घर का राजा भाग – 1

फिर बुआ ने राकेश को उनकी चूत चाटने के लिए कहा, पर राकेश ने मना कर दिया और अपना लंड बुआ की चूत में डाल दिया. सूखी चूत में लंड डालने से बुआ जोर से चीख पड़ी पर राकेश ने उसकी चीख की परवाह किये बिना ही अपने लंड को अपनी बहन की सहेली की चूत में ड़ाल कर धक्के पर धक्के दे रहा था…

नमस्ते दोस्तों, मैं जलगांव बॉय आप के लिए और एक नई कहानी लेकर हाजिर हूँ. सभी गर्म भाभियों, आंटियों और लड़कियों को मेरा प्यार भरा चुंबन. मेरी इस कहानी को पढ़ कर औरतें जरूर अपनी चूत में कई बार उंगली करेंगी और मेरे सभी भाई भी कई बार मुठ मारेंगे. चलो अब सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.

मेरा नाम अवि है. जब मैं छोटा था तब मेरे माँ और पिताजी की एक रोड दुर्घटना में मोत हो गई. मेरे पिताजी का एक छोटा भाई और तीन बहनें हैं. मेरे पिताजी पांचों भाई – बहनों में बड़े थे.

मेरे पिताजी की उम्र 35 साल, पूजा बुआ (बड़ी बुआ) की 32 साल, नेहा (छोटी बुआ) की 30 साल और उनकी जुड़वा बहन नीता बुआ की भी 30 साल है. मेरे बड़े चाचा की 28 साल, पहली चाची की 26 साल, दूसरी चाची की 23 साल और तीसरी चाची की उम्र 18 साल है.

दोस्तों, मेरे चाचा ने 3 शादी की हैं क्योंकि मेरी बड़ी चाची और मझली चाची को कोई बच्चा नहीं था. इसलिए मेरे चाचा ने तीसरी शादी की. मेरी बड़ी चाची का नाम सुमन, मझली चाची का नाम सीमा और छोटी चाची का नाम मीना है. पुजा बुआ को दो बेटी और एक बेटा भी है. उनकी बड़ी बेटी का नाम श्वेता और छोटी बेटी का नाम शीतल और बेटे का नाम राज है.

नेहा बुआ को दो बेटियाँ हैं उनका नाम कोमल और कविता है. नेहा बुआ को मैं बिलकुल पसंद नहीं हूँ. वो हमेशा मुझे मारती और गालियां देती रहती हैं. नीता बुआ को 1 बेटा और 1 बेटी हैं. वे दोनों भी जुड़वा हैं. उनकी बेटी का नाम लीना और बेटे का नाम राजेश है. मेरे सभी भाई और बहन मुझसे छोटे हैं. सिर्फ पूजा बुआ की दोनों बेटियों को छोड़ कर क्योंकि मेरी बुआ ने 18 साल की उम्र में शादी की थी.

मेरी माँ और पिताजी के मौत के बाद मेरे दादाजी ने मुझे अपने गांव में मेरे चाचा के साथ रहने को कहा. क्योंकि मेरी बड़ी चाची मुझे अपने घर लाने के लिए दादाजी को कहा था. मेरी तीनों बुआ और मेरे चाचा एक ही गांव में रहते हैं.

मेरी बड़ी चाची मुझे मेरी माँ जैसा प्यार करती हैं और मुझे कभी भी मेरी माँ की कमी महसूस नहीं होने देती हैं. मेरी तीनों चाची मुझे अपने बेटे जैसा प्यार करती हैं पर मेरे चाचा मेरी तीनों चाचियों को हमेशा गाली देते हैं.

पूजा बुआ भी मेरी चाचियों को गालियां देती रहती हैं. मेरी पूजा बुआ के पति दुबई में काम करते हैं और साल में एक महीने के लिए ही गांव आते हैं.

गांव में मेरे चाचा के घर में 3 बेडरूम हैं. पहला बेडरूम मेरे चाचा और छोटी चाची का है. दूसरा बेडरूम मेरी सीमा चाची का और सुमन चाची का है और तीसरा बेडरूम मुझे दिया गया है. मेरा एडमिशन गांव के ही पाठशाला में करा दिया गया था और मेरी जिंदगी अच्छे से चल रही थी.

जब में 10वीं कक्षा में गया तब स्कूल में मेरे दोस्त नंगी फोटो देख कर उनकी बातें करते थे. मुझे भी फोटो देख कर कुछ – कुछ होने लगता था. तब मुझे पता नहीं था कि मेरा लंड खड़ा क्यों होता है.

एक दिन में मेरी पूजा बुआ के घर काम से गया था. मैं हमेशा देखता था कि पूजा बुआ की सहेली का भाई राकेश हर महीने में एक दिन के लिए उनके पास आता था और जब भी पूजा बुआ की सहेली का भाई राकेश घर आता तब बुआ अपने बच्चों को फ़िल्म देखने या फिर चाचा के घर खेलने भेज देती थी.

उस दिन भी पूजा बुआ ने अपने बच्चों को फ़िल्म देखने भेज दिया था और मेरे चाचा में मुझे पुजा बुआ के घर उनके पैसे देने के लिए भेजा. जब मैं बुआ के घर पे गया तो घर पर मुझे कोई नहीं दिखा. लेकिन जब मैं बुआ के रूम के पास गया तब मैंने जो देखा उस पर मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था.

