गई, मैं भी सामने वाले सोफे पर बैठ गया. हमने थोड़ी देर अपने साथ बिताए कॉलेज के पलों के बारे में बात की.

फ़िर मैंने उससे पूछा- क्या लोगी, ठन्डा या गरम?

उसने कहा- सिर्फ़ एक कप कॉफ़ी.

फ़िर मैंने उसे कॉफ़ी बना कर दी. हम दोनों कॉफ़ी पीने लगे, मैं उसकी चूचियों को देख रहा था. फिर मैं उसके पास गया और वहीं पर उसको बाहों में लेकर किस करने लगा.

अब मैं उसे अपने बेडरूम में ले गया. वहां उसे खड़ा कर दिया और उसे बेतहासा चूमने लगा. हमने पाँच मिनट तक एक – दूसरे को चुम्बन किया. हम दोनों ही गरम होने लगे थे. मैंने देखा कि उसका एक हाथ मेरे लन्ड के ऊपर था.

मैंने फिर हल्के-हल्के उसकी चूचियों को दबाना शुरू किया. उसे थोड़ा दर्द भी हो रहा था और वो थोड़ी-थोड़ी देर बाद उफ – उफ़ किए जा रही थी. मैंने फिर उसे चूमा और उसका टॉप उतार दिया.
अन्दर का नज़ारा तो बड़ा ही शानदार था. मुझे काली ब्रा में उसके नुकीले निप्पल पता चल रहे थे. जिन्हें देखकर मैं अपना होश खो बैठा और मैं उसके चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा.

उसकी चूचियां सन्तरे की तरह कड़क हो चुकी थीं. मैंने फिर उसकी ब्रा उतार दी. उसके सफ़ेद दूध क्या मस्त लग रहे थे. खिलती जवानी थी एकदम. फिर मैंने उसके निप्पल को पहले प्यार से दबाया, फिर मैं उन्हें जोर से दबाने लगा. उससे भी शायद बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मुझसे भी नहीं. फिर मैंने जीभ निकाल कर जीभ की नोक उसकी निप्पल की नोक पर लगाई, तो वो एकदम से सिहर गई. मैंने दूसरे निप्पल के साथ भी ऐसे ही किया.

फिर मैंने उसका एक निप्पल मुँह में लिया और हल्के से चूसने लगा. वो उफ़..उफ़ ही करती रही. मैंने फिर थोड़ी देर उनको हल्के-हल्के चूसा तो वो अपना सर इधर उधर करने लगी और उसके मुँह से सी सी ईई आह्ह्ह्ह्ह की आवाज निकलने लगी. मैंने फिर उसका निप्पल अपने दांतों के बीच लेकर हल्के से काटा तो उसके मुँह से चीख निकल गई. मैंने उसके दोनों निप्पलों के साथ ऐसा ही किया. जिससे वो तड़प उठी.

अब मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी. मेरे सामने वह केवल पैन्टी में थी. मैंने अपनी जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की को सिर्फ़ पैन्टी में देखा था. फ़िर मैंने अपनी भी जीन्स उतार दी. अब मैं उसके सामने सिर्फ़ एक जॉकी में था. मैंने उसकी पैंटी भी निकली और उसकी चूत को चाटने लगा. करीब 10 मिनट तक उसकी चाटने के बाद वो झड़ गयी और मैं उसका सारा चूत रस पी गया. बड़ा ही कसैला सा स्वाद था, लेकिन मुझे बहुत मजा आया.

फिर मैं जल्दी से खड़ा हुआ और मैंने अपना लन्ड निकाला. जिसे देख कर दंग रह गई. मैंने उसे मेरे लंड को मुँह में लेने को कहा. पहले तो उसने मना किया, पर मेरे बार -बार जिद करने पर वह मान गई, क्योंकि वह मुझे नाराज नहीं करना चाहती थी.

पहले उसने मेरे लिंग पर चुम्मी ली और फ़िर उसने मेरे लन्ड को मुँह में ले लिया. शुरू में तो उसे मेरे लंड का टेस्ट तनिक भी अच्छा नहीं लग रहा था, वो बार – बार लंड को मुंह से निकाल दे रही थी. कुछ देर चूसने के बाद जब लंड से हल्का – हल्का रस आने लगा तो उसे भी मजा आने लगा और वो अपने घुटनों पर बैठ कर लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे तो बड़ा मज़ा आया. वो जैसा भी चूस रही थी मेरे लिए बहुत अच्छा था क्योंकि मेरे लिए तो पहली बार ही था.

मैंने उसे उठाया और उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी योनि में अंगुली करने लगा. उसे थोड़ा सा दर्द भी हो रहा था पर उसने कुछ नहीं कहा और मैं अपनी अंगुली से उसकी बुर को सहलाता रहा.

थोड़ी देर बाद वो बोली – यार, अब डाल दो अपने लन्ड को मेरी इस बुर में. अब ज्यादा तड़पाओ मत.

मैंने बोला – देखो थोड़ा दर्द तो होगा ही, सहन कर लेना.

फिर मैंने थोड़ी सी वैसलीन को अपने लंड पर और थोड़ी सी उसकी चूत पर लगाया और झटका मारा तो मेरा आधा ही लंड उसकी चूत के अंदर गया. उसे बहुत ज्यादा दर्द हुआ और वो चीख पड़ी लेकिन उसके होंठो पर मेरे होठ थे इसलिए उसकी आवाज बाहर नहीं आई लेकिन उसकी आँखों में आंसू थे.

फिर मैंने धीरे – धीरे शॉट लगाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में मैंने फिर झटका मारा और इस बार पूरा लण्ड अंदर चला गया. इस बार तो वो चीखी नहीं पर उसकी आँखों में आंसू थे और दर्द से उसका गला भर आया. लेकिन मैंने उसके दर्द की परवाह न करते हुए झटके लगाने शुरू किये तो थोड़ी देर में उसको भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.

इस बीच हमने जी भर कर चुदाई की. कभी मैंने उसको घोड़ी बना कर तो कभी और दूसरे अलग – अलग अंदाज में. इस बीच वो 4 बार झड़ चुकी थी. अब मेरा भी होने वाला था तो मैंने तेजी से शॉट लगाना शुरू किया. 7-8 शॉट के बाद मैंने भी उसके बुर में ही छोड़ दिया और इससे वो भी छूट गयी. अब हम दोनों एक दूसरे के साथ चिपक कर लेट गए. फिर हम दोनों ने एक लंबा किस किया और अलग हो गये.

फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और बाहर घूमने चल गए. घूमने के बाद फिर मैंने उसको उसके घर ड्राप कर दिया और अपने घर वापस आ गया.

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. कोई गलती हुई हो लिखने में तो माफ़ करना. मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना.

मेरी मेल आइडी है – [email protected]

मुझे आप सबके जवाब का इंतजार रहेगा.

2 thoughts on “घर आकर कॉलेज की गर्लफ्रेंड ने चूत चुदवाई”

Leave a Comment