राकेश मेरी बुआ का दूध चूस रहा था और बुआ भी अजीब – अजीब आवाज निकाल रही थी. अब बुआ की सहेली का भाई राकेश ने बुआ के पेटीकोट में हाथ डाल कर उनका नाड़ा खोल दिया. मेरी बुआ अब बिलकुल नंगी हो चुकी थी और राकेश ने भी अपने कपड़े निकल दिए थे. राकेश का लंड लगभग 6 इंच का था.

फिर बुआ ने राकेश को उनकी चूत चाटने के लिए कहा, पर राकेश ने मना कर दिया और अपना लंड बुआ की चूत में डाल दिया. सूखी चूत में लंड डालने से बुआ जोर से चीख पड़ी पर राकेश ने उसकी चीख की परवाह किये बिना ही अपने लंड को अपनी बहन की सहेली की चूत में ड़ाल कर धक्के पर धक्के दे रहा था.

लगभग 10 मिनट तक धक्के लगाने के बाद राकेश जोर से चिल्ला कर बुआ के ऊपर गिर गया. तो बुआ बोली – क्या राकेश, तुम हमेशा बिना मेरी चूत चाटे ही अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हो.

राकेश – पूजा तुम्हें तो पता है, मुझे चूत चाटना पसंद नहीं है.

बुआ – तुम मेरी चूत को गीली किये बिना ही लंड पेल देते हो.

राकेश – क्या करूं? अब तो आदत हो गई है.

बुआ – हां, ये तो तुम्हारी पुरानी आदत है और अब तो मुझे भी आदत हो गई है.

राकेश – हां, मैं 6 साल से तुम्हारी चुदाई कर रहा हूँ पर अब भी तुम वैसी ही चुदाई का मजा ले रही हो जैसे पहली बार चुद रही हो.

बुआ – तुम मेरी सूखी चूत में लंड डालोगे तो मेरी चीख नहीं तो क्या हंसी निकलेगी?

राकेश – इसी लिए तो मैं तुम्हारे बच्चों को फ़िल्म देखने भेजता हूँ, ताकि तुम्हारे चिल्लाने पर उनको पता न चले.

बुआ – तुम बहुत चालाक हो. हमेशा किसी ना किसी बहाने मेरी चूत मारने आ जाते हो.

राकेश – क्या करूं? तुम्हारी तरह मेरी बीवी चुदाई में मेरा साथ नहीं देती है.

बुआ – अच्छा, अब उठो बच्चे आने वाले होंगे.

राकेश – हां, उठता हूँ.

ये बात सुन कर मैं घर से जल्दी बाहर भाग आया. फिर थोड़ी देर बाद मैंने घर का दरवाजा खटखटाया तो पूजा बुआ ने मुझे अंदर आने को कहा और मुझे राकेश के पास छोड़ कर अंदर चली गई. अब मैं और राकेश वहां बैठे थे.

फिर राकेश ने मुझसे कहा – क्या बात है अवि? क्या हुआ? ऐसे चुप क्यों हो?

मैं – कुछ नहीं भैया, थोड़ी तबियत खराब है.

राकेश – क्यों, क्या हुआ?

मैं – कुछ नही वो…

राकेश – अरे यार, ये वो वो क्या लगा रहे हो? बताओ यो सही.

मैं (मन में तुम्हारी चुदाई देख कर परेशान हूँ) – कुछ नहीं भैया ऐसे ही.

राकेश – अरे यार, तुम मुझे अपना दोस्त समझ कर बता दो. डरो मत.

मैं (इसे चुतिया बनाता हूँ) – भैया, वो क्या है कि मेरे क्लास के लड़के गंदी फ़िल्म देख कर मुझे बोलते हैं कि ये देख तेरी पूजा बुआ कैसी नंगी है. ये देख तेरी बुआ के दूध कितने बड़े हैं. ये सुन कर मुझे उन पर बहुत गुस्सा आता है.

राकेश – देख अवि, तुम्हारी बुआ के बारे में कोई भी कुछ कहे उन पर गुस्सा मत करो. लोग कितना भी कुछ कहें फिर भी तुम्हारी बुआ आखिर तुम्हारी बुआ हैं न.

मैं – हां, आप ठीक कह रहे हो.

थोड़ी देर बाद बुआ वापस आती है और पैसे देते हुए मुझसे बोलती हैं – अवि, ये लो पैसे अपने चाचा को दे देना.

मैं – ठीक है बुआ, अब मैं चलता हूँ. अच्छा भैया फिर मिलते हैं.

ये बोल कर मैं वापस चला आया.

इस कहानी का अगला भाग – घर का राजा भाग – 2

तो दोस्तों कैसा लगा? आप जरूर मेल करें. हमे पता है कि आप अब गर्म हो गये हो और आप ने लंड को हिलाकर शांत कर शांत कर रहे हो और मेरी गर्म प्यासी आंटी, भाभियां और लड़कियां तो मस्त हो रही हैं और चूत में उंगली डाल कर जल्दी – जल्दी चला रही हैं. चलो जल्दी मेल करो हमें और बताओ अपनी हालत.
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